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आरबीआई ने भारतीय रिज़र्व बैंक (भुगतान एग्रीगेटर्स का विनियमन) निदेश, 2025 जारी किया
भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) ने आज भारतीय रिज़र्व बैंक (भुगतान एग्रीगेटर्स का विनियमन) निदेश, 2025 जारी किया।
आरबीआई ने 16 अप्रैल 2024 को हितधारकों की टिप्पणियों के लिए भुगतान एग्रीगेटर्स के विनियमन संबंधी निदेशों का मसौदा जारी किया था। निदेशों के मसौदे में भुगतान एग्रीगेटर्स (पीए), जो प्रत्यक्ष/ आमने-सामने भुगतान का काम-काज संभालते हैं, के विनियमन के लिए एक रूपरेखा तैयार करने का प्रस्ताव दिया गया था। इसमें पीए के लिए मौजूदा निदेशों में कतिपय संशोधन का भी प्रस्ताव दिया गया था।
हितधारक से परामर्श संबंधी प्रक्रिया के भाग के रूप में, पीए, बैंकों, अन्य भुगतान प्रणाली प्रदाताओं, उद्योग संघों, विधि संबंधी फर्मों, व्यक्तियों आदि से इनपुट प्राप्त किए गए। प्राप्त इनपुट की जांच की गई और उन्हें निदेशों में उपयुक्त रूप से शामिल किया गया।
पीए से संबंधित सभी विनियमों को समेकित करने के उद्देश्य से, इस मास्टर निदेश में पीए - क्रॉस बॉर्डर संबंधी निदेश [दिनांक 31 अक्तूबर 2023 के आरबीआई के परिपत्र सीओ.डीपीएसएस.पीओएलसी.क्रमांक एस-786/02-14-008/2023-24 के माध्यम से जारी] को भी शामिल किया गया है, जिसमें जारी होने के बाद प्राप्त प्रतिक्रिया के अनुसार संशोधन किए गए हैं।
निदेशों में अन्य बातों के साथ-साथ निम्नलिखित शामिल हैं:
क. पीए की विभिन्न श्रेणियों की परिभाषा का युक्तिकरण;
ख. प्राधिकरण प्रक्रिया;
ग. पीए द्वारा व्यापारियों की उचित जाँच करने की प्रक्रिया;
घ. एस्क्रो खातों में अनुमेय संचालन;
ये निदेश तत्काल प्रभाव से लागू होंगे, जब तक कि इसमें अन्यथा उल्लेख न किया गया हो।
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देश के केंद्रीय बैंक भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने कुछ दिशा-निर्देशों का उल्लंघन करने पर PhonePe पर ₹21 लाख का जुर्माना लगाया है। आरबीआई ने इसकी जानकारी दी।
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भारतीय रिज़र्व बैंक ने सिक्किम स्टेट को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, सिक्किम पर मौद्रिक दंड लगाया
भारतीय रिज़र्व बैंक(आरबीआई) ने दिनांक 8 सितंबर 2025 के आदेश द्वारा सिक्किम स्टेट को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, सिक्किम (बैंक) पर आरबीआई द्वारा जारी 'अपने ग्राहक को जानिए (केवाईसी)' पर कतिपय निदेशों का अननुपालन करने के लिए ₹50,000/- (पचास हजार रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 46(4)(i) और 56 के साथ पठित धारा 47ए(1)(सी) के प्रावधानों के अंतर्गत आरबीआई को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
31 मार्च 2024 को बैंक की वित्तीय स्थिति के संदर्भ में राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) द्वारा बैंक का सांविधिक निरीक्षण किया गया। आरबीआई निदेशों के अननुपालन के पर्यवेक्षी निष्कर्षों और उससे संबंधित पत्राचार के आधार पर, बैंक को एक नोटिस जारी किया गया जिसमें उससे यह पूछा गया कि वह कारण बताए कि उक्त निदेशों के अनुपालन में विफलता के लिए उस पर दंड क्यों न लगाया जाए। नोटिस पर बैंक के उत्तर और व्यक्तिगत सुनवाई के दौरान किए गए मौखिक प्रस्तुतियों पर विचार करने के बाद, आरबीआई ने, अन्य बातों के साथ-साथ, यह पाया कि बैंक के विरुद्ध निम्नलिखित आरोप सिद्ध हुआ है, जिसके लिए मौद्रिक दंड लगाया जाना आवश्यक है:
बैंक निर्धारित समय-सीमा के भीतर ग्राहकों के केवाईसी रिकॉर्ड को सेंट्रल केवाईसी रिकॉर्ड्स रजिस्ट्री (सीकेवाईसीआर) पर अपलोड करने में विफल रहा।
यह कार्रवाई, विनियामकीय अनुपालन में कमियों पर आधारित है और इसका उद्देश्य बैंक द्वारा अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या करार की वैधता पर सवाल करना नहीं है। इसके अलावा, इस मौद्रिक दंड को लगाने से भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा बैंक के विरुद्ध की जाने वाली किसी भी अन्य कार्रवाई पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ेगा।
(साभार- www.rbi.org.in)
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भारतीय रिज़र्व बैंक ने प्रोग्रेसिव मर्केंटाइल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, जिला अहमदाबाद, गुजरात पर मौद्रिक दंड लगाया
भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) ने दिनांक 8 सितंबर 2025 के आदेश द्वारा प्रोग्रेसिव मर्केंटाइल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, जिला अहमदाबाद, गुजरात (बैंक) पर आरबीआई द्वारा जारी 'प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंकों में निरीक्षण और लेखा परीक्षा प्रणाली', 'अपने ग्राहक को जानिए' और 'ग्राहक संरक्षण - अनधिकृत इलेक्ट्रॉनिक बैंकिंग लेनदेन में सहकारी बैंकों के ग्राहकों की देयता को सीमित करना' संबंधी कतिपय निदेशों के अननुपालन हेतु ₹3 लाख (तीन लाख रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 46(4)(i) और 56 के साथ पठित धारा 47ए(1)(सी) के प्रावधानों के अंतर्गत आरबीआई को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
31 मार्च 2024 को बैंक की वित्तीय स्थिति के संदर्भ में आरबीआई द्वारा बैंक का सांविधिक निरीक्षण किया गया। आरबीआई के निदेशों के अननुपालन के पर्यवेक्षी निष्कर्षों और उससे संबंधित पत्राचार के आधार पर, बैंक को एक नोटिस जारी किया गया जिसमें उससे यह पूछा गया कि वह कारण बताए कि उक्त निदेशों के अनुपालन में विफलता के लिए उस पर दंड क्यों न लगाया जाए। नोटिस पर बैंक के उत्तर पर विचार करने के बाद, आरबीआई ने, अन्य बातों के साथ-साथ, यह पाया कि बैंक के विरुद्ध निम्नलिखित आरोप सिद्ध हुए हैं, जिसके लिए मौद्रिक दंड लगाया जाना आवश्यक है:
बैंक:
लेन-देन की एक साथ जांच करने के बजाय तिमाही आधार पर समवर्ती लेखा परीक्षा की और रिपोर्ट देरी से प्रस्तुत की;
कतिपय खातों के जोखिम वर्गीकरण की आवधिक समीक्षा करने में विफल रहा, जिसकी आवधिकता कम से कम छह महीने में एक बार होनी चाहिए; और
अपने ग्राहकों को अनधिकृत इलेक्ट्रॉनिक बैंकिंग लेनदेन, यदि कोई हो, के संबंध में आपत्ति को सूचित करने के लिए एसएमएस अलर्ट पर "उत्तर" द्वारा तुरंत प्रतिक्रिया देने में सक्षम बनाने में विफल रहा।
यह कार्रवाई, विनियामकीय अनुपालन में कमियों पर आधारित है और इसका उद्देश्य बैंक द्वारा अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या करार की वैधता पर सवाल करना नहीं है। इसके अलावा, इस मौद्रिक दंड को लगाने से आरबीआई द्वारा बैंक के विरुद्ध की जाने वाली किसी भी अन्य कार्रवाई पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ेगा।
(साभार- www.rbi.org.in)
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बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 35ए के अंतर्गत निदेश – पुणे सहकारी बैंक लिमिटेड, शिवाजीनगर, पुणे – अवधि बढ़ाना
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 9 मार्च 2023 के निदेश CO.DOS.SED.No.S8240/12-22-493/2022-2023 द्वारा पुणे सहकारी बैंक लिमिटेड, शिवाजीनगर, पुणे, महाराष्ट्र को 10 मार्च 2023 को कारोबार की समाप्ति से छह महीने की अवधि के लिए निदेशाधीन रखा था। इन निदेशों की वैधता अवधि को समय-समय पर बढ़ाया गया और पिछली बार इसे 10 सितंबर 2025 तक बढ़ाया गया था।
2. जनता के सूचनार्थ एतद्द्वारा अधिसूचित किया जाता है कि भारतीय रिज़र्व बैंक, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 35ए की उप-धारा (1) के अंतर्गत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए एतद्द्वारा निदेश देता है कि उपर्युक्त निदेश, दिनांक 4 सितंबर 2025 के निदेश DOR.MON.D-26/12-22-493/2025-2026 के अनुसार, बैंक पर 10 सितंबर 2025 को कारोबार की समाप्ति से 10 दिसंबर 2025 को कारोबार की समाप्ति तक लागू रहेंगे जो कि समीक्षाधीन होगा।
3. संदर्भाधीन निदेश के अन्य सभी नियम और शर्तें यथावत् रहेंगी। उपरोक्त अवधि बढ़ाए जाने को सूचित करने वाले दिनांक 4 सितंबर 2025 के निदेश की एक प्रति बैंक के परिसर में जनता के अवलोकनार्थ लगाई गई है।
4. भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा उपरोक्त वैधता को बढ़ाने और/ या संशोधित करने का यह अर्थ न लगाया जाए कि भारतीय रिज़र्व बैंक, बैंक की वित्तीय स्थिति से संतुष्ट है।
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बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 35ए के अंतर्गत निदेश – नेशनल मर्केंटाइल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, लखनऊ – अवधि बढ़ाना
भारतीय रिज़र्व बैंक ने नेशनल मर्केंटाइल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, लखनऊ को बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 35ए के अंतर्गत दिनांक 9 मार्च 2023 के निदेश सं. LKO.DOS.SED.No.S875/10-03-759/2022-2023 के माध्यम से 10 सितंबर 2023 को कारोबार की समाप्ति तक छह महीने की अवधि के लिए निदेश जारी किए थे, जिसकी वैधता अवधि को समय-समय पर संशोधित किया गया तथा पिछली बार इसे दिनांक 30 मई 2025 के निदेश DOR.MON/D-12/12-28-015/2025-2026 द्वारा 10 सितंबर 2025 को कारोबार की समाप्ति तक बढ़ाया गया था। भारतीय रिज़र्व बैंक इस बात से संतुष्ट है कि जनहित में, उक्त निदेश की परिचालन अवधि को 10 सितंबर 2025 को कारोबार की समाप्ति से आगे बढ़ाया जाना आवश्यक है।
2. तदनुसार, भारतीय रिज़र्व बैंक, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 35ए की उप-धारा (1) के अंतर्गत निहित शक्तियों का प्रयोग करते हुए, एतद्द्वारा उक्त निदेश को 10 सितंबर 2025 को कारोबार की समाप्ति से 10 दिसंबर 2025 को कारोबार की समाप्ति तक अगले तीन माह की अवधि के लिए बढ़ाता है जो कि समीक्षाधीन होगा।
3. संदर्भाधीन निदेश के अन्य सभी नियम और शर्तें यथावत् रहेंगी।
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देश के केंद्रीय बैंक भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने मणिपुर के कुछ दिशा-निर्देशों का पालन नहीं करने पर The Manipur Women’s Cooperative Bank पर ₹1.60 लाख का जुर्माना लगाया। आरबीआई ने इसकी जानकारी दी।
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देश के केंद्रीय बैंक भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने कुछ दिशा-निर्देशों का पालन नहीं करने पर त्रिपुरा के Tripura State Co-operative Bank पर ₹7.50 लाख का जुर्माना लगाया है। आरबीआई ने इसकी जानकारी दी।
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