अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों द्वारा ऋण पर तिमाही मूलभूत
सांख्यिकीय विवरणी (बीएसआर)-1– सितंबर 2025
आज, रिज़र्व बैंक ने अपने ‘भारतीय अर्थव्यवस्था पर डेटाबेस’ पोर्टल (https://data.rbi.org.in होमपेज > प्रकाशन) पर ‘तिमाही मूलभूत सांख्यिकीय विवरणी (बीएसआर)-1: अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों (एससीबी)1 का ऋण - सितंबर 20252’ शीर्षक से अपना वेब प्रकाशन जारी किया। यह खाता-स्तरीय रिपोर्टिंग के आधार पर बैंक ऋण की विभिन्न वर्गीकरण संबंधी विशेषताओं जैसे कि उधारकर्ता का व्यवसाय/ गतिविधि/ संगठनात्मक क्षेत्र, खाते का प्रकार और उनकी ब्याज दरों को दर्शाता है। एससीबी (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर) द्वारा रिपोर्ट किए गए डेटा, बैंक समूहों, जनसंख्या समूहों3 और राज्यों के लिए प्रस्तुत किए जाते हैं।
मुख्य बातें:
बैंक ऋण वृद्धि (वर्ष-दर-वर्ष) जून 2025 में 9.9 प्रतिशत से बढ़कर सितंबर 2025 में 10.7 प्रतिशत हो गई (चार्ट-I4)।

बकाया ऋण पर भारित औसत उधार दर (डबल्यूएएलआर) में 64 आधार अंक (बीपीएस) की बड़ी गिरावट देखी गई, जो सितंबर 2024 में 10.20 प्रतिशत से घटकर सितंबर 2025 में 9.56 प्रतिशत रह गई (चार्ट-II)। मुख्य ऋण श्रेणियों में, आवास ऋण में इसी अवधि के दौरान डबल्यूएएलआर में 92 बीपीएस की गिरावट देखी गई।

सितंबर 2024 से निजी क्षेत्र के बैंकों की ऋण वृद्धि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की तुलना में कम रही, जिसके चलते सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की हिस्सेदारी सितंबर 2024 में 53.2 प्रतिशत से थोड़ी बढ़कर सितंबर 2025 में 53.9 प्रतिशत हो गई।
सितंबर 2025 में व्यक्तिगत ऋणों में (वर्ष-दर-वर्ष) 12.5 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जो समग्र ऋण वृद्धि से अधिक थी। तथापि, आवास, शिक्षा, वाहन और अन्य व्यक्तिगत ऋण सहित व्यक्तिगत ऋणों की सभी प्रमुख श्रेणियों में पिछले वर्ष की तुलना में वृद्धि में कमी देखी गई।
पिछले वर्ष की तुलना में समग्र ऋण वृद्धि में गिरावट के अनुरूप, कृषि क्षेत्र में ऋण वृद्धि सितंबर 2024 में 13.2 प्रतिशत से घटकर सितंबर 2025 में 10.4 प्रतिशत हो गई; उद्योग क्षेत्र में भी इसी प्रकार की प्रवृत्ति देखी गई, जहाँ इसकी वृद्धि इसी अवधि में 10.4 प्रतिशत से घटकर 8.4 प्रतिशत हो गई।
सितंबर 2025 में घरेलू क्षेत्र5 का कुल ऋण में हिस्सा एक वर्ष पहले के 57.4 प्रतिशत से बढ़कर 58.5 प्रतिशत हो गया। उक्त अवधि में व्यक्तियों को दिए गए ऋण में 12.3 प्रतिशत की वृद्धि हुई और अन्य घरेलू खंडों के लिए यह वृद्धि 14.9 प्रतिशत रही।
निजी कॉर्पोरेट क्षेत्र का कुल ऋण में एक-चौथाई हिस्सा रहा, जिसकी वार्षिक वृद्धि सितंबर 2025 में पिछली तिमाही के 7.9 प्रतिशत से बढ़कर 9.0 प्रतिशत हो गई।
1 सितंबर 2025 के अंतिम रिपोर्टिंग शुक्रवार के लिए पाक्षिक फॉर्म-ए विवरणी (भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 42(2) के अंतर्गत संकलित) पर आधारित बैंकिंग समुच्चय, हमारी वेबसाइट (होम>सांख्यिकी>जारी आंकड़े>पाक्षिक> भारत में अनुसूचित बैंकों की स्थिति का विवरण) पर पहले ही प्रकाशित किए गए थे और चुनिंदा प्रमुख बैंकों द्वारा रिपोर्ट किए गए सितंबर 2025 के लिए बैंक ऋण के क्षेत्र-वार अभिनियोजन पर समग्र स्तर का मासिक डेटा भी वेबसाइट (होम>सांख्यिकी> जारी आंकड़े >मासिक> बैंक ऋण का क्षेत्र-वार अभिनियोजन) पर जारी किया गया।
2 बीएसआर-1 के लिए संदर्भ तिथि तिमाही का अंतिम दिन है। श्रृंखला में पिछला डेटा, जो जून 2025 के अंत की स्थिति को शामिल करता है, 29 अगस्त 2025 को आरबीआई वेबसाइट पर प्रकाशित किया गया था।
3 बीएसआर के लिए उपयोग किया जाने वाला जनसंख्या समूह मानदंड वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार संबंधित राजस्व केंद्र की जनसंख्या के आकार पर आधारित है, जहां एससीबी की शाखाएं संचालित हो रही हैं और इन्हें ए) 'ग्रामीण' (10,000 से कम जनसंख्या), बी) 'अर्ध-शहरी' (10,000 से 1 लाख से कम की आबादी), सी) 'शहरी' (1 लाख से 10 लाख से कम की आबादी), डी) 'मेट्रोपॉलिटन' (10 लाख और उससे अधिक की आबादी) के रूप में वर्गीकृत किया गया है।
4 तुलना के उद्देश्य से, सितंबर 2023 से जून 2024 की अवधि के संवृद्धि के आंकड़ों की गणना एक गैर-बैंक के बैंक के साथ विलय को समायोजित करके की गई है।
5 घरेलू क्षेत्र में व्यक्तियों, स्वामित्व वाले उद्यमों, हिंदू अविभाजित परिवारों (एचयूएफ़) और साझेदारी फर्मों सहित अन्य शामिल हैं।
(साभार- www.rbi.org.in)
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