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बैंकों से लोन लेने के मामले में कौन रहा सबसे आगे, RBI ने जारी किए ताजा आंकड़े


बैंक ऋण का क्षेत्र-वार अभिनियोजन – फरवरी 2023

फरवरी 20231 महीने के लिए 40 चुनिंदा अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों से जुटाए गए बैंक ऋण के क्षेत्र-वार अभिनियोजन संबंधी आंकड़ें, जो सभी अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों द्वारा अभिनियोजित कुल खाद्येतर ऋण का लगभग 93 प्रतिशत होता है, विवरण I और II में दिए गए हैं।

वर्ष-दर-वर्ष (व-द-व) आधार पर देखें तो, खाद्येतर बैंक ऋण2 में फरवरी 2023 में 15.9 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई, जबकि एक वर्ष पहले यह 9.2 प्रतिशत थी।

बैंक ऋण के क्षेत्र-वार अभिनियोजन की मुख्य बातें नीचे दी गई हैं:

  • फरवरी 2023 में कृषि और संबद्ध कार्यकलापों के लिए प्रदत्त ऋण में 14.9 प्रतिशत (वर्ष-दर-वर्ष) की वृद्धि हुई, जबकि एक वर्ष पहले यह 10.3 प्रतिशत थी।

  • उद्योग क्षेत्र को प्रदत्त ऋण में फरवरी 2023 में 7.0 प्रतिशत (वर्ष-दर-वर्ष) की वृद्धि दर्ज की गई, जबकि यह फरवरी 2022 में 6.7 प्रतिशत थी। आकार के अनुसार देखें तो, बड़े उद्योग को प्रदत्त ऋण में एक वर्ष पहले के 0.9 प्रतिशत की वृद्धि की तुलना में 5.0 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई। मध्यम उद्योगों को प्रदत्त ऋण में 53.8 प्रतिशत की तुलना में 13.5 प्रतिशत की वृद्धि हुई। सूक्ष्म और लघु उद्योगों को प्रदत्त ऋण में फरवरी 2023 में 13.2 प्रतिशत की वृद्धि (एक वर्ष पहले 24.0 प्रतिशत) दर्ज की गई।

  • उद्योग के भीतर, ‘सभी इंजीनियरिंग’, ‘मूल धातु और धातु उत्पादों’, ‘पेय पदार्थ और तंबाकू’, ‘सीमेंट और सीमेंट उत्पादों’, ‘रसायन और रासायनिक उत्पादों’, ‘निर्माण’, ‘कांच और कांच की वस्तुओं’, ‘खनन और उत्खनन’, ‘पेट्रोलियम, कोयला उत्पादों’और परमाणु ईंधन’, ‘वाहन, वाहन के पुर्जों और परिवहन उपकरण’ एवं ‘लकड़ी और लकड़ी के उत्पादों’ हेतु प्रदत्त ऋण वृद्धि में फरवरी 2023 में पिछले वर्ष के इसी महीने की तुलना में बढ़ोत्तरी हुई। ‘खाद्य प्रसंस्करण’, ‘रत्न और आभूषण’, ‘अवसंरचना’, ‘चमड़ा और चमड़े के उत्पादों’, ‘कागज और कागज के उत्पादों’, ‘रबड़, प्लास्टिक और उसके उत्पादों’ एवं ‘कपड़ा’ की ऋण वृद्धि में गिरावट/कमी आई।

  • सेवा क्षेत्र को प्रदत्त ऋण एक वर्ष पहले के 6.2 प्रतिशत की तुलना में फरवरी 2023 में 20.7 प्रतिशत (वर्ष-दर-वर्ष) पर मजबूत था, जिसका मुख्य कारण ‘गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी)’ द्वारा ऋण उठाव में सुधार था।

  • वैयक्तिक ऋण वृद्धि एक वर्ष पहले के 12.5 प्रतिशत की तुलना में फरवरी 2023 में बढ़कर 20.4 प्रतिशत (वर्ष-दर-वर्ष) हो गई, जिसका मुख्य कारण ‘आवास ऋण’ था।

1 आंकड़ें माह के अंतिम रिपोर्टिंग शुक्रवार से संबंधित हैं।

2 खाद्येतर ऋण के आंकड़ें माह के अंतिम रिपोर्टिंग शुक्रवार हेतु धारा – 42 विवरणी पर आधारित हैं, जिसमें सभी अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक (एससीबी) शामिल हैं।

(साभार- www.rbi.org.in)

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Rajanish Kant शनिवार, 1 अप्रैल 2023
बैंकों ने 10,09,511 लाख करोड़ रु. का कर्ज राइट ऑफ किया, उसमें से वसूली हुई 1,32,036 लाख करोड़ रु.-निर्मला सीतारमण, वित्त मंत्री


पिछले पांच वित्त वर्ष के दौरान अनुसूचित कमर्शियल बैंक जैसे कि एसबीआई, बैंक ऑफ बड़ौदा, पंजाब नेशनल बैंक, यूको बैंक बगैरह ने  10,09,511 लाख करोड़ रु. का कर्ज राइट ऑफ किया, उसमें से केवल 1,32,036 लाख करोड़ रु. की वसूली हुई है। देश की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इसकी जानकारी दी। हालांकि इस दौरान कर्जदारों से कुल मिलाकर 6,59,596 लाख करोड़ रुपए की वसूली की गई। 

राइट ऑफ का मतलब होता है बैलेंस शीट से कर्ज को निकालकर बैलेंस शीट को ठीक करना। राइट ऑफ का मतलब कर्ज माफ करना नहीं होता है। निर्मला सीतारमण ने बताया कि कर्ज का राइट ऑफ कर्जदारों को फायदा पहुंचाने के लिए नहीं किया जाता है। 

बैंक राइट ऑफ किए कर्ज को वसूलने के लिए कर्जदारों के खिलाफ कई तरह की कार्रवाई करती है। जैसे कि कर्जदारों के खिलाफ सिविल कोर्ट या डीआरटी (Debt Recovery Tribunals) में मुकदमा, इन्सोलवेंसी और बैंकरप्सी कोड 2016 (Insolvency and Bankruptcy Code, 2016) के तहत मुकदमा दर्ज, कर्जदारों की एनपीए संपत्ति को बेचना। 

वित्त मंत्री ने बताया कि इस दौरान एनपीए होने वाले कर्ज के लिए जिम्मेदार बैंक के अधिकारियों के खिलाफ भी कार्रवाई की गई है। वित्त मंत्री के अनुसार, पिछले पांच वित्त वर्ष के दौरान बैंकों के एजीएम और उससे उपर के स्तर के  3312 अधिकारी और कर्मचारी के विरुद्ध लापरवाही के लिए मुकदमा चलाने और उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के फैसले लिये गए। 

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Rajanish Kant बुधवार, 14 दिसंबर 2022
RBI ने RTI के जवाब में टॉप 50 विलफुल डिफॉल्टर के नाम बताए, जानिए कौन कौन हैं बड़े नाम
बैंकों से करोड़ों लोन लेना और जानबुझकर उसे नहीं चुकाना, बहुत सारे उद्योगपतियों की आदत बन गई है। कुछ दिन पहले कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी द्वारा संसद में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से टॉप 50 विलफुल डिफॉल्टर्स की जानकारी मांगी थी, लेकिन वित्त मंत्री ने जानकारी देने से मना कर दिया था। 

यही जानकारी एक  RTI कार्यकर्ता ने देश के केंद्रीय बैंक RBI से कुछ समय पहले मांगी थी। RBI ने टॉप 50 विलफुल डिफॉल्टर्स की जानकारी दी तो है लेकिन ये लिस्ट सितंबर 2019 तक ही  अपडेटेड है, उसके बाद का नहीं। साथ ही विदेशी विलफुल डिफॉल्टर्स के नाम इस लिस्ट में शामिल नहीं है। इस लिस्ट में भगोड़ा मेहुल चोकसी और विजय माल्या की कंपनी के साथ बाबा रामदेव ने अभी हाल ही में जिस रुचि सोया इंडस्ट्रीज में निवेश किया है, उसका नाम भी शामिल है। आप भी इस लिस्ट को देख सकते हैं-









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Rajanish Kant मंगलवार, 28 अप्रैल 2020
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Rajanish Kant मंगलवार, 31 मार्च 2020