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RTGS/NEFT से पैसों का लेन-देन करने वालों की बड़ी टेंशन खत्म! #rbi #neft #RTGS #Fund #Paisa

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Rajanish Kant शुक्रवार, 7 जून 2019
AnyDesk (एनीडेस्क) ऐप से बचके, खाली कर देगा आपका बैंक खाता !

AnyDesk (एनीडेस्क) ऐप से बचके, खाली कर देगा आपका बैंक खाता !

Rajanish Kant मंगलवार, 19 फ़रवरी 2019
The Reserve Bank introduces Ombudsman Scheme for Digital Transactions
As announced in the Monetary Policy Statement of December 5, 2018, the Reserve Bank of India (RBI) today launched the Ombudsman Scheme for Digital Transactions (OSDT) vide Notification dated January 31, 2019 for redressal of complaints against System Participants as defined in the said Scheme.
The Scheme, launched under Section 18 of the Payment and Settlement Systems Act, 2007, will provide a cost-free and expeditious complaint redressal mechanism relating to deficiency in customer services in digital transactions conducted through non-bank entities regulated by RBI. Complaints relating to digital transactions conducted through banks will continue to be handled under the Banking Ombudsman Scheme. The offices of Ombudsman for Digital Transactions will function from the existing 21 offices of the Banking Ombudsman and will handle complaints of customers from their respective territorial jurisdiction.
The Scheme provides for an Appellate mechanism under which the complainant / System Participant has the option to appeal against the decision of the Ombudsman before the Appellate Authority.
The complete Scheme is available on RBI's website.
(सौ. आरबीआई)
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Rajanish Kant गुरुवार, 31 जनवरी 2019
डिजिटल लेनदेनों के लिए लोकपाल योजना
3,4,5 दिसंबर को हुई बैठक में रिजर्व बैंक डिजिटल लेनदेन के लिए लोकपाल योजना प्रस्तावित की है।

8. डिजिटल लेनदेनों के लिए लोकपाल योजना
देश में डिजिटल मोड के साथ वित्तीय लेनदेनों को गति दिलाने के लिए, इस चैनल में उपभोक्ता विश्वास को मजबूत करने के लिए समर्पित, लागत मुक्त और शीघ्र शिकायत निवारण तंत्र की आवश्यकता उभर रही है। इसलिए रिजर्व बैंक के नियामक क्षेत्राधिकार के तहत आने वाली संस्थाओं द्वारा प्रदान की जाने वाली सेवाओं को शामिल करने वाली 'डिजिटल लेनदेनों के लिए लोकपाल योजना' को लागू करने का निर्णय लिया गया है। यह योजना जनवरी 2019 के अंत तक अधिसूचित की जाएगी।
9. प्रीपेड पेमेंट इंस्ट्रूमेंट्स सहित अनधिकृत इलेक्ट्रॉनिक भुगतान लेनदेनों के संबंध में ग्राहक देयता को सीमित करने के लिए रूपरेखा
रिजर्व बैंक ने बैंकों और क्रेडिट कार्ड जारी करने वाली गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) पर अनधिकृत इलेक्ट्रॉनिक लेनदेन के संबंध में ग्राहक देयता को सीमित करने संबंधी निर्देश जारी किए हैं। उपभोक्ता संरक्षण के उपाय के रूप में,यह निर्णय लिया गया है सभी ग्राहकों को उनके द्वारा किए गए इलेक्ट्रॉनिक लेनदेन के संबंध में एक ही स्तर पर लाया जाए और प्रीपेड पेमेंट इंस्ट्रूमेंट्स (पीपीआई) सहित अनधिकृत इलेक्ट्रॉनिक लेनदेन के लिए ग्राहक देयता को सीमित करने का लाभ इस विषय पर मौजूदा दिशानिर्देशों द्वारा शामिल न किए गए अन्य संस्थाओं तक बढ़ा दिया जाए। दिशानिर्देश दिसंबर 2018 के अंत तक जारी किए जाएंगे।
10. सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों पर विशेषज्ञ समिति
सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई) अर्थव्यवस्था में रोजगार, उद्यमिता और विकास में महत्वपूर्ण योगदान देते हैं। वे लगातार, अपनी अनौपचारिक स्‍वरूप के कारण, कभी-कभी लगातार प्रभाव के साथ संरचनात्मक और चक्रीय झटके के प्रति संवेदनशील होते हैं। एमएसएमई के प्रदर्शन को प्रभावित करने वाली आर्थिक ताकतों और लेनदेन लागतों को समझना महत्वपूर्ण है, जबकि अक्सर एमएसएमई तनाव के पुनर्वास दृष्टिकोण ने अनुकूल क्रेडिट शर्तों और विनियामकीय संयम लागू करने पर ध्यान केंद्रित किया है। हमारी ओर से, भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा एमएसएमई क्षेत्र की आर्थिक और वित्तीय स्थिरता के लिए कारणों का पता करके उनके दीर्घकालिक समाधान प्रस्तावित करने के लिए एक विशेषज्ञ समिति गठित की जाएगी। समिति की संरचना और विचारार्थ विषयों को दिसंबर 2018 के अंत तक अंतिम रूप दिया जाएगा और रिपोर्ट जून 2019 के अंत तक जमा की जाएगी।



(स्रोत-आरबीआई)
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Rajanish Kant गुरुवार, 6 दिसंबर 2018
SBI MOPAD:डिवाइस एक, डिजिटल भुगतान के विकल्प अनेक

SBI MOPAD:डिवाइस एक, डिजिटल भुगतान के विकल्प अनेक

Rajanish Kant गुरुवार, 9 अगस्त 2018
स्टॉक ब्रोकर नकदी भुगतान ना तो लें और ना करें: सेबी
मार्केट रेगुलेटर सेबी ने सर्कुलर जारी कर स्टॉक ब्रोकर्स को तत्काल प्रभाव से ग्राहक को नकदी में भुगतान या ग्राहक से नकदी लेने की मनाही की है। रेगुलेटर ने कहा है कि सरकार नकदीरहित यानी कैशलेस लेनदेने को प्रोत्साहित कर रही है जिसे देखते हुए स्टॉक ब्रोकर्स को भी पैसों का लेनदेन कैशलेस माध्यमों जैसे मोबाइल बैंकिंग, यूपीआई, ऑनलाइन बैंकिंग, डिमांड ड्राफ्ट (डीडी) और क्रॉस चेक से करना चाहिए।

सर्कुलर में कहा गया है कि चाहे स्टॉक ब्रोकर्स में सीधे पैसों का लेन-देन कर रहा हो या फिर बैंक अकाउंट के जरिये, कैशलेस माध्यमों का इस्तेमाल करना होगा। सेबी ने स्टॉक एक्सचेंज को भी इस संबंध में नियमों में बदलाव करने का निर्देश दिया है।

सर्कुलर में सेबी ने और क्या कहा गया है, पढ़ने के लिए क्लिक करें 

Rajanish Kant शुक्रवार, 13 जुलाई 2018
कैशलेस लेन-देन है आसान, जानें हर तरीका विस्तार से
आपका बैंक में अकाउंट है, आपके पास फीचर या स्मार्टफोन है, आपके पास आधार कार्ड है, इंटरनेट कनेक्टिविटी है, डेबिट/क्रेडिट कार्ड है,  तो फिर कैशलेस सोसाइटी का हिस्सा बनने में दिक्कत क्या है? 

कहते हैं कि दुनिया में बदलाव ही एकमात्र स्थाई चीज है, बाकी सबकुछ परिवर्तनशील है। इसलिए बदलाव के साथ बदलना जरूरी है ताकि आपकी किस्मत भी बदलती रहे। इतिहास में कई ऐसे उदाहरण हैं जिसमें बदलाव का विरोध अक्सर विरोध करने वालों के लिए नुकसानदेह साबित हुआ। हमारे यहां अभी कैशलेश इकोनॉमी की बात की जा रही है। सरकार कैशलेस सोसाइटी बनाने के लिए तमाम कोशिशें कर रही है। कैशलेश लेन-देन को लेकर लोगों में जागरूकता फैला रही है, कैशलेस लेन-देन को बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहन भी दे रही है। चलिए, सबसे पहले हम बात करते हैं कि ये कैशलेस लेन-देन होता क्या है। 

>कैशलेस लेन-देन का हिस्सा तो हम अभी भी हैं:
हममें से बहुत सारे लोग आज भी कैशलेस लेन-देन का हिस्सा हैं। जब आप चेक, ड्राफ्ट, ऑनलाइन डेबिट/क्रेडिट कार्ड, इंटरनेट बैंकिंग या मोबाइल ऐप से अपने घर  का सामान खरीदते हैं, कपड़े-जुते-मोबाइल फोन-किताब-मूवी टिकट, रेलवे का टिकट, हवाई जहाज का टिकट खरीदते हैं, होटल बुकिंग कराते हैं, या फिर जब आपकी कंपनी या सरकार आपके खाते में हर महीने की सैलरी या रीइम्बर्समेंट का हस्तांतरण करती है, इनकम
टैक्स भरते हैं, शेयर बाजार में ट्रेडिंग करते हैं, मकान या गाड़ी की ईएमआई चुकाते हैं, ड्राइविंग लाइसेंस बनवाते हैं, ड्रग लाइसेंस लेते हैं, जीएसटी नंबर लेते हैं, परीक्षा के लिए अर्जी देते हैं तो ये सब कैशलेस लेन-देन के ही उदाहरण हैं।  समझिए, पासवर्ड, यूजर नेम, मोबाइल पिन, मोबाइल वॉलेट, ऐप्स हमारी जिंदगी के अहम हिस्से हो गए हैं। 

कहने का मतलब हुआ कि आपके पास नकदी यानी कैश नहीं रहेगा, लेकिन अगर आपके बैंक खाते में नकदी है तो हर चीज आपकी मुट्ठी में रहेगी। आप जब कैशलेस लेन-देन करते रहेंगे तो आपके खाते से सीधे पैसे का हस्तांतरण वहां हो जाएगा, जहां से आप कोई खरीदारी करते हैं या फिर कुछ भी बुकिंग कराते हैं या फिर ईएमआई चुकाते हैं या इंश्योरेंस प्रीमियम भरते हैं, इनकम टैक्स-सेल्स टैक्स भरते हैं।   

>कैशलेस लेनदेन का क्या मतलब होता है ?
कैशलेस लेनदेनों का मतलब ऐसे सौदों से होता है जहाँ पर किसी वस्तु या सेवा को खरीदने के लिए भुगतान “कैश” के रूप में न करके ऑनलाइन तरीकों जैसे मोबाइल बैंकिंग, इन्टरनेट बैंकिंग,चेक, ड्राफ्ट या किसी अन्य तरीके से जैसे मोबाइल वॉलेट Paytm इत्यादि से होता है|

>कैशलेस लेन के क्या-क्या तरीके होते हैं  और कैसे इन तरीकों का इस्तेमाल कर सकते हैं।  
प्रीपेड कार्ड, डेबिट कार्ड, क्रेडिट कार्ड, रुपे डेबिट कार्ड, मास्टर कार्ड, फीचर मोबाइल फोन से, स्मार्टफोन से, ई-वॉलेट से, एईपीएस (आधार सक्षम भुगतान प्रणाली से), इंटरनेट बैंकिंग से, चेक, ड्राफ्ट। लेकिन, इन सबके लिए आपका बैंक अकाउंट होना जरूरी है। 

यहाँ चार अलग अलग तरीके है कि एक भारतीय नागरिक अपने दूसरे साथी नागरिक या एक विक्रेता को धन हस्तांतरण कर सकते हैं।
1) बैंक कार्ड का प्रयोग: डिजिटल भुगतान करने में मुख्य रूप से तीन प्रकार के बैंक कार्ड मदद करते हैं:

A) प्रीपेड कार्ड्स: ऐसे कार्ड्स बैंक द्वारा पहले से ही पैसे डालकर मिलते हैं। इससे केवल एक निश्चित सीमा के भीतर पैसे का सुरक्षित उपयोग कर सकते हैं। इसमें एक्सिस बैंक स्मार्ट वेतन, एचडीएफसी बैंक फोरेक्सप्लस कार्ड  आदि शामिल हैं।

B) एटीएम/डेबिट कार्ड्स:  ये कार्ड्स खाता खोलने के दौरान सभी खाता धारकों के लिए बैंकों द्वारा जारी किए जाते हैं। एटीएम से पैसे निकालने के अलावा डेबिट कार्ड का इस्तेमाल अलग पीओएस मशीन पर सामान खरीदने और ऑनलाइन शॉपिंग के लिए किया जा सकता है। रूपे डेबिट कार्ड, वीजा डेबिट कार्ड, मास्टर कार्ड डेबिट कार्ड, कुछ उल्लेख करने लायक उदाहरण हैं। 

C) क्रेडिट कार्ड्स: बैंकों द्वारा ये कार्ड्स उन ग्राहकों को जारी किए जाते हैं जिनके खाते में निश्चित रकम रहती है। ऐसे कार्ड्स का इस्तेमाल अलग-अलग पीओएस मशीन पर सामान खरीदने और ऑनलाइन शॉपिंग के लिए किया जाता है। पहले से ही बिना पैसा डाले क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल एटीएम से पैसे निकालने के लिए किया किया जा सकता है। उनका सीमित उपयोग है और पैसा हर महीने के अंत में कार्ड में जोड़ा जाता है।

> डेबिट कार्ड और क्रेडिट कार्ड में अंतर:
Debit Card हमारे खाते में रखे पैसो के निकालने के दिया जाता है जबकि Credit Card Processing हम बैंको द्वारा एक तरह से लोन पर दी जाने वाली राशि है। Credit Card Payment Gateway के लिए एक Amount निश्चित किया जाता है जिसका उपयोग हम निर्धारित समय में कर सकते है। इन पैसो का उपयोग करने के बाद हमें Credit Card का Payment करना होता है। Credit Card का भी ऑनलाइन पेमेंट किया जाता है। 

2)फीचर मोबाइल फोन का उपयोग: 
राष्ट्रीय एकीकृत यूएसएसडी प्लेटफार्म (NUUP) पर आधारित एक असंरचित पूरक सेवा डाटा (यूएसएसडी) से लैस मोबाइल फोन के जरिये अब मोबाइल बैंकिंग संभव है। मोबाइल पर*99# डायल करने से विभिन्न कार्यों की एक सूची सामने आएगी। इस तरह एनयूयूपी का उपयोग कर शेष राशि की जानकारी, मिनी स्टेटमेंट और धन हस्तांतरण जैसी सेवाएं ले सकते हैं। विशिष्ट मोबाइल फोन के जरिये धन हस्तांतरण के लिए खाता धारकों को अपने संबंधित बैंकों से एक एम-पिन और एमएमआईडी (मोबाइल मनी आइडेंटिफायर)लेने की जरूरत होती है। 

3) स्मार्टफोन का उपयोग: स्मार्टफोन के जरिये लेन-देन के दो मुख्य तरीके हैं:

A) एकीकृत भुगतान इंटरफ़ेस: यूपीआई भुगतान प्रणाली में स्मार्टफोन का इस्तेमाल करते हुए दो बैंकखातों के बीच धन हस्तांतरण कर सकते हैं। इसमें  ग्राहक अपने बैंक खाते से बिना क्रेडिट कार्ड डीटेल्स, आईएफएससी कोड, या नेट बैंकिंग/वॉलेट पासवर्ड की जानकारी दिए बिना विभिन्न व्यापारियों कोऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरह का भुगतान कर सकता है। इसके लिए किसी भी मौजूद बैंक से यूपीआई ऐप डाउनलोड करें और किसी भी बैंक खाते के साथ वर्चुअल प्राइवेट पता (VPA) स्थापित करें। फिर आप  VPA के साथ एम-पिन का उपयोग करते हुए किसी को भी धन हस्तांतरण कर सकते हैं। आप एक यूपीआई ऐप में विभिन्न बैंकों को एकीकृत कर सकते हैं।

B) ई-वॉलेट: पैसा रखने के लिए ये एक प्रीपेड अकाउंट है जिसके जरिये बिना डेबिट कार्ड, क्रेडिट कार्ड या इंटरनेट बैंकिंग पासवर्ड के इस्तेमाल के ही भुगतान कर सकते हैं। बस अपने ई-वॉलेट में पैसे डलवायें और जब जरूरत हो, इसका इस्तेमाल करें। ई-वॉलेट चार कदम की एक साधारण प्रक्रिया है:

1) मोबाइल वॉलेट या ई-वॉलेट ऐप डाउनलोड करें 
2) जानकारी देकर नया वॉलेट बनाएं और पंजीकरण कराएं
3) अपने बैंक से आईएमपीएस फंड ट्रांसफर, क्रेडिट कार्ड या 
डेबिट कार्ड का उपयोग कर अपने वॉलेट में पैसे डलवाये
4)ई-वॉलेट से भुगतान करें

कई तरह के वॉलेट हो सकते हैं जैसे बंद वॉलेट (जैसे फ्लिपकार्ट वॉलेट), अर्द्ध बंद वॉलेट (कई जगहों पर इस्तेमाल किया जा सकता है, लेकिन पैसे निकालना या मोचन (रिडेम्प्शन) संभव नहीं है जैसे कि पेटीएम और मोबीक्विक), खुले वॉलेट (जो बैंक द्वारा जारी किए जाते हैं जैसे एसबीआई बड्डी या एचडीएफसी चिल्लर)। पहले लोग वॉलेट यानि बटुए को अपने पॉकेट में रखते थे लेकिन आजकल इसी बटुए को अब मोबाइल में भी रख सकते है जिसे ई-वालेट / E-Wallet  कहते है इसके लिए हमारे पास खुद का एक बैंक अकाउंट होना जरुरी है और अपने बैंक अकाउंट के साथ अगर Intennetbanking का प्रयोग करते है तो हमारे लिए और भी अच्छा है

ई-वालेट / E-Wallet के लिए हमारे पास एक Smartphone के साथ उसमे Net Connectivity यानि Interent Facility भी होना जरुरी है जो आजकल लगभग सभी युवाओ के पास होता है तो अपने मोबाइल के Playstore में जाकर हमे Paytm, Freecharge, Mowikwik, Novapay या Payumoney जैसे App Download कर सकते है जिनके द्वारा इनमें से किसी App को Activate करने के बाद हमारा मोबाइल एक चलता फिरता बैंक या ई-वालेट / E-Wallet के रूप में तैयार है

तो आप जिस क्षेत्र में रह रहे है वहा पर पता करे की लोग कौन सा App ज्यादा Use कर रहे है उसके हिसाब से अपना ई-वालेट / E-Wallet Activate करे

4)आधार कार्ड का प्रयोग: 
आधार सक्षम भुगतान प्रणाली (AEPS)  आधार कार्ड का इस्तेमाल करते हुए किसी भी पीओएस या माइक्रो एटीएम के साथ पैसा भेजने या प्राप्त करने की आसान और सरल प्रक्रिया है। बस अपना यूनिक आधार संख्या अपने बैंक खाते से जोड़ें और बिना पिन या पासवर्ड के बायोमीट्रिक फिंगरप्रिंट का उपयोग कर लेनदेन करें। 

कोई भी भारतीय जिसके पास बैंक खाता है, ऊपर लिखित विधि से नकदी रहित डिजिटल भुगतान शुरू कर सकता है। हालांकि, सुरक्षित और निश्चित लेनदेन के लिए इन बातों का सख्ती से पालन करना होगा: 

1. हर लेन-देन का संदेश अलर्ट के लिए अपने बैंक में अपना मोबाइल नंबर पंजीकरण कराएं
2. कभी किसी के साथ अपना पिन या एम-पिन साझा ना करें 
3. इंटरनेट/मोबाइल बैंकिंग के लिए अपना पासवर्ड हमेशा बदलते रहें 
4. अपने बैंक खाते स्टेटमेंट की नियमित जांच करें 
5. कभी किसी सार्वजनिक कंप्यूटर या किसी के स्मार्टफोन का उपयोग लेनदेन के लिए मत करें 

>मोबाइल वॉलेट (M-wallet) की लिस्ट:
Airtel Money, Axis Bank Lime, Chillr, Citrus Pay,Freecharge,
FTcash, HDFC PayZapp, ICICI Pockets, Itzcash,Jio Money,mRupee
Oxigen Wallet, Paytm,PhonePe, SBI Buddy, Trupay,Vodafone M-Pesa

>मोबाइल वॉलेट कैसे ऐप डाउनलोड करें:
नकदी की किल्लत है और एटीएम से रकम निकलने की कोई गुंजाइश नजर नहीं आ रही है तो आप मोबाइल वॉलेट का इस्तेमाल कर सकते हैं। वॉलेट में किसी तरह का झंझट भी नहीं है और इसका तरीका एकदम सीधा है: 

अपने फोन पर किसी भी मोबाइल वॉलेट का ऐप डाउनलोड करें। आपको गूगल प्लेस्टोर जैसी वेबसाइट पर ये आसानी से मिल जाएंगे। अपने बैंक खाते से रकम इस ऐप में डाल लें और इसका इस्तेमाल शुरू कर दें। जब भी आप किसी दुकान पर खरीदारी करने जाएंगे तो आपको क्यूआर कोड के पास अपना फोन लेकर जाना होगा,उसे स्कैन करना होगा, जो भी रकम अदा करनी है, उसे आपने अपने फोन में भरा और चुटकी बजाते ही वह रकम दुकानदार के पास पहुंच जाएगी।

>चर्चा में Paytm कैसे करें इस्तेमाल?
Paytm एक ऐसा Mobile App बनाया गया है जिसको हर कोई आसानी से समझ सकता है इसके लिए सबसे पहले अपने मोबाइल में आप Paytm App Download कर ले और Paytm में Id बना लें।  इसके बाद अब अपने Mobile Number द्वारा Paytm में अपना Account बना ले इसके बाद Paytm App के अंदर कई सारे Option देखने को मिलेगे जिसमे My Wallet Option भी दिखाई देगा जिसमे हम अपने Debit Card, Credit Card या Internetbanking से Add Money Option से जितना चाहे उतना पैसा जमा कर सकते है। इसके बाद जब आपके Paytm के Wallet में पैसे Transfer कर लेते है तो अब हमारा Paytm Online Payment  के लिए तैयार है अब चाहे आप कही भी जाए तो तो कौन सा दुकानदार Paytm Use करता है या तो खुद पूछ सकते है या फिर इसके लिए खुद आपका Paytm आपकी Help करेगा इसके लिए आपको Paytm के Paytm Nearby Option में जाए फिर Location Details से उस Area की सभी Paytm Use करने वालो सभी दुकानों की List आपके मोबाइल फोन में होगी जिससे आप आसानी से Shopping कर सकते है

Paytm के सबसे बड़े दो फायदे यही है पहला एक तो इसके उपयोग में किये गये पैसे के लिए कोई हमे Surcharge नही देना पड़ता है और दूसरा सबसे बड़ा फायदा यह है की Paytm द्वारा हमारे उपयोग के उपर Paytm Cashback भी मिलता है यानी हमे इसका उपयोग करने पर कुछ धनराशी भी Paytm द्वारा हमारे Wallet में दिया जाता है और इसके अलावा Paytm Promo Code / Paytm Offers / Paytm Coupons/ Paytm Recharge / Paytm App द्वारा भी बहुत सारी छुट प्राप्त कर सकते है

और जब चाहे तब Paytm में जमा पैसे को किसी बैंक में न जाकर खुद से अपने Bank Account में Transfer कर सकते है।

तो, कैशलेस सोसाइटी का हिस्सा बनना है ना आसान। 


Rajanish Kant शुक्रवार, 9 दिसंबर 2016