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HDFC बैंक से लोन लेने वालों का होगा फायदा
अगर आप HDFC बैंक से लोन लेने जा रहे हैं तो आपके लिए अच्छी खबर है। दरअसल, बैंक ने अल्पकालिक ऋण की ब्याज दरों (MCLR) में 0.05-0.10 प्रतिशत तक की कटौती कर दी है। नई ब्याज दरें आज से लागू हो गईं हैं। बैंक के इस फैसले से लोन सस्ते हो जाएंगे। 

HDFC बैंक ने रिजर्व बैंक द्वारा रेपो रेट चौथाई प्रतिशत घटाने के बाद लोन ब्याज दरों में कमी की है। रिजर्व बैंक ने 4 अप्रैल को ही रेपो रेट 0.25 प्रतिशत कमकर 6 प्रतिशत कर दिया था। 

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Rajanish Kant सोमवार, 8 अप्रैल 2019
बैंक ऑफ महाराष्ट्रा (BoM) ने लोन सस्ता किया
बैंक ऑफ महाराष्ट्रा ने रिजर्व बैंक द्वारा रेपो रेट में चौथाई परसेंट की कमी करने के एक दिन बाद अल्पकालिक लोन की ब्याज दरों (एमसीएलआर) को 5 बेसिस प्वाइंट कम कर दिया है। रिजर्व बैंक ने ग्रोथ को गति देने के लिए 4 अप्रैल के अपने मौद्रिक नीति घोषणा में रेपो रेट को चौथाई परसेंट कम करके 6 परसेंट कर दिया था। 

बैंक ऑफ महाराष्ट्रा ने एक साल के एमसीएलआर को 8.75 परसेंट से घटाकर 8.70 परसेंट, वहीं 6 महीने के एमसीएलआर को 8.50 परसेंट, तीन महीने के एमसीएलआर को 8.45 परसेंट और एक महीने के एमसीएलआर को 8.25 परसेंट कर दिया है। बैंक  ने हालांकि बेस रेट को 9.50 परसेंट पर स्थिर रखा है। 
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Rajanish Kant शनिवार, 6 अप्रैल 2019
ICICI बैंक से लोन लेना हुआ सस्ता

आरबीआई एमपीसी की ब्याज दरों को लेकर जारी बैठक के बीच देश के दो प्राइवेट बैंक आईसीआईसीआई बैंक और कोटक महिंद्रा बैंक ने लोन ग्राहकों को अच्छी खब दी है। दोनों बैंकों ने अल्पकालिक ऋण की ब्याज दरों में कमी कर दी है। 
आईसीआईसीआई बैंक ने एमसीएलआर दरों में 5 बेसिस प्वाइंट की कटौती कर दी है। वहीं दूसरी ओर कोटक महिंद्रा बैंक ने भी एमसीएलआर में 10 बेसिस प्वाइंट की कटौती की है। नई दरें एक अप्रैल से प्रभावी हो गई हैं।
आईसीआईसीआई बैंक एक रात और एक महीने की अवधि के लिए एमसीएलआर को घटाकर 8.5%कर दिया है। वहीं दो महीने की अवधि के लिए एमसीएलआर 8.55%, छह महीने की अवधि के लिए 8.7% और एक वर्ष की अवधि के लिए एमसीएलआर को 8.75% कर दिया गया है। 
कोटक महिंद्रा बैंक ने भी एमसीएलआर दरों में 10 बेसिस प्वाइंट की कटौती की है। बैंक में अब एक वर्ष की अवधि के लिए एमसीएलआर 8.9 % हो गई है। वहीं दो वर्ष और तीन वर्ष की अवधि के लिए एमसीएलआर को 5 बेसिस प्वाइंट कम कर 9 % कर दिया गया है। इससे पहले बैंक ने अन्य अवधियों के लिए एमसीएलआर में 5 बेसिस प्वाइंट की कटौती की थी।
RBI MPC की ब्याज दर पर बैठक 2 अप्रैल शुरू हुई और 4 अप्रैल तक चलेगी। चार अप्रैल को पता चलेगा कि ब्याज दरों में कटौती होती है या नहीं। वैसे ज्यादातर जानकार ब्याज दर में चौथाई प्रतिशत की कटौती की बात कह रहे हैं। 


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Rajanish Kant मंगलवार, 2 अप्रैल 2019
लोन ग्राहकों को राहत देने का रास्ता आरबीआई ने ऐसे निकाला, अगले साल 1 अप्रैल से मिलेगा फायदा

रिजर्व बैंक ने 3,4,5 दिसंबर की बैठक में लोन ग्राहकों को राहत देने के लिए नया रास्ता निकाला है। रिजर्व बैंक ने प्रमुख दरों में कटौती का बैंक द्वारा फायदा नहीं देने के बाद ये रास्ता निकाला गया है।
I. विनियमन और पर्यवेक्षण
1. बैंकों द्वारा नए अस्थिर दर ऋण की बाहरी बेंचमार्किंग
निधि आधारित ऋण दर (एमसीएलआर) प्रणाली की सीमांत लागत के कार्य की समीक्षा करने के लिए आंतरिक अध्ययन समूह की रिपोर्ट (अध्यक्ष: डॉ जनक राज) को 4 अक्टूबर 2017 को सार्वजनिक प्रतिक्रिया के लिए जारी किया गया। इस रिपोर्ट ने बैंकों द्वारा वर्तमान के आंतरिक बेंचमार्क [प्राइम लेंडिग रेट (पीएलआर), बेंचमार्क प्राइम लेंडिग रेट (बीपीएलआर), बेस रेट और निधि आधारित ऋण दर (एमसीएलआर) की सीमांत लागत के मौजूदा सिस्टम की बजाए बैंक द्वारा अपने अस्थिर दर ऋण के लिए बाहरी बेंचमार्किंग की सिफारिश की थी। इस दिशा में एक कदम के रूप में, यह प्रस्तावित किया जाता है कि सभी नए अस्थिर दर वाले व्यक्तिगत या खुदरा ऋण (आवास, ऑटो इत्यादि) और बैंकों द्वारा सूक्ष्म और लघु उद्यमों को प्रदान किए गए अस्थिर दर ऋण को 1 अप्रैल 2019 से निम्नलिखित में से किसी एक के साथ बेंचमार्क किया जाएगा :
- भारतीय रिजर्व बैंक नीति रिपो दर, या
- फाइनेंशियल बेंचमार्क इंडिया प्राइवेट लिमिटेड (एफबीआईएल) द्वारा प्रस्तुत भारत सरकार 91 दिवसीय खजाना बिल प्रतिफल, या
- एफबीआईएल द्वारा प्रस्तुत भारत सरकार 182 दिवसीय खजाना बिल प्रतिफल, या
- एफबीआईएल द्वारा प्रस्तुत कोई अन्य बेंचमार्क बाजार ब्याज दर ।
बेंचमार्क दर पर फैलाव - ऋण की शुरुआत में बैंकों के विवेकानुसार पूरी तरह से तय किया जाना है- ऋण की अवधि तब तक अपरिवर्तित रहनी चाहिए, जब तक कि उधारकर्ता के क्रेडिट मूल्यांकन में पर्याप्त परिवर्तन नहीं होता है जैसा कि ऋण अनुबंध में करार किया गया है। बैंक अन्य उधारकर्ताओं को भी ऐसे बाहरी बेंचमार्क से जुड़े ऋण भी प्रदान करने के लिए स्वतंत्र हैं। उधारकर्ताओं द्वारा पारदर्शिता, मानकीकरण और ऋण उत्पादों की जानकारी को आसान बनाने के लिए, बैंक को ऋण श्रेणी के भीतर एक समान बाहरी बेंचमार्क अपनाना होगा; दूसरे शब्दों में, ऋण श्रेणी के अंदर एक ही बैंक द्वारा कई बेंचमार्कों को अपनाने की अनुमति नहीं है । दिसंबर 2018 के अंत तक अंतिम दिशानिर्देश जारी किए जाएंगे।

2. कार्यशील पूंजी वित्त में अनिवार्य ऋण घटक
कार्यशील पूंजी उधारकर्ताओं के बीच अधिक क्रेडिट अनुशासन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से, 5 अप्रैल 2018 को घोषित विकासात्मक और विनियामकीय नीतियों पर वक्तव्य में प्रस्तावित किया गया था कि बड़े उधारकर्ताओं के लिए निधि-आधारित कार्यशील पूंजी वित्त में न्यूनतम स्तर का 'ऋण घटक' निर्धारित किया जाए। तदनुसार, इस संबंध में डाफ्ट्र दिशानिर्देश हितधारकों की टिप्पणियों के लिए 11 जून 2018 को जारी किए गए थे । हितधारकों के मत को ध्यान में रखते हुए, 1 अप्रैल 2019 से प्रभावी अंतिम दिशानिर्देश आज जारी किए जा रहे हैं।
3. चलनिधि कवरेज अनुपात के साथ सांविधिक चलनिधि अनुपात संरेखित
मौजूदा रोडमैप के अनुसार, अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों को 1 जनवरी 2019 तक 100 प्रतिशत की न्यूनतम चलनिधि कवरेज अनुपात (एलसीआर) को प्राप्त करना होगा। वर्तमान में, सांविधिक चलनिधि अनुपात (एसएलआर) सकल मांग और मीयादी देयताओं (एनडीटीएल) का 19.5 प्रतिशत है। आगे, बैंकों के एलसीआर की गणना के उद्देश्य से परिसंपत्तियों को लेवल 1 उच्च गुणवत्ता चलनिधि परिसंपत्ति (एचक्यूएलए) के रूप में माना जाना चाहिए, अन्य बातों के साथ, इसमें शामिल हैं (अ) न्यूनतम एसएलआर आवश्यकता से अधिक सरकारी प्रतिभूतियां; और (आ) अनिवार्य एसएलआर आवश्यकता के भीतर, आरबीआई द्वारा (i) सीमांत स्थायी सुविधा (एमएसएफ) [वर्तमान में बैंक के एनडीटीएल का 2 प्रतिशत] और (ii) चलनिधि कवरेज अनुपात (एफएएलएलसीआर) के लिए चलनिधि की सुविधा प्राप्त करने [वर्तमान में बैंक के एनडीटीएल का 13 प्रतिशत] के तहत अनुमत सीमा तक सरकारी प्रतिभूतियां। एलसीआर आवश्यकता के साथ एसएलआर संरेखित करने के लिए, यह प्रस्ताव है कि हर कैलेंडर तिमाही में एसएलआर को 25 आधार अंक कम किया जाए जब तक कि एसएलआर एनडीटीएल के 18 प्रतिशत तक पहुंच जाए। जनवरी 2019 से शुरू होने वाली तिमाही से 25 आधार अंकों की पहली कटौती प्रभावी होगी।
4. प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंकों (यूसीबी) में प्रबंधन बोर्ड
श्री वाई.एच. मालेगाम की अध्यक्षता में नए शहरी सहकारी बैंकों (2010) के लाइसेंस पर गठित विशेषज्ञ समिति ने, अन्य बातों के साथ-साथ, सिफारिश की थी कि यूसीबी में अभिशासन को सुदृढ़ करने के उद्देश्य से प्रत्येक प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंक (यूसीबी) में निदेशक मंडल (बीओडी) के अलावा, प्रबंधन बोर्ड (बीओएम) का गठन किया जाए। इसे जनवरी 2015 में गठित शहरी सहकारी बैंकों (अध्यक्ष: श्री आर.गांधी) की उच्च अधिकार प्राप्त समिति द्वारा दोहराया गया था।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने 25 जून 2018 को यूसीबी में बीओएम बनाने का ड्राफ्ट दिशानिर्देश जारी किया था, जिसपर बैंकों और अन्य हितधारकों से टिप्पणियां आमंत्रित की गई थी। दिशानिर्देशों में प्रस्तावित किया गया है कि यूसीबी बीओएम को स्थापित करने के लिए अपने उप-कानूनों में प्रावधान करें। दिशानिर्देश यह भी प्रस्तावित करते हैं कि केवल यूसीबी, जिन्होंने अपने उप-कानूनों में ऐसा प्रावधान किया है, के लिए विनियामक अनुमोदन जैसे कि परिचालन के क्षेत्र में विस्तार और नई शाखाओं को खोलने की अनुमति दी जा सकती है।


(स्रोत-आरबीआई)
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बचत, निवेश संबंधी beyourmoneymanager के लेख


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Rajanish Kant गुरुवार, 6 दिसंबर 2018
HDFC से होम लोन लेना अब बहुत महंगा हो गया
रिजर्व बैंक द्वारा एक अगस्त को रेपो रेट में चौथाई प्रतिशत की बढ़ोतरी के बाद बैंक और लोन देने वाली कंपनियां कर्ज की दरों में इजाफा कर रहे हैं। इसी सिलसिले में होन लोन देने वाली कंपनी एचडीएफसी ने कर्ज की दरों में 0.20 प्रतिशत का इजाफा कर दिया है।  नई दरें एक अगस्त से लागू हो गईं हैं। 
कंपनी पुरुष लोन ग्राहकों से अब ₹30 लाख तक के होम लोन के लिए 8.75 प्रतिशत सालाना ब्याज वसूलेगी, जबकि महिला लोन ग्राहकों से इतने ही लोन पर 8.70 प्रतिशत सालाना ब्याज वसूलेगी। वहीं ₹30 लाख से अधिक के होम लोन पर अब पुरुष ग्राहकों को जहां 8.85 प्रतिशत सालाना ब्याज देना होगा, जबकि महिला ग्राहकों को 8.80 प्रतिशत सालाना ब्याज देना होगा। आपको बता दूं कि महंगाई का हवाला देते हुए रिजर्व बैंक ने एक अगस्त को रेपो रेट चौथाई प्रतिशत बढ़ाकर 6.25 प्रतिशत कर दिया था।

रिजर्व बैंक द्वारा रेपो रेट बढ़ाए जाने के बाद और एचडीएफसी से पहले लोन महंगा करने वालों में यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, कोटक महिंद्रा बैंक और कर्नाटका बैंक ने अपने-अपने MCLR (Marginal Cost of Funds based Lending Rate, धनराशि आधारित उधार दर, निधि आधारित उधार दर,कोष आधारित उधार दर) में 0.05-0.10 प्रतिशत का इजाफा कर दिया था। यूनियन बैंक ने एक साल का एमसीएलआर 0.10 प्रतिशत बढ़ाकर 8.55 प्रतिशत कर दिया जबकि कोटक महिंद्रा बैंक ने एक महीने और तीन महीने का एमसीएलआर 0.05 प्रतिशत बढ़ाकर क्रमश: 8.20 प्रतिशत और 8.55 प्रतिशत कर दिया। 

Rajanish Kant शुक्रवार, 3 अगस्त 2018
बैंक ऑफ बड़ौदा और विजया बैंक ने लोन महंगे किये
सरकारी बैंक बैंक ऑफ बड़ौदा और विजया बैंक ने MCLR यानी धनराशि आधारित उधार दर (निधि आधारित उधार दर, कोष आधारित उधार दर - Marginal Cost of Funds based Lending Rate ) में बढ़ोतरी कर दी है। इससे उन बैंकों से होम लोन समेत सभी तरह के लोन महंगे हो जाएंगे। 

बैंक ऑफ बड़ौदा ने अलग-अलग अवधि के लिए एमसीएलआर 0.05 प्रतिशत बढ़ा दिया है। नई दरें 7 जुलाई से लागू होंगी। बैंक से रातभर, एक महीने, तीन महीने, छह महीने और एक साल के लोन के लिए अब 0.05 प्रतिशत ज्यादा क्रमश: 8%, 8.5%, 8.15%, 8.35% और 8.50% ब्याज चुकाना होगा। 

आपको बता दूं बैंक हर महीने अपने एमसीएलआर की समीक्षा करते हैं और जरूरत पड़ने पर घटाते हैं, बढ़ाते हैं या फिर जस का तस रखते हैं। 

उधर, विजया बैंक ने एमसीएलआर ओवर्नाइट और एक महीने के लिए 7.90% और 6 महीनों के लिए 8.50% ही बरकरार रखी हैजबकि बैंक ने तीन महीनों के लिए 8.15% से बढ़ा कर 8.25%, एक साल की अवधि के लिए 8.50% से 8.55%, दो साल के लिए 8.65% से 9.00% और तीन साल के लिए 8.75% से बढ़ा कर 9.25% कर दी हैं। बैंक की बढ़ी हुई एमसीएलआर 5 जुलाई से प्रभावी हैं।

(('बिना प्रोफेशनल ट्रेनिंग के शेयर बाजार जरूर जुआ है'
((शेयर बाजार: जब तक सीखेंगे नहीं, तबतक पैसे बनेंगे नहीं! 
((जानें वो आंकड़े-सूचना-सरकारी फैसले और खबर, जो शेयर मार्केट पर डालते हैं असर
म्युचुअल फंड के बदल गए नियम, बदलाव से निवेशकों को फायदा या नुकसान, जानें विस्तार से  
((फाइनेंशियल प्लानिंग (वित्तीय योजना) क्या है और क्यों जरूरी है?
((ये दिसंबर तिमाही को कुछ Q2, कुछ Q3 तो कुछ Q4 क्यों बताते हैं ?
((कैसे करें शेयर बाजार में एंट्री 
((सामान खरीदने जैसा आसान है शेयर बाजार में पैसे लगाना
((खुद का खर्च कैसे मैनेज करें? 
(बच्चों को फाइनेंशियल एजुकेशन क्यों देना चाहिए पर हिन्दी किताब- बेटा हमारा दौलतमंद बनेगा)
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Rajanish Kant गुरुवार, 5 जुलाई 2018