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Finance Buddha (FinBud) फाइनेंस बुद्धा (फिनबड फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड) को NSE इमर्ज से SME IPO के लिए सैद्धांतिक मंजूरी प्राप्त**

फाइनेंस बुद्धा (फिनबड फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड) को NSE इमर्ज से SME IPO के लिए सैद्धांतिक मंजूरी प्राप्त


अशीष कचोलिया, एमएस धोनी फैमिली ऑफिस और शंकर वी (CAMS के संस्थापक और द चेन्नई एंजल्स के हिस्सा) द्वारा समर्थित, फाइनेंस बुद्धा SME IPO की तैयारी में** फाइनेंस बुद्धा (फिनबड फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड), भारत का अग्रणी फिजिटल उधार सक्षमकर्ता, को NSE इमर्ज से SME IPO लॉन्च करने के लिए सैद्धांतिक मंजूरी प्राप्त हुई है। 2012 में विवेक भाटिया, पार्थ पांडे और पराग अग्रवाल द्वारा स्थापित, फाइनेंस बुद्धा ने 30+ राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में 19,000 से अधिक पिनकोड्स को कवर करते हुए ग्राहकों को सेवा प्रदान की है। कंपनी व्यक्तियों और छोटे व्यवसायों के लिए एक विश्वसनीय रिटेल क्रेडिट मार्केटप्लेस के रूप में उभरी है। कंपनी को अशीष कचोलिया, शंकर वी (CAMS के संस्थापक), और एमएस धोनी फैमिली ऑफिस जैसे प्रमुख निवेशकों का समर्थन प्राप्त है, जो इसके प्रौद्योगिकी-सक्षम, उच्च-विश्वास वाले रिटेल क्रेडिट दृष्टिकोण में विश्वास को दर्शाता है। “यह मील का पत्थर फाइनेंस बुद्धा के लिए सिर्फ एक टर्निंग पॉइंट से कहीं अधिक है, यह हमारे हितधारकों के लिए स्थायी मूल्य बनाने का अवसर है। जैसे-जैसे हम IPO की ओर बढ़ रहे हैं, हमारा ध्यान वित्तीय अनुशासन, बाजारों में अपनी उपस्थिति का विस्तार और हमारे ग्राहकों और भागीदारों के साथ बनाए गए विश्वास को मजबूत करने पर बना रहेगा,” श्री पराग अग्रवाल, सह-संस्थापक, फाइनेंस बुद्धा ने कहा। श्री घनिष्ट नागपाल, पार्टनर – इनवेस्टमेंट बैंकिंग, SKI कैपिटल सर्विसेज लिमिटेड, ने कहा: “SME IPO क्षेत्र में कम ही कंपनियां इतने प्रतिष्ठित निवेशकों के समूह का दावा कर सकती हैं। हमें फिनबड के प्रस्तावित SME IPO में समर्थन करने में खुशी हो रही है।” फाइनेंस बुद्धा का हाइब्रिड मॉडल एक व्यापक एजेंट-नेतृत्व वाले मार्केटप्लेस को तेजी से बढ़ते डिजिटल प्लेटफॉर्म के साथ जोड़ता है, जो ग्राहकों को व्यक्तिगत, व्यवसायिक और होम लोन की तुलना करने और प्राप्त करने में सक्षम बनाता है। इसका सलाह-आधारित दृष्टिकोण और मालिकाना नियम इंजन पारदर्शी उधारदाता मिलान और सुचारू वितरण सुनिश्चित करता है। **कंपनी के बारे में** 2012 में स्थापित, फाइनेंस बुद्धा (फिनबड फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड) भारत का अग्रणी हाइब्रिड रिटेल लोन वितरण मंच है, जो ग्राहकों को बैंकों और गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों से व्यक्तिगत, व्यवसायिक और होम लोन तक पहुंचने में सक्षम बनाता है। व्यक्तियों और SMEs के लिए क्रेडिट तक पहुंच को लोकतांत्रिक बनाने के दृष्टिकोण के साथ, कंपनी पारदर्शी लोन तुलना, सलाह-आधारित सिफारिशें और आवेदन से लेकर वितरण तक पूर्ण समर्थन प्रदान करती है। **अस्वीकरण**
इस दस्तावेज में कुछ बयान जो ऐतिहासिक तथ्य नहीं हैं, वे भविष्योन्मुखी बयान हैं। ऐसे भविष्योन्मुखी बयानों पर सरकारी कार्रवाइयों, स्थानीय, राजनीतिक या आर्थिक विकास, तकनीकी जोखिमों और कई अन्य कारकों जैसे कुछ जोखिम और अनिश्चितताएं लागू होती हैं, जो वास्तविक परिणामों को संबंधित भविष्योन्मुखी बयानों द्वारा विचार किए गए परिणामों से भिन्न कर सकते हैं। कंपनी ऐसे बयानों के आधार पर की गई किसी भी कार्रवाई के लिए किसी भी तरह से जिम्मेदार नहीं होगी और बाद की घटनाओं या परिस्थितियों को प्रतिबिंबित करने के लिए इन भविष्योन्मुखी बयानों को सार्वजनिक रूप से अपडेट करने का कोई दायित्व नहीं लेती है।

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Rajanish Kant गुरुवार, 25 सितंबर 2025
छोटे-मंझोले कारोबारियों (SMEs) ने आईपीओ के जरिये अप्रैल-जून में खूब पैसे जुटाये
देश के दिग्गज स्टॉक एक्सचेंज बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज यानी बीएसई और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज यानी एनएसई के एसएमई प्लेटफॉर्म के जरिये छोटे-मंझोले कारोबारी (SMEs) खूब पैसा जुटाने में कामयाब हो रहे हैं। उन कारोबारियों ने आईपीओ के जरिये वित्त वर्ष 2018-19 की अप्रैल-जून तिमाही में ₹8.25 बिलियन (1 बिलियन=100 करोड़) जुटाए जो कि पिछले वित्त वर्ष की इसी तिमाही के मुकाबले करीब दोगुना है। 

अगर हम आईपीओ के औसत साइज की बात करें,तो  अप्रैल-जून तिमाही 2018-19 में आईपीओ के औसत साइज की बात करें ₹170 मिलियन (1 मिलियन=10 लाख) है जबकि पिछले वित्त वर्ष की इसी तिमाही में औसत साइज ₹130 मिलियन था। छोटे मंझोले कारोबारियों ने आईपीओ से जुटाये गए ज्यादातर पैसों का इस्तेमाल अपने कारोबार को बढ़ाने, कामकाजी पूंजी की जरूरत पूरी करने और सामान्य कारोबारी कामकाज में किया। 

अप्रैल-जून तिमाही 2018-19 में 47 आईपीओ के जरिये ₹8.25 बिलियन (1 बिलियन=100 करोड़) जुटाए गए,जबकि पिछले वित्त वर्ष की इसी तिमाही में 24 आईपीओ के जरिये ₹3.1 बिलियन (1 बिलियन=100 करोड़) की रकम जुटाई गई थी। इस दौरान गुजरात से सबसे ज्यादा 17 छोटे-मंझोले कारोबारियों ने आईपीओ लांच किया, जबकि महाराष्ट्र की 11, दिल्ली की 5 और मध्य प्रदेश की 3 छोटे-मंझोली कंपनियों ने आईपीओ के जरिये पैसे जुटाए। 


>आईपीओ Vs एफपीओ  Vs ओएफएस;  IPO vs FPO Vs OFS 

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Rajanish Kant गुरुवार, 5 जुलाई 2018
SME ने IPO के जरिये अप्रैल-सितंबर के दौरान रिकॉर्ड ₹656 करोड़ जुटाये
शेयर बाजार की तेजी और रिटेल निवेशकों का शेयर बाजार में बढ़ती रुचि से छोटे और मंझोले यानी SMEs को भी फायदा पहुंच रहा है। SMEs द्वारा प्राइमरी कैपिटल मार्केट से जुटाई गई पूंजी तो कम से कम इसी बात करी तरफ इशारा कर रही है। इस साल अप्रैल-सितंबर के दौरान  58 SMEs ने IPO के जरिये रिकॉर्ड ₹656 करोड़ जुटाये। आने वाले समय में कई SMEs IPO लाने की तैयारी में हैं। यही नहीं, 18 SMEs तो अपने आईपीओ के खुलने की तारीख और मर्चेंट्स बैंकर्स की भी घोषणा कर चुकी हैं। 

Pantomath Research के ताजा आंकड़ों के मुताबिक, पिछले साल अप्रैल-सितंबर के दौरान 32 SMEs ने IPO के जरिये महज ₹295 करोड़ की रकम जुटाई थी जबकि इस साल इसी अवधि में  58 SMEs ने IPO के जरिये रिकॉर्ड ₹656 करोड़ की रकम जुटाई गई। 

आपको बता दें कि मार्च 2012 में BSEऔर NSE ने SME प्लेटफॉर्म लॉन्च किया था। इसके बाद कई SMEs  ने इन प्लेटफॉर्म के जरिये अपनी जरूरत की पूंजी जुटाने में कामयाब रही हैं। BSE पर तो SMSs की संख्या 200 के पार चली गई। 


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(सेबी इन्वेस्टर सर्वे 2015: निवेशक IPO के प्रोस्पेक्टस का कौन सा हिस्सा सबसे ज्यादा पढ़ते हैं?
(सेबी इन्वेस्टर सर्वे 2015: IPO का आवेदन फॉर्म ज्यादातर निवेशक कहां से खरीदते हैं?
(सेबी इन्वेस्टर सर्वे 2015: IPO के बारे में जानकारी का सबसे महत्वपूर्ण स्रोत क्या है ?
(सेबी इन्वेस्टर सर्वे 2015: IPO में निवेश के दौरान किन दिक्कतों का सामना करना पड़ता है?
(सेबी इन्वेस्टर सर्वे 2015: IPO में निवेश पर निवेशकों की क्या राय है?

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Rajanish Kant रविवार, 8 अक्टूबर 2017
ज़ोटा हेल्थ केयर के IPO को शानदार रेस्पॉन्स, 16 गुना भरा, खुदरा निवेशकों की तरफ से ज्यादा मांग
छोटी और मंझोली फार्मा कंपनी ज़ोटा हेल्थ केयर के आईपीओ की जोरदार मांग रही। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज 
के एसएमई प्लेटफॉर्म पर ज़ोटा के 58.59 करोड़ रुपए के आईपीओ पर खुदरा निवेशकों और अमीर निवेशकों 
(हाई नेटवर्थ इंडिविजुअल्स) ने खासा भरोसा जताया है। यह आईपीओ करीब 16 गुना भरा और 902 करोड़ 
रुपए की बोलियां मिली है। इस आईपीओ का प्राइस बैंड 121-125 रुपए प्रति शेयर था। 

कंपनी ने इस आईपीओ के तहत 46.80 लाख शेयर की बिक्री की पेशकश की थी जिसके जवाब में 7.46 करोड़ शेयर के लिए बोलियां मिली। खुदरा निवेशकों की 5.6 करोड़ शेयर के लिए बोलियां मिली जबकि हाई नेटवर्थ इंडिविजुअल्स की तरफ से 1.286 करोड़ शेयर के लिए बोलियां मिली। यह आईपीओ मंगलवार को बंद हुआ। 

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Rajanish Kant बुधवार, 3 मई 2017