((शेयर बाजार: जब तक सीखेंगे नहीं, तबतक पैसे बनेंगे नहीं!
देश के केंद्रीय बैंक भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने कोटक महिंद्रा बैंक पर कुछ दिशा-निर्देशों का उल्लंघन करने पर ₹61.95 लाख का जुर्माना लगाया है। RBI ने इसकी जानकारी दी।
> खबर को विस्तार से पढ़ने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें
(साभार- www.rbi.org.in)
('बिना प्रोफेशनल ट्रेनिंग के शेयर बाजार जरूर जुआ है'
((शेयर बाजार: जब तक सीखेंगे नहीं, तबतक पैसे बनेंगे नहीं!
RBI ने Kotak Mahindra Bank पर ₹61.95 लाख का जुर्माना लगाया, जानें क्यों
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दि अराकोणम को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, तमिल नाडु पर मौद्रिक दंड लगाया
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 15 दिसंबर 2025 के आदेश द्वारा दि अराकोणम को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, तमिल नाडु (बैंक) पर बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (बीआर अधिनियम) की धारा 56 के साथ पठित धारा 17 के प्रावधानों के उल्लंघन तथा भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी ‘एक्सपोज़र मानदंड और सांविधिक / अन्य प्रतिबंध – यूसीबी’ संबंधी कतिपय निदेशों के अननुपालन के लिए ₹2.50 (दो लाख पचास हज़ार रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1949 की धाराओं 46(4)(i) और 56 के साथ पठित धारा 47ए(1)(सी) के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
31 मार्च 2025 को बैंक की वित्तीय स्थिति के संदर्भ में भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा बैंक का सांविधिक निरीक्षण किया गया। सांविधिक प्रावधानों के उल्लंघन/ भारतीय रिज़र्व बैंक के निदेशों के अननुपालन के पर्यवेक्षी निष्कर्षों तथा उससे संबंधित पत्राचार के आधार पर, बैंक को एक नोटिस जारी किया गया, जिसमें उससे यह पूछा गया कि वह कारण बताए कि उक्त प्रावधानों और निदेश के अनुपालन में विफलता के लिए उस पर दंड क्यों न लगाया जाए। नोटिस पर बैंक के उत्तर, और व्यक्तिगत सुनवाई के दौरान की गई मौखिक प्रस्तुतियों पर विचार करने के बाद, भारतीय रिज़र्व बैंक ने, अन्य बातों के साथ-साथ, यह पाया कि बैंक के विरुद्ध निम्नलिखित आरोप सिद्ध हुए हैं, जिसके लिए मौद्रिक दंड लगाया जाना आवश्यक है:
बैंक:
वित्तीय वर्ष 2022-23, 2023-24 और 2024-25 के लिए अपने शुद्ध लाभ का 20% सांविधिक आरक्षित निधि में अंतरित करने में विफल रहा;
कुछ नाममात्र सदस्यों को निर्धारित विनियामक सीमा से अधिक ऋण स्वीकृत किए;
बुलेट पुनर्भुगतान योजना के तहत स्वर्ण ऋण स्वीकृत किए, जो निर्धारित विनियामक सीमा से अधिक थे;
केवाईसी आवश्यकताओं के अनुरूप नहीं होने वाले खाते खोले; और
ग्राहकों के केवाईसी रिकॉर्ड को निर्धारित समय- सीमा के भीतर केंद्रीय केवाईसी रिकॉर्ड रजिस्ट्री (सीकेवाईसीआर) पर अपलोड करने में विफल रहा।
यह कार्रवाई, विनियामकीय अनुपालन में कमियों पर आधारित है और इसका उद्देश्य बैंक द्वारा अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या करार की वैधता पर सवाल करना नहीं है। इसके अलावा, इस मौद्रिक दंड को लगाने से भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा बैंक के विरुद्ध की जाने वाली किसी भी अन्य कार्रवाई पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ेगा।
(साभार- www.rbi.org.in)
('बिना प्रोफेशनल ट्रेनिंग के शेयर बाजार जरूर जुआ है'
((शेयर बाजार: जब तक सीखेंगे नहीं, तबतक पैसे बनेंगे नहीं!
RBI ने The Arakonam Cooperative Urban Bank पर जुर्माना लगाया, जानें क्यों और कितना
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दि तमिल नाडु सर्किल पोस्टल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, तमिल नाडु पर मौद्रिक दंड लगाया
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 15 दिसंबर 2025 के आदेश द्वारा दि तमिल नाडु सर्किल पोस्टल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, तमिल नाडु (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी ‘एक्सपोज़र मानदंड और सांविधिक / अन्य प्रतिबंध – यूसीबी’ संबंधी कतिपय निदेशों के अननुपालन के लिए ₹50,000 (पचास हज़ार रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1949 की धाराओं 46(4)(i) और 56 के साथ पठित धारा 47ए(1)(सी) के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
31 मार्च 2025 को बैंक की वित्तीय स्थिति के संदर्भ में भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा बैंक का सांविधिक निरीक्षण किया गया। भारतीय रिज़र्व बैंक के निदेशों के अननुपालन के पर्यवेक्षी निष्कर्षों तथा उससे संबंधित पत्राचार के आधार पर, बैंक को एक नोटिस जारी किया गया, जिसमें उससे यह पूछा गया कि वह कारण बताए कि उक्त निदेश के अनुपालन में विफलता के लिए उस पर दंड क्यों न लगाया जाए। नोटिस पर बैंक के उत्तर, और व्यक्तिगत सुनवाई के दौरान की गई मौखिक प्रस्तुतियों पर विचार करने के बाद, भारतीय रिज़र्व बैंक ने, अन्य बातों के साथ-साथ, यह पाया कि बैंक के विरुद्ध निम्नलिखित आरोप सिद्ध हुआ है, जिसके लिए मौद्रिक दंड लगाया जाना आवश्यक है:
बैंक ने आर्थिक रूप से मजबूत और अच्छी तरह से प्रबंधित (एफ़एसडबल्यूएम) शहरी सहकारी बैंकों के लिए मानदंडों को पूरा न करने के बावजूद, गैर- सदस्यों को मीयादी जमा के बदले अग्रिम मंज़ूर किया था।
यह कार्रवाई, विनियामकीय अनुपालन में कमियों पर आधारित है और इसका उद्देश्य बैंक द्वारा अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या करार की वैधता पर सवाल करना नहीं है। इसके अलावा, इस मौद्रिक दंड को लगाने से भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा बैंक के विरुद्ध की जाने वाली किसी भी अन्य कार्रवाई पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ेगा।
(साभार- www.rbi.org.in)
('बिना प्रोफेशनल ट्रेनिंग के शेयर बाजार जरूर जुआ है'
((शेयर बाजार: जब तक सीखेंगे नहीं, तबतक पैसे बनेंगे नहीं!
RBI ने The Tamilnadu Circle Postal Cooperative Bank पर जुर्माना लगाया, जानें क्यों और कितना
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दि कोविलपट्टी को-ऑपरेटिव अर्बन बैंक लिमिटेड, तमिल नाडु पर मौद्रिक दंड लगाया
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 10 दिसंबर 2025 के आदेश द्वारा दि कोविलपट्टी को-ऑपरेटिव अर्बन बैंक लिमिटेड, तमिल नाडु (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी ‘पूंजी पर्याप्तता पर विवेकपूर्ण मानदंड - प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंक (यूसीबी)’ संबंधी कतिपय निदेशों के अननुपालन के लिए ₹1 लाख (एक लाख रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1949 की धाराओं 46(4)(i) और 56 के साथ पठित धारा 47ए(1)(सी) के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
31 मार्च 2025 को बैंक की वित्तीय स्थिति के संदर्भ में भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा बैंक का सांविधिक निरीक्षण किया गया। भारतीय रिज़र्व बैंक के निदेशों के अननुपालन के पर्यवेक्षी निष्कर्षों तथा उससे संबंधित पत्राचार के आधार पर, बैंक को एक नोटिस जारी किया गया, जिसमें उससे यह पूछा गया कि वह कारण बताए कि उक्त निदेश के अनुपालन में विफलता के लिए उस पर दंड क्यों न लगाया जाए। नोटिस पर बैंक के उत्तर, और व्यक्तिगत सुनवाई के दौरान की गई मौखिक प्रस्तुतियों पर विचार करने के बाद, भारतीय रिज़र्व बैंक ने, अन्य बातों के साथ-साथ, यह पाया कि बैंक के विरुद्ध निम्नलिखित आरोप सिद्ध हुआ है, जिसके लिए मौद्रिक दंड लगाया जाना आवश्यक है:
बैंक ने अपने सदस्यों को शेयर पूंजी धन वापसी (रिफंड) करने की अनुमति दी थी और विनियामकीय न्यूनतम राशि से कम सीआरएआर होने के बावजूद, उधार संबंधी मानदंडों से शेयर सहबद्धता का पालन किए बिना कतिपय ऋण मंज़ूर किए थे।
यह कार्रवाई, विनियामकीय अनुपालन में कमियों पर आधारित है और इसका उद्देश्य बैंक द्वारा अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या करार की वैधता पर सवाल करना नहीं है। इसके अलावा, इस मौद्रिक दंड को लगाने से भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा बैंक के विरुद्ध की जाने वाली किसी भी अन्य कार्रवाई पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ेगा।
(साभार- www.rbi.org.in)
('बिना प्रोफेशनल ट्रेनिंग के शेयर बाजार जरूर जुआ है'
((शेयर बाजार: जब तक सीखेंगे नहीं, तबतक पैसे बनेंगे नहीं!
RBI ने The Kovilpatti Cooperative Urban Bank पर जुर्माना लगाया, जानें क्यों और कितना
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दि भुज मर्केंटाइल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, अहमदाबाद, गुजरात के साथ दि अमोद नागरिक को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, अमोद, गुजरात के स्वैच्छिक समामेलन को मंजूरी दी
भारतीय रिज़र्व बैंक ने बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 44ए की उप-धारा (4) के अंतर्गत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए, दि भुज मर्केंटाइल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, अहमदाबाद, गुजरात के साथ दि अमोद नागरिक को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, अमोद, गुजरात के समामेलन की योजना को मंजूरी दी है। यह योजना 15 दिसंबर 2025 (सोमवार) से प्रभावी होगी। दि अमोद नागरिक को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, अमोद, गुजरात की सभी शाखाएं 15 दिसंबर 2025 से दि भुज मर्केंटाइल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, अहमदाबाद, गुजरात की शाखाओं के रूप में कार्य करेंगी।
(साभार- www.rbi.org.in)
('बिना प्रोफेशनल ट्रेनिंग के शेयर बाजार जरूर जुआ है'
((शेयर बाजार: जब तक सीखेंगे नहीं, तबतक पैसे बनेंगे नहीं!
RBI से The Amod Nagric Cooperative Bank और The Bhuj Mercantile Cooperative Bank के लिए जरूरी खबर
भारतीय रिज़र्व बैंक ने अमरनाथ को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, अहमदाबाद, गुजरात का दि कालूपुर कमर्शियल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, अहमदाबाद, गुजरात के साथ स्वैच्छिक समामेलन को मंजूरी दी
भारतीय रिज़र्व बैंक ने बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 44ए की उप-धारा (4) के अंतर्गत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए अमरनाथ को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, अहमदाबाद, गुजरात का दि कालूपुर कमर्शियल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, अहमदाबाद, गुजरात के साथ समामेलन की योजना को मंजूरी दे दी है। यह योजना 15 दिसंबर 2025 (सोमवार) से लागू होगी। अमरनाथ को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, अहमदाबाद, गुजरात की सभी शाखाएँ 15 दिसंबर 2025 से दि कालूपुर कमर्शियल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, अहमदाबाद, गुजरात की शाखाओं के रूप में कार्य करेंगी।
(साभार- www.rbi.org.in)
('बिना प्रोफेशनल ट्रेनिंग के शेयर बाजार जरूर जुआ है'
((शेयर बाजार: जब तक सीखेंगे नहीं, तबतक पैसे बनेंगे नहीं!
RBI से Amarnath Cooperative Bank और The Kalupur Commercial Cooperative Bank के लिए जरूरी खबर
Bad News For one more Bank Account Holder आज के इस वीडियो में हम बात करेंगे RBI द्वारा जारी एक बेहद महत्वपूर्ण घोषणा के बारे में — जिसमें Gauhati Cooperative Urban Bank Ltd को बैंकिंग गतिविधियों में सख्त रोक लगा दी गई है। 👉 क्या इसका असर आपके पैसों पर पड़ेगा? 👉 क्या आप अपना पैसा निकाल पाएंगे? 👉 Deposit Insurance क्या है और यह आपको कैसे सुरक्षा देता है? पूरा सरल, आसान और बिलकुल सही तरीके से समझाया गया है — ताकि आप जान सकें कि RBI का यह फैसला आम जनता और डिपॉज़िटर (Depositor) के लिए क्या मायने रखता है।
((शेयर बाजार: जब तक सीखेंगे नहीं, तबतक पैसे बनेंगे नहीं!
RBI का तगड़ा एक्शन! Gauhati Cooperative Urban Bank पर रोक| आपके पैसे खतरे में?
((शेयर बाजार: जब तक सीखेंगे नहीं, तबतक पैसे बनेंगे नहीं!
















.jpeg)







.jpg)