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NSE को Social Stock Exchange (SSE) लांच करने के लिए अंतिम मंजूरी मिली


देश के मार्केट रेगुलेटर सेबी ने दिग्गज स्टॉक एक्सचेंज एनएसई को सोशल स्टॉक एक्सचेंज (एसएसई) लांच करने की अंतिम मंजूरी दे दी है। यह मंजूरी 22 फरवरी 2023 को मिली है। एनएसई ने इसकी जानकारी दी। उसने कहा कि अलग सेगमेंट के रूप में सोशल स्टॉक एक्सचेंज की स्थापना की जाएगी।   

इस मौके पर एनएसई के एमडी और सीईओ आशीषकुमार चौहान ने खुशी जताते हुए कहा कि एसएसई खंड सामाजिक उद्यमियों के लिए सामाजिक पहलों को वित्तपोषण करने, उन्हें दृश्यता प्रदान करने और फंड जमावबंदी में वृद्धि पारदर्शिता लाने के लिए नया स्थान प्रदान करेगा।


आपको बता दूं कि सामाजिक क्षेत्र में काम करने वाले संगठनों द्वारा शेयर बाजार से पैसा जुटाने के लिए अलग सेगमेंट के रूप में सोशल स्टॉक एक्सचेंज स्थापित करने की मंजूरी दी गई है।

>सामाजिक स्टॉक एक्सचेंज यानी Social Stock Exchange (SSE) से किसकों लाभ होगा?

-अलग अलग सामाजिक कामों में जुटे एनजीओ, गैर-लाभकारी संगठनों (Non Profit Organisations) बगैरह सामाजिक स्टॉक एक्सचेंज से पैसे जुटा सकते हैं। इन संगठनों के पास पैसा जुटाने का सीमित जरिया होता है। अब ये इस एक्सचेंज के जरिया पैसा जुटा सकते हैं। इसके लिए ऐसे संगठन को एनपीओ लाना होगा। 

-मौजूदा कानून के मुताबिक, एनपीओ लाने वाले संगठनों को कम से कम 1 करोड़ रुपए का एनपीओ लाना होगा और सब्सक्रिप्शन के लिए कम से कम एप्लीकेशन साइज 2 लाख रुपए का होना चाहिए। 

-किस तरह के सामाजिक काम करने वाले संगठन ला सकते हैं एनपीओ: भूखमरी, गरीबी, कुपोषण और असमानता को दूर करने वाले काम में जुटे सामाजिक संगठन, हेल्थकेयर, शिक्षा को सपोर्ट करने वाले, रोजगार और रोजी-रोटी उपलब्ध कराने के काम में लगे संगठन, महिलाओं को सशक्त करके  लिंग समानता को बढ़ावा देने के काम में लगे संगठन, सामाजिक उद्यमियों के इनक्युबेटर्स को सपोर्ट करने वाले सामाजिक संगठन इस एक्सचेंज से पैसा जुटा सकते हैं। 

-कॉर्पोरेट फाउंडेशंस, राजनीतिक और धार्मिक संगठन या ऐसे गतिविधि चलाने वाले, पेशेवर या व्यापारिक संगठन, इंफ्रास्ट्रक्चर और हाउसिंग कंपनी (सस्ता घर बनाने वाले को छोड़कर) को सोशल उद्यमी नहीं माना जाएगा यानी सामाजिक स्टॉक एक्सचेंज से ऐसे लोग या संगठन पैसे नहीं जुटा सकते हैं। 

आपको बता दूं कि 2019-20 के बजट भाषण में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सामाजिक स्टॉक एक्सचेंज  लाने का प्रस्ताव किया था। इस साल अक्टूबर में सेबी ने बीएसई को सामाजिक स्टॉक एक्सचेंज लाने की सैद्धांतिक मंजूरी दी थी। 


('बिना प्रोफेशनल ट्रेनिंग के शेयर बाजार जरूर जुआ है'

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Rajanish Kant शुक्रवार, 24 फ़रवरी 2023
NSE को Social Stock Exchange (SSE) शुरू करने की सैद्धांतिक मंजूरी मिली, जानें इससे किसको होगा फायदा


देश के मार्केट रेगुलेटर सेबी ने बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) के बाद नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) को सामाजिक स्टॉक एक्सचेंज यानी Social Stock Exchange (SSE) शुरू करने की सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है। इसे अलग सेगमेंट के तौर पर शुरू करना होगा। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) को यह मंजूरी 19 दिसंबर को मिली। 

सामाजिक स्टॉक एक्सचेंज शुरू की सैद्धांतिक मंजूरी मिलने पर एनएसई के एमडी और सीईओ आशीषकुमार चौहान ने कहा कि हमलोग एनएसई पर एक सेंगमेंट के तौर पर  Social Stock Exchange (SSE) शुरू करने की तैयारी कर रहे हैं। इससे टिकाऊ विकास लक्ष्य (Sustainable Development Goal-SDG) को हासिल करने में जुटे सामाजिक उद्यमियों को तुरंत लाभ होगा। 


आमतौर पर शेयर बाजार में लिस्ट कंपनियां पहले खुले बाजार में अपनी कीमत पर पैसे जुटाने के लिए आईपीओ लाती हैं, फिर शेयर बाजार पर लिस्ट होती हैं। इसके बाद उन कंपनियों के शेयरों की बाजार कीमत पर खरीद-बिक्री होती है। कंपनियां आईपीओ से मिले पैसों का इस्तेमाल अपने कारोबार को संभालने और बढ़ाने के लिए लगाती है। एक तरह से कह सकते हैं कि स्टॉक एक्सचेंज कंपनियों के लिए पैसा जुटाने का एक जरिया है। हालांकि, शेयरों में पैसा लगाकर निवेशक भी पैसा कमाते हैं। 


>सामाजिक स्टॉक एक्सचेंज यानी Social Stock Exchange (SSE) से किसकों लाभ होगा?

-अलग अलग सामाजिक कामों में जुटे एनजीओ, गैर-लाभकारी संगठनों (Non Profit Organisations) बगैरह सामाजिक स्टॉक एक्सचेंज से पैसे जुटा सकते हैं। इन संगठनों के पास पैसा जुटाने का सीमित जरिया होता है। अब ये इस एक्सचेंज के जरिया पैसा जुटा सकते हैं। इसके लिए ऐसे संगठन को एनपीओ लाना होगा। 

-मौजूदा कानून के मुताबिक, एनपीओ लाने वाले संगठनों को कम से कम 1 करोड़ रुपए का एनपीओ लाना होगा और सब्सक्रिप्शन के लिए कम से कम एप्लीकेशन साइज 2 लाख रुपए का होना चाहिए। 

-किस तरह के सामाजिक काम करने वाले संगठन ला सकते हैं एनपीओ: भूखमरी, गरीबी, कुपोषण और असमानता को दूर करने वाले काम में जुटे सामाजिक संगठन, हेल्थकेयर, शिक्षा को सपोर्ट करने वाले, रोजगार और रोजी-रोटी उपलब्ध कराने के काम में लगे संगठन, महिलाओं को सशक्त करके  लिंग समानता को बढ़ावा देने के काम में लगे संगठन, सामाजिक उद्यमियों के इनक्युबेटर्स को सपोर्ट करने वाले सामाजिक संगठन इस एक्सचेंज से पैसा जुटा सकते हैं। 

-कॉर्पोरेट फाउंडेशंस, राजनीतिक और धार्मिक संगठन या ऐसे गतिविधि चलाने वाले, पेशेवर या व्यापारिक संगठन, इंफ्रास्ट्रक्चर और हाउसिंग कंपनी (सस्ता घर बनाने वाले को छोड़कर) को सोशल उद्यमी नहीं माना जाएगा यानी सामाजिक स्टॉक एक्सचेंज से ऐसे लोग या संगठन पैसे नहीं जुटा सकते हैं। 

आपको बता दूं कि 2019-20 के बजट भाषण में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सामाजिक स्टॉक एक्सचेंज  लाने का प्रस्ताव किया था। इस साल अक्टूबर में सेबी ने बीएसई को सामाजिक स्टॉक एक्सचेंज लाने की सैद्धांतिक मंजूरी दी थी। 

 ('बिना प्रोफेशनल ट्रेनिंग के शेयर बाजार जरूर जुआ है'

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Rajanish Kant शुक्रवार, 23 दिसंबर 2022