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बैंकों ने कर्ज महंगा करना शुरू कर दिया, जानें किन बैंकों ने बढ़ाई कर्ज की ब्याज दरें
मोदी राज में रिजर्व बैंक द्वारा पहली बार रेपो रेट में चौथाई परसेंट का इजाफा किए जाने के बाद बैंकों ने कर्ज की दरों में बढ़ोतरी करना शुरू कर दिया है। हालांकि, कुछ बैंकों ने तो रिजर्व बैंक के रेपो रेट बढ़ाने के फैसले से पहले ही कर्ज की दरों को महंगा कर दिया था। 

आपको बता दूं कि रिजर्व बैंक कमर्शियल बैंकों को जिस रेट पर कर्ज देता है वह रेपो रेट कहलाता है। बैंकों को कई बार पैसों की जरूरत होती है तो वो रिजर्व बैंक से रात भर के लिए कर्ज लेते हैं। अब यह कर्ज रिजर्व बैंक ने महंगा कर दिया है। तो जब बैंकों को ही लोन महंगा मिलेगा तो जाहिर है बैंक भी अपने ग्राहकों को महंगा लोन ही देंंगे। 

रिजर्व बैंक द्वारा रेपो रेट बढ़ाए जाने के बाद इंडियन बैंक और करुर वैश्य बैंक ने अलग-अलग अवधि के MCLR (धनराशि आधारित उधार दर, निधि आधारित उधार दर, कोष आधारित उधार दर - Marginal Cost of Funds based Lending Rate) में बढ़ोतरी कर दी है जबकि बैंक ऑफ महाराष्ट्रा ने जल्द ही कर्ज महंगा करने के संकेत दिये हैं। इंडियन बैंक ने 3 महीने से लेकर 5 साल तक के लोन का एमसीएलआर 0.10 प्रतिशत बढ़ा दिया है। करुर वैश्य  बैंक ने भी 6 महीने से लेकर 1 साल तक के लोन का एमसीएलआर 0.10 प्रतिशत बढ़ा दिया है। 

वहीं स्टेट बैंक,  आईसीआईसीआई बैंक, एचडीएफसी बैंक और बैंक ऑफ बड़ौदा ने रिजर्व बैंक द्वारा रेपो रेट बढ़ाए जाने के पहले ही कर्ज की दरों में बढ़ोतरी कर दी थी। 

Rajanish Kant गुरुवार, 7 जून 2018
SBI, ICICI बैंक, HDFC, PNB के लोन हुए महंगे

SBI, ICICI बैंक, HDFC, PNB के लोन हुए महंगे

Rajanish Kant शनिवार, 2 जून 2018
इलाहाबाद बैंक के कर्ज होंगे सस्ते, एमसीएलआर में कटौती, 12 जून से लागू होंगी नई दरें
इलाहाबाद बैंक ने एमसीएलआर ( Marginal Cost Of Funds Based Lending Rate-कोष की सीमांत लागत) पर आधारित कर्ज की दरों में कटौती की घोषणा की है। इससे बैंक के कर्ज सस्ते हो जाएंगे। बैंक की नई दरें 12 जून से लागू होंगी।

बैंक ने एक साल की अवधि के कर्ज पर ब्याज दरों को 0.10 प्रतिशत घटाते हुए इसे 8.60 प्रतिशत से 8.50 प्रतिशत कर दिया है। वहीं, एक महीने, तीन महीने और छह महीने की एमसीएलआर पर आधारित कर्ज की दरों में 0.15 प्रतिशत की कटौती कर दी है।

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Rajanish Kant शनिवार, 10 जून 2017
इंडियन ओवरसीज बैंक ने एमसीएलआर में कटौती की, कर्ज हुए सस्ते
रिजर्व बैंक ने हाल की अपनी मौद्रिक पॉलिसी बैठक में भले ही ब्याज दरों में कटौती नहीं की है, लेकिन बैंक कर्ज की दरों में कमी कर रहे हैं। एसबीआई, बैंक ऑफ इंडिया के बाद इंडियन ओवरसीज बैंक ने भी लोन सस्ता करने की घोषणा की है। इंडियन ओवरसीज बैंक ने एक साल के लोन पर एमसीएलआर यानी मार्जिनल कॉस्ट ऑफ लेंडिंग रेट ( कर्ज की दर तय करने की नई व्यवस्था) 0.10 प्रतिशत घटाकर 8.55 प्रतिशत कर दिया है।  

अगर आप इंडियन ओवरसीज बैंक रातभर के लिए लोन लेते हैं तो आपको अब 8.35 प्रतिशत, एक महीने के लोन पर 8.40 प्रतिशत,तीन महीने के लोन पर 8.45 प्रतिशत जबकि छह महीने के लोन पर 8.50 प्रतिशत ब्याज देना होगा। नई दरें 10 मई से लागू हो गईं हैं। 

इससे पहले भारतीय स्टेट बैंक ने 30 लाख रुपए से कम के होम लोन पर ब्याज दरों में चौथाई परसेंट की कटौती की है।  दूसरी ओर, बैंक ऑफ इंडिया ने एमसीएलआर यानी मार्जिनल कॉस्ट ऑफ लेंडिंग रेट ( कर्ज की दर तय करने की नई व्यवस्था) 0.05-0.10%  घटाकर 8.25-8.40% कर दिया है।  बैंक ने तीन महीने के लोन की ब्याज दर 0.05 प्रतिशत जबकि 6 महीने से एक साल के लोन पर ब्याज दर 0.10 प्रतिशत कम की है।  
(बैंक ऑफ इंडिया ने एमसीएलआर में कटौती की, कर्ज सस्ते हुए 
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Rajanish Kant गुरुवार, 11 मई 2017
बैंक ऑफ इंडिया ने एमसीएलआर में कटौती की, कर्ज सस्ते हुए
रिजर्व बैंक ने अप्रैल की मौद्रिक पॉलिसी बैठक में भले ही ब्याज दरों में कटौती नहीं की हो, लेकिन बैंक कर्ज की दरों में कमी कर रहे हैं। देश के सबसे बड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक ने 30 लाख रुपए से कम के होम लोन पर ब्याज दरों में चौथाई परसेंट की कटौती की है। 
दूसरी ओर, बैंक ऑफ इंडिया ने एमसीएलआर यानी मार्जिनल कॉस्ट ऑफ लेंडिंग रेट ( कर्ज की दर तय करने की नई व्यवस्था) 0.05-0.10%  घटाकर 8.25-8.40% कर दिया है।  बैंक ने तीन महीने के लोन की ब्याज दर 0.05 प्रतिशत जबकि 6 महीने से एक साल के लोन पर ब्याज दर 0.10 प्रतिशत कम की है।  
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Rajanish Kant मंगलवार, 9 मई 2017
कर्नाटका बैंक के ग्राहकगण कृप्या ध्यान दें, होम और कार लोन सस्ता हो गया है
कर्नाटका बैंक ने मौद्रिक पॉलिसी समिति बैठक से पहले अपने ग्राहकों को सौगात दी है। बैंक ने एमसीएलआर यानी कोष की सीमांत लागत दर में 25-55 आधार अंक यानी 0.22-0.55 प्रतिशत तक कमी कर दी है। नई दरें एक अप्रैल से लागू हो गईं हैं। एमसीएलआर में इस कटौती के बाद कर्ज लेना सस्ता हो गया है। 

बैंक के इस फैसले के बाद ओवरनाइट टेन्योर के लिए एमसीएलआर 8.90 प्रतिशत से घटकर 8.40 प्रतिशत और एक महीने की घटकर 9 प्रतिशत से 8.45 प्रतिशत हो गई है यानी अगर आप इतने दिनों के लिए कर्ज लेते हैं तो आपको इन दरों पर ब्याज चुकाना होगा। 

उसी तरह तीन महीने की एमसीएलआर 9.05 प्रतिशत से 8.55 प्रतिशत, छह महीने की 9.10 प्रतिशत से 8.70 प्रतिशत और एक साल की 9.15 प्रतिशत से 8.90 प्रतिशत हो गई है। आपको बता दें कि मौद्रिक पॉलिसी समिति ब्याज दरों पर फैसला के लिए बुधवार और गुरुवार को बैठक करेगी। ज्यादातर जानकारों का मानना है कि इस बैठक में नीतिगत दर मौजूदा स्तर पर ही रहेगी यानी कोई बदलाव नहीं होगा। 

भारतीय स्टेट बैंक से कर्ज लेना हुआ सस्ता

Rajanish Kant मंगलवार, 4 अप्रैल 2017
होम लोन का बोझ करें कम, बेस रेट से MCLR की ओर चलें हम, जानें कैसे
भई, होम लोन की दरों को लेकर बड़ा कन्फ्यूजन है। एक मेरे मित्र हैं, वो अक्सर इसको लेकर रोना रोते हैं। मैंने पूछा क्या हुआ। उन्होंने कहा कि देखिये ना, बैंक वाले कर्ज की दर में कटौती तो करते हैं लेकिन मेरा होम लोन का ब्याज जस का तस है। ना तो ईएमआई राशि में कमी आती है,ना ही होम लोन की अवधि में और ना ही ब्याज दर में। मैंने पूछा कि आपने होम लोन कब लिया था, उन्होंने कहा कि 2010 में। तब मैं सारा मामला उनको समझाया। दरअसल, ब्याज दर के मामले में कई होम लोन ग्राहकों को इन दिनों इस तरह के उलझन से गुजरना पड़ रहा है। 

हुआ यूं कि अप्रैल 2016 से कर्ज पर ब्याज दर तय करने की नई व्यवस्था लागू की गई है जो कि  एमसीएलआर यानी Marginal Cost Of  Funds Lending Rates (कोष की सीमांत लागत उधारी दर) कहलाती है। इसकी खासियत ये है कि लोन देने की लागत यानी कॉस्ट ऑफ फंडिंग पर ये दर घटती-बढ़ती है। यानी अगर कॉस्ट ऑफ फंडिंग बढ़ती है तो ब्याज दर तुरंत बढ़ा दी जाती है और अगर कॉस्ट ऑफ फंडिंग घटती है तो ब्याज दर में तुरंत कमी कर दी जाती है। यही वजह है कि जब भी रिजर्व बैंक रेपो रेट कम करता है, बैंक भी कर्ज पर ब्याज दरों में कमी कर देते हैं। लेकिन, इसका फायदा सिर्फ नए ग्राहकों को ही मिलता है या फिर जिन लोगों ने एमसीएलआर पर कर्ज ले रखा है, उनको मिलता है। 


शायद, अब भी आप नहीं समझे होंगे कि आपका कर्ज सस्ता क्यों नहीं होता है, मैंने अपने मित्र से पूछा। उन्होंने हां में सर हिलाया। फिर मैंने उनको स्पष्ट किया कि आपने या तो बेस रेट के आधार पर या फिर बीपीएलआर यानी बेंचमार्क प्राइम लेंडिंग रेट्स के आधार पर होम लोन लिया होगा। तब उन्होंने कहा कि उन्होंने बेस रेट के आधार पर कर्ज लिया है। मैंने उनसे कहा कि एमसीएलआर में बदलाव का फायदा उन्हीं को मिलता है जिनलोगों ने इसके तहत लोन लिया है। हां, अगर बैंक बेस रेट या बीपीएलआर में कटौती करते हैं तभी इसके तहत रेट्स में कमी होती है। फिलहाल बीपीएलआर या बेस रेट एमसीएलआर के मुकाबले ज्यादा है। अलग-अलग बैंक अलग-अलग ब्याज दर वसूलते हैं।   

तब उन्होंने पूछा कि बेस रेट या बीपीएलआर से एमसीएलआर में लोन ट्रांसफर करने का तरीका क्या है और क्या ऐसा करने से उनको फायदा होगा। ये सवाल शायद आपको भी परेशान करता होगा। तो, आइए जानते हैं कि जानकार इस बारे में क्या कहते हैं.....

-लोन ट्रांसफर करने से पहले आप इससे होने वाले फायदा और ट्रांसफर की लागत देख लीजिए। 

-एक बात और एमसीएलआर फ्लोटिंग प्रोडक्ट नहीं है बल्कि हाइब्रिड प्रोडक्ट है। मतलब, आपने जिस रेट पर लोन लिया है, वही रेट लागू नहीं रहेगा, बल्कि आगे जब भी इसमें बदलाव होगा, आपके रेट में भी बदलाव हो जाएगा। 

-अगर आप पूरी तरह से फ्लोटिंग रेट वाला लोन चाहते हैं तो आप ये देखें सबसे कम समय में रेट में बदलाव करने वाला बैंक कौन है

-बेस रेट से एमसीएलआर में लोन ट्रांसफर करने पर आपको कंवर्जन फीस देनी पड़ेगी। आमतौर पर यह फीस बैंक और लोन ट्रांसफर करने वाले पर 
निर्भर करती है। हां, अगर अगली बार रेट तय होने की तारीख तक आप मौजूदा बेस रेट से ईएमआई चुकाते हैं तो शायद आपको कंवर्जन फीस से मुक्त रखा जा सकता है। 

-अगर आप एक बैंक से दूसरे बैंक में लोन ट्रांसफर करते हैं तो उसमें शामिल होने वाले चार्ज हैं- लीगल चार्ज, वैल्यूएशन फीस, प्रोसेसिंग फीस, स्टैम्प ड्यूटी और अन्य चार्ज। माना जाता है कि कुल मिलाकर ये सभी चार्ज आपके बकाये लोन का 2-3% बैठ जाता है। 


चलिये, आपको दिखाते हैं एक जादू कि अगर कर्ज पर  ब्याज दर कम कराते हैं तो कैसे आपके पैसे बचते हैं। इसे एक  उदाहरण से समझाते  हैं कि लोन पर ब्याज दर में कमी से कैसे आपकी ईएमआई का बोझ कम होगा.....

मान लिया, आपने 20 लाख रुपए का होम लोन 15 साल के लिए 10% सालाना ब्याज पर लिया था। तो आपकी ईएमआई बनती है करीब-करीब 21492 रुपए प्रति माह। अब अगर आपको इतने ही होम लोन पर इतने ही साल के लिए 8.5% सालाना की दर से ब्याज देना पड़े तो आपकी ईएमआई होगी करीब 19695 रुपए यानी आपकी बचत हुई  21492-19695= 1797 रु.प्रति माह। 

अगर आपकी होमलोन की अवधि यानी 15 साल यानी 180 महीने के हिसाब से आपकी बचत की गणना की जाए तो यह होगी 180X1797=323460रु.। तो, ब्याज दर कम कराने से कितना फायदा होता है, ये तो समझ गए होंगे। 

अब सवाल उठता है कि क्या आप अगर बेंचमार्क प्राइम लेंडिंग रेट्स (बीपीएलआर) या फिर बेस रेट सिस्टम से बदलकर अपना होम लोन एमसीएलआर सिस्टम में करवाते हैं तो फायदा होगा या नहीं। 

जानकारों के मुताबिक, ऐसा करते समय कुछ बातों का ध्यान रखें कि क्या आपके लिए लोन ट्रांसफर करने का ये सही वक्त है...लोन ट्रांसफर करते समय बकाया लोन समेत ट्रांसफर में होने वाले दूसरे खर्चों मसलन, स्टैंप ड्यूटी या जहां लोन ट्रांसफर कर रहे हैं वहां की प्रोसेसिंग फीस  बगैरह और जिस बैंक में आपका मौजूदा लोन वहां पर ट्रांसफर करने के एवज में लिया जाने वाला चार्ज अगर कोई हो तो, इन सबको जोड़ना चाहिए, तब लोन ट्रांसफर करनेका फायदा या नुकसान का पता चलेगा। इसके अलावा, कुछ बैंक लोन ट्रांसफर के समय बकाया लोन का कुछ प्रतिशत जुर्माना के रूप में लेते हैं। यानी लोन ट्रांसफर के समय आप केवल ये ना देखें कि आपकी हर महीने ईएमआई की कितनी बचत हो रही है, बल्कि लोन ट्रांसफर के समय चुकाई गई स्टैंप ड्यूटी, प्रोसेसिंग फीस और बकाया लोन पर लगा जुर्माना भी शामिल कर लीजिएगा। तभी पता चलेगा कि लोन ट्रांसफर से आपको फायदा हो रहा है या नहीं। 

जानकारों के मुताबिक, आप लोन ट्रांसफर करें, यदि 

-जहां आपका मौजूदा लोन है और जहां आप लोन ट्रांसफर करना
चाहते हैं, दोनों के बीच कर्ज की दरों में कम से कम 0.50% का अंतर हो

-मौजूदा लोन चुकाने की अवधि 5 साल से अधिक हो

-मौजूदा कर्जदाता की सेवा से आप संतुष्ट ना हों

तो, अब आप समझ गए होंगे बीपीएलआर, बेस रेट, एमसीएलआर का घनचक्कर। 

((बैंक ऑफ बड़ौदा का सबसे सस्ता होम लोन की पेशकश, 8.35% की दर से देगा लोन, जानिए इसकी खास बातें 
((मौजूदा होम लोन ग्राहकों को HDFC का तोहफा
((क्रेडिट हेल्थ ठीक है,तो बेहतर है…
((अगर 'सोशल स्कोर' हो जानदार, तो झटफट मिले उधार 
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((शेयर बाजार: जब तक सीखेंगे नहीं, तबतक पैसे बनेंगे नहीं! 
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Rajanish Kant सोमवार, 30 जनवरी 2017