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शेयर बाजार के लिए आज ऐतिहासिक दिन, सारे शेयरों पर T+1 सेटलमेंट सिस्टम लागू, जानें इसका मतलब


भारतीय शेयर बाजार के लिए आज यानी 27 जनवरी 2023 ऐतिहासिक दिन है। कैश सेगमेंट में शेयरों की खरीद-बिक्री के लिए सभी लिस्टेड शेयरों पर आज से T+1 सेटलमेंट सिस्टम लागू होगा। हालांकि, पायलट प्रोजेक्ट के आधार पर थोड़े थोड़े शेयरों पर पहले से इस सिस्टम को लागू करके परीक्षण किया जा रहा था। इससे पहले सारे शेयरों पर T+1 सेटलमेंट सिस्टम लागू था। 

T+1 सेटलमेंट का मतलब:

जब निवेशक या ट्रेडर शेयर खरीदते या बेचते हैं तो डीमैट अकाउंट में शेयर आने या बचत खाते में पैसे आने में कुछ समय लगता है। इसके लिए सेबी ने कुछ नियम बनाए हैं। इस नियम का पालन सभी स्टॉक एक्सचेंज और शेयर ब्रोकर को करना होता है। अभी तक भारत में केवल T+2 सेटलमेंट सिस्टम लागू है, यानी खरीद या बिक्री के ऑर्डर के 2 दिन में शेयरों का सेटलमेंट पूरा होता है। T+1 सेटलमेंट सिस्टम में शेयर खरीदने पर  24 घंटे के अंदर आपके डीमैट अकाउंट में वो शेयर आ जाएंगे  और उन शेयरों को बेचने पर उसके पैसे 24 घंटे के अंदर आपके सेविंग्स अकाउंट में आ जाएंगे। 

भारत में 2003 में T+2 (Trade+2) सेटलमेंट सिस्टम लागू हुआ था। 2001 से 2003 तक T+3 (Trade+3) सेटलमेंट सिस्टम लागू था। 2001 से पहले साप्ताहिक सेटलमेंट सिस्टम लागू था। यानी निवेशकों को शेयर बेचने के बाद उससे मिले पैसों को सेविंग्स खाते में पाने के लिए सात कामकाजी दिनों का इंतजार करना पड़ता था और शेयर खरीदने के बाद उन शेयरों को अपने डीमैट खाते में हासिल करने के लिए भी सात कामकाजी दिनों का इंतजार करना होता था। लेकिन, 27 जनवरी 2023 से इसके लिए केवल एक कामकाजी दिन यानी 24 घंटे का इंतजार करना होगा। 





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Rajanish Kant शुक्रवार, 27 जनवरी 2023
KFin Tech. (केफिन टेक.) का IPO 19 दिसंबर को खुलेगा, जानें खास खास बातें


तकनीक आधारित वित्तीय सेवा देने वाली कंपनी KFin Technologies. (केफिन टेक्नोलॉजीज.) का IPO 19 दिसंबर को खुलेगा और 21 दिसंबर को बंद हो जाएगा। कंपनी इस आईपीओ को जरिये करीब 2,400 करोड़ रुपए जुटाएगी। पूरा का पूरा आईपीओ ऑफर फॉर सेल (ओएफएस) होगा यानी आईपीओ के तहत केवल मौजूदा प्रोमोटर्स और शेयरहोल्डर्स के शेयर बेचे जाएंगे, बिक्री के लिए नए शेयर जारी नहीं किये जाएंगे। 

>IPO से जुड़ी खास खास बातें:

फेस वैल्यू ₹10 प्रति शेयर 
प्राइस बैंड₹347-₹366 प्रति शेयर 
लॉट साइज40 शेयर्स 
इश्यू साइज करीब ₹1,500.00 करोड़ 
ऑफर फॉर सेल करीब ₹1,500.00 करीब 
रिटेल निवेशक (कम से कम )1 लॉट40 शेयर्स₹14,640
रिटेल निवेशक (अधिक से अधिक 13 लॉट520 शेयर्स ₹190,320

घटना तारीख 
खुलने की तारीख 19 दिसंबर 
बंद होने की तारीख 21 दिसंबर 
अलॉटमेंट की तारीख 26 दिसंबर 
अलॉट नहीं होने पर पैसे वापसी की तारीख 27 दिसंबर 
डिमैट खाते में शेयर ट्रांसफर की तारीख 28 दिसंबर 
लिस्टिंग तारीख 29 दिसंबर 
इस आईपीओ को रजिस्ट्रार बिगशेयर सर्विसेस (Bigshare Services) है। इस आईपीओ के बुक रनिंग लीड मैनेजर्स आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज, कोटक महिंद्रा कैपिटल, जे.पी. मॉर्गन इंडिया, आईआईएफएल सिक्योरिटीज, जेफरीज इंडिया हैं। 
कंपनी 2017 से कारोबार कर रही है। यह कंपनी कंपनियों के आईपीओ की रजिस्ट्रार के तौर पर काम करती है। म्युचुअल फंड कंपनियों को समाधान देने का काम करती है। 46 भारतीय म्युचुअल फंड कंपनियों में से 27 कंपनी केफिन टेक. की ग्राहक हैं। नेशनल पेंशन सिस्टम (एनपीएस) के लिए केंद्रीय रिकॉर्डकीपिंग सेवा देने का काम करती है। केफिन 100 से ज्यादा फंड मैनेजर्स के करीब 300 एआईएफ (ऑल्टरनेटिव इन्वेस्टमेंट फंड्स) को संभाल रही है। 

('बिना प्रोफेशनल ट्रेनिंग के शेयर बाजार जरूर जुआ है'

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Rajanish Kant बुधवार, 14 दिसंबर 2022
निवेशकों के लिए Lower Circuit (लोअर सर्किट) के मायने और नियम क्या हैं

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Rajanish Kant गुरुवार, 26 मार्च 2020
सीतरमण का लघु-बजट: कॉरपोरेट जगत, विदेशी निवेशकों को कर रियायतों की सौगात, बाजार में उत्साह



आर्थिक वृद्धि को नरमी से उबारने तथा निवेश एवं रोजगार सृजन को बढ़ावा देने के लिये सरकार ने शुक्रवार को कारपोरेट जगत के लिए करीब डेढ़ लाख करोड़ रुपये की राहत वाली कई महत्वपूर्ण कर रियायतों की घोषणाएं की।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के लघु-बजट के रूप में देखे जा रहे इस ताजा प्रोत्साहन पैकेज से कारपोरेट कर की प्रभावी दरें करीब 10 प्रतिशत नीचे आ गयी हैं।

विश्लेषकों के अनुसार इस तरह भारत इस मामले में निवेशकों के लिए अमेरिका और आसियान के बाजारों की तरह आकर्षक लग सकता है।

आर्थिक वृद्धि दर चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में गिर कर पांच प्रतिशत पर आ गयी जो छह साल का निम्नतम स्तर है। अर्थव्यवस्था को कम वृद्धि की रफ्तार से उबारने के लिए पिछले कुछ सप्ताह में सरकार का यह चौथा प्रोत्साहन पैकेज है।

वित्त मंत्री ने गोवा में जीएसटी परिषद की बैठक से पहले जिन राहतों की घोषणा की, इनसे सरकारी खजाने को सालाना 1.45 लाख करोड़ रुपये का नुकसान होने का अनुमान है। इन घोषणाओं को विकास में सहायक तथा भविष्य के अनुकूल माना जा रहा है। हालांकि राजकोषीय स्थिति पर इसका प्रतिकूल असर पड़ेगा और घाटा के लक्ष्य को पाने में सरकार के चूकने की आशंका बढ़ गयी है।

सीतारमण ने मौजूदा कंपनियों के लिये कॉरपोरेट कर की आधार दर 30 प्रतिशत से घटाकर 22 प्रतिशत करने की घोषणा की। इससे कॉरपोरेट कर की प्रभावी दर 34.94 प्रतिशत से कम होकर 25.17 प्रतिशत पर आ जाएगी।

इसके साथ ही एक अक्टूबर 2019 के बाद बनने वाली तथा 31 मार्च 2023 से पहले परिचालन शुरू कर देने वाली विनिर्माण कंपनियों के लिये कॉरपोरेट कर की आधार दर 25 प्रतिशत से घटाकर 15 प्रतिशत करने की भी घोषणा की गयी। इससे इन कंपनियों के लिये प्रभावी कॉरपोरेट कर की दर 29.12 प्रतिशत से कम होकर 17.01 प्रतिशत पर आ जाएगी। हालांकि इस तरह की कंपनियों के लिये एक शर्त है कि ये कंपनियां विशेष आर्थिक क्षेत्र (सेज) में स्थित इकाइयों को मिलने वाली कर छूट या किसी अन्य प्रकार के कर प्रोत्साहन का लाभ नहीं उठाएंगी।

सरकार के इस कदम से देश में कॉरपोरेट कर की दरें चीन, दक्षिण कोरिया, इंडोनेशिया, सिंगापुर आदि जैसे अन्य प्रतिस्पर्धी एशियाई बाजारों के समतुल्य हो गयी हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार की घोषणाओं को ऐतिहासिक कदम करार दिया। उन्होंने ट्वीट किया कि इससे ‘मेक इन इंडिया’ में बड़ा उछाल आने के साथ ही निवेश भी आकर्षित होगा, निजी क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी और रोजगार के अवसर सृजित होंगे।

रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने इसे बड़ा कदम करार दिया और सरकार की घोषणाओं का स्वागत किया।

इसके साथ ही विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) के लिये डेरिवेटिव समेत प्रतिभूतियों की बिक्री से होने वाले पूंजीगत लाभ पर धनाढ्य-अधिभार समाप्त करने का भी निर्णय लिया गया है।

वित्त मंत्री ने कहा कि आयकर अधिनियम में अध्यादेश लाकर इन बदलावों को अमल में लाया जाएगा।

सीतारमण ने कहा कि इन उपायों से आर्थिक वृद्धि और निवेश में तेजी आएगी। हालांकि उन्होंने इन घोषणाओं का राजकोषीय घाटा के लक्ष्य पर असर पड़ने संबंधी सवाल को दरकिनार कर दिया। उन्होंने कहा कि सरकार वास्तविकता के प्रति सजग है और वह बाद में आंकड़ों में सामंजस्य बिठाएगी।

वित्त मंत्री ने एक अन्य राहत देते हुए कहा कि जिन सूचीबद्ध कंपनियों ने पांच जुलाई से पहले शेयरों की पुनर्खरीद की घोषणा की है, उन्हें भी किसी प्रकार का कर नहीं देना होगा।

सीतारमण ने पांच जुलाई को अपने पहले बजट में आय पर अधिक अधिभार के रूप में घोषित धनाढ्यों पर उच्च दर से लगने वाले कर को समाप्त करने की भी घोषणा की। इसके तहत अब प्रतिभूति लेन-देन कर की देनदारी वाली कंपनियों के शेयर की बिक्री से हुए पूंजीगत लाभ पर उच्च दर से अधिभार का भुगतान नहीं करना होगा।

इसके साथ ही कंपनियों को न्यूनतम वैकल्पिक कर का भुगतान नहीं करना होगा।

सीतारमण ने कहा कि यदि कोई कंपनी कम की गयी दरों पर भुगतान करने का विकल्प नहीं चुनती है और कर छूट एवं प्रोत्साहन का लाभ उठाती है तो वह पुरानी दरों पर भुगतान करना जारी रखेंगी। उन्होंने कहा, ‘‘ये कंपनियां छूट व प्रोत्साहन की अवधि समाप्त होने के बाद संशोधित दरों का विकल्प चुन सकती हैं।’’

छूट व प्रोत्साहन का लाभ जारी रखने का विकल्प चुनने वाली कंपनियों को राहत देने के लिये न्यूनतम वैकल्पिक कर की दर 18.5 प्रतिशत से घटाकर 15 प्रतिशत कर दी गयी है।

सरकार ने कॉरपोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (सीएसआर) का दायरा बढ़ाने की भी घोषणा की। अब कंपनियां सीएसआर के तहत सार्वजनिक इनक्यूबेटर्स और सरकार द्वारा वित्तपोषित शैक्षणिक निकायों पर भी खर्च कर सकती हैं।

सरकार की इन घोषणाओं का निवेशकों की धारणा पर सकारात्मक असर देखने को मिला। बाजार में उत्साह के कारण सेंसेक्स कारोबार के दौरान एक समय 2,284.55 अंक तक की बढ़त में चला गया। निफ्टी में भी 600 अंक से अधिक की तेजी देखने को मिली। घरेलू मुद्रा पर भी इसका सकारात्मक असर पड़ा और रुपया एक समय 66 पैसे की बढ़त में पहुंच गया।

उद्योग जगत तथा उद्योग संगठनों ने सरकार के इस कदम की खूब सराहना की।


(साभार- पीटीआई भाषा)
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Rajanish Kant शुक्रवार, 20 सितंबर 2019
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Rajanish Kant शुक्रवार, 26 जुलाई 2019
तीन दिन में निवेशकों के ₹ 4 लाख करोड़ स्वाहा #Stocks Market #Sensex #Nifty #BSE #Investors
बाजार में लगातार 3 दिनों (18, 19, 22 जुलाई) की गिरावट से निवेशकों की संपत्ति ₹ 4 लाख करोड़ से अधिक घट गई है। शेयर बाजारों ने 18 जुलाई से 3.05 प्रतिशत या 1,184.15 अंक के संचयी घाटे के साथ लगातार तीसरे  दिन यानी 22 जुलाई सोमवार को अपनी गिरावट को और बढ़ाई। 

जानकारों का मानना है कि कमजोर वैश्विक रुझानों और घरेलू सेंटिमेंट्स की वजह से शेयर बाजार में बिकवाली तेज हो गई है। 

सोमवार को 30-शेयर सूचकांक 305.88 अंक या 0.80 प्रतिशत टूटकर 38,031.13 पर बंद हुआ। 

इक्विटी बाजार में घाटे के कारण, बीएसई-सूचीबद्ध कंपनियों का बाजार पूंजीकरण तीन दिनों में 4,37,602.4 करोड़ रुपये से 1,44,76,204.02 करोड़ रुपये हो गया।

30-शेयरों के ग्रुप में एचडीएफसी ग्रुप के शेयरों की सबसे ज्यादा पिटाई हुई। 

बीएसई के सेक्टोरल इंडेक्स, फाइनेंस, फास्ट-मूविंग कंज्यूमर गुड्स, बैंक्स और रियल्टी इंडेक्स सोमवार को 2.28 फीसदी तक टूट गए।

व्यापक बाजार में बीएसई का मिडकैप और स्मॉलकैप सूचकांक 1.15 फीसदी तक टूट गए।

बीएसई में, 1,757 स्क्रैप में गिरावट आई, जबकि 768 उन्नत और 155 अपरिवर्तित रहे।

बीएसई पर 600 से अधिक स्क्रैप्स ने अपने 52-सप्ताह के निचले स्तर को छुआ। 



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Rajanish Kant सोमवार, 22 जुलाई 2019
शेयरों में ट्रेडिंग करने वालों के लिए जरूरी खबर

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Rajanish Kant शुक्रवार, 4 मई 2018
शेयर बाजार के माहिर खिलाड़ी बनेंगे अगर ये किताबें पढ़ेंगे

((वॉरेन बफेट को इंडेक्स फंड पसंद है, कहा, दूसरे निवेश में निवेशक नहीं मैनेजर अमीर बनते हैं 
((शेयर बाजार: जब तक सीखेंगे नहीं, तबतक पैसे बनेंगे नहीं! 
((जानें वो आंकड़े-सूचना-सरकारी फैसले और खबर, जो शेयर मार्केट पर डालते हैं असर
((ये दिसंबर तिमाही को कुछ Q2, कुछ Q3 तो कुछ Q4 क्यों बताते हैं ?
((कैसे करें शेयर बाजार में एंट्री 
((सामान खरीदने जैसा आसान है शेयर बाजार में पैसे लगाना
((खुद का खर्च कैसे मैनेज करें? 

((मेरा कविता संग्रह "जब सपने बन जाते हैं मार्गदर्शक"खरीदने के लिए क्लिक करें 

(ब्लॉग एक, फायदे अनेक

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((सोने में निवेश करने के सुनहरे तरीके; How to Invest in Gold
((शेयर बाजार के माहिर  खिलाड़ी बनेंगे अगर ये किताबें पढ़ेंगे ; These books to help you to become Skilled Investor
((निवेश: 5 गलतियों से बचें, मालामाल बनें Investment: Save from doing 5 mistakes 

शेयर बाजार के माहिर खिलाड़ी बनेंगे अगर ये किताबें पढ़ेंगे

Rajanish Kant मंगलवार, 28 फ़रवरी 2017