फाइनेंस बुद्धा (फिनबड फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड) को NSE इमर्ज से SME IPO के लिए सैद्धांतिक मंजूरी प्राप्त
((शेयर बाजार: जब तक सीखेंगे नहीं, तबतक पैसे बनेंगे नहीं!
फाइनेंस बुद्धा (फिनबड फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड) को NSE इमर्ज से SME IPO के लिए सैद्धांतिक मंजूरी प्राप्त
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अप्रैल में सिंगापुर एक्सचेंज द्वारा अपने व्यापारिक सदस्यों को भेजे गए एक परिपत्र के अनुसार, 3 जुलाई तक गिफ्ट सिटी, गांधीनगर में एनएसई आईएफएससी-एसजीएक्स कनेक्ट, एसजीएक्स निफ्टी डेरिवेटिव के लिए एकमात्र व्यापारिक स्थान होगा।
“NSE IFSC-SGX कनेक्ट का पूर्ण पैमाने पर संचालन SGX निफ्टी डेरिवेटिव के NSE IFSC में स्थानांतरित होने के साथ 3 जुलाई 2023 को होगा। स्थानांतरण होने के बाद, सभी अमेरिकी डॉलर-मूल्यवर्ग के निफ्टी डेरिवेटिव अनुबंधों का विशेष रूप से NSE IFSC पर कारोबार किया जाएगा, "सिंगापुर एक्सचेंज से जारी एक परिपत्र ने ये कहा गया है।
SGX के अनुसार, 30 जून, 2023 को, SGX निफ्टी में सभी खुली स्थिति स्वचालित रूप से NSE IFSC निफ्टी में तरलता स्विच के हिस्से के रूप में स्थानांतरित हो जाएगी।
भारत में शेयर बाजार हर दिन सुबह 9:15 बजे (प्री ओपन सेशन 9 बजे सुबह) शुरू होता है, जबकि SGX Nifty, जो 6:30 बजे सुबह भारतीय समयानुसार पर खुलता है। भारतीय शेयर बाजार कैसा प्रदर्शन कर सकता है, के लिए सिंगापुर निफ्टी का प्रदर्शन शुरुआती संकेत के रूप में उपयोग किया जाता है।
गुजरात इंटरनेशनल फाइनेंस टेक-सिटी में, जिसे GIFT सिटी के रूप में भी जाना जाता है। गिफ्ट निफ्टी निवेशकों को डॉलर-मूल्यवर्ग के निफ्टी फ्यूचर्स अनुबंधों में व्यापार करने की अनुमति देगा जो कि SGX पर उपलब्ध हैं।
इसके अलावा, बाजार सहभागियों की एनएसई आईएफएससी बाजार डेटा तक भी तत्काल पहुंच होगी। NSE IFSC GIFT सिटी, गुजरात में IFSC में स्थित एक एक्सचेंज है, और NSE की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी है।
विदेशी निवेशक जो भारत में व्यापार नहीं करना चाहते हैं वे अक्सर एसजीएक्स निफ्टी अनुबंधों का उपयोग करते हैं। सिंगापुर स्टॉक एक्सचेंज का राजस्व अपने उच्चतम स्तर पर निफ्टी में 10% तक ट्रेडिंग से आया। सिंगापुर में विदेशी व्यापारियों की व्यापारिक गतिविधि में बदलाव के बारे में चिंताओं के बीच, भारत के स्टॉक एक्सचेंजों ने 2018 की शुरुआत में अगस्त 2019 तक अपने इंडेक्स को विदेशी बाजारों में लाइसेंस देने को निलंबित करने का फैसला किया।
एसजीएक्स निफ्टी में सभी खुले पदों (Open Positions) के एनएसई आईएफएससी निफ्टी में स्थानांतरण के साथ, एसजीएक्स निफ्टी में कोई ओपन इंटरेस्ट शेष नहीं रहेगा। एसजीएक्स निफ्टी को 30 जून को ट्रेडिंग सत्र के अंत के बाद व्यापार से निलंबित कर दिया जाएगा। इसके अलावा, सिंगापुर एक्सचेंज ने कहा था कि वह एसजीएक्स निफ्टी को बाद की तारीख में डीलिस्ट करना चाहता है, जो उचित नियामक प्रक्रिया लंबित है।('बिना प्रोफेशनल ट्रेनिंग के शेयर बाजार जरूर जुआ है'
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इस मौके पर एनएसई के एमडी और सीईओ आशीषकुमार चौहान ने खुशी जताते हुए कहा कि एसएसई खंड सामाजिक उद्यमियों के लिए सामाजिक पहलों को वित्तपोषण करने, उन्हें दृश्यता प्रदान करने और फंड जमावबंदी में वृद्धि पारदर्शिता लाने के लिए नया स्थान प्रदान करेगा।
आपको बता दूं कि सामाजिक क्षेत्र में काम करने वाले संगठनों द्वारा शेयर बाजार से पैसा जुटाने के लिए अलग सेगमेंट के रूप में सोशल स्टॉक एक्सचेंज स्थापित करने की मंजूरी दी गई है।
>सामाजिक स्टॉक एक्सचेंज यानी Social Stock Exchange (SSE) से किसकों लाभ होगा?
-अलग अलग सामाजिक कामों में जुटे एनजीओ, गैर-लाभकारी संगठनों (Non Profit Organisations) बगैरह सामाजिक स्टॉक एक्सचेंज से पैसे जुटा सकते हैं। इन संगठनों के पास पैसा जुटाने का सीमित जरिया होता है। अब ये इस एक्सचेंज के जरिया पैसा जुटा सकते हैं। इसके लिए ऐसे संगठन को एनपीओ लाना होगा।
-मौजूदा कानून के मुताबिक, एनपीओ लाने वाले संगठनों को कम से कम 1 करोड़ रुपए का एनपीओ लाना होगा और सब्सक्रिप्शन के लिए कम से कम एप्लीकेशन साइज 2 लाख रुपए का होना चाहिए।
-किस तरह के सामाजिक काम करने वाले संगठन ला सकते हैं एनपीओ: भूखमरी, गरीबी, कुपोषण और असमानता को दूर करने वाले काम में जुटे सामाजिक संगठन, हेल्थकेयर, शिक्षा को सपोर्ट करने वाले, रोजगार और रोजी-रोटी उपलब्ध कराने के काम में लगे संगठन, महिलाओं को सशक्त करके लिंग समानता को बढ़ावा देने के काम में लगे संगठन, सामाजिक उद्यमियों के इनक्युबेटर्स को सपोर्ट करने वाले सामाजिक संगठन इस एक्सचेंज से पैसा जुटा सकते हैं।
-कॉर्पोरेट फाउंडेशंस, राजनीतिक और धार्मिक संगठन या ऐसे गतिविधि चलाने वाले, पेशेवर या व्यापारिक संगठन, इंफ्रास्ट्रक्चर और हाउसिंग कंपनी (सस्ता घर बनाने वाले को छोड़कर) को सोशल उद्यमी नहीं माना जाएगा यानी सामाजिक स्टॉक एक्सचेंज से ऐसे लोग या संगठन पैसे नहीं जुटा सकते हैं।
आपको बता दूं कि 2019-20 के बजट भाषण में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सामाजिक स्टॉक एक्सचेंज लाने का प्रस्ताव किया था। इस साल अक्टूबर में सेबी ने बीएसई को सामाजिक स्टॉक एक्सचेंज लाने की सैद्धांतिक मंजूरी दी थी।
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T+1 सेटलमेंट का मतलब:
एसओपी (मानक परिचालन प्रक्रिया) के तहत सेबी ने शेयर बाजारों से कारोबार के दौरान किसी भी तरह की बाधा आने पर संबंधित पक्षों को मामला सामने आने के 15 मिनट के भीतर सूचना देने को कहा है। साथ ही कारोबार प्रभावित होने के कुछ मामलों में कारोबारी समय डेढ़ घंटा बढ़ाने को भी कहा है।
सेबी ने सर्कुलर में कहा, ‘‘अगर तकनीकी कारण या किसी अन्य वजह से शेयर बाजार में कारोबार प्रभावित होता है तो न केवल एमआईआई (बाजार ढांचागत संस्थान यानी शेयर बाजार, डिपोजिटरी, समाशोधन निगम आदि) समेत सभी बाजार प्रतिभागियों को कारोबार थमने की सूचना दी जाए बल्कि अगर जरूरत हो तो कारोबार का समय भी बढ़ाया जाए, ताकि दिन के कारोबार का समुचित निपटान हो सके।’’
एसओपी के तहत, किसी कारण से कारोबार ठप होने की स्थिति में संबंधित शेयर बाजार को इस बारे में बाजार प्रतिभागियों, कारोबारी सदस्यों तक एमआईआई समेत विभिन्न पक्षों को 15 मिनट के भीतर सूचना देनी होगी। सूचना के लिये प्रसारण संदेश के साथ अपनी वेबसाइट पर इसकी जानकारी देनी होगी। इसके अलावा, शेयर बाजार को अलग ई-मेल के जरिए सेबी को इसकी सूचना देनी होगी। इसके अलावा, प्रभावित शेयर बाजार प्रारंभिक सूचना से 45 मिनट के अंतराल पर स्थिति के बारे में जानकारी देगा। यह स्थिति सामान्य होने तक जारी रहेगा।
सेबी ने कारोबारी घंटे के विस्तार के संबंध में कहा कि प्रभावित शेयर बाजार पर कामकाज सामान्य कारोबार बंद होने से कम-से-कम एक घंटे पहले सामान्य स्थिति में आ जाता है, उस दिन सभी शेयर बाजारों में कारोबारी घंटे अपरिवर्तित रहेंगे। यदि बाजार बंद होने से एक घंटे पहले कारोबार सामान्य नहीं होता है तो, सभी शेयर बाजारों के लिये कारोबारी घंटे स्वचालित रूप से अतिरिक्त डेढ़ घंटे के लिए बढ़ा दिये जाएंगे।
(लेख साभार- पीटीआई भाषा)
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सामाजिक स्टॉक एक्सचेंज शुरू की सैद्धांतिक मंजूरी मिलने पर एनएसई के एमडी और सीईओ आशीषकुमार चौहान ने कहा कि हमलोग एनएसई पर एक सेंगमेंट के तौर पर Social Stock Exchange (SSE) शुरू करने की तैयारी कर रहे हैं। इससे टिकाऊ विकास लक्ष्य (Sustainable Development Goal-SDG) को हासिल करने में जुटे सामाजिक उद्यमियों को तुरंत लाभ होगा।
आमतौर पर शेयर बाजार में लिस्ट कंपनियां पहले खुले बाजार में अपनी कीमत पर पैसे जुटाने के लिए आईपीओ लाती हैं, फिर शेयर बाजार पर लिस्ट होती हैं। इसके बाद उन कंपनियों के शेयरों की बाजार कीमत पर खरीद-बिक्री होती है। कंपनियां आईपीओ से मिले पैसों का इस्तेमाल अपने कारोबार को संभालने और बढ़ाने के लिए लगाती है। एक तरह से कह सकते हैं कि स्टॉक एक्सचेंज कंपनियों के लिए पैसा जुटाने का एक जरिया है। हालांकि, शेयरों में पैसा लगाकर निवेशक भी पैसा कमाते हैं।
>सामाजिक स्टॉक एक्सचेंज यानी Social Stock Exchange (SSE) से किसकों लाभ होगा?
-अलग अलग सामाजिक कामों में जुटे एनजीओ, गैर-लाभकारी संगठनों (Non Profit Organisations) बगैरह सामाजिक स्टॉक एक्सचेंज से पैसे जुटा सकते हैं। इन संगठनों के पास पैसा जुटाने का सीमित जरिया होता है। अब ये इस एक्सचेंज के जरिया पैसा जुटा सकते हैं। इसके लिए ऐसे संगठन को एनपीओ लाना होगा।
-मौजूदा कानून के मुताबिक, एनपीओ लाने वाले संगठनों को कम से कम 1 करोड़ रुपए का एनपीओ लाना होगा और सब्सक्रिप्शन के लिए कम से कम एप्लीकेशन साइज 2 लाख रुपए का होना चाहिए।
-किस तरह के सामाजिक काम करने वाले संगठन ला सकते हैं एनपीओ: भूखमरी, गरीबी, कुपोषण और असमानता को दूर करने वाले काम में जुटे सामाजिक संगठन, हेल्थकेयर, शिक्षा को सपोर्ट करने वाले, रोजगार और रोजी-रोटी उपलब्ध कराने के काम में लगे संगठन, महिलाओं को सशक्त करके लिंग समानता को बढ़ावा देने के काम में लगे संगठन, सामाजिक उद्यमियों के इनक्युबेटर्स को सपोर्ट करने वाले सामाजिक संगठन इस एक्सचेंज से पैसा जुटा सकते हैं।
-कॉर्पोरेट फाउंडेशंस, राजनीतिक और धार्मिक संगठन या ऐसे गतिविधि चलाने वाले, पेशेवर या व्यापारिक संगठन, इंफ्रास्ट्रक्चर और हाउसिंग कंपनी (सस्ता घर बनाने वाले को छोड़कर) को सोशल उद्यमी नहीं माना जाएगा यानी सामाजिक स्टॉक एक्सचेंज से ऐसे लोग या संगठन पैसे नहीं जुटा सकते हैं।
आपको बता दूं कि 2019-20 के बजट भाषण में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सामाजिक स्टॉक एक्सचेंज लाने का प्रस्ताव किया था। इस साल अक्टूबर में सेबी ने बीएसई को सामाजिक स्टॉक एक्सचेंज लाने की सैद्धांतिक मंजूरी दी थी।
('बिना प्रोफेशनल ट्रेनिंग के शेयर बाजार जरूर जुआ है'
((शेयर बाजार: जब तक सीखेंगे नहीं, तबतक पैसे बनेंगे नहीं!