देश के केंद्रीय बैंक भारतीय रिजर्व बैंक यानी आरबीआई ने नियमों का उल्लंघन करने पर ₹63.60 लाख जुर्माना लगाया है।
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(साभार: www.rbi.org.in)
RBI ने Indian Overseas Bank पर ₹63.60 लाख जुर्माना लगाया, जानें क्यों
देश के केंद्रीय बैंक भारतीय रिजर्व बैंक यानी आरबीआई ने नियमों का उल्लंघन करने पर Indian Bank पर ₹1 करोड़ 61 लाख 40 हजार जुर्माना लगाया है।
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RBI ने Indian Bank पर ₹1 करोड़ 61 लाख 40 हजार जुर्माना लगाया, जानिये क्यों
देश के केंद्रीय बैंक भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने नियमों का उल्लंघन करने पर गैर बैंकिंग वित्तीय कंंपनी Mahindra & Mahindra Financial Services पर ₹71.30 लाख जुर्माना लगाया है।
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RBI ने Mahindra & Mahindra Financial Services पर ₹71.30 लाख जुर्माना लगाया, जानिये क्यों
बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 35 ए के अंतर्गत निदेश – दि कोणार्क अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, उल्हासनगर - अवधि बढ़ाना
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 23 अप्रैल 2024 के निदेश CO.DOS.SED.No.S592/45-11-001/2024-25 के माध्यम से दि कोणार्क अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, उल्हासनगर को 23 अप्रैल 2024 को कारोबार की समाप्ति से छह माह की अवधि के लिए निदेशाधीन रखा था। इन निदेशों की वैधता अवधि को समय-समय पर बढ़ाया गया, तथा पिछली बार इसे 23 अप्रैल 2025 तक बढ़ाया गया था।
2. जनता के सूचनार्थ एतद्द्वारा अधिसूचित किया जाता है कि बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 35 ए की उप-धारा (1) के अंतर्गत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए, भारतीय रिज़र्व बैंक एतद्द्वारा निदेश देता है कि उपर्युक्त निदेश, दिनांक 21 अप्रैल 2025 के निदेश DOR.MON/D-07/12.22.805/2025-26 के अनुसार 23 अप्रैल 2025 को कारोबार की समाप्ति से 23 जुलाई 2025 को कारोबार की समाप्ति तक बैंक पर लागू रहेंगे, जो कि समीक्षाधीन होगा।
3. संदर्भाधीन निदेश के अन्य सभी नियम और शर्तें अपरिवर्तित रहेंगी। उपरोक्त अवधि बढ़ाने को अधिसूचित करने वाले दिनांक 21 अप्रैल 2025 के निदेश की एक प्रति बैंक के परिसर में जनता के अवलोकनार्थ लगाई गई है।
4. भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा उपर्युक्त अवधि बढ़ाने और/ या संशोधन का यह अर्थ नहीं लगाया जाना चाहिए कि भारतीय रिज़र्व बैंक, बैंक की वित्तीय स्थिति से संतुष्ट है।
RBI से कोणार्क अर्बन कोऑपरेटिव बैंक के ग्राहकों को झटका
बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (सहकारी समितियों पर यथा लागू) की धारा 56 के साथ पठित धारा 35 ए के अंतर्गत निदेश – दि सूरी फ्रेंड्स यूनियन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, सूरी, पश्चिम बंगाल – अवधि बढ़ाना
भारतीय रिज़र्व बैंक ने बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 35ए के अंतर्गत दि सूरी फ्रेंड्स यूनियन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, सूरी, पश्चिम बंगाल को दिनांक 21 जुलाई 2022 के निदेश सं. CO.DOS.SED.No.S2574/12-07-005/2022-23 के माध्यम से 22 जनवरी 2023 को कारोबार की समाप्ति तक छह माह की अवधि के लिए निदेश जारी किए थे, जिसे समय-समय पर संशोधित किया गया तथा पिछली बार इसे दिनांक 20 जनवरी 2025 के निदेश DOR.MON.D-95/12.29.046/2024-25 के द्वारा 22 अप्रैल 2025 को कारोबार की समाप्ति तक बढ़ाया गया था। भारतीय रिज़र्व बैंक इस बात से संतुष्ट है कि जन हित में, उक्त निदेश की परिचालन अवधि को 22 अप्रैल 2025 को कारोबार समाप्ति से आगे बढ़ाया जाना आवश्यक है।
2. तदनुसार, भारतीय रिज़र्व बैंक, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 35ए की उप-धारा (1) के अंतर्गत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए, उक्त निदेशों को 22 अप्रैल 2025 को कारोबार की समाप्ति से 22 जुलाई 2025 को कारोबार की समाप्ति तक तीन माह की अवधि के लिए बढ़ाता है, जो कि समीक्षाधीन होगा।
3. संदर्भाधीन निदेश के अन्य सभी नियम एवं शर्तें अपरिवर्तित रहेंगी।
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देश के केंद्रीय बैक भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने कुछ दिशाा-निर्देशों का पालन नहीं करने पर PNB पर ₹29.60 लाख जुर्माना लगाया है।
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बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 35ए के अंतर्गत निदेश – रामगढ़िया को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, नई दिल्ली – अवधि बढ़ाना
भारतीय रिज़र्व बैंक ने बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 35ए के अंतर्गत रामगढ़िया को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, नई दिल्ली को दिनांक 7 जुलाई 2022 के निदेश सं. DEL.DOS.EXG_SSM.No.S515/12-10-013/2022-2023 के माध्यम से 8 जनवरी 2023 को कारोबार की समाप्ति तक छह माह की अवधि के लिए निदेश जारी किए थे, जिसकी वैधता अवधि को पिछली बार दिनांक 6 जनवरी 2025 के निदेश सं. DOR.MON.D-88/12.28.115/2024-25 के माध्यम से बढ़ाया गया था। भारतीय रिज़र्व बैंक इस बात से संतुष्ट है कि जन हित में, उक्त निदेश की परिचालन अवधि को 8 अप्रैल 2025 को कारोबार की समाप्ति से आगे बढ़ाना आवश्यक है।
2. तदनुसार, भारतीय रिज़र्व बैंक, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 35ए की उपधारा (1) के अंतर्गत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए, उक्त निदेश की वैधता अवधि को 8 अप्रैल 2025 को कारोबार की समाप्ति से 8 जुलाई 2025 को कारोबार की समाप्ति तक अगले 3 माह की अवधि के लिए बढ़ाता है, जो कि समीक्षाधीन होगा।
3. भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा उक्त अवधि बढ़ाने का यह अर्थ नहीं लगाया जाना चाहिए कि भारतीय रिज़र्व बैंक, बैंक की वित्तीय स्थिति से संतुष्ट है।
4. संदर्भाधीन निदेश के अन्य नियम एवं शर्तें अपरिवर्तित रहेंगी।
(साभार: www.rbi.org.in)
RBI से रामगढ़िया कोऑपरेटिव बैंक के ग्राहकों को झटका
बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 35ए के अंतर्गत निदेश – दि शिरपुर मर्चेंट्स को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, शिरपुर, महाराष्ट्र - अवधि बढ़ाना
भारतीय रिज़र्व बैंक ने बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 35ए के अंतर्गत दि शिरपुर मर्चेंट्स को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, शिरपुर, महाराष्ट्र को दिनांक 5 अप्रैल 2024 के निदेश सं. CO.DOS.SED. No. S175/45-11-001/2024-2025 के माध्यम से 8 अक्तूबर 2024 को कारोबार की समाप्ति तक छह महीने की अवधि के लिए निदेश जारी किए थे, जिसकी वैधता अवधि को समय-समय पर संशोधित किया गया तथा पिछली बार इसे दिनांक 8 जनवरी 2025 के निदेश DOR.MON.D-90/12-21-364/2024-25 के माध्यम से 8 अप्रैल 2025 को कारोबार की समाप्ति तक बढ़ाया गया था।
2. भारतीय रिज़र्व बैंक इस बात से संतुष्ट है कि जन हित में उक्त निदेश की परिचालन अवधि को 8 अप्रैल 2025 को कारोबार की समाप्ति से आगे बढ़ाना आवश्यक है।
3. तदनुसार, भारतीय रिज़र्व बैंक, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 35ए की उपधारा (1) के अंतर्गत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए, एतद्द्वारा उपर्युक्त निदेश की वैधता अवधि को 8 अप्रैल 2025 को कारोबार की समाप्ति से 8 जुलाई 2025 को कारोबार की समाप्ति तक अगले तीन माह के लिए बढ़ाता है जो कि समीक्षाधीन होगा।
4. संदर्भाधीन निदेश के अन्य सभी नियम एवं शर्तें अपरिवर्तित रहेंगी।
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RBI से शिरपुर मर्चेंट्स कोऑपरेटिव बैंक से ग्राहकों को राहत नहीं
भारतीय रिज़र्व बैंक ने आर्यावर्त बैंक, लखनऊ पर मौद्रिक दंड लगाया
31 मार्च 2023 को बैंक की वित्तीय स्थिति के संदर्भ में राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) द्वारा बैंक का सांविधिक निरीक्षण किया गया। सांविधिक प्रावधानों के उल्लंघन के पर्यवेक्षी निष्कर्षों तथा उससे संबंधित पत्राचार के आधार पर, बैंक को एक नोटिस जारी किया गया, जिसमें उससे यह पूछा गया कि वह कारण बताए कि उक्त प्रावधानों के अनुपालन में विफलता के लिए उस पर दंड क्यों न लगाया जाए। नोटिस पर बैंक के उत्तर और व्यक्तिगत सुनवाई के दौरान की गई मौखिक प्रस्तुतियों पर विचार करने के बाद, भारतीय रिज़र्व बैंक ने, अन्य बातों के साथ-साथ, यह पाया कि बैंक के विरुद्ध निम्नलिखित आरोप सिद्ध हुआ है, जिसके लिए मौद्रिक दंड लगाया जाना आवश्यक है:
बैंक निर्धारित समय के भीतर पात्र अदावी राशि को जमाकर्ता शिक्षण और जागरूकता निधि में अंतरित करने में विफल रहा।
यह कार्रवाई, सांविधिक अनुपालन में कमियों पर आधारित है और इसका उद्देश्य बैंक द्वारा अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या करार की वैधता पर सवाल करना नहीं है। इसके अलावा, इस मौद्रिक दंड को लगाने से भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा बैंक के विरुद्ध की जाने वाली किसी भी अन्य कार्रवाई पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ेगा।
(Source: www.rbi.org.in)