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RBI ने Yes Bank पर जुर्माना लगाया, जानिये क्यों और कितना

भारतीय रिज़र्व बैंक ने येस बैंक लिमिटेड पर मौद्रिक दंड लगाया



भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 16 मई 2025 के आदेश द्वारा येस बैंक लिमिटेड (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी 'वित्तीय विवरण प्रस्तुति और प्रकटीकरण' संबंधी कतिपय निदेशों के अननुपालन के लिए 29,60,000 (उनतीस लाख साठ हजार रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 46 (4) (i) के साथ पठित धारा 47ए(1) (सी) के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।

31 मार्च 2024 को बैंक की वित्तीय स्थिति के संदर्भ में भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा बैंक का पर्यवेक्षी मूल्यांकन हेतु सांविधिक निरीक्षण (आईएसई 2024) किया गया। भारतीय रिज़र्व बैंक के निदेशों के अननुपालन के पर्यवेक्षी निष्कर्षों और इससे संबंधित पत्राचार के आधार पर, बैंक को एक नोटिस जारी किया गया जिसमें उससे यह पूछा गया कि वह कारण बताए कि उक्त निदेशों के अनुपालन में विफलता के लिए उस पर दंड क्यों न लगाया जाए।

नोटिस पर बैंक के उत्तर, इसके द्वारा किए गए अतिरिक्त प्रस्तुतियों तथा व्यक्तिगत सुनवाई के दौरान किए गए मौखिक प्रस्तुतियों पर विचार करने के बाद भारतीय रिज़र्व बैंक ने अन्य बातों के साथ-साथ यह पाया कि बैंक के विरुद्ध निम्नलिखित आरोप सिद्ध हुआ है, जिसके लिए मौद्रिक दंड लगाया जाना आवश्यक है:

बैंक ने वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए अपने वार्षिक वित्तीय विवरणों में ग्राहकों की शिकायतों से संबंधित सही और पूरी जानकारी का प्रकटन नहीं किया।

यह कार्रवाई, विनियामकीय अनुपालन में कमियों पर आधारित है और इसका उद्देश्य बैंक द्वारा अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या करार की वैधता पर सवाल करना नहीं है। इसके अलावा, इस मौद्रिक दंड को लगाने से भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा बैंक के विरुद्ध की जाने वाली किसी भी अन्य कार्रवाई पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ेगा।

(साभार: www.rbi.org.in)

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5-अमीर बनने की ख्वाहिश हममें से हर किसी की होती है, लेकिन इसके लिए लोगों को पैसे से पैसा बनाने की कला तो आनी चाहिए। कैसे आएगी ये कला, पढ़िये - 'आपका पैसा, आप संभालें' - 
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Rajanish Kant शनिवार, 17 मई 2025
RBI ने Deutsche Bank AG, India पर भारी भरकम जुर्माना लगाया, जानें क्यों और कितना

भारतीय रिज़र्व बैंक ने डॉएच्च बैंक एजी, इंडिया पर मौद्रिक दंड लगाया



भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 13 मई 2025 के आदेश द्वारा डॉएच्च बैंक एजी, इंडिया (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी 'बड़े ऋणों पर सूचना का केंद्रीय भंडार (सीआरआईएलसी) - रिपोर्टिंग में संशोधन' के साथ पठित 'सभी बैंकों में बड़े सामान्य एक्सपोज़र के एक केंद्रीय भंडार का निर्माण' संबंधी कतिपय निदेशों के अननुपालन के लिए 50 लाख (पचास लाख रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 46 (4) (i) के साथ पठित धारा 47ए(1) (सी) के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।

31 मार्च 2024 को बैंक की वित्तीय स्थिति के संदर्भ में भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा बैंक का पर्यवेक्षी मूल्यांकन हेतु सांविधिक निरीक्षण (आईएसई 2024) किया गया। भारतीय रिज़र्व बैंक के निदेशों के अननुपालन के पर्यवेक्षी निष्कर्षों और इससे संबंधित पत्राचार के आधार पर, बैंक को एक नोटिस जारी किया गया, जिसमें उससे यह पूछा गया कि वह कारण बताए कि उक्त निदेशों के अनुपालन में विफलता के लिए उस पर दंड क्यों न लगाया जाए।

नोटिस पर बैंक के उत्तर और व्यक्तिगत सुनवाई के दौरान की गई मौखिक प्रस्तुतियों पर विचार करने के बाद भारतीय रिज़र्व बैंक ने, अन्य बातों के साथ-साथ, यह पाया कि बैंक के विरुद्ध निम्नलिखित आरोप सिद्ध हुआ है, जिसके लिए मौद्रिक दंड लगाया जाना आवश्यक है:

बैंक ने कतिपय उधारकर्ताओं की ऋण संबंधी सूचना की रिपोर्टिंग 'बड़े ऋणों पर सूचना का केंद्रीय भंडार (सीआरआईएलसी) को नहीं की।

यह कार्रवाई, विनियामकीय अनुपालन में कमियों पर आधारित है और इसका उद्देश्य बैंक द्वारा अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या करार की वैधता पर सवाल करना नहीं है। इसके अलावा, इस मौद्रिक दंड को लगाने से भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा बैंक के विरुद्ध की जाने वाली किसी भी अन्य कार्रवाई पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ेगा।

(साभार: www.rbi.org.in)

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Rajanish Kant
आज (16-05-2025) शेयर बाजार का हाल

आज (16-05-2025) शेयर बाजार का हाल, सेंसेक्स, निफ्टी गिरा या चढ़ा, सबसे ज्यादा पैसा बनाने वाले 5 शेयर, सबसे ज्यादा पैसा डूबाने वाले 5 शेयर






Rajanish Kant शुक्रवार, 16 मई 2025
Income Tax विभाग से Charitable Trust के  लिए बड़ा अपडेट II ITR Filing II
Income Tax Department notified ITR Form 6 and 7 for AY 26 or fy 2024-25. Uderstand who can fill these forms.  अभी 31 मार्च 2025 को समाप्त हुए वित्त वर्ष यानी वित्त वर्ष 2024-25 या असेस्मेंट ईयर 2025-26 के लिए आईटीआर  यानी इनकम टैक्स रिटर्न भरने का सीजन चल रहा है। इनकम टैक्स विभाग ने ITR फॉर्म 1,2,3,4 और 5 नोटिफाई करने के बाद  ITR फॉर्म 6 और 7 भी नोटिफाई कर दिया है। यानी अब इन फार्म को भरने वाले आईटीआर फाइल कर सकते हैं। दिया है। आइए समझते हैं किन टैक्सपेयर्स के लिए कौन सा फॉर्म सही है ।




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Rajanish Kant
RBI से पद्मश्री डॉ. विट्ठलराव विखे पाटिल को-ऑपरेटिव बैंक में पैसा रखने वालों को बहुत बड़ी राहत

बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 35ए के अंतर्गत निदेश –
पद्मश्री डॉ. विट्ठलराव विखे पाटिल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, नाशिक, महाराष्ट्र – निदेशों को वापस लेना



भारतीय रिज़र्व बैंक ने बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 35ए के अंतर्गत पद्मश्री डॉ. विट्ठलराव विखे पाटिल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, नाशिक, महाराष्ट्र को दिनांक 18 मई 2018 के निदेश सं. DCBS.CO.BSD-I/D-7/12.22.395/2017-18 द्वारा 18 नवंबर 2018 को कारोबार की समाप्ति तक छह माह की अवधि के लिए निदेश जारी किए थे। इन्हें समय-समय पर संशोधित किया गया और पिछली बार इसकी वैधता अवधि को 17 मई 2025 को कारोबार की समाप्ति तक बढ़ाया गया था।

2. बैंक की वित्तीय स्थिति की समीक्षा के बाद, भारतीय रिज़र्व बैंक इस बात से संतुष्ट होकर, कि जन हित में ऐसा करना आवश्यक है, और बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 35ए की उप-धारा (2) के अंतर्गत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए, पद्मश्री डॉ. विट्ठलराव विखे पाटिल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, नाशिक, महाराष्ट्र को जारी उक्त निदेशों को 16 मई 2025 को कारोबार की समाप्ति से वापस लेता है।

 (साभार: www.rbi.org.in)

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RBI ने ग्रेवाल ब्रदर्स फाइनेंस कंपनी पर जुर्माना लगाया, जानिये क्यों और कितना

भारतीय रिज़र्व बैंक ने ग्रेवाल ब्रदर्स फाइनेंस कंपनी प्राइवेट लिमिटेड, केरल पर मौद्रिक दंड लगाया



भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 9 मई 2025 के आदेश द्वारा ग्रेवाल ब्रदर्स फाइनेंस कंपनी प्राइवेट लिमिटेड, केरल (कंपनी) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी ‘मास्टर निदेश - भारतीय रिज़र्व बैंक (गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी-स्केल आधारित विनियमन) निदेश, 2023’ के कतिपय प्रावधानों के अननुपालन के लिए 50,000/- (मात्र पचास हजार रुपये) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 58 बी (5) (एए) के साथ पठित धारा 58 जी (1) (बी) के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।

निदेशकों की नियुक्ति की सूचना से संबंधित पत्राचार से अन्य बातों के साथ-साथ भारतीय रिज़र्व बैंक के निदेशों के अननुपालन का भी पता चला। उक्त के आधार पर, कंपनी को एक नोटिस जारी किया गया, जिसमें उससे यह पूछा गया कि वह कारण बताए कि उक्त निदेशों के अनुपालन में विफलता के लिए उस पर दंड क्यों न लगाया जाए। नोटिस पर कंपनी के उत्तर और व्यक्तिगत सुनवाई के दौरान की गई मौखिक प्रस्तुतियों पर विचार करने के बाद, भारतीय रिज़र्व बैंक ने, अन्य बातों के साथ-साथ, यह पाया कि कंपनी के विरुद्ध निम्नलिखित आरोप सिद्ध हुआ है, जिसके लिए मौद्रिक दंड लगाया जाना आवश्यक है:

कंपनी अपने प्रबंधन में परिवर्तन करने के लिए भारतीय रिज़र्व बैंक से पूर्व लिखित अनुमति प्राप्त करने में विफल रही, जिसके परिणामस्वरूप स्वतंत्र निदेशकों को छोड़कर इसके 30 प्रतिशत से अधिक निदेशक बदल गए।

यह कार्रवाई, विनियामकीय अनुपालन में कमियों पर आधारित है और इसका उद्देश्य कंपनी द्वारा अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या करार की वैधता पर सवाल करना नहीं है। इसके अलावा, इस मौद्रिक दंड को लगाने से भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा कंपनी के विरुद्ध की जाने वाली किसी भी अन्य कार्रवाई पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ेगा।

(साभार: www.rbi.org.in)

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RBI ने कर्नाटक सेंट्रल कोऑपरेटिव बैंक पर जुर्माना लगाया, जानिये क्यों और कितना

भारतीय रिज़र्व बैंक ने दि कर्नाटक सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, धारवाड़, कर्नाटक पर मौद्रिक दंड लगाया



भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 9 मई 2025 के आदेश द्वारा दि कर्नाटक सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, धारवाड़, कर्नाटक (बैंक) पर बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (बीआर अधिनियम) की धारा 56 के साथ पठित धारा 20 के प्रावधानों के उल्लंघन के लिए 2.00 लाख (दो लाख रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बीआर अधिनियम की धारा 46(4)(i) और 56 के साथ पठित धारा 47ए(1)(सी) के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।

31 मार्च 2024 को बैंक की वित्तीय स्थिति के संदर्भ में राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) द्वारा बैंक का सांविधिक निरीक्षण किया गया। सांविधिक प्रावधानों के उल्लंघन के पर्यवेक्षी निष्कर्षों तथा उससे संबंधित पत्राचार के आधार पर, बैंक को एक नोटिस जारी किया गया, जिसमें उससे यह पूछा गया कि वह कारण बताए कि उक्त प्रावधानों के अनुपालन में विफलता के लिए उस पर दंड क्यों न लगाया जाए। नोटिस पर बैंक के उत्तर और व्यक्तिगत सुनवाई के दौरान की गई मौखिक प्रस्तुतियों पर विचार करने के बाद, भारतीय रिज़र्व बैंक ने, अन्य बातों के साथ-साथ, यह पाया कि बैंक के विरुद्ध निम्नलिखित आरोप सिद्ध हुआ है, जिसके लिए मौद्रिक दंड लगाया जाना आवश्यक है:

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RBI ने मैंगलोर कोऑपरेटिव टाउन बैंक पर जुर्माना लगाया, जानिये क्यों और कितना

भारतीय रिज़र्व बैंक ने मैंगलोर को-ऑपरेटिव टाउन बैंक लिमिटेड, मैंगलोर, कर्नाटक पर मौद्रिक दंड लगाया



भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 9 मई 2025 के आदेश द्वारा मैंगलोर को-ऑपरेटिव टाउन बैंक लिमिटेड, मैंगलोर, कर्नाटक (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी ‘निदेशकों, उनके रिश्तेदारों और फर्मों/संस्थाओं, जिनमें उनका हित हो, को ऋण और अग्रिम’ संबंधी कतिपय निदेशों के अननुपालन के लिए 1.00 लाख (एक लाख रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 46(4)(i) और 56 के साथ पठित धारा 47ए(1)(सी) के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।

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5-अमीर बनने की ख्वाहिश हममें से हर किसी की होती है, लेकिन इसके लिए लोगों को पैसे से पैसा बनाने की कला तो आनी चाहिए। कैसे आएगी ये कला, पढ़िये - 'आपका पैसा, आप संभालें' - 
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RBI ने शिमोगा डिस्ट्रिक्ट कोऑपरेटिव सेंट्रल बैंक पर जुर्माना लगाया, जानिये क्यों और कितना

 भारतीय रिज़र्व बैंक ने दि शिमोगा डिस्ट्रिक्ट को-ऑपरेटिव सेंट्रल बैंक लिमिटेड, कर्नाटक पर मौद्रिक दंड लगाया

भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 9 मई 2025 के आदेश द्वारा दि शिमोगा डिस्ट्रिक्ट को-ऑपरेटिव सेंट्रल बैंक लिमिटेड, कर्नाटक (बैंक) पर बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (बीआर अधिनियम) की धारा 56 के साथ पठित धारा 20 के प्रावधानों के उल्लंघन के लिए 1.00 लाख (एक लाख रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बीआर अधिनियम की धारा 46(4)(i) और 56 के साथ पठित धारा 47ए(1)(सी) के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।

31 मार्च 2024 को बैंक की वित्तीय स्थिति के संदर्भ में राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) द्वारा बैंक का सांविधिक निरीक्षण किया गया। सांविधिक प्रावधानों के उल्लंघन के पर्यवेक्षी निष्कर्षों तथा उससे संबंधित पत्राचार के आधार पर, बैंक को एक नोटिस जारी किया गया, जिसमें उससे यह पूछा गया कि वह कारण बताए कि उक्त प्रावधानों के अनुपालन में विफलता के लिए उस पर दंड क्यों न लगाया जाए। नोटिस पर बैंक के उत्तर और व्यक्तिगत सुनवाई के दौरान की गई मौखिक प्रस्तुतियों पर विचार करने के बाद, भारतीय रिज़र्व बैंक ने, अन्य बातों के साथ-साथ, यह पाया कि बैंक के विरुद्ध निम्नलिखित आरोप सिद्ध हुआ है, जिसके लिए मौद्रिक दंड लगाया जाना आवश्यक है:

बैंक ने निदेशक संबंधी ऋण स्वीकृत किये थे।

यह कार्रवाई सांविधिक अनुपालन में कमियों पर आधारित है और इसका उद्देश्य बैंक द्वारा अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या करार की वैधता पर सवाल करना नहीं है। इसके अलावा, इस मौद्रिक दंड को लगाने से भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा बैंक के विरुद्ध की जाने वाली किसी भी अन्य कार्रवाई पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ेगा।

(साभार: www.rbi.org.in)

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RBI ने स्वर्ण भारती सहकारा बैंक नियमिता पर जुर्माना लगाया, जानिये क्यों और कितना

भारतीय रिज़र्व बैंक ने स्वर्ण भारती सहकारा बैंक नियमिता, बैंगलोर, कर्नाटक पर मौद्रिक दंड लगाया



भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 9 मई 2025 के आदेश द्वारा स्वर्ण भारती सहकारा बैंक नियमिता, बैंगलोर, कर्नाटक (बैंक) पर बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (बीआर अधिनियम) की धारा 56 के साथ पठित धारा 31 के प्रावधानों के उल्लंघन के लिए 50,000/- (पचास हजार रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बीआर अधिनियम की धारा 46(4)(i) और 56 के साथ पठित धारा 47ए(1)(सी) के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।

सांविधिक प्रावधानों के उल्लंघन के पर्यवेक्षी निष्कर्षों तथा उससे संबंधित पत्राचार के आधार पर, बैंक को एक नोटिस जारी किया गया, जिसमें उससे यह पूछा गया कि वह कारण बताए कि उक्त सांविधिक प्रावधानों के अनुपालन में विफलता हेतु उस पर दंड क्यों न लगाया जाए। नोटिस पर बैंक के उत्तर और व्यक्तिगत सुनवाई के दौरान की गई मौखिक प्रस्तुतियों पर विचार करने के बाद, भारतीय रिज़र्व बैंक ने, अन्य बातों के साथ-साथ, यह पाया कि बैंक के विरुद्ध निम्नलिखित आरोप सिद्ध हुआ है, जिसके लिए मौद्रिक दंड लगाया जाना आवश्यक है:

बैंक निर्धारित समय-सीमा के भीतर आरबीआई को वित्त वर्ष 2023-24 के लिए अपना लेखा और तुलन-पत्र के साथ-साथ लेखा-परीक्षक की रिपोर्ट प्रस्तुत करने में विफल रहा।

यह कार्रवाई सांविधिक अनुपालन में कमियों पर आधारित है और इसका उद्देश्य बैंक द्वारा अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या करार की वैधता पर सवाल करना नहीं है। इसके अलावा, इस मौद्रिक दंड को लगाने से भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा बैंक के विरुद्ध की जाने वाली किसी भी अन्य कार्रवाई पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ेगा।

(साभार: www.rbi.org.in)

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((शेयर बाजार: जब तक सीखेंगे नहीं, तबतक पैसे बनेंगे नहीं! 

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3-अमीर बनने के लिए पैसों से खेलना आना चाहिए। पैसों से खेलने की कला सीखने के लिए पढ़िये...
4-बच्चों को फाइनेंशियल एजुकेशन क्यों देना चाहिए पर हिन्दी में किताब- 'बेटा हमारा दौलतमंद बनेगा' - 
5-अमीर बनने की ख्वाहिश हममें से हर किसी की होती है, लेकिन इसके लिए लोगों को पैसे से पैसा बनाने की कला तो आनी चाहिए। कैसे आएगी ये कला, पढ़िये - 'आपका पैसा, आप संभालें' - 
6-इंसान के पास संसाधन या मार्गदर्शन हो या ना हो, सपने जरूर होने चाहिए। सिर्फ सपने के सहारे भी कामयाब होने वालों की दुनिया में कमी नहीं है। - 'जब सपने बन जाते हैं मार्गदर्शक' -
7-बेटियों को बहादुर बनने दीजिए और बनाइये, ये समय की मांग है,  "बेटी तुम बहादुर ही बनना " -
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