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भारत आने वाले यात्रियों के लिए UPI (यूपीआई) की उपलब्धता


भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 8 फरवरी 2023 को विकासात्मक और विनियामक नीतियों पर वक्तव्य में भारत आने वाले सभी यात्रियों को भारत में उनके प्रवास के दौरान एकीकृत भुगतान इंटरफ़ेस (यूपीआई) का उपयोग करते हुए स्थानीय भुगतान में सक्षम बनाने की सुविधा की घोषणा की थी। यह सुविधा आज से उपलब्ध करा दी गई है।

शुरुआत में, यह चुनिंदा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डों (बेंगलुरू, मुंबई और नई दिल्ली) पर जी-20 देशों के यात्रियों के लिए उपलब्ध है। पात्र यात्रियों को मर्चेंट आउटलेट्स पर भुगतान करने के लिए यूपीआई से जुड़े प्रीपेड पेमेंट इंस्ट्रूमेंट्स (पीपीआई) वॉलेट जारी किए जाएंगे। जी20 देशों के प्रतिनिधि भी विभिन्न बैठक स्थलों पर इस सुविधा का लाभ उठा सकते हैं। शुरूआत में, आईसीआईसीआई बैंक, आईडीएफसी फर्स्ट बैंक और दो गैर-बैंक पीपीआई जारीकर्ता, पाइन लैब्स प्राइवेट लिमिटेड और ट्रांसकॉर्प इंटरनेशनल लिमिटेड यूपीआई से जुड़े वॉलेट जारी करेंगे।

भारत आने वाले यात्री अब पूरे भारत में पांच करोड़ से अधिक मर्चेंट आउटलेट्स, जो क्यूआर कोड-आधारित यूपीआई भुगतान स्वीकार करते हैं, पर यूपीआई भुगतान की सुविधा का लाभ उठा सकते हैं।

(साभार- www.rbi.org.in)

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Rajanish Kant गुरुवार, 23 फ़रवरी 2023
UPI PayNow Linkage: सिंगापुर से पैसों का लेन-देन करना हुआ आसान

 


भारत और सिंगापुर के माननीय प्रधानमंत्रियों ने दोनों देशों के बीच तत्काल भुगतान प्रणाली सहबद्धता की शुरुआत की

श्री नरेंद्र मोदी, भारत के माननीय प्रधान मंत्री और श्री ली सियन लूंग, सिंगापुर के माननीय प्रधान मंत्री ने भारत और सिंगापुर के बीच उनके संबंधित त्वरित भुगतान प्रणालियों अर्थात एकीकृत भुगतान इंटरफ़ेस (UPI) और PayNow का उपयोग करके सीमापारीय सहबद्धता का शुभारंभ किया। श्री शक्तिकान्त दास, गवर्नर, भारतीय रिज़र्व बैंक और श्री रवि मेनन, प्रबंध निदेशक, मौद्रिक प्राधिकरण, सिंगापुर द्वारा UPI-PayNow सहबद्धता का उपयोग करते हुए टोकन लेनदेन के माध्यम से इस सुविधा की शुरूआत की गई।

2. UPI-PayNow सहबद्धता दोनों देशों में दो त्वरित भुगतान प्रणालियों के उपयोगकर्ताओं को उनके संबंधित मोबाइल ऐप का उपयोग करके सुविधाजनक, सुरक्षित, त्वरित और लागत प्रभावी सीमापारीय निधि अंतरण में सक्षम करेगा। बैंक खातों या ई-वॉलेट में उपलब्ध निधियों को केवल यूपीआई-आईडी, मोबाइल नंबर, या आभासी भुगतान पता (वीपीए) का उपयोग करके भारत में/से अंतरित किया जा सकता है।


3. शुरुआत में, भारतीय स्टेट बैंक, इंडियन ओवरसीज बैंक, इंडियन बैंक और आईसीआईसीआई बैंक आवक और जावक दोनों तरह के विप्रेषण की सुविधा प्रदान करेंगे, जबकि एक्सिस बैंक और डीबीएस इंडिया आवक विप्रेषण की सुविधा प्रदान करेंगे। सिंगापुर के उपयोगकर्ताओं के लिए, यह सेवा डीबीएस-सिंगापुर और लिक्विड ग्रुप (एक गैर-बैंक वित्तीय संस्थान) के माध्यम से उपलब्ध कराई जाएगी। समय के साथ अधिक संख्या में बैंकों को सहबद्धता में शामिल किया जाएगा।

4. उपरोक्त सहभागी बैंकों के ग्राहक बैंक के मोबाइल बैंकिंग ऐप/ इंटरनेट बैंकिंग का उपयोग करके सिंगापुर के लिए सीमापारीय विप्रेषण कर सकते हैं। शुरुआत में, एक भारतीय उपयोगकर्ता एक दिन में 60,000 (लगभग 1,000 एसजीडी के बराबर) तक विप्रेषित कर सकता है। लेन-देन करते समय, प्रणाली उपयोगकर्ता की सुविधा हेतु गतिशील रूप से दोनों मुद्राओं में राशि की गणना करेगी और उसे प्रदर्शित करेगी।



5. UPI-PayNow सहबद्धता भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई), सिंगापुर के मौद्रिक प्राधिकरण (एमएएस), और दोनों देशों के भुगतान प्रणाली संचालकों अर्थात एनपीसीआई इंटरनेशनल पेमेंट्स लिमिटेड (एनआईपीएल) और बैंकिंग कंप्यूटर सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड (बीसीएस), तथा सहभागी बैंकों/ गैर-बैंक वित्तीय संस्थान के बीच व्यापक सहयोग का उत्पाद है। यह अंतरसहबद्धता त्वरित, सस्ती और अधिक पारदर्शी सीमापारीय भुगतान की जी20 की वित्तीय समावेशन प्राथमिकताओं के साथ संरेखित है और भारत और सिंगापुर के बीच सीमापारीय भुगतान के लिए बुनियादी ढांचे के विकास में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर होगी।

अधिक विवरण अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न खंड के अंतर्गत https://www.rbi.org.in/hindi/Scripts/Faqs.aspx?ID=119 पर उपलब्ध हैं।


> अक्सर पूछे जाने वाले सवाल में जानें कौन कौन से मोबाइल एप करेंगे इस काम में आपकी मदद:

1. यूपीआई-पेनाउ लिंकेज के माध्यम से भारत और सिंगापुर के बीच प्रेषण लेनदेन कौन कर सकता है?

भारत और सिंगापुर में प्रतिभागी बैंकों और वित्तीय संस्थानों के खाताधारक यूपीआई-पेनाउ लिंकेज के माध्यम से सीमा पार प्रेषण लेनदेन कर सकते हैं।

2. यूपीआई-पेनाउ लिंकेज के माध्यम से प्रेषण प्राप्त करने के लिए भारत में कौन से भाग लेने वाले बैंक हैं?

वर्तमान में, यूपीआई-पे नउ लिंकेज के माध्यम से प्रेषण प्राप्त करने के लिए भारत में भाग लेने वाले बैंक हैं:

  • एक्सिस बैंक

  • डीबीएस बैंक इंडिया

  • आईसीआईसीआई बैंक

  • इंडियन बैंक

  • इंडियन ओवरसीज बैंक

  • भारतीय स्टेट बैंक

3. वर्तमान में भारत में कौन से बैंक यूपीआई-पेनाउ लिंकेज के माध्यम से प्रेषण भेजने में सक्षम हैं?

वर्तमान में यूपीआई-पेनाउ लिंकेज के माध्यम से प्रेषण हेतु भारत में निम्नलिखित बैंक सक्षम हैं:

  • आईसीआईसीआई बैंक

  • इंडियन बैंक

  • इंडियन ओवरसीज बैंक

  • भारतीय स्टेट बैंक

4. यूपीआई-पेनाउ लिंकेज के माध्यम से भारत से सिंगापुर को धन प्राप्त करने और भेजने के लिए कौन से ऐप/प्लेटफॉर्म का उपयोग किया जा सकता है?

प्रेषण प्राप्त करने और भेजने के लिए भारत के बैंकों, उनके यूपीआई हैंडल और के लिए प्लेटफॉर्म निम्नानुसार सारणीबद्ध हैं:

प्रेषण प्राप्त करनाप्रेषण भेजना
बैंकसक्षम किए गए यूपीआई हैंडलफीचरिंग ऐपबैंकएप्स/इंटरनेट बैंकिंग
एक्सिस बैंक@axisbankएक्सिस पेआईसीआईसीआई बैंकइंटरनेट बैंकिंग
डीबीएस बैंक इंडिया@dbsडीबीएस डिजीबैंकइंडियन बैंकमोबाइल ऐप (इंडओएसिस)
आईसीआईसीआई बैंक@iciciआईसीआईसी आईमोबाइलइंडियन ओवरसीज बैंकइंटरनेट बैंकिंग
इंडियन बैंक@indianbankइंडओएसिस
इंडियन ओवरसीज बैंक@iobभीम आईओबी पेभारतीय स्टेट बैंकमोबाइल एप (भीम एसबीआई पे)
स्टेट बैंक ऑफ इंडिया@sbiभीम एसबीआई पे

5. प्रेषण भेजने और प्राप्त करने के लिए सिंगापुर में भाग लेने वाली संस्थाएं और उनका वर्चुअल पेमेंट एड्रेस (वीपीए) कौन हैं?

यूपीआई-पेनाउ लिंकेज के लिए सक्षम सिंगापुर की संस्थाएं और उनके वीपीए इस प्रकार हैं:

बैंक / गैर-बैंकसक्षम किए गए वीपीए हैंडल
डीबीएस बैंक सिंगापुरपंजीकृत मोबाइल नंबर
लिक्विड ग्रुप (गैर-बैंक वित्तीय संस्थान)पंजीकृत मोबाइल नंबर जिसके बाद एक्सएनएपी है
(उदा., 123456789 एक्सएनएपी)

6. क्या मैं भारत में किसी भी सहभागी बैंक के अपने खाते में प्रेषण प्राप्त कर सकता हूँ, भले ही मेरी यूपीआई आईडी उसी बैंक में पंजीकृत न हो?

जिस बैंक में उपभोक्ता का खाता है वर्तमान में, उसी बैंक में पंजीकृत यूपीआई आईडी का उपयोग किया जा सकता है।

7. क्या यूपीआई-पेनाउ लिंकेज के माध्यम से सीमा पार प्रेषण लेनदेन करने के लिए कोई लेनदेन सीमा है?

लिंकेज के माध्यम से सीमा पार प्रेषण लेनदेन करने के लिए एक दिन में 60,000 की दैनिक लेनदेन सीमा है (लगभग 1,000 एसजीडी के बराबर)।

8. किन उद्देश्यों के लिए प्रेषण दोनों ओर से भेजे या प्राप्त किए जा सकते हैं?

वर्तमान में, "विदेश में रिश्तेदारों के रखरखाव" और "उपहार" के प्रयोजनों के लिए केवल व्यक्ति से व्यक्ति (पी2पी) प्रेषण की अनुमति है।

9. क्या लिंकेज के माध्यम से आवक लेनदेन प्राप्त करने के लिए सहमति का प्रावधान है?

हां, सिंगापुर से विप्रेषण प्राप्त करने के लिए भारत में भाग लेने वाले बैंकों के ऐप्स में ऑप्ट इन/ऑप्ट आउट सुविधा है।

10. इस लिंकेज का उपयोग करके लेनदेन करने में कितना समय लगेगा?

यूपीआई-पेनाउ लिंकेज के माध्यम से लेन-देन उसी तरह आसानी से किया जा सकता है जैसे यूपीआई या पेनाउ के माध्यम से घरेलू लेनदेन किया जाता है, और लेनदेन एक मिनट के भीतर पूरा किया जा सकता है।

11. भारत से विप्रेषण भेजते समय उदारीकृत विप्रेषण योजना (एलआरएस) के अंतर्गत सीमाएं इस लिंकेज पर कैसे लागू होंगी?

यूपीआई-पेनाउ लिंकेज लेनदेन में, उदारीकृत प्रेषण योजना (एलआरएस) के तहत "विदेश में रिश्तेदारों का भरण-पोषण" और "उपहार" के उद्देश्य से केवल व्यक्ति से व्यक्ति (पी2पी) प्रेषण की अनुमति है, और निर्धारित एलआरएस सीमा लागू होगी।

12. क्या यूपीआई-पेनाउ लिंकेज अन्य भारतीय बैंकों/वित्तीय संस्थानों को शामिल करेगा?

हां, आगे चलकर, यूपीआई-पेनाउ लिंकेज से भारत में और अधिक बैंकों और वित्तीय संस्थानों को शामिल करने की उम्मीद की जा सकती है।

13. मैं कब से अपने यूपीआई एप के माध्यम से यूपीआई-पेनाउ लिंकेज का उपयोग करते वित्तीय लेनदेन कर सकता हूँ?

भाग लेने वाले बैंक चरणबद्ध तरीके से अपने संबंधित यूपीआई ऐप में एक अपडेट जारी करेंगे और ग्राहकों को अपने यूपीआई ऐप को अपडेट करना होगा ताकि वैश्विक प्रेषण सुविधा को उनके एप में सक्षम किया जा सके।

ये अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न केवल सूचना और सामान्य मार्गदर्शन उद्देश्यों के लिए भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा जारी किए जाते हैं। उसके आधार पर की गई कार्रवाई और/या लिए गए निर्णयों के लिए रिज़र्व बैंक को जिम्मेदार नहीं ठहराया जाएगा।

(साभार- www.rbi.org.in)

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Rajanish Kant बुधवार, 22 फ़रवरी 2023
यूपीआई से डिजिटल लेनदेन करने वालों को राहत, एसबीआई और एचडीएफसी बैंक ने वापस लिया चार्ज
अगर आप स्मार्टफोन के जरिये एकीकृत भुगतान इंटरफ़ेस यानी यूपीआई भुगतान प्रणाली के जरिये लेन-देन करते हैं तो आपके लिए अच्छी खबर है। आपको तो पता ही होगा कि अभी हाल ही में देश के सबसे बड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक और एचडीएफसी बैंक ने इसके जरिये लेन-देन पर चार्ज लेने का फैसला किया था। लेकिन, आपको बता दें कि अब इन बैंकों ने यूपीआई पर लगने वाले चार्ज को वापस ले लियाहै। एनपीसीआई यानी नेशनल पेमेंट कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया से मीटिंग के बाद बैंकों ने ये फैसला लिया है और अब आगे की रणनीति तय करेंगे।  
बता दें कि यूनीफाइड पेमेंट इंटरफेस यानी यूपीआई के चालू होने के दो साल बाद बैंकों ने इसके जरिये मनी ट्रांसफर पर चार्ज लगाना शुरू कर दिया। इस मामले में भारतीय स्टेट बैंक ने एक जून से यह चार्ज लगाना शुरू कर दिया था जबकि निजी क्षेत्र के बड़े बैंक एचडीएफसी ने कस्टमर्स को ईमेल भेजकर यूपीआई ट्रांजैक्शंस पर चार्ज लागू करने की जानकारी दी थी। अकाउंट होल्डर्स को भेजे गए ई-मेल में एचडीएफसी बैंक ने कहा कि यूपीआई पर 10 जुलाई से चार्ज वसूला जाएगा।
स्टेट बैंक के अनुसार अगर आप स्टेट बैंक के अलावा किसी दूसरे बैंक के एटीएम से पैसे निकालते हैं तो आपको 20 रुपए अतिरिक्त चार्ज देना होगा। इसके अलावा एसबीआई के एटीएम से पांच से ज्यादा बार पैसे निकालने पर भी आपको 10 रुपए का अतिरिक्त चार्ज देना होगा।लेकिन अकाउंट में 25 हजार से अधिक बैलेंस रखने वालों के लिए राहत की खबर थी। ऐसे लोगों को एसबीआई एटीएम से पैसे निकालने पर कोई अतिरिक्त चार्ज नहीं देना होगा। जबकि 1 लाख रुपए से अधिक बैलेंस रखने पर आपको दूसरे बैंकों के एटीएम से पैसे निकालने पर कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं देना होगा।
वहीं, एचडीएफसी बैंक ने 10 जुलाई से चार्ज लगाने की बात कही थी, लेकिन अब कहा है कि एनपीसीआइ के साथ बैठक के बाद इसके बारे में फैसला किया जाएगा। उधर, नेशनल पेमेंट कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया ने कुछ समय पहले कहा था कि अभी तक यूपीआइ ने कोई चार्ज नहीं लगाया है लेकिन यूपीआइ और आइएमपीएस जैसे प्लेटफार्म के लिए दो लोगों के बीच मनी ट्रांसफर पर चार्ज लगाना बैंकों के विवेक पर निर्भर है।

क्या है यूपीआई:
) स्मार्टफोन का उपयोग: स्मार्टफोन के जरिये लेन-देन के दो मुख्य तरीके हैं:
A) एकीकृत भुगतान इंटरफ़ेस: यूपीआई भुगतान प्रणाली में स्मार्टफोन का इस्तेमाल करते हुए दो बैंकखातों के बीच धन हस्तांतरण कर सकते हैं। इसमें  ग्राहक अपने बैंक खाते से बिना क्रेडिट कार्ड डीटेल्स, आईएफएससी कोड, या नेट बैंकिंग/वॉलेट पासवर्ड की जानकारी दिए बिना विभिन्न व्यापारियों कोऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरह का भुगतान कर सकता है। इसके लिए किसी भी मौजूद बैंक से यूपीआई ऐप डाउनलोड करें और किसी भी बैंक खाते के साथ वर्चुअल प्राइवेट पता (VPA) स्थापित करें। फिर आप  VPA के साथ एम-पिन का उपयोग करते हुए किसी को भी धन हस्तांतरण कर सकते हैं। आप एक यूपीआई ऐप में विभिन्न बैंकों को एकीकृत कर सकते हैं।
B) ई-वॉलेट: पैसा रखने के लिए ये एक प्रीपेड अकाउंट है जिसके जरिये बिना डेबिट कार्ड, क्रेडिट कार्ड या इंटरनेट बैंकिंग पासवर्ड के इस्तेमाल के ही भुगतान कर सकते हैं। बस अपने ई-वॉलेट में पैसे डलवायें और जब जरूरत हो, इसका इस्तेमाल करें। ई-वॉलेट चार कदम की एक साधारण प्रक्रिया है:
1) मोबाइल वॉलेट या ई-वॉलेट ऐप डाउनलोड करें 
2) जानकारी देकर नया वॉलेट बनाएं और पंजीकरण कराएं
3) अपने बैंक से आईएमपीएस फंड ट्रांसफर, क्रेडिट कार्ड या 
डेबिट कार्ड का उपयोग कर अपने वॉलेट में पैसे डलवाये
4)ई-वॉलेट से भुगतान करें
कई तरह के वॉलेट हो सकते हैं जैसे बंद वॉलेट (जैसे फ्लिपकार्ट वॉलेट), अर्द्ध बंद वॉलेट (कई जगहों पर इस्तेमाल किया जा सकता है, लेकिन पैसे निकालना या मोचन (रिडेम्प्शन) संभव नहीं है जैसे कि पेटीएम और मोबीक्विक), खुले वॉलेट (जो बैंक द्वारा जारी किए जाते हैं जैसे एसबीआई बड्डी या एचडीएफसी चिल्लर)। पहले लोग वॉलेट यानि बटुए को अपने पॉकेट में रखते थे लेकिन आजकल इसी बटुए को अब मोबाइल में भी रख सकते है जिसे ई-वालेट / E-Wallet  कहते है इसके लिए हमारे पास खुद का एक बैंक अकाउंट होना जरुरी है और अपने बैंक अकाउंट के साथ अगर Intennetbanking का प्रयोग करते है तो हमारे लिए और भी अच्छा है
ई-वालेट / E-Wallet के लिए हमारे पास एक Smartphone के साथ उसमे Net Connectivity यानि Interent Facility भी होना जरुरी है जो आजकल लगभग सभी युवाओ के पास होता है तो अपने मोबाइल के Playstore में जाकर हमे Paytm, Freecharge, Mowikwik, Novapay या Payumoney जैसे App Download कर सकते है जिनके द्वारा इनमें से किसी App को Activate करने के बाद हमारा मोबाइल एक चलता फिरता बैंक या ई-वालेट / E-Wallet के रूप में तैयार है
तो आप जिस क्षेत्र में रह रहे है वहा पर पता करे की लोग कौन सा App ज्यादा Use कर रहे है उसके हिसाब से अपना ई-वालेट / E-Wallet Activate करें

Rajanish Kant शुक्रवार, 9 जून 2017
UPI प्लेटफॉर्म पर डिजिटल लेन-देन कैसे करें, जानें आसानी से
(Source: rbi.org.in)

Rajanish Kant सोमवार, 24 अप्रैल 2017
कैशलेस लेन-देन है आसान, जानें हर तरीका विस्तार से
आपका बैंक में अकाउंट है, आपके पास फीचर या स्मार्टफोन है, आपके पास आधार कार्ड है, इंटरनेट कनेक्टिविटी है, डेबिट/क्रेडिट कार्ड है,  तो फिर कैशलेस सोसाइटी का हिस्सा बनने में दिक्कत क्या है? 

कहते हैं कि दुनिया में बदलाव ही एकमात्र स्थाई चीज है, बाकी सबकुछ परिवर्तनशील है। इसलिए बदलाव के साथ बदलना जरूरी है ताकि आपकी किस्मत भी बदलती रहे। इतिहास में कई ऐसे उदाहरण हैं जिसमें बदलाव का विरोध अक्सर विरोध करने वालों के लिए नुकसानदेह साबित हुआ। हमारे यहां अभी कैशलेश इकोनॉमी की बात की जा रही है। सरकार कैशलेस सोसाइटी बनाने के लिए तमाम कोशिशें कर रही है। कैशलेश लेन-देन को लेकर लोगों में जागरूकता फैला रही है, कैशलेस लेन-देन को बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहन भी दे रही है। चलिए, सबसे पहले हम बात करते हैं कि ये कैशलेस लेन-देन होता क्या है। 

>कैशलेस लेन-देन का हिस्सा तो हम अभी भी हैं:
हममें से बहुत सारे लोग आज भी कैशलेस लेन-देन का हिस्सा हैं। जब आप चेक, ड्राफ्ट, ऑनलाइन डेबिट/क्रेडिट कार्ड, इंटरनेट बैंकिंग या मोबाइल ऐप से अपने घर  का सामान खरीदते हैं, कपड़े-जुते-मोबाइल फोन-किताब-मूवी टिकट, रेलवे का टिकट, हवाई जहाज का टिकट खरीदते हैं, होटल बुकिंग कराते हैं, या फिर जब आपकी कंपनी या सरकार आपके खाते में हर महीने की सैलरी या रीइम्बर्समेंट का हस्तांतरण करती है, इनकम
टैक्स भरते हैं, शेयर बाजार में ट्रेडिंग करते हैं, मकान या गाड़ी की ईएमआई चुकाते हैं, ड्राइविंग लाइसेंस बनवाते हैं, ड्रग लाइसेंस लेते हैं, जीएसटी नंबर लेते हैं, परीक्षा के लिए अर्जी देते हैं तो ये सब कैशलेस लेन-देन के ही उदाहरण हैं।  समझिए, पासवर्ड, यूजर नेम, मोबाइल पिन, मोबाइल वॉलेट, ऐप्स हमारी जिंदगी के अहम हिस्से हो गए हैं। 

कहने का मतलब हुआ कि आपके पास नकदी यानी कैश नहीं रहेगा, लेकिन अगर आपके बैंक खाते में नकदी है तो हर चीज आपकी मुट्ठी में रहेगी। आप जब कैशलेस लेन-देन करते रहेंगे तो आपके खाते से सीधे पैसे का हस्तांतरण वहां हो जाएगा, जहां से आप कोई खरीदारी करते हैं या फिर कुछ भी बुकिंग कराते हैं या फिर ईएमआई चुकाते हैं या इंश्योरेंस प्रीमियम भरते हैं, इनकम टैक्स-सेल्स टैक्स भरते हैं।   

>कैशलेस लेनदेन का क्या मतलब होता है ?
कैशलेस लेनदेनों का मतलब ऐसे सौदों से होता है जहाँ पर किसी वस्तु या सेवा को खरीदने के लिए भुगतान “कैश” के रूप में न करके ऑनलाइन तरीकों जैसे मोबाइल बैंकिंग, इन्टरनेट बैंकिंग,चेक, ड्राफ्ट या किसी अन्य तरीके से जैसे मोबाइल वॉलेट Paytm इत्यादि से होता है|

>कैशलेस लेन के क्या-क्या तरीके होते हैं  और कैसे इन तरीकों का इस्तेमाल कर सकते हैं।  
प्रीपेड कार्ड, डेबिट कार्ड, क्रेडिट कार्ड, रुपे डेबिट कार्ड, मास्टर कार्ड, फीचर मोबाइल फोन से, स्मार्टफोन से, ई-वॉलेट से, एईपीएस (आधार सक्षम भुगतान प्रणाली से), इंटरनेट बैंकिंग से, चेक, ड्राफ्ट। लेकिन, इन सबके लिए आपका बैंक अकाउंट होना जरूरी है। 

यहाँ चार अलग अलग तरीके है कि एक भारतीय नागरिक अपने दूसरे साथी नागरिक या एक विक्रेता को धन हस्तांतरण कर सकते हैं।
1) बैंक कार्ड का प्रयोग: डिजिटल भुगतान करने में मुख्य रूप से तीन प्रकार के बैंक कार्ड मदद करते हैं:

A) प्रीपेड कार्ड्स: ऐसे कार्ड्स बैंक द्वारा पहले से ही पैसे डालकर मिलते हैं। इससे केवल एक निश्चित सीमा के भीतर पैसे का सुरक्षित उपयोग कर सकते हैं। इसमें एक्सिस बैंक स्मार्ट वेतन, एचडीएफसी बैंक फोरेक्सप्लस कार्ड  आदि शामिल हैं।

B) एटीएम/डेबिट कार्ड्स:  ये कार्ड्स खाता खोलने के दौरान सभी खाता धारकों के लिए बैंकों द्वारा जारी किए जाते हैं। एटीएम से पैसे निकालने के अलावा डेबिट कार्ड का इस्तेमाल अलग पीओएस मशीन पर सामान खरीदने और ऑनलाइन शॉपिंग के लिए किया जा सकता है। रूपे डेबिट कार्ड, वीजा डेबिट कार्ड, मास्टर कार्ड डेबिट कार्ड, कुछ उल्लेख करने लायक उदाहरण हैं। 

C) क्रेडिट कार्ड्स: बैंकों द्वारा ये कार्ड्स उन ग्राहकों को जारी किए जाते हैं जिनके खाते में निश्चित रकम रहती है। ऐसे कार्ड्स का इस्तेमाल अलग-अलग पीओएस मशीन पर सामान खरीदने और ऑनलाइन शॉपिंग के लिए किया जाता है। पहले से ही बिना पैसा डाले क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल एटीएम से पैसे निकालने के लिए किया किया जा सकता है। उनका सीमित उपयोग है और पैसा हर महीने के अंत में कार्ड में जोड़ा जाता है।

> डेबिट कार्ड और क्रेडिट कार्ड में अंतर:
Debit Card हमारे खाते में रखे पैसो के निकालने के दिया जाता है जबकि Credit Card Processing हम बैंको द्वारा एक तरह से लोन पर दी जाने वाली राशि है। Credit Card Payment Gateway के लिए एक Amount निश्चित किया जाता है जिसका उपयोग हम निर्धारित समय में कर सकते है। इन पैसो का उपयोग करने के बाद हमें Credit Card का Payment करना होता है। Credit Card का भी ऑनलाइन पेमेंट किया जाता है। 

2)फीचर मोबाइल फोन का उपयोग: 
राष्ट्रीय एकीकृत यूएसएसडी प्लेटफार्म (NUUP) पर आधारित एक असंरचित पूरक सेवा डाटा (यूएसएसडी) से लैस मोबाइल फोन के जरिये अब मोबाइल बैंकिंग संभव है। मोबाइल पर*99# डायल करने से विभिन्न कार्यों की एक सूची सामने आएगी। इस तरह एनयूयूपी का उपयोग कर शेष राशि की जानकारी, मिनी स्टेटमेंट और धन हस्तांतरण जैसी सेवाएं ले सकते हैं। विशिष्ट मोबाइल फोन के जरिये धन हस्तांतरण के लिए खाता धारकों को अपने संबंधित बैंकों से एक एम-पिन और एमएमआईडी (मोबाइल मनी आइडेंटिफायर)लेने की जरूरत होती है। 

3) स्मार्टफोन का उपयोग: स्मार्टफोन के जरिये लेन-देन के दो मुख्य तरीके हैं:

A) एकीकृत भुगतान इंटरफ़ेस: यूपीआई भुगतान प्रणाली में स्मार्टफोन का इस्तेमाल करते हुए दो बैंकखातों के बीच धन हस्तांतरण कर सकते हैं। इसमें  ग्राहक अपने बैंक खाते से बिना क्रेडिट कार्ड डीटेल्स, आईएफएससी कोड, या नेट बैंकिंग/वॉलेट पासवर्ड की जानकारी दिए बिना विभिन्न व्यापारियों कोऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरह का भुगतान कर सकता है। इसके लिए किसी भी मौजूद बैंक से यूपीआई ऐप डाउनलोड करें और किसी भी बैंक खाते के साथ वर्चुअल प्राइवेट पता (VPA) स्थापित करें। फिर आप  VPA के साथ एम-पिन का उपयोग करते हुए किसी को भी धन हस्तांतरण कर सकते हैं। आप एक यूपीआई ऐप में विभिन्न बैंकों को एकीकृत कर सकते हैं।

B) ई-वॉलेट: पैसा रखने के लिए ये एक प्रीपेड अकाउंट है जिसके जरिये बिना डेबिट कार्ड, क्रेडिट कार्ड या इंटरनेट बैंकिंग पासवर्ड के इस्तेमाल के ही भुगतान कर सकते हैं। बस अपने ई-वॉलेट में पैसे डलवायें और जब जरूरत हो, इसका इस्तेमाल करें। ई-वॉलेट चार कदम की एक साधारण प्रक्रिया है:

1) मोबाइल वॉलेट या ई-वॉलेट ऐप डाउनलोड करें 
2) जानकारी देकर नया वॉलेट बनाएं और पंजीकरण कराएं
3) अपने बैंक से आईएमपीएस फंड ट्रांसफर, क्रेडिट कार्ड या 
डेबिट कार्ड का उपयोग कर अपने वॉलेट में पैसे डलवाये
4)ई-वॉलेट से भुगतान करें

कई तरह के वॉलेट हो सकते हैं जैसे बंद वॉलेट (जैसे फ्लिपकार्ट वॉलेट), अर्द्ध बंद वॉलेट (कई जगहों पर इस्तेमाल किया जा सकता है, लेकिन पैसे निकालना या मोचन (रिडेम्प्शन) संभव नहीं है जैसे कि पेटीएम और मोबीक्विक), खुले वॉलेट (जो बैंक द्वारा जारी किए जाते हैं जैसे एसबीआई बड्डी या एचडीएफसी चिल्लर)। पहले लोग वॉलेट यानि बटुए को अपने पॉकेट में रखते थे लेकिन आजकल इसी बटुए को अब मोबाइल में भी रख सकते है जिसे ई-वालेट / E-Wallet  कहते है इसके लिए हमारे पास खुद का एक बैंक अकाउंट होना जरुरी है और अपने बैंक अकाउंट के साथ अगर Intennetbanking का प्रयोग करते है तो हमारे लिए और भी अच्छा है

ई-वालेट / E-Wallet के लिए हमारे पास एक Smartphone के साथ उसमे Net Connectivity यानि Interent Facility भी होना जरुरी है जो आजकल लगभग सभी युवाओ के पास होता है तो अपने मोबाइल के Playstore में जाकर हमे Paytm, Freecharge, Mowikwik, Novapay या Payumoney जैसे App Download कर सकते है जिनके द्वारा इनमें से किसी App को Activate करने के बाद हमारा मोबाइल एक चलता फिरता बैंक या ई-वालेट / E-Wallet के रूप में तैयार है

तो आप जिस क्षेत्र में रह रहे है वहा पर पता करे की लोग कौन सा App ज्यादा Use कर रहे है उसके हिसाब से अपना ई-वालेट / E-Wallet Activate करे

4)आधार कार्ड का प्रयोग: 
आधार सक्षम भुगतान प्रणाली (AEPS)  आधार कार्ड का इस्तेमाल करते हुए किसी भी पीओएस या माइक्रो एटीएम के साथ पैसा भेजने या प्राप्त करने की आसान और सरल प्रक्रिया है। बस अपना यूनिक आधार संख्या अपने बैंक खाते से जोड़ें और बिना पिन या पासवर्ड के बायोमीट्रिक फिंगरप्रिंट का उपयोग कर लेनदेन करें। 

कोई भी भारतीय जिसके पास बैंक खाता है, ऊपर लिखित विधि से नकदी रहित डिजिटल भुगतान शुरू कर सकता है। हालांकि, सुरक्षित और निश्चित लेनदेन के लिए इन बातों का सख्ती से पालन करना होगा: 

1. हर लेन-देन का संदेश अलर्ट के लिए अपने बैंक में अपना मोबाइल नंबर पंजीकरण कराएं
2. कभी किसी के साथ अपना पिन या एम-पिन साझा ना करें 
3. इंटरनेट/मोबाइल बैंकिंग के लिए अपना पासवर्ड हमेशा बदलते रहें 
4. अपने बैंक खाते स्टेटमेंट की नियमित जांच करें 
5. कभी किसी सार्वजनिक कंप्यूटर या किसी के स्मार्टफोन का उपयोग लेनदेन के लिए मत करें 

>मोबाइल वॉलेट (M-wallet) की लिस्ट:
Airtel Money, Axis Bank Lime, Chillr, Citrus Pay,Freecharge,
FTcash, HDFC PayZapp, ICICI Pockets, Itzcash,Jio Money,mRupee
Oxigen Wallet, Paytm,PhonePe, SBI Buddy, Trupay,Vodafone M-Pesa

>मोबाइल वॉलेट कैसे ऐप डाउनलोड करें:
नकदी की किल्लत है और एटीएम से रकम निकलने की कोई गुंजाइश नजर नहीं आ रही है तो आप मोबाइल वॉलेट का इस्तेमाल कर सकते हैं। वॉलेट में किसी तरह का झंझट भी नहीं है और इसका तरीका एकदम सीधा है: 

अपने फोन पर किसी भी मोबाइल वॉलेट का ऐप डाउनलोड करें। आपको गूगल प्लेस्टोर जैसी वेबसाइट पर ये आसानी से मिल जाएंगे। अपने बैंक खाते से रकम इस ऐप में डाल लें और इसका इस्तेमाल शुरू कर दें। जब भी आप किसी दुकान पर खरीदारी करने जाएंगे तो आपको क्यूआर कोड के पास अपना फोन लेकर जाना होगा,उसे स्कैन करना होगा, जो भी रकम अदा करनी है, उसे आपने अपने फोन में भरा और चुटकी बजाते ही वह रकम दुकानदार के पास पहुंच जाएगी।

>चर्चा में Paytm कैसे करें इस्तेमाल?
Paytm एक ऐसा Mobile App बनाया गया है जिसको हर कोई आसानी से समझ सकता है इसके लिए सबसे पहले अपने मोबाइल में आप Paytm App Download कर ले और Paytm में Id बना लें।  इसके बाद अब अपने Mobile Number द्वारा Paytm में अपना Account बना ले इसके बाद Paytm App के अंदर कई सारे Option देखने को मिलेगे जिसमे My Wallet Option भी दिखाई देगा जिसमे हम अपने Debit Card, Credit Card या Internetbanking से Add Money Option से जितना चाहे उतना पैसा जमा कर सकते है। इसके बाद जब आपके Paytm के Wallet में पैसे Transfer कर लेते है तो अब हमारा Paytm Online Payment  के लिए तैयार है अब चाहे आप कही भी जाए तो तो कौन सा दुकानदार Paytm Use करता है या तो खुद पूछ सकते है या फिर इसके लिए खुद आपका Paytm आपकी Help करेगा इसके लिए आपको Paytm के Paytm Nearby Option में जाए फिर Location Details से उस Area की सभी Paytm Use करने वालो सभी दुकानों की List आपके मोबाइल फोन में होगी जिससे आप आसानी से Shopping कर सकते है

Paytm के सबसे बड़े दो फायदे यही है पहला एक तो इसके उपयोग में किये गये पैसे के लिए कोई हमे Surcharge नही देना पड़ता है और दूसरा सबसे बड़ा फायदा यह है की Paytm द्वारा हमारे उपयोग के उपर Paytm Cashback भी मिलता है यानी हमे इसका उपयोग करने पर कुछ धनराशी भी Paytm द्वारा हमारे Wallet में दिया जाता है और इसके अलावा Paytm Promo Code / Paytm Offers / Paytm Coupons/ Paytm Recharge / Paytm App द्वारा भी बहुत सारी छुट प्राप्त कर सकते है

और जब चाहे तब Paytm में जमा पैसे को किसी बैंक में न जाकर खुद से अपने Bank Account में Transfer कर सकते है।

तो, कैशलेस सोसाइटी का हिस्सा बनना है ना आसान। 


Rajanish Kant शुक्रवार, 9 दिसंबर 2016