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RBI ने RTI के जवाब में टॉप 50 विलफुल डिफॉल्टर के नाम बताए, जानिए कौन कौन हैं बड़े नाम
बैंकों से करोड़ों लोन लेना और जानबुझकर उसे नहीं चुकाना, बहुत सारे उद्योगपतियों की आदत बन गई है। कुछ दिन पहले कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी द्वारा संसद में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से टॉप 50 विलफुल डिफॉल्टर्स की जानकारी मांगी थी, लेकिन वित्त मंत्री ने जानकारी देने से मना कर दिया था। 

यही जानकारी एक  RTI कार्यकर्ता ने देश के केंद्रीय बैंक RBI से कुछ समय पहले मांगी थी। RBI ने टॉप 50 विलफुल डिफॉल्टर्स की जानकारी दी तो है लेकिन ये लिस्ट सितंबर 2019 तक ही  अपडेटेड है, उसके बाद का नहीं। साथ ही विदेशी विलफुल डिफॉल्टर्स के नाम इस लिस्ट में शामिल नहीं है। इस लिस्ट में भगोड़ा मेहुल चोकसी और विजय माल्या की कंपनी के साथ बाबा रामदेव ने अभी हाल ही में जिस रुचि सोया इंडस्ट्रीज में निवेश किया है, उसका नाम भी शामिल है। आप भी इस लिस्ट को देख सकते हैं-









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Rajanish Kant मंगलवार, 28 अप्रैल 2020
ICICI बैंक, SBI, HDFC बैंक के खाताधारक ज्यादा अलर्ट रहें!

ICICI बैंक, SBI, HDFC बैंक के खाताधारक ज्यादा अलर्ट रहें!

Rajanish Kant शुक्रवार, 14 जून 2019
बैंकों में 11 सालों में 2.05 लाख करोड़ रु. की धोखाधड़ी:रिजर्व बैंक की रपट
देश में पिछले 11 वर्ष में बैंकों में 50,000 से ज्यादा धोखाधड़ी के मामले दर्ज किए हैं जिनमें कुल 2.05 लाख करोड़ रुपये की हेराफेरी हुई । भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के आंकड़ों के अनुसार धोखाधड़ी के सबसे ज्यादा मामले आईसीआईसीआई बैंक , भारतीय स्टेट बैंक और एचडीएफसी बैंक में दर्ज किए गए हैं। 

आंकड़ों के अनुसार , पिछले 11 सालों (2008-2009 से 2018-19 के बीच) में 2.05 लाख करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के कुल 53,334 मामले दर्ज किए गए हैं। सबसे ज्यादा 6,811 मामले आईसीआईसीआई बैंक में दर्ज किए गए हैं , जिनमें 5,033.81 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी हुई है। 

सूचना के अधिकार (आरटीआई) के तहत मांगी गई जानकारी के जवाब में केंद्रीय बैंक ने यह आंकड़े दिए हैं। 

आरबीआई ने कहा कि इस दौरान , भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) में 23,734.74 करोड़ रुपये के 6,793 धोखाधड़ी के मामलों की सूचना है। इसके बाद सबसे ज्यादा धोखाधड़ी के मामले एचडीएफसी बैंक में दर्ज किए गए हैं। एचडीएफसी बैंक में 1,200.79 करोड़ रुपये के कुल 2,497 धोखाधड़ी के मामले बाहर आए हैं। 

बैंक ऑफ बड़ौदा में इस दौरान धोखाधड़ी के मामले गिनती में 2,160 रहे लेकिन इनमें कुल 12,962.96 करोड़ रुपये की राशि की हेराफेरी की गयी। इसी तरह पंजाब नेशनल बैंक में 28,700.74 करोड़ रुपये के 2,047 धोखाधड़ी के मामले और एक्सिस बैंक में कुल 5,301.69 करोड़ रुपये के 1,944 धोखाधड़ी के मामले सामने आए हैं। 

आंकड़ों के मुताबिक , बैंक ऑफ इंडिया में धोखाधड़ी के 1,872 मामले (12,358.2 करोड़ रुपये), सिंडीकेट बैंक में 1,783 मामले (5830.85 करोड़ रुपये) और सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया में 9041.98 करोड़ रुपये के 1,613 धोखाधड़ी के मामले सामने आए हैं। 

इसी प्रकार , आईडीबीआई बैंक लिमिटेड ने 5978.96 करोड़ रुपये के 1,264 मामलों , स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक ने 1221.41 करोड़ रुपये के 1,263 मामलों , कैनरा बैंक ने 5553.38 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के 1,254 मामलों , यूनियन बैंक ऑफ इंडिया ने 11,830.74 करोड़ रुपये के 1,244 मामलों और कोटक महिंद्रा बैंक ने 430.46 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के 1,213 मामलों की सूचना दी है। 

पिछले 11 वर्षों की अवधि के दौरान , इंडियन ओवरसीज बैंक में 12,644.7 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के 1,115 मामले जबकि ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स में 5,598.23 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के ऐसे 1,040 मामले दर्ज किए गए हैं। 

इस अवधि के दौरान , भारत में परिचालन करने वाले कुछ विदेशी बैंकों में धोखाधड़ी के मामले दर्ज किए गए हैं। 

पीटीआई - भाषा ने तीन जून को आरबीआई के आंकड़ों का हवाला देते हुए अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों और चुनिंदा वित्तीय संस्थाओं में 71,542.93 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के 6,801 मामलों की सूचना दी थी। 

इससे पहले 2008- 09 में 1,860.09 करोड़ रुपये के कुल 4,372 मामले सामने आए थे। इसके बाद 2009- 10 में 1,998.94 करोड़ रुपये के 4,669 मामले दर्ज किए गए। 2010-11 में 4,534 मामले और 2011-12 में 4,093 मामले दर्ज किए गए हैं , इनमें क्रमश : 3,815.76 करोड़ रुपये और 4,501.15 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी हुई। 

इसी प्रकार , वित्त वर्ष 2012-13 में 8,590.86 करोड़ रुपये के 4,235 मामले , 2013-14 में 10,170.81 करोड़ रुपये के 4,306 मामले और 2014-15 में 19,455.07 करोड़ रुपये के 4,639 धोखाधड़ी के मामले दर्ज किए गए। 

वित्त वर्ष 2015- 16 और 2016- 17 में क्रमश : 18,698.82 करोड़ रुपये और 23,933.85 करोड़ रुपये मूल्य के 4,693 और 5,076 मामले सामने आए। वहीं , 2017-18 में 41,167.03 करोड़ रुपये के 5,916 धोखाधड़ी के मामले सामने आए हैं। 
(साभार: पीटीआई भाषा)
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Rajanish Kant गुरुवार, 13 जून 2019
बैंक फ्रॉड करने वालों को भा रहा है 'मोदी राज', 2018-19 में बैंक फ्रॉड 73%(रुपए के टर्म में) बढ़ा -RBI
2018-19 में बैंक फ्रॉड के 6800 मामले, 71,500 करोड़ रु.की हुई धोखाधड़ी-RBI 


वित्त वर्ष 2018-19 में बैंक फ्रॉड के 6801 मामले सामने आए हैं जिसमें करीब 71,542.93 करोड़ रु.(पिछले साल के मुकाबले 73 प्रतिशत ज्यादा) की धोखाधड़ी की गई। इसकी जानकारी किसी और ने नहीं बल्कि देश के केंद्रीय बैंक आरबीआई ने आरटीआई के जरिये मांगी गई जानकारी के तहत दी है। 

2017-18 में बैंक फ्रॉड के 5916 मामले समाने आए थे जिसके जरिये 41167 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी की गई थी। 

पिछले 11 वित्त वर्ष में बैंक फ्रॉड के कुल 53,334 मामले सामने आए हैं जिसके जरिये 2.05 लाख करोड़ रुपए की धोखाधड़ी हुई है। 

2008-09 में 4372 बैंक फ्रॉड के जरिये 1860.09 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी, 2009-10 में 4669 बैंक फ्रॉड के जरिये 1998.94 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी, 2010-11 में 4534 बैंक फ्रॉड के जरिये 3815.76 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी, 2011-12 में 4093 बैंक फ्रॉड के जरिये 4501.15 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी, 2012-13 में 4235 बैंक फ्रॉड के जरिये 8590.86 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी, 2013-14 में 4306 बैंक फ्रॉड के जरिये 8590.86 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी, 2014-15 में 4339 बैंक फ्रॉड के जरिये 19455.07 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी, 2015-16 में 4693 बैंक फ्रॉड के जरिये 18698.82 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी और 2016-17 में 5076 बैंक फ्रॉड के जरिये 23933.85 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी हुई। 

नीरव मोदी, विजय माल्या, मेहुल चोकसी बैंक फ्रॉड के जाने माने चेहरे बने हुए हैं। 

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Rajanish Kant सोमवार, 3 जून 2019
इन 13 सेक्टर की कंपनियां बैंक धोखाधडी करने में हैं सबसे आगे, जानें क्यों
केन्‍द्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) ने वर्ष 2017 में शीर्ष 100 बैंक धोखाधडि़यों की समीक्षा की और इसके साथ ही इन सभी का व्‍यापक विश्‍लेषण भी किया।
डॉ. टी. एम. भसीन, सतर्कता आयुक्‍त, सीवीसी ने इससे संबंधित विस्‍तृत जानकारियों को साझा करते हुए यह जानकारी दी कि आयोग ने इस अध्‍ययन को 13 क्षेत्रों ( सेक्‍टर) में उप-विभाजित किया है। इन 13 सेक्‍टरों में रत्‍न एवं जेवरात, विनिर्माण, कृषि क्षेत्र, मीडिया, उड्डयन, सेवा क्षेत्र, चेक एवं बिल डिस्‍काउंटिंग, व्‍यापार क्षेत्र, आईटी, निर्यात, सावधि जमा और डिमांड लोन, इत्‍यादि शामिल हैं।
  डॉ. भसीन ने कहा कि एक सचेत निर्णय के साथ-साथ पृथकता या भिन्‍नता को बनाए रखने के उद्देश्‍य से ऋण लेने वालों के खातों/निकायों और बैंकों के नामों का खुलासा इस रिपोर्ट में नहीं किया गया है। हालांकि, सभी सम्मिलित कार्यों जैसे कि प्रमुख खोजी एजेंसियों द्वारा जांच-पड़ताल करवाने, संबंधित कर्मचारियों की जवाबदेही तय करने और ऋण वसूली के कदम उठाने के लिए आवश्‍यक कदम उठाए जा रहे हैं।

डॉ. भसीन ने कहा कि इन ऋणों की वसूली के तरीकों का व्‍यापक विश्‍लेषण किया गया है और विभिन्‍न खामियों का पता लगाया गया है। निष्‍कर्षों के आधार पर प्रणाली में सुधार के लिए विभिन्‍न उद्योग विशिष्‍ट सुझाव अंतिम रिपोर्ट में प्रस्‍तुत किए गए हैं। यह अंतिम रिपोर्ट वित्तीय सेवाओं के विभाग (डीएफएस) और आरबीआई को भेज दी गई है, ताकि आयोग द्वारा पता लगाई गई खामियों को दूर किया जा सके। सुझाए गए उपायों में निगरानी प्रणाली को मजबूत करना और नियंत्रणकारी कार्यालयों की भूमिका पर प्रकाश डालना इत्‍यादि शामिल हैं, ताकि कारोबार की गुणवत्ता के पहलुओं पर गौर किया जा सके।
डॉ. भसीन ने कहा कि आयोग द्वारा एक निवारक सतर्कता उपाय के रूप में यह विश्लेषणात्मक अध्‍ययन कराया गया है, ताकि भविष्‍य में इस तरह की धोखाधडि़यां करने की प्रवृत्ति पर लगाम लगाई जा सके।
सीवीसी की ओर से किए गए शीर्ष 100 बैंक धोखाधडि़यों के विश्‍लेषण की प्रति तैयार सामग्री के रूप में सीवीसी की वेबसाइट पर अपलोड कर दी गई है: http://www.cvc.gov.in/sites/default/files/new1111.pdf

(सौ. पीआईबी)

Rajanish Kant मंगलवार, 16 अक्तूबर 2018
SBI अलर्ट: आप किसी फ्रॉड का शिकार होने जा रहे हैं, ऐसा हरगिज मत करें

SBI अलर्ट: आप किसी फ्रॉड का शिकार होने जा रहे हैं, ऐसा हरगिज मत करें

Rajanish Kant शुक्रवार, 10 अगस्त 2018