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शेयर बाजार से अमीर कैसे बनें नए निवेशक- पार्ट 3

शेयर बाजार से अमीर कैसे बनें नए निवेशक- पार्ट 3

Rajanish Kant गुरुवार, 8 अगस्त 2019
क्रिकेट से सीखें शेयर बाजार के 6 जरूरी सबक

क्रिकेट से सीखें शेयर बाजार के 6 जरूरी सबक

Rajanish Kant मंगलवार, 30 जुलाई 2019
तीन दिन में निवेशकों के ₹ 4 लाख करोड़ स्वाहा #Stocks Market #Sensex #Nifty #BSE #Investors
बाजार में लगातार 3 दिनों (18, 19, 22 जुलाई) की गिरावट से निवेशकों की संपत्ति ₹ 4 लाख करोड़ से अधिक घट गई है। शेयर बाजारों ने 18 जुलाई से 3.05 प्रतिशत या 1,184.15 अंक के संचयी घाटे के साथ लगातार तीसरे  दिन यानी 22 जुलाई सोमवार को अपनी गिरावट को और बढ़ाई। 

जानकारों का मानना है कि कमजोर वैश्विक रुझानों और घरेलू सेंटिमेंट्स की वजह से शेयर बाजार में बिकवाली तेज हो गई है। 

सोमवार को 30-शेयर सूचकांक 305.88 अंक या 0.80 प्रतिशत टूटकर 38,031.13 पर बंद हुआ। 

इक्विटी बाजार में घाटे के कारण, बीएसई-सूचीबद्ध कंपनियों का बाजार पूंजीकरण तीन दिनों में 4,37,602.4 करोड़ रुपये से 1,44,76,204.02 करोड़ रुपये हो गया।

30-शेयरों के ग्रुप में एचडीएफसी ग्रुप के शेयरों की सबसे ज्यादा पिटाई हुई। 

बीएसई के सेक्टोरल इंडेक्स, फाइनेंस, फास्ट-मूविंग कंज्यूमर गुड्स, बैंक्स और रियल्टी इंडेक्स सोमवार को 2.28 फीसदी तक टूट गए।

व्यापक बाजार में बीएसई का मिडकैप और स्मॉलकैप सूचकांक 1.15 फीसदी तक टूट गए।

बीएसई में, 1,757 स्क्रैप में गिरावट आई, जबकि 768 उन्नत और 155 अपरिवर्तित रहे।

बीएसई पर 600 से अधिक स्क्रैप्स ने अपने 52-सप्ताह के निचले स्तर को छुआ। 



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Rajanish Kant सोमवार, 22 जुलाई 2019
डर के आगे जीत है, RISK के आगे जिंदगी है...#Risk #Zindagi #Life #Return

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Rajanish Kant शनिवार, 15 जून 2019
शेयर बाजार में निवेश के लिए हजारों-लाखों रुपए की जरूरत नहीं पड़ती है #Share #bse #nse

शेयर बाजार में निवेश के लिए हजारों-लाखों रुपए की जरूरत नहीं पड़ती है #Share #bse #nse

Rajanish Kant शुक्रवार, 31 मई 2019
NSE यानी नेशनल स्टॉक एक्सचेंज पर कारोबार करते हैं तो आपके लिए जरूरी खबर
देश के बेंचमार्क स्टॉक एक्सचेंज नेशनल स्टॉक एक्सचेंज यानी NSE पर अगले छह महीने तक आप कोई भी कारोबार नहीं कर सकेंगे। दरअसल, मार्केट रेगुलेटर सेबी ने को-लोकेशन मामले में चुनिंदा सर्वर को लाभ पहुंचाने का दोषी मानते हुए नेशनल स्टॉक एक्सचेंज पर अगले छह महीने तक ट्रेडिंग करने से रोक लगा दी है। सेबी ने साथ ही एक्सचेंज को ब्याज सहित 625 करोड़ रुपये लौटाने का भी आदेश दिया।
सेबी ने एनएसई के दो पूर्व मुख्य कार्यपालक अधिकारियों रवि नारायण और चित्रा रामकृष्ण को पांच साल तक किसी सूचीबद्ध कंपनी के साथ काम करने पर प्रतिबंध लगाया। इसके साथ ही उन पर 5 साल तक किसी भी लिस्टेड कंपनी के साथ जुड़ने पर बैन लगा दिया गया है। सेबी ने कहा कि एनएसई ने टिक बाई टिक (टीबीटी) आर्किटेक्चर लगाने से पहले इस पर पर्यप्त विचार नहीं किया था।


क्या है मामला: दरअसल जल्दी जानकारी के लिए एनएसई के डाटा सेंटर में ट्रेडर्स के सर्वर लगाते हैं। इसके लिए एनएसई एक चार्ज लेता है। जुलाई 2016 में सेबी ने इसी को-लोकेशन और इससे होने वाली आय पर जांच के आदेश दिए थे। 

सेबी के अधिकारियों के मुताबिक, एनएसई पर चुनिंदा ब्रोकर्स को प्रेफरेंशियल एक्सेस दिए जाने के आरोप हैं। इसके अलावा सेबी ने जांच में एनएसई और रिलेटेड पार्टीज के फॉर्मर और मौजूदा टॉप एग्जिक्यूटिव्स की तरफ से भी चूक होने की बात की जानकारी मिली है। रेगुलेटर ने जांच के तहत कई लोगों के स्टेटमेंट भी रिकॉर्ड किए हैं। 


सेबी ने आदेश में कहा गया है , " एनएसई को 624.89 करोड़ रुपये और .. उसके साथ उस पर 1 अप्रैल 2014 से 12 प्रतिशत सालाना ब्याज दर सहित पूरी राशि सेबी द्वारा स्थापित निवेशक सुरक्षा एवं शिक्षा कोष (आईपीईएफ) में भरनी होगी। "

भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने इस मामले में एनएसई के दो पूर्व मुख्य कार्यकारी अधिकारी और प्रबंध निदेशक रवि नारायण और चित्रा रामकृष्ण को एक अवधि विशेष के दौरान प्राप्त वेतन के 25 प्रतिशत हिस्से को वापस करने के लिए भी कहा है। सेबी ने इन दोनों पूर्व अधिकारियों पर पांच साल तक किसी सूचीबद्ध कंपनी या बाजार ढांचा चलाने वाले संस्थान या बाजार में बिचौलिए का काम करने वाली इकाई के साथ काम करने पर भी रोक लगायी है। 

आदेश के मुताबिक , सेबी ने दोनों को छह महीने के लिए प्रतिभूति बाजार में सीधे या परोक्ष रूप से कारोबार करने से भी रोक दिया है। साल 2015 में एक शिकायत के बाद एनएसई की को - लोकेशन सुविधा नियामकीय जांच के घेरे में आई। इस मामले में आदेश जारी करते हुए सेबी ने कहा कि एनएसई ने टिक - बाय - टिक (टीबीटी) डेटा रूपरेखा के संबंध में आपेक्षित प्रयास नहीं किया। टीबीटी डेटा फीड ऑर्डर बुक में हुए हर बदलाव के बारे में जानकारी देता है। इसे पारेषण नियंत्रण प्रोटोकॉल / इंटरनेट प्रोटोकॉल के जरिए प्रसारित किया जाता है। इस प्रोटोकॉल के तहत एक - एक करके सूचनाएं प्रेषित होती हैं। 

सेबी के पूर्ण कालिक सदस्य जी महालिंगम ने आदेश में कहा , " इसमें कोई संशय नहीं है कि शेयर बाजार ने टीबीटी रूपरेखा को लागू करने के समय आपेक्षित परिश्रम नहीं किया। इसके चलते एक ऐसा कारोबारी माहौल बना , जिसमें सूचनाओँ का प्रसार असमान था। जिसे निष्पक्ष एवं उचित और न्यायसंगत नहीं माना जा सकता। " वहीं , दूसरी तरफ सेबी ने नेशनल स्टॉक एक्सचेंज को अगले छह महीने तक कोई भी नया डेरिवेटिव उत्पाद पेश नहीं करने के लिए कहा है।
(को-लोकेशन:एक खास जगह स्थापित एक्सचेंज के कुछ सर्वर को कारोबार में कथित रूप से वरीयता देना)


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Rajanish Kant बुधवार, 1 मई 2019
#Share Market:बाय, सेल, होल्ड, स्टॉप लॉस, सपोर्ट, ब्लू चिप, वोलेटिलिटी क...

#Share Market:बाय, सेल, होल्ड, स्टॉप लॉस, सपोर्ट, ब्लू चिप, वोलेटिलिटी क...

Rajanish Kant शुक्रवार, 25 जनवरी 2019
Stock, शेयर, स्टॉक मार्केट, एनएसई, बीएसई आपके लिए कितना फायदेमंद

Stock, शेयर, स्टॉक मार्केट, एनएसई, बीएसई आपके लिए कितना फायदेमंद

Rajanish Kant गुरुवार, 17 जनवरी 2019
NSE पर शुरू हुआ कमोडिटी डेरिवेटिव्ज कारोबार, सोना और चांदी वायदा में कर सकेंगे खरीद-बिक्री
अगर आप सोना, चांदी समेत दूसरे कमोडिटी डेरिवेटिव्ज में कारोबार करते हैं तो आपके लिए अब ज्यादा विकल्प हो गए हैं। आप MCX, NCDEX, BSE के अलावा, NSE पर कमोडिटी डेरिवेटिव्ज में कारोबार कर सकते हैं। आज से NSE पर भी कमोडिटी डेेरिवेटिव्ज लांच हो गया है। 


हाल ही में मार्केट रेगुलेटर सेबी ने देश के दिग्गज स्टॉक एक्सचेंज बीएसई और एनएसई को कमोडिटी डेरिवेटिव्ज में कारोबार शुरू करने की मंजूरी दी थी। इससे पहले इसी महीने बीएसई पर कमोडिटी डेरिवेटिव्ज कारोबार शुरू किया गया।  


((कच्चे तेल और नैचुरल गैस के निवेशक इन आंकड़ों पर नजर रखेंगे तो फायदे में रहेंगे
((सोने-चांदी के निवेशक इन आंकड़ों को लेकर अलर्ट रहें, नुकसान से बचे रहेंगे
((बेस मेटल्स में कारोबार करते हैं, तो इन आंकड़ों को नजरअंदाज मत करें, फायदा होगा
((कमोडिटी में ट्रेडिंग करना चाहते हैं, पहले जान लीजिए कुछ खास बातें
((आप अगर कमोडिटीज डेरिवेटिव्ज ट्रेनर्स बनना चाहते हैं, तो सेबी के इन नियमों का पालन करें
(सेबी ने कमोडिटी फ्यूचर्स में ऑप्शंस ट्रेडिंग के संबंध में गाइडलाइंस जारी की, जानिए इसके फायदे
(सेबी इन्वेस्टर सर्वे 2015: निवेशक कहां जल्दी से कैश (तरलता) की उम्मीद करते हैं-म्युचुअल फंड्स, इक्विटीज, डिबेंचर्स, कमोडिटी फ्यूचर्स, डेरिवेटिव्स?
(सेबी इन्वेस्टर सर्वे 2015: निवेशक कहां ज्यादा रिटर्न की उम्मीद करते हैं-कमोडिटी फ्यूचर्स, डेरिवेटिव्स, डिबेंचर्स,  इक्विटीज या  म्युचुअल फंड्स ?
(सेबी इन्वेस्टर सर्वे 2015: बॉन्ड्स, इक्विटीज, म्युचुअल फंड्स में से किसको सबसे ज्यादा सुरक्षित मानते हैं निवेशक ?

(बच्चों को फाइनेंशियल एजुकेशन क्यों देना चाहिए पर हिन्दी किताब- बेटा हमारा दौलतमंद बनेगा)
((मेरा कविता संग्रह "जब सपने बन जाते हैं मार्गदर्शक"खरीदने के लिए क्लिक करें 

(ब्लॉग एक, फायदे अनेक

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Rajanish Kant शुक्रवार, 12 अक्तूबर 2018
अगले महीने से BSE, NSE पर भी कर सकेंगे कमोडिटी डेरिवेटिव्ज में ट्रेडिंग
अगर आप कमोडिटी डेरिवेटिव्ज में ट्रेडिंग करते हैं, तो आपके लिए अगले महीने से ज्यादा विकल्प मिलेंगे। देश के दिग्गज स्टॉक एक्सचेंज बीएसई यानी बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज और एनएसई यानी नेशनल स्टॉक एक्सचेंज अगले महीने से कमोडिटी डेरिवेटिव्ज में ट्रेडिंग शुरू करने जा रहे हैं। सबसे सोने और चांदी में कारोबार शुरू करेंगे। 
फिलहाल मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज यानी एमसीएक्स और एनसीडीएक्स पर कमोडिटी फ्यूचर की ट्रेडिंग होती है। 

मार्केट रेगुलेटर सेबी दोनों स्टॉक एक्सचेंज को कमोडिटी फ्यूचर ट्रेडिंग शुरू करने की मंजूरी दे चुका है। दोनों एक्सचेंज ने संबंधित क्लियरिंग कॉर्पोरेशन से भी नियामिकीय मंजूरी ले चुके हैं। माना जा रहा है कि बीएसई और एनएसई द्वारा कमोडिटी फ्यूचर ट्रेडिंग शुरू किये जाने से कमोडिटी डेरिवेटिव्ज का दायरा बढ़ेगा। 



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Rajanish Kant बुधवार, 19 सितंबर 2018
शेयरों में ट्रेडिंग करने वालों के लिए जरूरी खबर

शेयरों में ट्रेडिंग करने वालों के लिए जरूरी खबर

Rajanish Kant शुक्रवार, 4 मई 2018
अब 11.55 बजे रात तक शेयरों की खरीद-बिक्री कर सकेंगे, सेबी ने जारी किया सर्कुलर, जानें क्या है उसमें

घरेलू स्टॉक एक्सचेंज की ट्रेडिंग समय बढ़ाने की मांग को देखते हुए मार्केट और कमोडिटी रेगुलेटर सेबी ने ट्रेडिंग समय बढ़ाने की अनुमति दे दी है। इस संबंध में जारी किए गए सर्कुलर में सेबी ने कहा है कि ट्रेडिंग समय बढ़ाने का फैसला 1 अक्टूबर 2018 के बाद लिया जा सकता है। 

सेबी ने अपने सर्कुलर में कहा है कि 28 दिसंबर 2017 की बोर्ड बैठक में स्टॉक डेरिवेटिव्स और कमोडिटी डेरिवेटिव्स के ट्रेडिंग समय को बढ़ाने की मंजूरी दी थी और अब इसे लागू करने की मंजूरी दी जा रही है। उसने कहा है कि अभी स्टॉक मार्केट में सुबह 9 बजे से शाम 3.30 बजे तक ट्रेडिंग होती है लेकिन स्टॉक डेरिवेटिव्स में ट्रेडिंग के समय को बढ़ाकर सुबह 9 बजे से रात 11.55 बजे तक किया जा सकता है। वहीं कमोडिटी डेरिवेटिव्स में अभी सुबह 10 बजे से रात 11.55 तक ट्रेडिंग होती है लेकिन अगर एक्सचेंज चाहें तो इस समय सीमा को बढ़ा सकते हैं। लेकिन, ट्रेडिंग समय बढ़ाने से पहले इस संबंध में डीटेल्स प्रस्ताव सेबी के पास भेजना होगा। 

ट्रेडिंग समय को बढ़ाने के संबंध में सर्कुलर आप इस लिंक पर क्लिक करके पढ़ सकते हैं 





(('बिना प्रोफेशनल ट्रेनिंग के शेयर बाजार जरूर जुआ है'
((शेयर बाजार: जब तक सीखेंगे नहीं, तबतक पैसे बनेंगे नहीं! 
((जानें वो आंकड़े-सूचना-सरकारी फैसले और खबर, जो शेयर मार्केट पर डालते हैं असर
म्युचुअल फंड के बदल गए नियम, बदलाव से निवेशकों को फायदा या नुकसान, जानें विस्तार से  
((फाइनेंशियल प्लानिंग (वित्तीय योजना) क्या है और क्यों जरूरी है?
((ये दिसंबर तिमाही को कुछ Q2, कुछ Q3 तो कुछ Q4 क्यों बताते हैं ?
((कैसे करें शेयर बाजार में एंट्री 
((सामान खरीदने जैसा आसान है शेयर बाजार में पैसे लगाना
((खुद का खर्च कैसे मैनेज करें? 
(बच्चों को फाइनेंशियल एजुकेशन क्यों देना चाहिए पर हिन्दी किताब- बेटा हमारा दौलतमंद बनेगा)
((मेरा कविता संग्रह "जब सपने बन जाते हैं मार्गदर्शक"खरीदने के लिए क्लिक करें 

(ब्लॉग एक, फायदे अनेक

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