RBI की अंतर-बैंक हिंदी निबंध प्रतियोगिता: 2025-26

 भारतीय रिज़र्व बैंक की अंतर-बैंक हिंदी निबंध प्रतियोगिता: 2025-26

आर्थिक/वित्त/बैंकिंग के साथ-साथ सामान्य रुचि के विषयों पर हिंदी में मौलिक लेखन को प्रोत्साहित करने के लिए भारतीय रिज़र्व बैंक प्रतिवर्ष अंतर-बैंक हिंदी निबंध प्रतियोगिता आयोजित करता है। भारतीय रिज़र्व बैंक, सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों तथा उनके द्वारा प्रायोजित क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों के सभी अधिकारी तथा स्टाफ-सदस्य (राजभाषा अधिकारियों और अनुवादकों को छोड़कर) इस प्रतियोगिता में भाग ले सकते हैं। वर्ष 2025-26 की उक्त प्रतियोगिता के लिए निम्नलिखित विषय रखा गया है:-

  • टैरिफ, विश्व व्यापार और भारत

प्रतिभागियों से उपर्युक्त विषय पर हिंदी में निबंध आमंत्रित किए जाते हैं। प्रविष्टि भेजने की अंतिम तारीख 20 जून 2025 (शुक्रवार) है।

2. प्रतियोगिता के लिए विभिन्न भाषिक समूहों के विवरण सहित नियम संलग्नक "क" में तथा प्रतियोगिता में भाग लेने वाले अधिकारियों/ कर्मचारियों द्वारा निबंध के साथ भेजे जाने वाले प्रमाणपत्र का प्रारूप संलग्नक "ख’’ में दिया गया है। प्रत्येक भाषिक समूह के लिए प्रतियोगिता के विजेताओं को प्रथम, द्वितीय, तृतीय एवं दो प्रोत्साहन पुरस्कार के लिए क्रमशः 14,000/-, 10,000/-, 8,000/- एवं 3,000/- की राशि प्रदान की जाएगी।

3. सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों तथा उनके द्वारा प्रायोजित क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों से अनुरोध है कि वे इसके बारे में अपने बैंक में कार्यरत समस्त अधिकारियों तथा स्टाफ-सदस्यों को अवगत कराएं।

(साभार: www.rbi.org.in)

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Rajanish Kant शनिवार, 31 मई 2025
Vehicle Loans और Credit Card Outstanding की वृद्धि में गिरावट- RBI

बैंक ऋण का क्षेत्रवार अभिनियोजन – अप्रैल 2025



अप्रैल 20251 माह के लिए 41 चुनिंदा अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों (एससीबी) से जुटाए गए बैंक ऋण के क्षेत्रवार अभिनियोजन संबंधी आंकड़े, जो सभी एससीबी बैंकों द्वारा अभिनियोजित कुल खाद्येतर ऋण का लगभग 95 प्रतिशत होता है, विवरण I और II में दिए गए हैं।

वर्ष-दर-वर्ष (व-द-व) आधार पर, 18 अप्रैल 2025 को समाप्त पखवाड़े की स्थिति के अनुसार खाद्येतर बैंक ऋण2 में 11.2 प्रतिशत की वृद्धि हुई3, जबकि पिछले वर्ष के इसी पखवाड़े (अर्थात 19 अप्रैल 2024) के दौरान यह 15.3 प्रतिशत थी।

18 अप्रैल 2025 को समाप्त पखवाड़े की स्थिति के अनुसार बैंक ऋण3 के क्षेत्रवार अभिनियोजन की मुख्य बातें नीचे दी गई हैं:

  • कृषि और संबद्ध कार्यकलापों हेतु प्रदत्त ऋण में 9.2 प्रतिशत (व-द-व) की वृद्धि दर्ज की गई (पिछले वर्ष के इसी पखवाड़े में 19.8 प्रतिशत)।

  • उद्योग क्षेत्र को प्रदत्त ऋण में 6.7 प्रतिशत (व-द-व) की वृद्धि हुई, जो पिछले वर्ष के इसी पखवाड़े में 6.9 प्रतिशत थी। प्रमुख उद्योगों में, 'मूल धातु और धातु उत्पाद', 'सभी अभियांत्रिकी', 'वाहन, वाहन कलपुर्जे और परिवहन उपकरण', 'कपड़ा' तथा 'निर्माण' को बकाया ऋण में तेज वर्ष-दर-वर्ष वृद्धि दर्ज की गई। तथापि, आधारभूत संरचना खंड में ऋण वृद्धि में गिरावट आई।

  • सेवा क्षेत्र को प्रदत्त ऋण कम होकर 11.2 प्रतिशत (व-द-व) रह गया (पिछले वर्ष के इसी पखवाड़े में 19.5 प्रतिशत), जो मुख्य रूप से ‘गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों’ (एनबीएफसी) को प्रदत्त ऋण में मंद वृद्धि के कारण थी। ‘व्‍यापार’ और ‘कंप्यूटर सॉफ्टवेयर’ खंड में ऋण वृद्धि (व-द-व) में तेजी बनी रही।

  • वैयक्तिक ऋण खंड हेतु प्रदत्त ऋण में 14.5 प्रतिशत (व-द-व) की मंद वृद्धि दर्ज की गई, जबकि एक वर्ष पहले यह 17.0 प्रतिशत थी, जिसका मुख्य कारण 'अन्य व्यक्तिगत ऋण', 'वाहन ऋण' और 'क्रेडिट कार्ड बकाया' की वृद्धि में गिरावट थी।

(साभार: www.rbi.org.in)

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Rajanish Kant
अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों की ऋण और जमा दरें – मई 2025

 अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों की ऋण और जमा दरें – मई 2025

मई 2025 माह के दौरान प्राप्त अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों (एससीबी) (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों और लघु वित्त बैंकों को छोड़कर) की ऋण और जमा दरों के आंकड़े तालिका 1 से 7 में दर्शाए गए हैं।

मुख्य बातें:

ऋण दरें:

  • एससीबी के नए रुपया ऋणों पर भारित औसत उधार दर (डब्ल्यूएएलआर) अप्रैल 2025 में 9.26 प्रतिशत (मार्च 2025 में 9.35 प्रतिशत) रही।

  • एससीबी के बकाया रुपया ऋणों पर डब्ल्यूएएलआर मार्च 2025 में 9.77 प्रतिशत से घटकर अप्रैल 2025 में 9.70 प्रतिशत हो गई।1

  • एससीबी की एक वर्ष की माध्यिका निधि की सीमांत लागत आधारित उधार दर (एमसीएलआर) अप्रैल 2025 में 9.00 प्रतिशत से कम होकर मई 2025 में 8.95 प्रतिशत हो गई।

जमा दरें:

  • एससीबी के नए रुपया मीयादी जमा पर भारित औसत घरेलू मीयादी जमा दर (डब्ल्यूएडीटीडीआर) मार्च 2025 में 6.65 प्रतिशत की तुलना में अप्रैल 2025 में 6.30 प्रतिशत रही।

  • एससीबी के बकाया रुपया मीयादी जमा पर भारित औसत घरेलू मीयादी जमा दर (डब्ल्यूएडीटीडीआर) अप्रैल 2025 में 7.01 प्रतिशत (मार्च 2025 में 7.03 प्रतिशत) थी।1

1 बैंक के साथ गैर-बैंक के विलय के प्रभाव को आंकड़ों में शामिल नहीं किया गया है।


(साभार: www.rbi.org.in)

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Rajanish Kant
RBI ने Kunbi Sahakari Bank (कुणबी सहकारी बैंक) पर जुर्माना लगाया, जानिये क्यों और कितना

भारतीय रिज़र्व बैंक ने कुणबी सहकारी बैंक लिमिटेड, मुंबई, महाराष्ट्र पर मौद्रिक दंड लगाया



भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 27 मई 2025 के आदेश द्वारा कुणबी सहकारी बैंक लिमिटेड, मुंबई, महाराष्ट्र (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा पर्यवेक्षी कार्रवाई ढांचा (एसएएफ) के अंतर्गत जारी विशिष्ट निदेशों और भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी ‘अपने ग्राहक को जानिए (केवाईसी)’ संबंधी कतिपय निदेशों के अननुपालन के लिए 2.50 लाख (दो लाख पचास हजार रूपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बीआर अधिनियम की धारा 46(4)(i) और 56 के साथ पठित धारा 47ए(1)(सी) के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।

31 मार्च 2024 को बैंक की वित्तीय स्थिति के संदर्भ में भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा बैंक का सांविधिक निरीक्षण किया गया। भारतीय रिज़र्व बैंक के निदेशों के अननुपालन के पर्यवेक्षी निष्कर्षों और इससे संबंधित पत्राचार के आधार पर, बैंक को एक नोटिस जारी किया गया जिसमें उससे यह पूछा गया कि वह कारण बताए कि उक्त निदेशों के अनुपालन में विफलता के लिए उस पर दंड क्यों न लगाया जाए। नोटिस पर बैंक के उत्तर, इसके द्वारा की गई अतिरिक्त प्रस्तुतियों और व्यक्तिगत सुनवाई के दौरान की गई मौखिक प्रस्तुतियों पर विचार करने के बाद, भारतीय रिज़र्व बैंक ने, अन्य बातों के साथ-साथ, यह पाया कि बैंक के विरुद्ध निम्नलिखित आरोप सिद्ध हुए हैं, जिसके लिए मौद्रिक दंड लगाया जाना आवश्यक है:

बैंक ने:

  1. एसएएफ के अंतर्गत जारी निदेशों का अनुपालन न करते हुए, ऐसे नए ऋण और अग्रिम स्वीकृत किए, जिनके लिए संपार्श्विक प्रतिभूति के रूप में मीयादी जमाराशियां/ एनएससी/ केवीपी/ बीमा पॉलिसियां नहीं ली गई थी और कतिपय मामलों में नए ऋण और अग्रिम के लिए लागू एकल एक्सपोज़र सीमा का भी उल्लंघन किया, तथा

  2. निर्धारित आवधिकता के अनुसार खातों के जोखिम वर्गीकरण की आवधिक समीक्षा करने में विफल रहा।

यह कार्रवाई, विनियामकीय अनुपालन में कमियों पर आधारित है और इसका उद्देश्य बैंक द्वारा अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या करार की वैधता पर सवाल करना नहीं है। इसके अलावा, इस मौद्रिक दंड को लगाने से भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा बैंक के विरुद्ध की जाने वाली किसी भी अन्य कार्रवाई पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ेगा।

(साभार: www.rbi.org.in)

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आज (30-05-2025) शेयर बाजार का हाल

आज (30-05-2025) शेयर बाजार का हाल, सेंसेक्स, निफ्टी गिरा या चढ़ा, सबसे ज्यादा पैसा बनाने वाले 5 शेयर, सबसे ज्यादा पैसा डूबाने वाले 5 शेयर







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Rajanish Kant शुक्रवार, 30 मई 2025
RBI ने M/s N.Y.Leasing Private का पंजीकरण प्रमाणपत्र रद्द कर दिया, जानिये क्यों

भारतीय रिज़र्व बैंक ने अनियमित ऋण पद्धतियों के कारण मेसर्स एन.वाई.लीजिंग प्राइवेट लिमिटेड का
पंजीकरण प्रमाणपत्र निरस्त किया



भारतीय रिज़र्व बैंक ने भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 45-आईए (6) के अंतर्गत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए, निम्नलिखित गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी (एनबीएफसी) को जारी पंजीकरण प्रमाणपत्र (सीओआर) निरस्त कर दिया है:

एनबीएफ़सी का नामपंजीकृत कार्यालयीन पतापंजीकरण प्रमाणपत्र सं.पंजीकरण प्रमाणपत्र जारी करने की तारीखसेवा प्रदाता का नाम
(मोबाइल ऐप)
मेसर्स एन.वाई. लीजिंग प्राइवेट लिमिटेडप्लॉट नं.-54ए, तीसरी मंजिल, शिव पार्क, ओल्ड पालम रोड के पास, सेक्टर-15, द्वारका, दक्षिण पश्चिम दिल्ली, दिल्ली-110078सीओआर सं.14.0030006 मार्च 1998बर्धमान फिनटेक प्राइवेट लिमिटेड (शाइन लोन ऐप और करी कैश ऐप)

अतः उक्त कंपनी भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 45-आई के खंड (ए) के अंतर्गत यथापरिभाषित गैर-बैंकिंग वित्तीय संस्‍था का कारोबार नहीं करेगी।

उक्त सीओआर को भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा निरस्त किया गया है क्योंकि कंपनी ने अपने डिजिटल ऋण परिचालन में वित्तीय सेवाओं की आउटसोर्सिंग के संबंध में भारतीय रिज़र्व बैंक के दिशानिर्देशों का उल्लंघन किया है, जिसमें कंपनी ने अपने मूल निर्णय लेने वाले कार्यों, जैसे कि ग्राहकों को जोड़ना, उनकी समुचित जांच करना, ऋणों का संवितरण, चुकौतियों का संग्रह आदि के साथ-साथ अपने ग्राहक को जानिए (केवाईसी) सत्यापन को सेवा प्रदाता को आउटसोर्स किया।

(साभार: www.rbi.org.in)

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Rajanish Kant गुरुवार, 29 मई 2025
भारतीय अर्थव्यवस्था 2025-26 के दौरान सबसे तेजी से प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में से एक बनी रहेगी- RBI Annual Report for the Year 2024-25

भारतीय रिज़र्व बैंक ने आज, 2024-25 के लिए अपनी वार्षिक रिपोर्ट जारी की है। यह रिज़र्व बैंक के केंद्रीय निदेशक मंडल की एक सांविधिक रिपोर्ट है। इस रिपोर्ट में अप्रैल 2024 - मार्च 2025 की अवधि के लिए भारतीय रिज़र्व बैंक के कामकाज और गतिविधियों को शामिल किया गया है।


रिपोर्ट में कहा गया है कि भारतीय अर्थव्यवस्था 2025-26 के दौरान सबसे तेजी से प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में से एक बनी रहेगी। इसे निजी खपत मेें वृद्धि, बैंकों और कॉर्पोरेट के स्वस्थ तुलनापत्रों, सुगम वित्तीय स्थितियों और पूंजीगत व्यय पर सरकार के निरंतर जोर द्वारा समर्थन प्राप्त है। रिपोर्ट आगे कहती है कि आपूर्ति श्रृंखला के दबावों में कमी, वस्तुओं के वैश्विक कीमतों में नरमी और सामान्य से अधिक दक्षिण पश्चिम मॉनसून की संभावना के आधार पर उच्च कृषि उत्पादन 2025-26 में मुद्रास्फीति दृष्टिकोण के लिए अच्छा संकेत है। 

रिपोर्ट में हालांकि कुछ संभावित चुनौतियों का भी जिक्र किया गया है। रिपोर्ट के मुताबिक, अन्य बातों के अलावा, व्यापाार शुल्क नीतियोंं के निर्धारणों मेें बढ़ती अनिश्चितता के मद्देनजर, वैश्विक वित्तीय बाजारों की अति अस्थिर स्थिति के कारण वित्तीय बाजार उतार-चढ़ाव के छिटपुट दौर से गुजर सकता है। 

निर्यात क्षेत्र को बढ़ते भू-राजनीतिक तनाव, स्वावलंबी बनने वाली नीतियों और प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं के बीच संभावित टैरिफ युद्ध के जोखिम के चलते कुछ प्रतिकुल परिस्थितियों का सामना करना पड़ सकता है। 

हालांकि, सुदृढ़ सेवा निर्यात और आवक विप्रषण के कारण सीएडी स्थिति अनुकूल बने रहने की संभावना है, जो 2025-26 में प्रमुख रूप से नियंत्रण में होगी। 

यह रिपोर्ट 318 पन्नों की है। 

रिपोर्ट को विस्तार से हिन्दी में पढ़ने के लिए इस लिंंक पर क्लिक करें 

(साभार: www.rbi.org.in)

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आज (29-05-2025) शेयर बाजार का हाल

आज (29-05-2025) शेयर बाजार का हाल, सेंसेक्स, निफ्टी गिरा या चढ़ा, सबसे ज्यादा पैसा बनाने वाले 5 शेयर, सबसे ज्यादा पैसा डूबाने वाले 5 शेयर 






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Rajanish Kant
RBI ने Transactree Technologies (‘Lendbox’) पर जुर्माना लगाया, जानें क्यों और कितना

भारतीय रिज़र्व बैंक ने ट्रांसेक्ट्री टेक्नोलॉजीज़ प्राइवेट लिमिटेड (‘लेंडबॉक्स’) पर मौद्रिक दंड लगाया



भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 23 मई 2025 के आदेश द्वारा ट्रांसेक्ट्री टेक्नोलॉजीज़ प्राइवेट लिमिटेड (जिसे “लेंडबॉक्स” भी कहा जाता है) (कंपनी) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी ‘गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी- पीयर टू पीयर लेंडिंग प्लेटफॉर्म (रिज़र्व बैंक) निदेश, 2017’ के कतिपय प्रावधानों के अननुपालन के लिए ₹40 लाख (चालीस लाख रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 58बी की उप-धारा (5) के खंड (एए) के साथ पठित धारा 58जी की उप-धारा (1) के खंड (बी) के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।

सितंबर 2023 में भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा कंपनी की जांच की गई थी। भारतीय रिज़र्व बैंक के निदेशों के अननुपालन के पर्यवेक्षी निष्कर्षों और उससे संबंधित पत्राचार के आधार पर, कंपनी को एक नोटिस जारी किया गया जिसमें उससे यह पूछा गया कि वह कारण बताए कि उक्त निदेशों के अनुपालन में विफलता के लिए उस पर दंड क्यों न लगाया जाए।

नोटिस पर कंपनी के उत्तर, इसके द्वारा की गई अतिरिक्त प्रस्तुतियों और व्यक्तिगत सुनवाई के दौरान की गई मौखिक प्रस्तुतियों पर विचार करने के बाद भारतीय रिज़र्व बैंक ने, अन्य बातों के साथ-साथ, यह पाया कि कंपनी के विरुद्ध निम्नलिखित आरोप सिद्ध हुए हैं, जिनके लिए मौद्रिक दंड लगाया जाना आवश्यक है:

कंपनी ने:

  1. निर्धारित ‘निधि अंतरण तंत्र’ का उल्लंघन करते हुए पी2पी प्लेटफॉर्म में ऋण खातों में संवितरित और वसूली गई राशि को ‘सह-उधार निलंब खाते’ के माध्यम से भेजा; तथा

  2. (क) संभावित ऋणदाताओं को उधारकर्ताओं के साख मूल्यांकन और जोखिम प्रोफाइल प्रकट नहीं किए; और (ख) व्यक्तिगत ऋणदाताओं की विशिष्ट स्वीकृति के बिना व्यक्तिगत उधारकर्ताओं को ऋण संवितरित किया।

यह कार्रवाई, विनियामकीय अनुपालन में कमियों पर आधारित है और इसका उद्देश्य कंपनी द्वारा अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या करार की वैधता पर सवाल करना नहीं है। इसके अलावा, इस मौद्रिक दंड को लगाने से भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा कंपनी के विरुद्ध की जाने वाली किसी भी अन्य कार्रवाई पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ेगा।


(साभार: www.rbi.org.in)

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Rajanish Kant रविवार, 25 मई 2025
RBI ने बैंकों में Inoperative Accounts/ Unclaimed Deposits- संबंधी परिपत्र के मसौदे पर सार्वजनिक टिप्पणियां मांगी

भारतीय रिज़र्व बैंक ने बैंकों में निष्क्रिय खाते/ अदावी जमाराशियाँ - संशोधित अनुदेश (संशोधन) 2024 संबंधी परिपत्र के मसौदे पर सार्वजनिक टिप्पणियां आमंत्रित की



कृपया दिनांक 1 जनवरी 2024 के बैंकों में निष्क्रिय खाते/अदावी जमाराशियाँ - संशोधित अनुदेश संबंधी परिपत्र के पैराग्राफ 6.1 में उल्लिखित अनुदेशों का संदर्भ ग्रहण करें। रिज़र्व बैंक ने बैंकों में निष्क्रिय खाते/ अदावी जमाराशियाँ - संशोधित अनुदेश (संशोधन) 2025 संबंधी परिपत्र का मसौदे जारी किया है जो उपर्युक्त अनुदेशों को संशोधित करता है।

परिपत्र के मसौदे पर जन सामान्य/ हितधारकों से 6 जून 2025 तक टिप्पणियाँ आमंत्रित की गई हैं। टिप्पणियाँ/ प्रतिक्रिया रिज़र्व बैंक की वेबसाइट पर उपलब्ध ‘कनेक्ट 2 रेगुलेट’ खंड के अंतर्गत लिंक के माध्यम से प्रस्तुत की जा सकती हैं या वैकल्पिक रूप से निम्नलिखित पते या ईमेल पर भेजी जा सकती है।

मुख्य महाप्रबंधक
कारोबार आचरण समूह
विनियमन विभाग, केंद्रीय कार्यालय
भारतीय रिज़र्व बैंक, 12/13वीं मंजिल
शहीद भगत सिंह मार्ग
फोर्ट मुंबई - 400 001
या
ईमेल द्वारा


(साभार: www.rbi.org.in)

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