Mutual Fund KYC करना अब हुआ आसान, नजदीकी पोस्टऑफिस में पूरी करें KYC प्रक्रिया

संचार मंत्रालय, भारत सरकार के अधीन डाक विभाग (डीओपी) और एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (एएमएफआई) ने 17 जुलाई, 2025 को मुंबई में एक महत्‍वपूर्ण समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर करके एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है। एएमएफआई के 30 जून, 2025 के आंकड़ों के अनुसार, लगभग 24.13 करोड़ म्यूचुअल फंड फोलियो (जिनमें 19.04 करोड़ इक्विटी, हाइब्रिड और सॉल्यूशन-ओरिएंटेड स्कीम शामिल हैं) के लिए केवाईसी (अपने ग्राहक को जानें) सत्यापन को सुव्यवस्थित किया जाएगा। डाक विभाग की ओर से सुश्री मनीषा बंसल बादल, जीएम, (व्यावसायिक विकास) और एएमएफआई के मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री वीएन चलसानी ने समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए।


 

मुंबई में आयोजित समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर समारोह के दौरान डाक विभाग की महाप्रबंधक (व्यावसायिक विकास) सुश्री मनीषा बंसल बादल और एएमएफआई के मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री वीएन चलसानी

वित्त वर्ष 2023 में लगभग 4 मिलियन नए निवेशक, वित्त वर्ष 2024 में 6.9 मिलियन और वित्त वर्ष 2025 में 9.7 मिलियन नए निवेशक जुड़ने की प्रभावशाली साल-दर-साल निवेशक प्रवृत्ति के साथ, यह ऐतिहासिक समझौता एएमएफआई के तहत सभी एसेट मैनेजमेंट कंपनियों (एएमसी) को उनके विशाल और बढ़ते निवेशक आधार के लिए निर्बाध केवाईसी अनुपालन सुनिश्चित करके पूरे भारत में परिचालन दक्षता और वित्तीय समावेशन को बढ़ाकर लाभ पहुंचाएगा।

डाक विभाग इस समझौते के तहत अपने 1.64 लाख से ज़्यादा डाकघरों के व्यापक नेटवर्क के ज़रिए केवाईसी सत्यापन और दस्तावेज़ संग्रह सेवाएं प्रदान करेगा। इससे म्यूचुअल फ़ंड निवेशकों के लिए कुशल अनुपालन भी सुनिश्चित होगा। भारत के म्यूचुअल फ़ंड उद्योग का प्रतिनिधित्व करने वाला एएमएफआई, अपने सदस्य एएमसी की ओर से इस पहल को सुगम बनाएगा ताकि केवाईसी पंजीकरण एजेंसियों (केआरए) के रिकॉर्ड में निवेशकों के लिए "केवाईसी सत्यापित" स्थिति प्राप्त की जा सके। यह साझेदारी तेज़ी से बढ़ते निवेशक आधार की केवाईसी सत्यापन आवश्यकताओं को पूरा करेगी, जिससे यह सुनिश्चित होगा कि अनुमानित 9.7 मिलियन नए निवेशक सालाना निर्बाध रूप से जुड़ेंगे।

यह समझौता ज्ञापन डाक कर्मचारियों को केवाईसी फॉर्म भरने, स्व-सत्यापित दस्तावेजों का फिर से सत्यापन करने और उन्हें एएमसी को हस्तांतरित करने में निवेशकों की सहायता करने में सक्षम बनाता है। यह साझेदारी डाक विभाग की अभिनव सार्वजनिक-निजी भागीदारी सेवाएं प्रदान करने की प्रतिबद्धता और एएमएफआई के एक पेशेवर, निवेशक-अनुकूल म्यूचुअल फंड पारिस्थितिकी तंत्र को बढ़ावा देने के मिशन के अनुरूप है। इस पहल का उद्देश्य डाक विभाग की अद्वितीय पहुंच को एएमएफआई की विशेषज्ञता के साथ जोड़कर केवाईसी अनुपालन को और अधिक सुलभ बनाना है। विशेष रूप से दूरस्थ और कम सुविधा वाले क्षेत्रों में भारत के विशाल और बढ़ते निवेशक आधार के बीच म्यूचुअल फंड निवेश में अधिक भागीदारी को प्रोत्साहित किया जा सकेगा।

डाक विभाग के व्यवसाय विकास निदेशालय की महाप्रबंधक सुश्री मनीषा बंसल बादल ने कहा, "यह सहयोग वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देने और देश भर के निवेशकों के लिए केवाईसी प्रक्रियाओं को सरल बनाने के लिए हमारे व्यापक डाक बुनियादी ढांचे का उपयोग करता है।" एएमएफआई के मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री वीएन चलसानी ने कहा, "यह समझौता ज्ञापन देश के कोने-कोने में रहने वाले पुराने निवेशकों के लिए नियामक अनुपालन सुनिश्चित करने की दिशा में उद्योग के प्रयासों में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह पहल निवेशकों को अपने फोलियो को पुनर्जीवित करने और म्यूचुअल फंडों में निर्बाध निवेश जारी रखने में मदद करेगी।"

यह समझौता जुलाई 2025 से एक वर्ष के लिए प्रभावी है। यह नवीकरणीय है और इसमें सख्त गोपनीयता उपाय, सेबी नियमों का अनुपालन और निवेशक डेटा की सुरक्षा के लिए मज़बूत सुरक्षा उपाय शामिल हैं। यह पहल भारत के वित्तीय क्षेत्र में निवेशक सेवा और परिचालन दक्षता में एक नया मानक स्थापित करने के लिए तैयार है।

सोशल मीडिया लिंक-

(साभार- PIB)

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Rajanish Kant शुक्रवार, 18 जुलाई 2025
RBI ने दि लक्ष्मी विष्णु सहकारी बैंक पर जुर्माना लगाया, जानें क्यों और कितना

भारतीय रिज़र्व बैंक ने दि लक्ष्मी विष्णु सहकारी बैंक लिमिटेड, इचलकरंजी, महाराष्ट्र पर मौद्रिक दंड लगाया

भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 14 जुलाई 2025 के आदेश द्वारा दि लक्ष्मी विष्णु सहकारी बैंक लिमिटेड, इचलकरंजी, महाराष्ट्र (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी ‘निदेशकों, उनके रिश्तेदारों और उन फर्मों/संस्थाओं, जिनमें उनका हित हो, को ऋण और अग्रिम’ संबंधी कतिपय निदेशों के अननुपालन के लिए 20,000.00/- (बीस हजार रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 46(4)(i) और 56 के साथ पठित धारा 47ए(1)(सी) के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।

31 मार्च 2024 को बैंक की वित्तीय स्थिति के संदर्भ में भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा बैंक का सांविधिक निरीक्षण किया गया। भारतीय रिज़र्व बैंक के निदेशों के अननुपालन के पर्यवेक्षी निष्कर्षों तथा उससे संबंधित पत्राचार के आधार पर, बैंक को एक नोटिस जारी किया गया, जिसमें उससे यह पूछा गया कि वह कारण बताए कि उक्त निदेशों के अनुपालन में विफलता के लिए उस पर दंड क्यों न लगाया जाए। नोटिस पर बैंक के उत्तर, व्यक्तिगत सुनवाई के दौरान की गई मौखिक प्रस्तुतियों और इसके द्वारा की गई अतिरिक्त प्रस्तुतियों पर विचार करने के बाद, भारतीय रिज़र्व बैंक ने, अन्य बातों के साथ-साथ, यह पाया कि बैंक के विरुद्ध निम्नलिखित आरोप सिद्ध हुआ है, जिसके लिए मौद्रिक दंड लगाया जाना आवश्यक है:

बैंक ने अपने एक निदेशक को ऋण की मंजूरी दी थी।

यह कार्रवाई, विनियामकीय अनुपालन में कमियों पर आधारित है और इसका उद्देश्य बैंक द्वारा अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या करार की वैधता पर सवाल करना नहीं है। इसके अलावा, इस मौद्रिक दंड को लगाने से भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा बैंक के विरुद्ध की जाने वाली किसी भी अन्य कार्रवाई पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ेगा।

(साभार- www.rbi.org.in)

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RBI ने ठाणे डिस्ट्रिक्ट सेंट्रल कोऑपरेटिव बैंक पर जुर्माना लगाया, जानें क्यों और कितना

 भारतीय रिज़र्व बैंक ने ठाणे डिस्ट्रिक्ट सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, ठाणे, महाराष्ट्र पर मौद्रिक दंड लगाया


भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 14 जुलाई 2025 के आदेश द्वारा ठाणे डिस्ट्रिक्ट सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, ठाणे, महाराष्ट्र (बैंक) पर 


भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी ‘अपने ग्राहक को जानिए (केवाईसी)’ संबंधी कतिपय निदेशों के अननुपालन के लिए 2.10 लाख (दो लाख दस हजार रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बैंककारी विनियमन अधिनियम की धारा 46(4)(i) और 56 के साथ पठित धारा 47ए(1)(सी) के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।

31 मार्च 2024 को बैंक की वित्तीय स्थिति के संदर्भ में नाबार्ड द्वारा बैंक का सांविधिक निरीक्षण किया गया। भारतीय रिज़र्व बैंक के निदेशों के अननुपालन के पर्यवेक्षी निष्कर्षों तथा उससे संबंधित पत्राचार के आधार पर, बैंक को एक नोटिस जारी किया गया, जिसमें उससे यह पूछा गया कि वह कारण बताए कि उक्त निदेशों के अनुपालन में विफलता हेतु उस पर दंड क्यों न लगाया जाए। नोटिस पर बैंक के उत्तर, इसके द्वारा की गई अतिरिक्त प्रस्तुतियों और व्यक्तिगत सुनवाई के दौरान की गई मौखिक प्रस्तुतियों पर विचार करने के बाद, भारतीय रिज़र्व बैंक ने, अन्य बातों के साथ-साथ, यह पाया कि बैंक के विरुद्ध निम्नलिखित आरोप सिद्ध हुआ है, जिसके लिए मौद्रिक दंड लगाया जाना आवश्यक है:

बैंक निर्धारित अवधि के अनुसार अपने ग्राहकों के केवाईसी को आवधिक अद्यतन करने की प्रणाली स्थापित करने में विफल रहा।

यह कार्रवाई विनियामकीय अनुपालन में कमियों पर आधारित है और इसका उद्देश्य बैंक द्वारा अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या करार की वैधता पर सवाल करना नहीं है। इसके अलावा, इस मौद्रिक दंड को लगाने से भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा बैंक के विरुद्ध की जाने वाली किसी भी अन्य कार्रवाई पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ेगा।

(साभार- www.rbi.org.in)

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RBI ने मांडवी नागरिक सहकारी बैंक पर जुर्माना लगाया, जानें क्यों और कितना

 भारतीय रिज़र्व बैंक ने दि मांडवी नागरिक सहकारी बैंक लिमिटेड, मांडवी, जिला सूरत, गुजरात पर मौद्रिक दंड लगाया

भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 11 जुलाई 2025 के आदेश द्वारा दि मांडवी नागरिक सहकारी बैंक लिमिटेड, मांडवी, जिला सूरत, गुजरात (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी ‘अग्रिमों का प्रबंधन - यूसीबी’ संबंधी कतिपय निदेशों के अननुपालन के लिए 2.00 लाख (दो लाख रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बैंककारी विनियमन अधिनियम की धारा 46(4)(i) और 56 के साथ पठित धारा 47ए(1)(सी) के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।

31 मार्च 2024 को बैंक की वित्तीय स्थिति के संदर्भ में भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा बैंक का सांविधिक निरीक्षण किया गया। भारतीय रिज़र्व बैंक के निदेशों के अननुपालन के पर्यवेक्षी निष्कर्षों तथा उससे संबंधित पत्राचार के आधार पर, बैंक को एक नोटिस जारी किया गया, जिसमें उससे यह पूछा गया कि वह कारण बताए कि उक्त निदेशों के अनुपालन में विफलता के लिए उस पर दंड क्यों न लगाया जाए। नोटिस पर बैंक के उत्तर और व्यक्तिगत सुनवाई के दौरान की गई मौखिक प्रस्तुतियों पर विचार करने के बाद, भारतीय रिज़र्व बैंक ने, अन्य बातों के साथ-साथ, यह पाया कि बैंक के विरुद्ध निम्नलिखित आरोप सिद्ध हुआ है, जिसके लिए मौद्रिक दंड लगाया जाना आवश्यक है:

बैंक अपने द्वारा स्वीकृत ऋण के संबंध में निधियों का अंतिम उपयोग सुनिश्चित करने में विफल रहा।

यह कार्रवाई विनियामकीय अनुपालन में कमियों पर आधारित है और इसका उद्देश्य बैंक द्वारा अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या करार की वैधता पर सवाल करना नहीं है। इसके अलावा, इस मौद्रिक दंड को लगाने से भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा बैंक के विरुद्ध की जाने वाली किसी भी अन्य कार्रवाई पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ेगा।

(साभार- www.rbi.org.in)

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RBI ने सर्वोदय नागरिक सहकारी बैंक पर जुर्माना लगाया, जानें क्यों और कितना

भारतीय रिज़र्व बैंक ने सर्वोदय नागरिक सहकारी बैंक लिमिटेड, हिम्मतनगर, जिला, साबरकांठा, गुजरात पर मौद्रिक दंड लगाया



भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 11 जुलाई 2025 के आदेश द्वारा सर्वोदय नागरिक सहकारी बैंक लिमिटेड, हिम्मतनगर, जिला, साबरकांठा, गुजरात (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी ‘प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंकों (यूसीबी) के लिए व्यापक साइबर सुरक्षा ढांचा - एक क्रमबद्ध दृष्टिकोण’ और ‘प्राधिकृत भुगतान प्रणालियों का उपयोग करके विफल लेनदेन के लिए टर्न अराउंड टाइम (टीएटी) और ग्राहक क्षतिपूर्ति का सामंजस्य’ संबंधी कतिपय निदेशों के अननुपालन के लिए 3.00 लाख (तीन लाख रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बैंककारी विनियमन अधिनियम की धारा 46(4)(i) और 56 के साथ पठित धारा 47ए(1)(सी) तथा भुगतान और निपटान प्रणाली अधिनियम, 2007 की धारा 26(6) के साथ पठित धारा 30(1) के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।

31 मार्च 2024 को बैंक की वित्तीय स्थिति के संदर्भ में भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा बैंक का सांविधिक निरीक्षण किया गया। भारतीय रिज़र्व बैंक के निदेशों के अननुपालन के पर्यवेक्षी निष्कर्षों तथा उससे संबंधित पत्राचार के आधार पर, बैंक को एक नोटिस जारी किया गया, जिसमें उससे यह पूछा गया कि वह कारण बताए कि उक्त निदेशों के अनुपालन में विफलता के लिए उस पर दंड क्यों न लगाया जाए। नोटिस पर बैंक के उत्तर और व्यक्तिगत सुनवाई के दौरान की गई मौखिक प्रस्तुतियों पर विचार करने के बाद, भारतीय रिज़र्व बैंक ने, अन्य बातों के साथ-साथ, यह पाया कि बैंक के विरुद्ध निम्नलिखित आरोप सिद्ध हुआ है, जिसके लिए मौद्रिक दंड लगाया जाना आवश्यक है:

बैंक:

  1. निर्धारित आवधिकता के अनुसार अपने इंटरनेट फेसिंग मोबाइल एप्लिकेशन का भेद्यता मूल्यांकन (वीए) और प्रवेश परीक्षण (पीटी) आयोजित करने; और

  2. कतिपय असफल आईएमपीएस और यूपीआई लेनदेन, जो निर्धारित समय-सीमा के भीतर स्वतःवापस नहीं किए गए थे, के लिए क्षतिपूर्ति प्रदान करने में विफल रहा।

यह कार्रवाई विनियामकीय अनुपालन में कमियों पर आधारित है और इसका उद्देश्य बैंक द्वारा अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या करार की वैधता पर सवाल करना नहीं है। इसके अलावा, इस मौद्रिक दंड को लगाने से भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा बैंक के विरुद्ध की जाने वाली किसी भी अन्य कार्रवाई पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ेगा।

(साभार- www.rbi.org.in)

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आज इन कंपनियों के वित्तीय नतीजे- Reliance Industries, Aarti Drugs, Bandhan Bank, Hindustan Zinc, IndiaMART InterMESH, Indian Overseas Bank, JSW Steel, Khaitan (India), Mangalore Refinery and Petrochemicals

आज - Reliance Industries, Aarti Drugs, Bandhan Bank, Hindustan Zinc, IndiaMART InterMESH, Indian Overseas Bank, JSW Steel, Khaitan (India), Mangalore Refinery and Petrochemicals  समेत इन कंपनियों के वित्तीय नतीजे पर नजर रहेगी। कंपनियां इन दिनों अप्रैल-जून तिमाही के नतीजे की घोषणा कर रही है। कंपनियों के नतीजे का असर कंपनियों के शेयरों की कीमत पर होता है। 




आज नतीजे की घोषणा करने वाली कंपनियों की लिस्ट- 

Security CodeSecurity NameResult Date
524348AARTIDRUGS18 Jul 2025
533029ALKALI18 Jul 2025
520121ARCEEIN18 Jul 2025
502015ASIIL18 Jul 2025
500027ATUL18 Jul 2025
541153BANDHANBNK18 Jul 2025
505703DECANBRG18 Jul 2025
544271GARUDA18 Jul 2025
531531HATSUN18 Jul 2025
500188HINDZINC18 Jul 2025
538838ICL18 Jul 2025
511473INDBANK18 Jul 2025
542726INDIAMART18 Jul 2025
532388IOB18 Jul 2025
511208IVC18 Jul 2025
522285JAYNECOIND18 Jul 2025
500228JSWSTEEL18 Jul 2025
530163KERALAYUR18 Jul 2025
590068KHAITANLTD18 Jul 2025
533519LTF18 Jul 2025
515059MADHUDIN18 Jul 2025
523754MAHEPC18 Jul 2025
523704MASTEK18 Jul 2025
532440MPSLTD18 Jul 2025
500109MRPL18 Jul 2025
539819MUDRA18 Jul 2025
539016NEIL18 Jul 2025
532460PONNIERODE18 Jul 2025
500325RELIANCE18 Jul 2025
531324ROSELABS18 Jul 2025
530617SAMPRE18 Jul 2025
539267SAMSRITA18 Jul 2025
532323SHIVACEM18 Jul 2025
500421TPINDIA18 Jul 2025
540189UPROTECH18 Jul 2025
533257WAAREEINDO18 Jul 2025
533520YAARI18 Jul 2025


(साभार: www.bseindia.com)

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1-कोऑपरेटिव हाउसिंग सोसायटी में रहने वाले हर लोगों के लिए जरूरी किताब।
2-अचानक की गई बंदी इंसान को संभलने का मौका नहीं देती। ऐसे में आनंद के साथ जीने के उपाय क्या हैं। मेरी इस किताब में पढ़िये...बंदी में कैसे रहें बिंदास" 
3-अमीर बनने के लिए पैसों से खेलना आना चाहिए। पैसों से खेलने की कला सीखने के लिए पढ़िये...
4-बच्चों को फाइनेंशियल एजुकेशन क्यों देना चाहिए पर हिन्दी में किताब- 'बेटा हमारा दौलतमंद बनेगा' - 
5-अमीर बनने की ख्वाहिश हममें से हर किसी की होती है, लेकिन इसके लिए लोगों को पैसे से पैसा बनाने की कला तो आनी चाहिए। कैसे आएगी ये कला, पढ़िये - 'आपका पैसा, आप संभालें' - 
6-इंसान के पास संसाधन या मार्गदर्शन हो या ना हो, सपने जरूर होने चाहिए। सिर्फ सपने के सहारे भी कामयाब होने वालों की दुनिया में कमी नहीं है। - 'जब सपने बन जाते हैं मार्गदर्शक' -
7-बेटियों को बहादुर बनने दीजिए और बनाइये, ये समय की मांग है,  "बेटी तुम बहादुर ही बनना " -
8 -अपनी हाउसिंग सोसायटी को जर्जर से जन्नत बनाने के लिए पढ़ें,  डेढ़ साल बेमिसाल -

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Rajanish Kant