Results for "Financial inclusion"
RBI ने ताजा वित्तीय समावेशन सूचकांक जारी किया, सभी उप-सूचकांकों में वृद्धि देखी गई

मार्च 2023 के लिए वित्तीय समावेशन सूचकांक


देश के केंद्रीय बैंक भारतीय रिजर्व बैंक यानी आरबीआई ने मार्च 2023 को समाप्त वर्ष के लिए सूचकांक जारी किया है। मार्च 2022 में 56.4 की तुलना में मार्च 2023 के लिए एफआई-सूचकांक 60.1 है, जिसमें सभी उप-सूचकांकों में संवृद्धि देखी गई है। एफआई सूचकांक में सुधार मुख्य रूप से उपयोग और गुणवत्ता आयामों के योगदान से था, जो वित्तीय समावेशन की प्रगाढ़ता को दर्शाता है।

आपको बता दूं कि सरकार सहित संबंधित हितधारकों के परामर्श से भारतीय रिज़र्व बैंक ने देश भर में वित्तीय समावेशन की सीमा को मापने के लिए एक सम्मिश्र वित्तीय समावेशन सूचकांक (एफआई-सूचकांक) का निर्माण किया था जिसे पहली बार मार्च 2021 को समाप्त वित्तीय वर्ष के लिए अगस्त 2021 में प्रकाशित किया गया था।

(साभार- www.rbi.org.in)

('बिना प्रोफेशनल ट्रेनिंग के शेयर बाजार जरूर जुआ है'

((शेयर बाजार: जब तक सीखेंगे नहीं, तबतक पैसे बनेंगे नहीं! 





Plz Follow Me on: 

-Videos on IPO, share market: -Videos on Mutual Fund -Insurance हर किसी के लिए क्यों जरूरी पर Video -Videos on FD/RD,Bank,Post office -Videos on Home Loan, Home -Videos on PF, Pension Scheme, Retirement Fund -Videos on Children & Women's Fin. Planning -Videos on Savings, Investment, Fin.Literacy, Fin.Planning -Income Tax & How to save Tax पर Video -Video on Gold & Silver Investment; सोना और चांदी में निवेश पर वीडियो -Videos on Bitcoin, Cryptocurrency investment -Video on Commodities - Money, investment, savings in Marathi (beyourmoneymanagerMarathi)


A: My Youtube Channels:
1) beyourmoneymanager
2)beyourmoneymanagermarathi
3)RangaRang India
4)Sadabahar Romantic Raja

5)Housing Society Solutions


1)Hindi website on Money- 


Rajanish Kant शुक्रवार, 15 सितंबर 2023
RBI ने ANTARDRISHTI (अंतर्दृष्टि) नाम से Financial Inclusion (वित्तीय समावेशन) डैशबोर्ड शुरू किया, जानें इसके फायदे

 गवर्नर, भारतीय रिज़र्व बैंक ने अंतर्दृष्टि (ANTARDRISHTI) नामक वित्तीय समावेशन डैशबोर्ड का शुभारंभ किया



श्री शक्तिकान्त दास, गवर्नर ने अंतर्दृष्टि (ANTARDRISHTI) नामक एक वित्तीय समावेशन डैशबोर्ड का शुभारंभ किया। जैसा कि इस नाम से पता चलता है, यह डैशबोर्ड प्रासंगिक मापदंडों को शामिल करके वित्तीय समावेशन की प्रगति का आकलन और इसकी निगरानी करने के लिए आवश्यक अंतर्दृष्टि प्रदान करेगा। यह सुविधा देश भर में व्यापक स्तर पर वित्तीय वंचन की सीमा को मापने में भी सक्षम होगी ताकि ऐसे क्षेत्रों की कठिनाइयों को दूर किया जा सके। यह डैशबोर्ड, जो वर्तमान में भारतीय रिज़र्व बैंक में आंतरिक उपयोग के लिए उपलब्ध है, आगे चलकर बहु-हितधारक दृष्टिकोण के माध्यम से अधिक से अधिक वित्तीय समावेशन की सुविधा प्रदान करेगा।

भारतीय रिज़र्व बैंक विभिन्न नीतिगत पहल के माध्यम से वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देता रहा है। वित्तीय समावेशन की सीमा को मापने के लिए, भारतीय रिज़र्व बैंक ने 2021 में वित्तीय समावेशन (एफ़आई) सूचकांक तैयार किया था, जो वित्तीय समावेशन के तीन आयामों, अर्थात्, 'पहुँच', 'उपयोग' और 'गुणवत्ता' पर आधारित था।

इस डैशबोर्ड का शुभारंभ, देश में वित्तीय समावेशन को और अधिक गहन बनाने के भारतीय रिज़र्व बैंक के प्रयासों के अनुसरण में एक और कदम है।

(साभार: www.rbi.org.in)

('बिना प्रोफेशनल ट्रेनिंग के शेयर बाजार जरूर जुआ है'

((शेयर बाजार: जब तक सीखेंगे नहीं, तबतक पैसे बनेंगे नहीं! 





Plz Follow Me on: 

-Videos on IPO, share market: -Videos on Mutual Fund -Insurance हर किसी के लिए क्यों जरूरी पर Video -Videos on FD/RD,Bank,Post office -Videos on Home Loan, Home -Videos on PF, Pension Scheme, Retirement Fund -Videos on Children & Women's Fin. Planning -Videos on Savings, Investment, Fin.Literacy, Fin.Planning -Income Tax & How to save Tax पर Video -Video on Gold & Silver Investment; सोना और चांदी में निवेश पर वीडियो -Videos on Bitcoin, Cryptocurrency investment -Video on Commodities - Money, investment, savings in Marathi (beyourmoneymanagerMarathi)

    


Rajanish Kant मंगलवार, 6 जून 2023
उत्तर-पूर्वी क्षेत्र में वित्तीय जागरुकता का स्तर सीमित : DRG Study



 डीआरजी अध्ययन संख्या 48: भारत के उत्तर-पूर्वी क्षेत्र में वित्तीय साक्षरता और वित्तीय समावेशन के निर्धारक:

मिज़ोरम का एक मामला अध्ययन

भारतीय रिज़र्व बैंक ने आज अपनी वेबसाइट पर "भारत के उत्तर-पूर्वी क्षेत्र में वित्तीय साक्षरता और वित्तीय समावेशन के निर्धारक: मिज़ोरम का एक मामला अध्ययन" शीर्षक से डीआरजी अध्ययन1 जारी किया। इस अध्ययन के सह-लेखक भारतेंदु सिंह, राज राजेश, रमेश गोलैट और के. सैमुअल एल. हैं।

इस अध्ययन में मिजोरम राज्य में किए गए एक सर्वेक्षण के माध्यम से एकत्र किए गए प्राथमिक आंकड़ों के आधार पर भारत के अल्प-बैंक वाले उत्तर-पूर्वी क्षेत्र में वित्तीय समावेशन और वित्तीय साक्षरता के निर्धारकों का मूल्यांकन किया गया है। मिजोरम के चार जिलों के आठ ब्लॉकों से कुल 523 उत्तरदाताओं का चयन किया गया था। इस अध्ययन के मुख्य निष्कर्ष निम्नानुसार हैं:

  1. क्षेत्र में वित्तीय जागरूकता का स्तर सीमित था - लगभग 32 प्रतिशत उत्तरदाताओं को बचत बैंक खाते के अलावा किसी अन्य वित्तीय उत्पादों के बारे में जानकारी नहीं थी।

  2. लगभग 20 प्रतिशत उत्तरदाताओं को भुगतान की बुनियादी विकल्पों तक की जानकारी भी कम थी, और लगभग 43 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने जागरूकता के बावजूद उपलब्ध विकल्पों के कम उपयोग के बारे में बताया।

  3. लगभग आधे उत्तरदाताओं को बैंकों के अलावा अन्य वित्तीय संस्थानों, जैसे गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों, सूक्ष्म वित्त संस्थानों और लघु वित्त बैंकों के बारे में जानकारी नहीं थी।

  4. उत्तरदाताओं में जीवन बीमा कवर का उपयोग कम था।

  5. अध्ययन किए गए क्षेत्र के लिए वित्तीय समावेशन स्कोर और वित्तीय साक्षरता स्कोर ओईसीडी/आईएनएफ़ई (ऑर्गनाइज़ेशन फॉर इकोनोमिक को-ऑपरेशन/इन्टरनेशनल नेटवर्क ऑन फाइनेंशियल एडुकेशन) टूलकिट का उपयोग करके उत्पन्न किए गए थे। 0 से 21 के पैमाने पर अनुमानित औसत वित्तीय साक्षरता स्कोर 14.37 (अर्थात्, 68.43 प्रतिशत) था और 0 से 7 के पैमाने पर औसत वित्तीय समावेशन स्कोर 3.35 (अर्थात्, 47.86 प्रतिशत) था।

  6. पहचाने गए कारकों में, उत्तरदाताओं के निवास स्थान (ब्लॉक), रोजगार के प्रकार और परिवार की प्रकृति (संयुक्त बनाम एकल) को उनके वित्तीय समावेशन और वित्तीय साक्षरता की स्थिति को दृढ़ता से प्रभावित करते देखा गया।Note: 1 वर्तमान हित के विषयों पर मजबूत विश्लेषणात्मक और अनुभवजन्य आधार द्वारा समर्थित त्वरित और प्रभावी नीति-उन्मुख अनुसंधान करने के लिए भारतीय रिज़र्व बैंक के आर्थिक और नीति अनुसंधान विभाग में विकास अनुसंधान समूह (डीआरजी) का गठन किया गया है। डीआरजी अध्ययन भारतीय रिज़र्व बैंक के बाहर के विशेषज्ञों और बैंक के भीतर अनुसंधान प्रतिभा के समूह के बीच सहयोगात्मक प्रयासों का परिणाम है। ये अध्ययन पेशेवर अर्थशास्त्रियों और नीति निर्माताओं के बीच रचनात्मक चर्चा उत्पन्न करने की दृष्टि से व्यापक प्रसार के लिए जारी किए गए हैं। डीआरजी अध्ययन केवल भारतीय रिज़र्व बैंक की वेबसाइट पर प्रकाशित किए जाते हैं और कोई मुद्रित प्रतियां उपलब्ध नहीं कराई जाएंगी।

(लेख साभार- www.rbi.org.in)

('बिना प्रोफेशनल ट्रेनिंग के शेयर बाजार जरूर जुआ है'

((शेयर बाजार: जब तक सीखेंगे नहीं, तबतक पैसे बनेंगे नहीं! 





Plz Follow Me on: 


Rajanish Kant बुधवार, 18 जनवरी 2023
मजबूत वित्तीय व्यवस्था के लिए वित्तीय साक्षरता जरूरी: RBI
वित्तीय समावेशन के लिए राष्ट्रीय कार्यनीति (एनएसएफ़आई): 2019-2024

पूरे विश्व में तेजी से वित्तीय समावेशन आर्थिक विकास और गरीबी उन्मूलन के प्रमुख चालक के रूप में पहचाना जा रहा है। औपचारिक वित्त तक पहुंच से रोजगार सृजन को बढ़ावा मिल सकता है, आर्थिक झटके की संभावना कम हो सकती है और मानव पूंजी में निवेश बढ़ सकता है। 2030 के संयुक्त राष्ट्र के निरंतर विकास लक्ष्यों (एसडीजी) में वित्तीय समावेशन सातवां लक्ष्य है जिसेकि दुनिया भर में महत्वपूर्ण विकास हासिल करने के लिए एक महत्वपूर्ण प्रवर्तक के रूप में देखा जा रहा है। समन्वयपूर्ण और समयबद्ध तरीके से उपरोक्त उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए, वित्तीय समावेशन हेतु राष्ट्रीय कार्यनीति (एनएसएफ़आई) तैयार करने की आवश्यकता है।
वैश्विक स्तर पर, पिछले एक दशक में राष्ट्रीय वित्तीय समावेशन कार्यनीतियों (एनएफ़आईएस) को अपनाने में काफी तेजी आई है। वैश्विक प्रवृत्ति को ध्यान में रखते हुए, वित्तीय समावेशन सलाहकार समिति (एफ़आईएसी) के तत्वावधान में भारतीय रिज़र्व बैंक ने 2019-2024 की अवधि के लिए वित्तीय समावेशन के लिए राष्ट्रीय कार्यनीति (एनएसएफ़आई) तैयार करने की प्रक्रिया शुरू की है। सभी हितधारकों के साथ गहन विचार-विमर्श किया गया है। प्राप्त इनपुट्स / फीडबैक के आधार पर, एनएसएफ़आई को अंतिम रूप दिया गया है और उसे वित्तीय स्थिरता विकास परिषद (एफ़एसडीसी) द्वारा अनुमोदित किया गया है। यह दस्तावेज औपचारिक रूप से श्री एम के जैन, उप-गवर्नर, रिजर्व बैंक, जो 10 जनवरी 2020 को अगरतला में आयोजित उत्तर पूर्व क्षेत्र के लिए वित्तीय समावेशन पर उच्च स्तरीय बैठक में शामिल हुए थे, द्वारा जारी किया गया।
एनएसएफ़आई भारत में वित्तीय समावेशन नीतियों के दृष्टिकोण और प्रमुख उद्देश्यों को निर्धारित करता है ताकि वित्तीय क्षेत्र में सभी हितधारकों को शामिल करते हुए कार्रवाई के व्यापक अभिसरण के माध्यम से प्रयासों के विस्तार और निरंतरता को बनाए रखा जा सके।


For Details Please click this Link

(साभार: www.rbi.org.in)

शेयर बाजार से पैसा बनाने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें



Plz Follow Me on: 


Rajanish Kant शनिवार, 11 जनवरी 2020
वित्तीय समावेश के लिए अनुकूल माहौल उपलब्ध करने वाले शीर्ष देशों में भारत: रिपोर्ट

भारत वित्तीय समावेशन के लिए अनुकूल वातावरण उपलब्ध कराने के मामले में शीर्ष देशों में है। बृहस्पतिवार को जारी एक रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत ने अपने गैर बैंकिंग क्षेत्र को ई-मनी जारी करने की अनुमति दी है, अनुपातिक उपभोक्ता जांच पड़ताल और प्रभावी उपभोक्ता संरक्षण का माहौल दिया है।

‘द इकनॉमिस्ट इंटेलिजेंस यूनिट 2019 ग्लोबल माइक्रोस्कोप ऑन फाइनेंशियल इन्क्लूजन रिपोर्ट’ में कहा गया है कि वैश्विक स्तर पर वित्तीय समावेशन को लेकर माहौल में सुधार हुआ है। वित्तीय समावेशन की दृष्टि से भारत, कोलंबिया, पेरू, उरुग्वे और मेक्सिको ने वित्तीय समावेशन के लिए सबसे अनुकूल माहौल उपलब्ध कराया है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि डिजिटल वित्तीय समावेशन को प्रोत्साहन के लिए चार मूल चीजों की जरूरत है। ये हैं..गैर बैंकिंग क्षेत्र को ई-मनी जारी करने की अनुमति, वित्तीय सेवा एजेंटों की उपस्थिति, अनुपातिक आधार पर ग्राहक जांच परख और प्रभावी उपभोक्ता संरक्षण।

इन सभी चार मानदंडों पर सिर्फ चार देशों कोलंबिया, भारत, जमैका और उरुग्वे ने पूरे अंक हासिल किए हैं।

रिपोर्ट में कहा गया है कि सिर्फ दक्षिण अफ्रीका, भारत, मेक्सिको, तंजानिया और उरुग्वे ई-मनी को जमा बीमा या संरक्षण के जरिये रक्षोपाय उपलब्ध कराते हैं।

रिपोर्ट कहती है कि इस तरह के संरक्षण से नई प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल करने वालों को सुरक्षा मिलती है और विभिन्न प्रकार के संस्थानों के बीच नियामकीय असंतुलन पैदा नहीं होता है। साथ ही डिजिटल वित्तीय समावेशन से यह भी सुनिश्चित होता है कि वित्तीय प्रणाली में नए ग्राहकों को परंपरागत संस्थानों के साथ लेनदेन करने की तुलना में नुकसान नहीं होता।


(साभार-पीटीआई भाषा)


Plz Follow Me on: 


Rajanish Kant गुरुवार, 31 अक्तूबर 2019
88% ग्रामीण परिवारों के पास है सेविंग्स अकाउंट, हर महीने करीब ₹ 1400 की बचत: NABARD
देश में फाइनेंशियल एन्कलूजन यानी वित्तीय समावेशन के लिए चलाई जा रही मुहिम का जबर्दस्त फायदा मिल रहा है। फाइनेंशियल एन्कलूजन की मुहिम का ही नतीजा है कि देश के 88% ग्रामीण परिवारों के पास सेविंग्स अकाउंट यानी बचत खाता है, जबकि 48% ग्रामीण परिवार कृषि से होने वाली आमदनी पर निर्भर हैं यानी कृषि पर से निर्भरता कम हो रही है। यही नहीं, ग्रामीण परिवारों की आमदनी 2015-16 में 2012-13 के मुकाबले 37.4% बढ़ी है। ये खुलासा हुआ है राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक यानी  NABARD (National Bank For Agriculture and Rural Development)के सर्वे में। 
Nabard All India Financial Inclusion Survey (NAFIS) के ताजा सर्वे के मुताबिक, हालांकि, 88% ग्रामीण परिवारों के पास सेविंग्स अकाउंट तो है लेकिन केवल 24% ही एटीएम सेवा का इस्तेमाल करते हैं, वो भी तीन महीने में एक बार। उनमें से केवल 7.4 % परिवार डेबिट या क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल करते हैं जबकि भुगतान के लिए 7.5% परिवार चेक का इस्तेमाल करते हैं, वो भी तीन महीने में एक बार। 


NAFIS के इस सर्वे की मानें, तो किसानों की सालाना आमदनी 2015-16 में 2012-13 के मुकाबले 37.4% बढ़ी है। NSSO के आखिरी सर्वे जो कि 2012-13 में हुआ था, उस दौरान किसानों की सालाना आमदनी ₹77,977 आंकी गई थी जो कि 2015-16 में बढ़कर ₹1,07,172 हो गई। इस सर्वे में यह बात भी खुलकर सामने आई है कि 2015-16 के दौरान ग्रामीण परिवारों ने औसतन हर महीने ₹1,413 की बचत की। सर्वे के मुताबिक, उन परिवारों ने 2015-16 में औसतन हर महीने ₹8,059 कमाये, वहीं ₹6,646 खर्च किये,यानी कुल मिलाकर औसतन हर महीने ₹1,413 की बचत। 



88% ग्रामीण परिवारों के पास है सेविंग्स अकाउंट, हर महीने करीब ₹ 1400 की बचत: NABARD
खर्च से बचे पैसे को घर में यूं ही मत रखें, उसे अच्छी जगहों पर निवेश करें, इसके कई फायदे हैं
((आपका कम से कम एक बैंक अकाउंट तो जरूर होना चाहिए, कैसे खुलेगा जानें
((बच्चे के बैंक अकाउंट के फायदे
((बच्चों का भी बैंक अकाउंट होना चाहिए 
S.B.I में "ये'' वाला अकाउंट खुलवाइये, मिनिमम बैलेंस का झंझट भी नहीं रहेगा और सारी सुविधायें भी मिलेंगी..
((घर बैठे ही खुल जाएगा आपका बैंक खाता, वो भी Zero Balance पर;  Kotak Mahindra Bank 811
((बढ़ती है दौलत, दौलत बढ़ाने वाली 'ट्रिक' चाहिए, चक्रवृद्धि ब्याज (Compound Interest) का पावर
((अब बैंक से भी खरीदें छोटी बचत योजनाएं, डाकघर को भूल जाएं
((सनी लियोनी कहां लगाती हैं पैसे-सोना, शेयर, रियल इस्टेट या फिर म्युचुअल फंड में !

(('बिना प्रोफेशनल ट्रेनिंग के शेयर बाजार जरूर जुआ है'
((शेयर बाजार: जब तक सीखेंगे नहीं, तबतक पैसे बनेंगे नहीं! 
((जानें वो आंकड़े-सूचना-सरकारी फैसले और खबर, जो शेयर मार्केट पर डालते हैं असर
म्युचुअल फंड के बदल गए नियम, बदलाव से निवेशकों को फायदा या नुकसान, जानें विस्तार से  
((फाइनेंशियल प्लानिंग (वित्तीय योजना) क्या है और क्यों जरूरी है?
((ये दिसंबर तिमाही को कुछ Q2, कुछ Q3 तो कुछ Q4 क्यों बताते हैं ?
((कैसे करें शेयर बाजार में एंट्री 
((सामान खरीदने जैसा आसान है शेयर बाजार में पैसे लगाना
((खुद का खर्च कैसे मैनेज करें? 
(बच्चों को फाइनेंशियल एजुकेशन क्यों देना चाहिए पर हिन्दी किताब- बेटा हमारा दौलतमंद बनेगा)
((मेरा कविता संग्रह "जब सपने बन जाते हैं मार्गदर्शक"खरीदने के लिए क्लिक करें 

(ब्लॉग एक, फायदे अनेक

Plz Follow Me on: 

Rajanish Kant बुधवार, 22 अगस्त 2018