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SBI और PNB से लोन लेना हुआ सस्ता
देश के सबसे बड़े बैंक स्टेट बैंक औप पंजाब नेशनल बैंक से अगर आप लोन लेने के बारे में सोच रहे हैं तो आपके लिए अच्छी खबर है। दरअसल, दोनों बैंकों ने लोन की ब्याज दरों में कमी कर दी है। बैंकों के इस फैसले से होम लोन समेत सभी तरह के लोन सस्‍ते हो जाएंगे।
पीएनबी ने ब्याज दर में 0.10 प्रतिशत अंक की कटौती करने का फैसला किया है। पीएनबी ने ब्याज दर में कटौती एक मार्च 2019 से लागू की जाएगी। यह कटौती विभिन्न समयावधि के कर्ज के लिये की गई है। पंजाब नेशनल बैंक के प्रबंध निदेशक सुनील मेहता ने बताया कि अभी तक ब्‍याज की दर 8.55 प्रतिशत थी, जिसे घटाकर 8.45 प्रतिशत सालाना कर दिया गया है। वहीं तीन साल की अवधि के कर्ज के लिए ब्याज दर कम कर 8.65 प्रतिशत होगी।


इससे पहले देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) ने 30 लाख रुपए तक के होम लोन की ब्याज दर 0.05 फीसदी तक घटा दी थी. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की ओर से कम हुई रेपो रेट के बाद बैंक ये फैसला ले रहे हैं।  

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Rajanish Kant शुक्रवार, 1 मार्च 2019
एसबीआई ने 30 लाख रुपये तक के आवास ऋण पर ब्याज दर 0.05 प्रतिशत घटाई

भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा नीतिगत ब्याज दर में कमी किए जाने के एक दिन बाद ही देश के सबसे बड़े बैंक सार्वजनिक क्षेत्र के भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने 30 लाख रुपये तक के सभी आवास ऋणों पर ब्याज दर में 0.05 प्रतिशत की कटौती करने की शुक्रवार को घोषणा की। 

एसबीआई ने शुक्रवार को जारी बयान में कहा कि उसने गृह रिण पर ब्याज पांच आधार अंक (0.05 प्रतिशत अंक) घटा दी है। 

बैंक ने कहा, ‘ रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति की घोषणा के तुरंत पश्चात हमने सबसे पहले बैंक हैं जिसने 30 लाख रुपए तक के गृह रिण पर ब्याज घटाया है।’ बैंक ने कहा है कि उसने कम और मध्यम आयवर्ग के लोगों के फायदे को ध्यान में रख कर यह निर्णय किया है। 

भारतीय रिजर्व बैंक ने बृहस्पतिवार को चालू वित्त वर्ष की अंतिम द्विमासिक मौद्रिक समीक्षा में रेपो दर को 0.25 प्रतिशत घटा कर 6.25 प्रतिशत कर दिया है। 

इसके बाद से माना जा रहा है कि वाणिज्यिक बैंक भी अपने कर्ज को सस्ता करेंगे। 

एसबीआई के चेयरमैन रजनीश कुमार ने कहा कि देश के सबसे बड़े बैंक के नाते हम हमेशा ग्राहकों के हित को सबसे आगे रखते हैं। उन्होंने कहा, ‘‘आवास ऋण बाजार में एसबीआई की हिस्सेदारी सबसे ज्यादा है। ऐसे में यह उचित होगा कि हम केंद्रीय बैंक द्वारा दरों में कटौती का लाभ एक बड़े निम्न और मध्यम आय वर्ग को उपलब्ध कराएं।’’ 

सार्वजनिक क्षेत्र का एसबीआई संपत्ति, जमा, शाखा, ग्राहक और कर्मचारियों की संख्या के लिहाज से देश का सबसे बड़ा बैंक है। 30 सितंबर, 2018 तक बैंक के पास 28.07 लाख करोड़ रुपये की जमाएं थीं। कासा अनुपात 45.27 प्रतिशत का तथा ऋण 20.69 लाख करोड़ रुपये का था। 

आवास ऋण बाजार में एसबीआई की हिस्सेदारी 34.28 प्रतिशत तथा वाहन ऋण बाजार में 34.27 प्रतिशत है। 


(सौ. पीटीआई भाषा)
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Rajanish Kant शुक्रवार, 8 फ़रवरी 2019
लोन ग्राहकों को राहत देने का रास्ता आरबीआई ने ऐसे निकाला, अगले साल 1 अप्रैल से मिलेगा फायदा

रिजर्व बैंक ने 3,4,5 दिसंबर की बैठक में लोन ग्राहकों को राहत देने के लिए नया रास्ता निकाला है। रिजर्व बैंक ने प्रमुख दरों में कटौती का बैंक द्वारा फायदा नहीं देने के बाद ये रास्ता निकाला गया है।
I. विनियमन और पर्यवेक्षण
1. बैंकों द्वारा नए अस्थिर दर ऋण की बाहरी बेंचमार्किंग
निधि आधारित ऋण दर (एमसीएलआर) प्रणाली की सीमांत लागत के कार्य की समीक्षा करने के लिए आंतरिक अध्ययन समूह की रिपोर्ट (अध्यक्ष: डॉ जनक राज) को 4 अक्टूबर 2017 को सार्वजनिक प्रतिक्रिया के लिए जारी किया गया। इस रिपोर्ट ने बैंकों द्वारा वर्तमान के आंतरिक बेंचमार्क [प्राइम लेंडिग रेट (पीएलआर), बेंचमार्क प्राइम लेंडिग रेट (बीपीएलआर), बेस रेट और निधि आधारित ऋण दर (एमसीएलआर) की सीमांत लागत के मौजूदा सिस्टम की बजाए बैंक द्वारा अपने अस्थिर दर ऋण के लिए बाहरी बेंचमार्किंग की सिफारिश की थी। इस दिशा में एक कदम के रूप में, यह प्रस्तावित किया जाता है कि सभी नए अस्थिर दर वाले व्यक्तिगत या खुदरा ऋण (आवास, ऑटो इत्यादि) और बैंकों द्वारा सूक्ष्म और लघु उद्यमों को प्रदान किए गए अस्थिर दर ऋण को 1 अप्रैल 2019 से निम्नलिखित में से किसी एक के साथ बेंचमार्क किया जाएगा :
- भारतीय रिजर्व बैंक नीति रिपो दर, या
- फाइनेंशियल बेंचमार्क इंडिया प्राइवेट लिमिटेड (एफबीआईएल) द्वारा प्रस्तुत भारत सरकार 91 दिवसीय खजाना बिल प्रतिफल, या
- एफबीआईएल द्वारा प्रस्तुत भारत सरकार 182 दिवसीय खजाना बिल प्रतिफल, या
- एफबीआईएल द्वारा प्रस्तुत कोई अन्य बेंचमार्क बाजार ब्याज दर ।
बेंचमार्क दर पर फैलाव - ऋण की शुरुआत में बैंकों के विवेकानुसार पूरी तरह से तय किया जाना है- ऋण की अवधि तब तक अपरिवर्तित रहनी चाहिए, जब तक कि उधारकर्ता के क्रेडिट मूल्यांकन में पर्याप्त परिवर्तन नहीं होता है जैसा कि ऋण अनुबंध में करार किया गया है। बैंक अन्य उधारकर्ताओं को भी ऐसे बाहरी बेंचमार्क से जुड़े ऋण भी प्रदान करने के लिए स्वतंत्र हैं। उधारकर्ताओं द्वारा पारदर्शिता, मानकीकरण और ऋण उत्पादों की जानकारी को आसान बनाने के लिए, बैंक को ऋण श्रेणी के भीतर एक समान बाहरी बेंचमार्क अपनाना होगा; दूसरे शब्दों में, ऋण श्रेणी के अंदर एक ही बैंक द्वारा कई बेंचमार्कों को अपनाने की अनुमति नहीं है । दिसंबर 2018 के अंत तक अंतिम दिशानिर्देश जारी किए जाएंगे।

2. कार्यशील पूंजी वित्त में अनिवार्य ऋण घटक
कार्यशील पूंजी उधारकर्ताओं के बीच अधिक क्रेडिट अनुशासन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से, 5 अप्रैल 2018 को घोषित विकासात्मक और विनियामकीय नीतियों पर वक्तव्य में प्रस्तावित किया गया था कि बड़े उधारकर्ताओं के लिए निधि-आधारित कार्यशील पूंजी वित्त में न्यूनतम स्तर का 'ऋण घटक' निर्धारित किया जाए। तदनुसार, इस संबंध में डाफ्ट्र दिशानिर्देश हितधारकों की टिप्पणियों के लिए 11 जून 2018 को जारी किए गए थे । हितधारकों के मत को ध्यान में रखते हुए, 1 अप्रैल 2019 से प्रभावी अंतिम दिशानिर्देश आज जारी किए जा रहे हैं।
3. चलनिधि कवरेज अनुपात के साथ सांविधिक चलनिधि अनुपात संरेखित
मौजूदा रोडमैप के अनुसार, अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों को 1 जनवरी 2019 तक 100 प्रतिशत की न्यूनतम चलनिधि कवरेज अनुपात (एलसीआर) को प्राप्त करना होगा। वर्तमान में, सांविधिक चलनिधि अनुपात (एसएलआर) सकल मांग और मीयादी देयताओं (एनडीटीएल) का 19.5 प्रतिशत है। आगे, बैंकों के एलसीआर की गणना के उद्देश्य से परिसंपत्तियों को लेवल 1 उच्च गुणवत्ता चलनिधि परिसंपत्ति (एचक्यूएलए) के रूप में माना जाना चाहिए, अन्य बातों के साथ, इसमें शामिल हैं (अ) न्यूनतम एसएलआर आवश्यकता से अधिक सरकारी प्रतिभूतियां; और (आ) अनिवार्य एसएलआर आवश्यकता के भीतर, आरबीआई द्वारा (i) सीमांत स्थायी सुविधा (एमएसएफ) [वर्तमान में बैंक के एनडीटीएल का 2 प्रतिशत] और (ii) चलनिधि कवरेज अनुपात (एफएएलएलसीआर) के लिए चलनिधि की सुविधा प्राप्त करने [वर्तमान में बैंक के एनडीटीएल का 13 प्रतिशत] के तहत अनुमत सीमा तक सरकारी प्रतिभूतियां। एलसीआर आवश्यकता के साथ एसएलआर संरेखित करने के लिए, यह प्रस्ताव है कि हर कैलेंडर तिमाही में एसएलआर को 25 आधार अंक कम किया जाए जब तक कि एसएलआर एनडीटीएल के 18 प्रतिशत तक पहुंच जाए। जनवरी 2019 से शुरू होने वाली तिमाही से 25 आधार अंकों की पहली कटौती प्रभावी होगी।
4. प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंकों (यूसीबी) में प्रबंधन बोर्ड
श्री वाई.एच. मालेगाम की अध्यक्षता में नए शहरी सहकारी बैंकों (2010) के लाइसेंस पर गठित विशेषज्ञ समिति ने, अन्य बातों के साथ-साथ, सिफारिश की थी कि यूसीबी में अभिशासन को सुदृढ़ करने के उद्देश्य से प्रत्येक प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंक (यूसीबी) में निदेशक मंडल (बीओडी) के अलावा, प्रबंधन बोर्ड (बीओएम) का गठन किया जाए। इसे जनवरी 2015 में गठित शहरी सहकारी बैंकों (अध्यक्ष: श्री आर.गांधी) की उच्च अधिकार प्राप्त समिति द्वारा दोहराया गया था।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने 25 जून 2018 को यूसीबी में बीओएम बनाने का ड्राफ्ट दिशानिर्देश जारी किया था, जिसपर बैंकों और अन्य हितधारकों से टिप्पणियां आमंत्रित की गई थी। दिशानिर्देशों में प्रस्तावित किया गया है कि यूसीबी बीओएम को स्थापित करने के लिए अपने उप-कानूनों में प्रावधान करें। दिशानिर्देश यह भी प्रस्तावित करते हैं कि केवल यूसीबी, जिन्होंने अपने उप-कानूनों में ऐसा प्रावधान किया है, के लिए विनियामक अनुमोदन जैसे कि परिचालन के क्षेत्र में विस्तार और नई शाखाओं को खोलने की अनुमति दी जा सकती है।


(स्रोत-आरबीआई)
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Rajanish Kant गुरुवार, 6 दिसंबर 2018
MSME को आसानी से ऋण उपलब्‍ध कराने के लिए 59 मिनट का लोन पोर्टल
  • प्रधानमंत्री ने 12 महत्‍वपूर्ण घोषणाएं कीं
  • एमएसएमई को आसानी से ऋण उपलब्‍ध कराने के लिए 59 मिनट का लोन पोर्टल
  • सीपीएसई को एमएसएमई से 25 प्रतिशत की खरीदारी करना अनिवार्य होगा
  • कंपनी अधिनियम के तहत छोटे आर्थिक अपराधों से जुड़ी प्रक्रियाओं के सरलीकरण के लिए अध्‍यादेश

   प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी ने आज सूक्ष्‍म, लघु एवं मझोले उद्यम (एमएसएमई) सेक्‍टर के लिए एक ऐतिहासिक सहयोग एवं संपर्क कार्यक्रम का शुभारंभ किया। इस कार्यक्रम के तहत प्रधानमंत्री ने 12 महत्‍वपूर्ण घोषणाएं की हैं, जिनसे देश भर में एमएसएमई के विकास और विस्‍तार के साथ-साथ उन्‍हें सहूलियतें देने में मदद मिलेगी।
    प्रधानमंत्री ने कहा कि आज वह जिन 12 निर्णयों की घोषणा कर रहे हैं, वे एमएसएमई क्षेत्र के लिए एक नया अध्‍याय साबित होंगे। प्रधानमंत्री ने यह बात रेखांकित की कि एमएसएमई भारत के प्रमुख रोजगार दाताओं में से एक हैं। प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर लुधियाना की होजरी और वाराणसी की साड़ियों सहित लघु उद्योगों की गौरवशाली भारतीय परम्‍पराओं का स्‍मरण किया।
    प्रधानमंत्री ने कहा कि केन्‍द्र सरकार द्वारा लागू किए गए आर्थिक सुधारों की सफलता को ‘कारोबार में सुगमता’ सूचकांक में भारत द्वारा लगाई गई ऊंची छलांग में देखा जा सकता है। उन्‍होंने कहा कि इस सूचकांक में भारत चार वर्षों में 142वें पायदान से ऊपर चढ़कर 77वें पायदान पर पहुंच गया है।
   प्रधानमंत्री ने कहा कि एमएसएमई क्षेत्र की सहूलियत से जुड़े पांच महत्‍वपूर्ण पहलू हैं। इनमें ऋणों तक पहुंच, बाजार तक पहुंच, तकनीकी उन्‍नयन, कारोबार में सुगमता और कर्मचारियों के लिए सुरक्षा की भावना शामिल हैं। उन्‍होंने कहा कि इस सेक्‍टर को दीपावली के उपहार के रूप में वह 12 घोषणाएं कर रहे हैं, जिनसे इन पांचों पहलुओं में से प्रत्‍येक का निदान निकल आएगा।

ऋणों तक पहुंच
    प्रथम घोषणा के रूप में प्रधानमंत्री ने एमएसएमई को आसानी से ऋण उपलब्‍ध कराने के लिए 59 मिनट के लोन पोर्टल का शुभारंभ करने का ऐलान किया। उन्‍होंने कहा कि इस पोर्टल के जरिए सिर्फ 59 मिनट में एक करोड़ रुपये तक के ऋणों को सैद्धांतिक मंजूरी दी जा सकती है। उन्‍होंने कहा कि जीएसटी पोर्टल के जरिए इस पोर्टल का एक लिंक उपलब्‍ध कराया जाएगा। प्रधानमंत्री ने विशेष जोर देते हुए कहा कि ‘नये भारत’ में किसी को भी बार-बार बैंक के चक्‍कर नहीं काटने पड़ेंगे।   
     
     प्रधानमंत्री ने दूसरी घोषणा के रूप में सभी जीएसटी पंजीकृत सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) के लिए दो प्रतिशत ब्याज सब्सिडी देने का उल्लेख किया। शिपमेंट से पूर्व और शिपमेंट के बाद की अवधि में ऋण लेने वाले निर्यातकों के लिए प्रधानमंत्री ने ब्याज की छूट तीन प्रतिशत से बढ़ाकर पांच प्रतिशत करने की घोषणा की।
    प्रधानमंत्री की तीसरी घोषणा यह थी कि पांच सौ करोड़ रुपये से अधिक टर्नओवर वाली सभी कंपनियों को अब आवश्यक रूप से व्यापार प्राप्तियां ई-डिस्काउंटिंग प्रणाली (टीआरईडीएस) पोर्टल में शामिल किया जाए। उन्होंने कहा कि इस घोषणा में शामिल होने से उद्यमी अपनी आगामी प्राप्तियों के आधार पर बैंकों से ऋण ले सकेंगे। इससे उनके नकदी चक्र की समस्याएं हल हो जाएंगी।
बाजारों तक पहुंच
   प्रधानमंत्री ने कहा कि उद्यमियों की बाजार तक पहुंच के लिए केंद्र सरकार ने पहले ही अनेक कदम उठाए हैं। इस संदर्भ में उन्होंने चौथी घोषणा यह की कि सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियां को अब 20 प्रतिशत की बजाय अपनी कुल खरीदारी की 25 प्रतिशत खरीदारी एमएसएमई से करने के लिए कहा गया है।
   प्रधानमंत्री की पांचवी घोषणा महिला उद्यमियों से संबंधित हैं। उन्होंने कहा कि एमएसएमई से की गई आवश्यक 25 प्रतिशत खरीदारी में से 3 प्रतिशत खरीदारी अब महिला उद्यमियों के लिए आरक्षित की गई हैं।
   प्रधानमंत्री ने कहा कि डेढ़ लाख से अधिक आपूर्तिकर्ता अब जीईएम के साथ पंजीकृत हैं इनमें से 40 हजार एमएसएमई हैं। उन्होंने कहा जीईएम के माध्यम से अभी तक 14,000 करोड़ से भी अधिक मूल्य का लेनदेन हुआ है। उन्होंने छठी घोषणा यह की है कि केंद्र सरकार के सभी सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रमों को अब आवश्यक रूप से जीईएम का हिस्सा होना चाहिए। उन्होंने कहा कि उन्हें अपने सभी विक्रेताओं को जीईएम से पंजीकृत कराना चाहिए।
प्रौद्योगिकी उन्नयन
   प्रौद्योगिकी उन्नयन के बारे में प्रधानमंत्री ने कहा कि पूरे देश में स्थित टूल रूम्स अब उत्पाद डिजाइन के महत्वपूर्ण हिस्से हैं। उनकी सातवीं घोषणा यह थी कि पूरे देश में 22 केंद्र बनाए जाएंगे और टूल रूम के रूप में 100 स्पोक्स स्थापित किए जाएंगे।   
कारोबार में सुगमता
   कारोबार की सुगमता के बारे में प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी 8वीं घोषणा फार्मा कंपनियों के बारे में है। उन्‍होंने कहा कि फार्मा क्षेत्र के सूक्ष्‍मलघु एवं मध्‍यम उद्योगों (एमएसएमई) के लिए क्‍लस्‍टर बनाये जायेंगे। उन्‍होंने कहा कि इन क्‍लस्‍टर के निर्माण की लागत का 70 प्रतिशत केन्‍द्र सरकार वहन करेगी।
   प्रधानमंत्री ने कहा कि 9वीं घोषणा सरकारी प्रक्रियाओं के सरलीकरण के बारे में है। उन्‍होंने कहा कि 9वीं घोषणा यह है कि आठ श्रम कानूनों और 10 केन्‍द्रीय नियमों के तहत रिटर्न अब साल में एक ही बार फाइल किये जायेंगे।
    प्रधानमंत्री ने कहा कि 10वीं घोषणा यह है कि अब प्रतिष्‍ठानों का निरीक्षक द्वारा किये जाने वाला दौरा कंप्‍यूटर आधारित औचक आवंटन के जरिये तय किया जायेगा।
   प्रधानमंत्री ने कहा कि इकाई स्‍थापित करने के संबंध में उद्यमियों को दो क्‍लीयरेंस की जरूरत होती है- पर्यावरण क्‍लीयरेंस और इकाई स्‍थापित करने की रजामंदी। उन्‍होंने कहा कि 11वीं घोषणा यह है कि वायु प्रदूषण और जल प्रदूषण नियमों के तहत इन दोनों क्‍लीयरेंस को एकल अनुमति में समाविष्‍ट कर दिया गया है। उन्‍होंने कहा कि रिटर्न, स्‍व–प्रमाणीकरण के जरिये स्‍वीकार किया जायेगा।
  12वीं घोषणा के रूप में प्रधानमंत्री ने उल्‍लेख किया कि एक अध्‍यादेश लाया गया है, जिसके तहत कंपनी अधिनियम के संबंध में मामूली उल्‍लंघनों के लिए उद्यमी को अदालतों के चक्‍कर नहीं लगाने होंगे। उन्‍हें आसान प्रक्रियाओं के तहत दुरुस्‍त कर लिया जायेगा।
एमएसएमई सेक्‍टर के कर्मचारियों के लिए सामाजिक सुरक्षा
   प्रधानमंत्री ने एमएसएमई के सेक्‍टर के कर्मचारियों के लिए सामाजिक सुरक्षा का भी उल्‍लेख किया है। उन्‍होंने कहा कि यह सुनिश्चित करने के लिए एक मिशन शुरू किया जायेगा कि उन्‍हें जन-धन खाता, भविष्‍य निधि और बीमा उपलब्‍ध हो।
   प्रधानमंत्री ने कहा कि इन फैसलों से भारत में एमएसएमई सेक्‍टर को मजबूत बनाने में सहायता होगी। उन्‍होंने कहा कि अगले 100 दिनों के दौरान इस आउटरीच कार्यक्रम के कार्यान्‍वयन की गहन निगरानी की जायेगी।      
(Source: pib.nic.in)

Rajanish Kant शुक्रवार, 2 नवंबर 2018
सितंबर में पर्सनल लोन में 15 प्रतिशत का इजाफा
बैंक ऋण का क्षेत्रवार विनियोजन –सितंबर 2018

बैंक ऋण के क्षेत्रवार विनियोजन पर चयनित 41 अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों से सितंबर 2018 माह के एकत्र आंकड़े जो सभी अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों द्वारा विनियोजित कुल गैर-खाद्य ऋण में लगभग 90 प्रतिशत का हिस्‍सा रखते हैं, विवरण-। और विवरण-।। में दिए गए हैं।
बैंक ऋण के क्षेत्रवार विनियोजन के आंकड़ों के मुख्य अंश निम्‍नानुसार हैं :
  • वर्ष-दर-वर्ष (वाई-ओ-वाई) आधार पर, गैर-खाद्य बैंक ऋण में सितंबर 2017 में 6.1 प्रतिशत वृद्धि की तुलना में सितंबर 2018 में 11.3 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई।
  • कृषि और संबद्ध क्रियाकलापों के लिए दिए गए ऋण में सितंबर 2018 में 5.8 प्रतिशत तक की वृद्धि हुई जिस दर पर सितंबर 2017 में वृद्धि दर्ज की गई थी।
  • उद्योग के लिए दिए गए ऋण में सितंबर 2017 के 0.4 प्रतिशत की कमी की तुलना में सितंबर 2018 में 2.3 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई। ‘बुनियादी सुविधा क्षेत्र’ ‘टेक्सटाइल’, ‘रसायन और उसके उत्‍पाद’, और सभी प्रकार की अभियांत्रिकी’ में वृद्धि हुई। तथापि, ‘मूल धातु और धातु उत्पाद’, ‘सीमेंट और सीमेंट उत्पाद’, ‘हीरे और जवाहारात’ तथा ‘पेपर और पेपर उत्पाद’ के ऋण में संकुचन / कमी हुई।
  • सेवा क्षेत्र के लिए दिए गए ऋण में सितंबर 2017 में दर्ज 7.0 प्रतिशत की तुलना में सितंबर 2018 में 24.0 प्रतिशत की वृद्धि हुई।
  • वैयक्तिक ऋणों में सितंबर 2017 में हुई 16.8 प्रतिशत की वृद्धि की तुलना में सितंबर 2018 में 15.1 प्रतिशत की वृद्धि हुई।
(सौ. www.rbi.org.in)
('बिना प्रोफेशनल ट्रेनिंग के शेयर बाजार जरूर जुआ है'
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Rajanish Kant गुरुवार, 1 नवंबर 2018