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बैंक ऋण का क्षेत्रवार अभिनियोजन – जून 2025
जून 2025 महीने1 के लिए 41 चुनिंदा अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों (एससीबी) से जुटाए गए बैंक ऋण के क्षेत्रवार अभिनियोजन संबंधी आंकड़े, जो सभी अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों द्वारा अभिनियोजित कुल खाद्येतर ऋण का लगभग 95 प्रतिशत होता है, विवरण I और II में दिए गए हैं।
वर्ष-दर-वर्ष (व-द-व) आधार पर देखें तो, खाद्येतर बैंक ऋण2 27 जून 2025 को समाप्त पखवाड़े की स्थिति के अनुसार 10.2 प्रतिशत की दर से बढ़ा3, जबकि पिछले वर्ष के इसी पखवाड़े में यह 13.8 प्रतिशत था (अर्थात, 28 जून 2024)।
27 जून 2025 को समाप्त पखवाड़े की स्थिति के अनुसार बैंक ऋण3 के क्षेत्रवार अभिनियोजन की मुख्य बातें नीचे दी गई हैं:
कृषि और संबद्ध कार्यकलापों हेतु प्रदत्त ऋण में वर्ष-दर-वर्ष 6.8 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई (पिछले वर्ष के इसी पखवाड़े में 17.4 प्रतिशत)।
उद्योग क्षेत्र को प्रदत्त ऋण में वर्ष-दर-वर्ष 5.5 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जबकि पिछले वर्ष के इसी पखवाड़े में यह 7.7 प्रतिशत थी। सूक्ष्म एवं लघु, और मझोले उद्योगों को प्रदत्त ऋण लगातार बढ़ता रहा। प्रमुख उद्योगों में, ‘सभी अभियांत्रिकी’, ‘निर्माण’ और ‘कपड़ा’ को बकाया ऋण में वर्ष-दर-वर्ष तेज वृद्धि दर्ज की गई।
सेवा क्षेत्र को प्रदत्त ऋण में वृद्धि वर्ष-दर-वर्ष घटकर 9.6 प्रतिशत हो गई (पिछले वर्ष के इसी पखवाड़े में 15.1 प्रतिशत), जो मुख्य रूप से ‘गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों’ (एनबीएफसी) को प्रदत्त ऋण में धीमी वृद्धि के कारण थी। ‘कंप्यूटर सॉफ्टवेयर’ एवं ‘पेशेवर सेवाएं’ खंड में ऋण वृद्धि मजबूत रही।
वैयक्तिक ऋण खंड हेतु प्रदत्त ऋण में वर्ष-दर-वर्ष 14.7 प्रतिशत की धीमी वृद्धि दर्ज की गई, जबकि एक वर्ष पहले यह 16.6 प्रतिशत थी, जिसका मुख्य कारण ‘अन्य वैयक्तिक ऋण’, ‘वाहन ऋण’, और ‘क्रेडिट कार्ड बकाया’ की वृद्धि का कम होना था।
(साभार- www.rbi.org.in)
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तिमाही बीएसआर-1: अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों का बकाया ऋण – सितंबर 2024
रिज़र्व बैंक ने अपने ‘भारतीय अर्थव्यवस्था पर डेटाबेस’ पोर्टल (https://data.rbi.org.in होमपेज > प्रकाशन) पर ‘तिमाही आधारभूत सांख्यिकी विवरणियाँ (बीएसआर)-1: अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों (एससीबी)1 का बकाया ऋण - सितंबर 20242’ शीर्षक से अपना वेब प्रकाशन जारी किया। यह खाता-स्तरीय रिपोर्टिंग3 के आधार पर बैंक ऋण की विभिन्न विशेषताओं जैसे कि उधारकर्ता का व्यवसाय/ गतिविधि और संगठनात्मक क्षेत्र, खाते का प्रकार और ब्याज दरों को दर्शाता है। एससीबी {क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों (आरआरबी) को छोड़कर} द्वारा रिपोर्ट किए गए डेटा बैंक समूहों, जनसंख्या समूहों4 और राज्यों के लिए प्रस्तुत किए जाते हैं।
मुख्य बातें:
बैंक ऋण संवृद्धि (वर्ष-दर-वर्ष) मार्च 2024 में विलय से निवल 15.3 प्रतिशत से घटकर सितंबर 2024 में 12.6 प्रतिशत हो गई; बैंकों की महानगरीय शाखाओं, जो ऋणों में 60.6 प्रतिशत का योगदान देती हैं, में 11.6 प्रतिशत की न्यूनतर संवृद्धि दर्ज की गई।
गैर-आरआरबी एससीबी द्वारा दिए गए ऋण में कृषि, उद्योग, आवास और व्यक्तिगत (गैर-आवास) ऋणों की हिस्सेदारी क्रमशः 11.5 प्रतिशत, 23.7 प्रतिशत, 16.5 प्रतिशत और 14.9 प्रतिशत थी; इनमें क्रमशः 13.2 प्रतिशत, 10.4 प्रतिशत, 13.2 प्रतिशत और 17.5 प्रतिशत की संवृद्धि (वर्ष-दर-वर्ष) दर्ज की गई।
निजी कॉर्पोरेट क्षेत्र को दिया गया ऋण, हेडलाइन ऋण संवृद्धि से अधिक हो गया और सितंबर 2024 में 16.5 प्रतिशत (वर्ष-दर-वर्ष) पर पहुंच गया; कार्यशील पूंजी ऋण एक वर्ष पहले के 14.1 प्रतिशत से बढ़कर 15.3 प्रतिशत हो गया।
व्यक्तियगत ऋण में महिला उधारकर्ताओं का हिस्सा उत्तरोत्तर बढ़ रहा है और सितंबर 2024 में यह 23.6 प्रतिशत हो गया।
सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक (पीएसबी) और निजी क्षेत्र के बैंक (पीवीबी), जिनकी गैर-आरआरबी एससीबी द्वारा दिये ऋण में क्रमशः 53.2 प्रतिशत और 41.8 प्रतिशत हिस्सेदारी है, ने सितंबर 2024 में क्रमशः 13.0 प्रतिशत और 11.9 प्रतिशत की संवृद्धि (वर्ष-दर-वर्ष) दर्ज की।
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(साभार-www.rbi.org.in)
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