Results for "Lokpal"
डिजिटल लेनदेनों के लिए लोकपाल योजना
3,4,5 दिसंबर को हुई बैठक में रिजर्व बैंक डिजिटल लेनदेन के लिए लोकपाल योजना प्रस्तावित की है।

8. डिजिटल लेनदेनों के लिए लोकपाल योजना
देश में डिजिटल मोड के साथ वित्तीय लेनदेनों को गति दिलाने के लिए, इस चैनल में उपभोक्ता विश्वास को मजबूत करने के लिए समर्पित, लागत मुक्त और शीघ्र शिकायत निवारण तंत्र की आवश्यकता उभर रही है। इसलिए रिजर्व बैंक के नियामक क्षेत्राधिकार के तहत आने वाली संस्थाओं द्वारा प्रदान की जाने वाली सेवाओं को शामिल करने वाली 'डिजिटल लेनदेनों के लिए लोकपाल योजना' को लागू करने का निर्णय लिया गया है। यह योजना जनवरी 2019 के अंत तक अधिसूचित की जाएगी।
9. प्रीपेड पेमेंट इंस्ट्रूमेंट्स सहित अनधिकृत इलेक्ट्रॉनिक भुगतान लेनदेनों के संबंध में ग्राहक देयता को सीमित करने के लिए रूपरेखा
रिजर्व बैंक ने बैंकों और क्रेडिट कार्ड जारी करने वाली गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) पर अनधिकृत इलेक्ट्रॉनिक लेनदेन के संबंध में ग्राहक देयता को सीमित करने संबंधी निर्देश जारी किए हैं। उपभोक्ता संरक्षण के उपाय के रूप में,यह निर्णय लिया गया है सभी ग्राहकों को उनके द्वारा किए गए इलेक्ट्रॉनिक लेनदेन के संबंध में एक ही स्तर पर लाया जाए और प्रीपेड पेमेंट इंस्ट्रूमेंट्स (पीपीआई) सहित अनधिकृत इलेक्ट्रॉनिक लेनदेन के लिए ग्राहक देयता को सीमित करने का लाभ इस विषय पर मौजूदा दिशानिर्देशों द्वारा शामिल न किए गए अन्य संस्थाओं तक बढ़ा दिया जाए। दिशानिर्देश दिसंबर 2018 के अंत तक जारी किए जाएंगे।
10. सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों पर विशेषज्ञ समिति
सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई) अर्थव्यवस्था में रोजगार, उद्यमिता और विकास में महत्वपूर्ण योगदान देते हैं। वे लगातार, अपनी अनौपचारिक स्‍वरूप के कारण, कभी-कभी लगातार प्रभाव के साथ संरचनात्मक और चक्रीय झटके के प्रति संवेदनशील होते हैं। एमएसएमई के प्रदर्शन को प्रभावित करने वाली आर्थिक ताकतों और लेनदेन लागतों को समझना महत्वपूर्ण है, जबकि अक्सर एमएसएमई तनाव के पुनर्वास दृष्टिकोण ने अनुकूल क्रेडिट शर्तों और विनियामकीय संयम लागू करने पर ध्यान केंद्रित किया है। हमारी ओर से, भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा एमएसएमई क्षेत्र की आर्थिक और वित्तीय स्थिरता के लिए कारणों का पता करके उनके दीर्घकालिक समाधान प्रस्तावित करने के लिए एक विशेषज्ञ समिति गठित की जाएगी। समिति की संरचना और विचारार्थ विषयों को दिसंबर 2018 के अंत तक अंतिम रूप दिया जाएगा और रिपोर्ट जून 2019 के अंत तक जमा की जाएगी।



(स्रोत-आरबीआई)
(('बिना प्रोफेशनल ट्रेनिंग के शेयर बाजार जरूर जुआ है'
बचत, निवेश संबंधी beyourmoneymanager के लेख


Plz Follow Me on: 

Rajanish Kant गुरुवार, 6 दिसंबर 2018