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बच्चे के नाम पर बैंक में खाता रखने वालों के लिए जरूरी खबर
Opening of and operation in deposit accounts of minors बच्चे के नाम पर किसी भी बैंक में खाता है तो आपके लिए जरूरी खबर है। पूरी खबर जानने के लिए एपिसोड को अंत तक देखें।







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1-कोऑपरेटिव हाउसिंग सोसायटी में रहने वाले हर लोगों के लिए जरूरी किताब।
2-अचानक की गई बंदी इंसान को संभलने का मौका नहीं देती। ऐसे में आनंद के साथ जीने के उपाय क्या हैं। मेरी इस किताब में पढ़िये...बंदी में कैसे रहें बिंदास" 
3-अमीर बनने के लिए पैसों से खेलना आना चाहिए। पैसों से खेलने की कला सीखने के लिए पढ़िये...
4-बच्चों को फाइनेंशियल एजुकेशन क्यों देना चाहिए पर हिन्दी में किताब- 'बेटा हमारा दौलतमंद बनेगा' - 
5-अमीर बनने की ख्वाहिश हममें से हर किसी की होती है, लेकिन इसके लिए लोगों को पैसे से पैसा बनाने की कला तो आनी चाहिए। कैसे आएगी ये कला, पढ़िये - 'आपका पैसा, आप संभालें' - 
6-इंसान के पास संसाधन या मार्गदर्शन हो या ना हो, सपने जरूर होने चाहिए। सिर्फ सपने के सहारे भी कामयाब होने वालों की दुनिया में कमी नहीं है। - 'जब सपने बन जाते हैं मार्गदर्शक' -
7-बेटियों को बहादुर बनने दीजिए और बनाइये, ये समय की मांग है,  "बेटी तुम बहादुर ही बनना " -
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Rajanish Kant मंगलवार, 22 अप्रैल 2025
Bank Account Alert! बैंक बंद कर रहे हैं इस तरह का खाता,  कहीं आपका खाता ...
Do You Have THESE 3 Types of Accounts? RBI is Closing Your Account From January 1! क्या किसी बैंक में आपका खाता है, लेकिन एक साल उससे अधिक समय से आपने उस खाते से कोई लेन-देन नहीं कर रहे हैं, तो बैंक में जाकर जरूर पता करें कि आपका वह खाता बंद  तो नहीं कर दिया गया है। ऐसा मैं क्यों कह रहा हूं, ये जानने के लिए इस एपिसोड को अंत तक देखें।


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Rajanish Kant शुक्रवार, 3 जनवरी 2025
निष्क्रिय हो चुके DBT खातों के ग्राहकों का पता लगाए बैंक- RBI

 बैंकों में निष्क्रिय खाते / अदावी जमाराशि


आरबीआई ने बैंकों से अपील की है कि- 

उपर्युक्त विषय पर भारतीय रिज़र्व बैंक के दिनांक 1 जनवरी 2024 के परिपत्र DOR.SOG (LEG).REC/64/09.08.024/2023-24 का संदर्भ ग्रहण करें। इसमें बैंकों से अन्य बातों के अलावा बैंकों से यह भी अपेक्षित है कि वे ऐसे खातों/जमाराशियों की वार्षिक समीक्षा करें जिनमें एक वर्ष से अधिक समय से ग्राहक द्वारा कोई लेन-देन नहीं हुआ है; छात्रवृत्ति राशि और/या सरकारी योजनाओं के तहत प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी)/इलेक्ट्रॉनिक लाभ अंतरण (ईबीटी) जमा करने के लिए खोले गए खातों को कोर बैंकिंग समाधान से अलग करें ताकि ऐसे खातों के निष्क्रिय हो जाने पर भी डीबीटी जमा करने में सुविधा हो; और इन खातों/जमाराशियों के ग्राहकों का पता लगाने के लिए कदम उठाएं। इसमें ऐसे खातों/जमाराशियों को सक्रिय करने के लिए परिचालन संबंधी दिशा-निर्देश, बैंकों द्वारा किए जाने वाले सार्वजनिक जागरूकता और वित्तीय साक्षरता अभियान जैसे ग्राहक जागरूकता उपाय भी शामिल हैं और ऐसे खातों/जमाराशियों को सक्रिय करने की प्रक्रिया के बारे में जानकारी बैंकों की वेबसाइटों और शाखाओं पर प्रदर्शित करनी है।

2. भारतीय रिज़र्व बैंक के पर्यवेक्षण विभाग ने हाल ही में एक विश्लेषण किया, जिसमें पता चला कि कई बैंकों में निष्क्रिय खातों/अदावी जमा की संख्या उनकी कुल जमा राशि के सापेक्ष तथा साथ ही निरपेक्ष रूप से भी अधिक थी। इसके कारणों में या तो लंबे समय तक निष्क्रियता या ऐसे खातों में केवाईसी का लंबित अद्यतन/आवधिक अद्यतन शामिल है। रिपोर्ट के अनुसार, ऐसे मामले सामने आए हैं जहां ग्राहक निष्क्रिय खातों को सक्रिय करने के लिए बैंक शाखाओं से संपर्क करते समय असुविधा का सामना करते हैं, जिसमें ग्राहक विवरण में अनजाने में हुई गलतियाँ जैसे नाम बेमेल होना आदि शामिल हैं। यह भी देखा गया कि कुछ बैंकों में केवाईसी के अद्यतन/आवधिक अद्यतन के लिए लंबित खातों की संख्या बहुत अधिक है, जिसके परिणामस्वरूप बैंक की आंतरिक नीतियों के अनुसार ऐसे खातों में आगे के लेन-देन पर रोक लगा दी जाती है।

3. इसलिए, बैंकों को सूचित किया जाता है कि वे निष्क्रिय/फ्रीज़ किए गए खातों की संख्या को कम करने के लिए तत्काल आवश्यक कदम उठाएं और ऐसे खातों को सक्रिय करने की प्रक्रिया को मोबाइल/इंटरनेट बैंकिंग, गैर-गृह शाखाओं, वीडियो ग्राहक पहचान प्रक्रिया आदि के माध्यम से केवाईसी के निर्बाध अद्यतन को शामिल करते हुए आसान और झंझट रहित बनाएं। हालांकि डीबीटी/ईबीटी आदि जैसी विभिन्न केंद्रीय/राज्य सरकार की योजनाओं के लाभार्थियों के खातों को उनके खातों में ऐसी डीबीटी/ईबीटी राशियों के निर्बाध जमा की सुविधा के लिए अलग किया जाना आवश्यक है, ऐसे मामले देखे गए हैं जहां ऐसे लाभार्थियों के खाते अन्य कारकों जैसे केवाईसी के लंबित अद्यतन/आवधिक अद्यतन के कारण फ्रीज़ कर दिए गए हैं। चूंकि ये खाते ज्यादातर समाज के वंचित वर्गों के लोगों से संबंधित हैं, इसलिए बैंक ऐसे मामलों में सहानुभूतिपूर्ण दृष्टिकोण अपनाकर खातों को सक्रिय करने की प्रक्रिया को सुविधाजनक बना सकते हैं। बैंक निष्क्रिय/फ्रीज़ किए गए खातों को सक्रिय करने की सुविधा के लिए विशेष अभियान भी चला सकते हैं। इसके अलावा, बैंक आधार संबंधी सेवाएं प्रदान करने वाली शाखाओं के माध्यम से ग्राहकों के लिए आधार अद्यतनीकरण की सुविधा भी प्रदान कर सकते हैं। एसएलबीसी को अलग से निर्देश जारी किए गए हैं कि वे अपने-अपने अधिकार क्षेत्र में स्थिति की सक्रिय निगरानी करें, ताकि ग्राहकों की असुविधा को न्यूनतम किया जा सके।

4. निष्क्रिय/फ्रीज़ किए गए खातों में कमी लाने में हुई प्रगति और इस संबंध में बैंकों द्वारा किए गए विशेष प्रयासों की निगरानी बोर्ड की ग्राहक सेवा समिति (सीएससी) द्वारा की जाएगी। इसके अलावा, बैंकों को यह भी सूचित किया जाता है कि वे 31 दिसंबर 2024 को समाप्त होने वाली तिमाही से दक्ष पोर्टल के माध्यम से संबंधित वरिष्ठ पर्यवेक्षी प्रबंधक (एसएसएम) को तिमाही आधार पर इसकी रिपोर्ट दें।

5. इस परिपत्र की एक प्रति बोर्ड की सीएससी के समक्ष उसकी अगली बैठक में इस संबंध में पूर्ण अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए एक निगरानी योग्य कार्य योजना के साथ रखी जाएगी।



(साभार- www.rbi.org.in)

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Rajanish Kant बुधवार, 4 दिसंबर 2024
बैंक खाता खुलवाने के लिए ये दस्तावेज होने चाहिए

बैंक खाता खुलवाने के लिए ये दस्तावेज होने चाहिए

Rajanish Kant बुधवार, 19 फ़रवरी 2020
कहीं काम कीजिए, बैंक खाता अब आसानी से खुलेगा

कहीं काम कीजिए, बैंक खाता अब आसानी से खुलेगा

Rajanish Kant शुक्रवार, 15 नवंबर 2019
क्या करें, क्या ना करें जब बैंक खाते में अचानक आ जाए ढेर सारा पैसा

क्या करें, क्या ना करें जब बैंक खाते में अचानक आ जाए ढेर सारा पैसा

Rajanish Kant बुधवार, 20 मार्च 2019
क्या आपका भी बैंक अकाउंट बेकार पड़ा है, बंद कराने में है समझदारी....

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Rajanish Kant सोमवार, 4 मार्च 2019
SBI में बच्चों का बैंक खाता ऐसे खोले, जानें कितना ब्याज मिलेगा

SBI में बच्चों का बैंक खाता ऐसे खोले, जानें कितना ब्याज मिलेगा

Rajanish Kant शुक्रवार, 23 नवंबर 2018
बैंक खाता खोलने के लिए पैन के अलावा अब आधार काफी होगा, RBI ने KYC नियमों में किया संशोधन
रिजर्व बैंक ने बैंक खाता खोलने के नियमों को काफी आसान बना दिया है। अब बैंक खाता खोलने के लिए आपका पैन या फॉर्म 60 के अलावा 12 अंकों वाला आधार नंबर ही काफी होगा। दरअसल, जब आप बैंक खाता खोलने जाते हैं तो आपसे आपके पहचान और आवासीय प्रमाण पत्र के रूप में कई दस्तावेज की मांग की जाती है। लेकिन, अब ये दोनों काम आपका आधार नंबर या फिर 28 अंकों वाला आधार नामांकन नंबर पूरा कर देगा। 

रिजर्व बैंक ने इस बारे में सभी बैंकों को आदेश जारी कर दिया है। रिजर्व बैंक ने साथ ही बैंक अकाउंट के लिए आधार नंबर अनिवार्य भी बना दिया है। जब भी आप आधार नामांकन केंद्र पर आधार बनवाने जाते हैं तो सबसे पहले आपको आधार नामांकन नंबर दिया जाता है और उसके कुछ दिनों के बाद ही आधार नंबर आप दिया जाता है।
OMG! अभी भी इतने करोड़ भारतीय वयस्क बैंक अकाउंट से वंचित हैं?
((जानें SBI बेसिक सेविंग बैंक डिपॉजिट एकाउंट (BSBD एकाउंट) के बारे में

रिजर्व बैंक ने अपने ताजा आदेश में केवाईसी नियमों मेंं संशोधन करते हुए कहा है कि अब से किसी भी व्यक्ति का आधार नंबर ही उसका पहचान और आवासीय प्रमाण पत्र दोनों का काम करेगा। केंद्रीय बैंक ने कहा है कि हर व्यक्ति को आधार नंबर बनवा लेना चाहिए। आधार नंबर  UIDAI द्वारा जारी किया गया होना चाहिए। बौंक खाता खोलने के लिए आधार के अलावा पैन या फॉर्म 60 भी देना जरूरी है। 

रिजर्व बैंक ने कहा है कि भारत सरकार द्वारा जारी मनी लॉन्ड्रिंग की रोकथाम अधिनियम संबंधी दिशा-निर्देशों के अनुपालन के तहत सभी बैंकों को नए आदेश का पालन करना चाहिए। रिजर्व बैंक का ताजा आदेश तत्काल प्रभाव से लागू हो गया है। यह आदेश सभी तरह के बैंकों, गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियां, सभी पेमेंट सिस्टम प्रोवाइडर, प्रीपेड पेमेंट इंस्ट्रूमेंट जारीकर्ता बगैरह पर लागू होगा। 

Rajanish Kant शनिवार, 21 अप्रैल 2018
NPS खाता खुलवाने के लिए बैंक खाते का विवरण और मोबाइल नंबर देना जरूरी है-PFRDA
पेंशन कोष नियामक एवं विकास प्राधिकरण ने नया एनपीएस सदस्‍य पंजीकरण फॉर्म - अतिरिक्त अनिवार्य आवश्यकताएं निर्धारित कीं -

पेंशन क्षेत्र के नियमन और विकास के लिए भारत सरकार द्वारा पेंशन कोष नियामक एवं विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) की स्थापना की गई है, ताकि संबंधित सदस्‍यों की वृद्धावस्था आय सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस) में परिचालन संबंधी मुद्दों को आसान बनाने एवं संबंधित व्‍यवस्‍था को बेहतर करने के उद्देश्‍य से पीएफआरडीए की ओर से समय-समय पर विभिन्न पहल की जाती रही है। एनपीएस ढांचे के तहत नई कार्यक्षमता का विकास, खाता खोलने एवं निकासी में आसानी, शिकायत प्रबंधन इत्‍यादि इन पहलों में शामिल हैं। इस संबंध में प्राधिकरण द्वारा बैंक खाते के विवरण और मोबाइल नंबर को अनिवार्य बनाने का निर्णय लिया गया है, ताकि इसके सदस्‍यों के हित में परिचालन को आसान बनाने के साथ-साथ एनपीएस से बाहर निकलने की प्रक्रिया को भी परेशानी मुक्त बनाया जा सके।



  इसके अलावा, भारत सरकार द्वारा जारी मनी लॉन्ड्रिंग की रोकथाम अधिनियम संबंधी दिशा-निर्देशों के अनुपालन के तहत नए सदस्‍यों के साथ-साथ मौजूदा सदस्‍यों के लिए भी विदेशी खाता कर अनुपालन अधिनियम (एफएटीसीए) और प्रतिभूतिकरण परिसंपत्ति‍ पुनर्निर्माण एवं प्रतिभूति हित की केंद्रीय रजिस्ट्री (सीईआरएसएआई) को अनिवार्य कर दिया गया है। इन्हें नए सामान्य सदस्‍य पंजीकरण फॉर्म (सीएसआरएफ) में अनिवार्य कर दिया गया है जिसे नए सदस्‍यों द्वारा भरना आवश्यक है। मौजूदा सदस्‍यों को अपने लॉग-इन  (www.cra-nsdl.com or https://enps.karvy.com/Login/Login ) में एफएटीसीए स्व-प्रमाणन को ऑनलाइन जमा करने की सुविधा प्रदान की गई है। उपर्युक्‍त कार्यक्षमता के बारे में जानकारी भी केंद्रीय अभिलेख-रखरखाव एजेंसी (सीआरए) की वेबसाइटों पर उपलब्ध करा दी गई है। एफएटीसीए स्व-प्रमाणन को ऑनलाइन जमा करने के लिए संबंधित सदस्‍य द्वारा उठाए जाने वाले कदमों का भी उल्लेख वेबसाइट पर किया गया है।
सदस्‍यों अथवा ग्राहकों को अपने फॉर्म को अस्वीकृत होने से बचाने के लिए यह सुनिश्चित करना होगा कि वे समस्‍त अनिवार्य खंडों या रिक्‍त स्‍थानों को सही ढंग से भरें और उन्हें रिक्त कतई नहीं छोड़ें।
(स्रोत-पीआईबी)

Rajanish Kant शुक्रवार, 20 अप्रैल 2018
OMG! अभी भी इतने करोड़ भारतीय वयस्क बैंक अकाउंट से वंचित हैं?
हर भारतीय को बैंकिंग प्रणाली से जोड़ने के लिए जन-धन योजना चलाई जा रही है, वित्तीय जागरूकता फैलाई जा रही है, बावजूद इसके अभी भी 19 करोड़ भारतीय वयस्कों के पास बैंक खाते नहीं हैं। ये हम नहीं बल्कि विश्व बैंक कह रहा है। बिना बैंक खाते की आबादी के मामले में इस तरह भारत चीन के बाद दूसरे पायदान पर है। 

इसके अलावा, विश्व बैंक ने अपनी ताजा रिपोर्ट में कहा है कि पिछले कुछ सालों से आधे बैंक अकाउंट निष्क्रिय हैं। हालांकि, वर्ल्ड बैंक ने मोदी सरकार की सभी को बैंकिंग सिस्टम से जोड़ने की महत्वाकांक्षी योजना जन-धन योजना की तारीफ की है। इस योजना की वजह से मार्च 2018 तक 31 करोड़ नए बैंक खाते खुले। आपको बता दूं कि मोदी सरकार ने 2014 में जन-धन योजना की शुरुआत की थी। 

((Talk To kids about money अपने बच्चों से पैसे के बारे में बात कीजिए,जानें क्यों
((घर बैठे ही खुल जाएगा आपका बैंक खाता, वो भी Zero Balance पर;  Kotak Mahindra Bank 811

बैंक ने आगे कहा है कि दुनिया के 11 प्रतिशत बिना बैंक खाते वाले लोग भारत में रहते हैं। वैश्विक स्तर पर 3.8 अरब लोगों यानी 69 प्रतिशत वयस्कों के पास बैंक खाता है या फिर मोबाइल से पैसों के लेन-देन की सुविधा है जिससे गरीबी को दूर करने में काफी मदद मिल रही है। 

2011 में 51 प्रतिशत वयस्कों के पास जबकि 2014 में 62 प्रतिशत वयस्कों के पास बैंक खाते या मोबाइल बैंकिंग से लेन-देन की सुविधा थी। 2011 से लेकर अबतक दुनिया भर में 1.2 अरब लोगों बैंक खाते खुलवाये या फिर मोबाइल बैंकिंग की सुविधा ली, जबकि 2014 से 2017 तक 51.50 करोड़ वयस्कों ने बैंक खाते खुलवाए। 

वर्ल्ड बैंक ने कहा है कि चीन और भारत में बिना बैंक खाते के दुनिया के सबसे ज्यादा लोग रहते हैं और इसके लिए वहां का साइज जिम्मेदार है।  चीन में दुनिया की बिना बैंक खाते वाली सबसे ज्यादा आबादी रहती है। चीन में 22.50 करोड़ वयस्कों के पास बैंक अकाउंट नहीं है। इस मामले में चीन के बाद भारत, पाकिस्तान और फिर इंडोनेशिया का नाम आता है। 19 करोड़ भारतीय वयस्कों के पास बैंक खाता नहीं है, जबकि 10 करोड़ पाकिस्तानी और 9.50 करोड़ इंडोनेशियाई वयस्कों के पास बैंक खाता नहीं है।

Rajanish Kant
FATCA यानी फॉरेन अकाउंट्स टैक्स कंप्लायंस एक्ट क्या है, बैंक खाताधारकों को इसके बारे में क्यूं जानना चाहिए
अगर आपका किसी बैंक में खाता है तो FATCA यानी फॉरेन अकाउंट्स टैक्स कंप्लायंस एक्ट के बारे में जरूर जानें। दरअसल, FATCA यानी फॉरेन अकाउंट्स टैक्स कंप्लायंस एक्ट के तहत भारत और यूएस के बीच वित्तीय सूचनाओं का स्वत आदान-प्रदान सुनिश्चित होता है। इसके तहत खाताधारक जिस देश की नागरिकता है, जिस देश में जन्म लिया है और टैक्स रेजिडेंस किस देश में है जैसी सूचनाएं मुहैया करवाते हैं। कुछ समय पहले की एक स्टेटमेंट के मुताबिक वित्तीय संस्थानों से कहा गया है कि वे निश्चित अवधि (जुलाई 2014 से अगस्त 2015) में खुले खातों के लिए स्व-प्रमाणित (सेल्फ सर्टिफाइड) दस्तावेज जमा करवाएं। हालांकि खाता यदि स्व-प्रमाणित (सेल्फ सर्टिफाइड) न होने के चलते बंद कर दिया गया है तो एक बार यह जानकारी मुहैया करवा देंगे तो खाता फिर से सभी प्रकार के संबंधित और लागू होने वाले ट्रांजैक्शन्स के लिए चालू कर दिया जाएगा। बता दें कि यह केवल बैंक खाताधारकों के लिए ही नहीं है बल्कि म्यूचुअल फंड्स और अन्य वित्तीय संस्थानों को भी इस प्रकार का निर्देश कस्टमर के संबंध में दिया गया है। एफएटीसीए का मकसद किसी व्यक्ति विशेष का विदेश में बनाई गई संपत्ति पर नजर रखना है कि वह इस पर टैक्स चुका रहा है या नहीं। FATCA के तहत सभी बैंकों और फाइनैंशल इंस्टीट्यूशन्स को यह साफ कह दिया है कि वे प्रावधान के तहत न आने वालों की सूचना प्रेषित करें।
तो अगर 30 अप्रैल 2017 तक बैंकों में  स्वयं-प्रमाणपत्र (self-certification) जमा करवा दिया है, तो अच्छी बात है और यदि नहीं तो आपको बता दें कि जिन खाताधारकों के बैंक खाते 1 जुलाई 2014 से लेकर 31 अगस्त 2015 के बीच खुले हैं, और FATCA (Foreign Account Tax Compliance Act) के नियमों से सामंजस्य नहीं रखते हैं तो उनका खाता बंद हो सकता है।  
आपको बता दें कि इननकम टैक्स विभाग की ओर से एफएटीसीए के तहत सेल्फ सर्टिफिकेशन की तारीख 30 अप्रैल रखी गई थी जोकि बीत चुकी है। 30 अप्रैल तक अपना केवाईसी डीटेल्स और आधार नंबर बैंक या संबंधित वित्तीय संस्थानों को नहीं दिए तो खाते बंद करने का निर्देश जारी किया जा चुका था। सीबीडीटी ने कुछ समय पहले एक बयान के जरिए कहा था कि यदि आपने इस शर्त को पूरा नहीं किया है तो आप अपने खाते से किसी प्रकार का ट्रांजैक्शन नहीं कर पाएंगे।

Rajanish Kant सोमवार, 1 मई 2017
घर बैठे ही खुल जाएगा आपका बैंक खाता, वो भी Zero Balance पर

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(ब्लॉग एक, फायदे अनेक

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((निवेश: 5 गलतियों से बचें, मालामाल बनें Investment: Save from doing 5 mistakes 

घर बैठे ही खुल जाएगा आपका बैंक खाता, वो भी Zero Balance पर

Rajanish Kant बुधवार, 5 अप्रैल 2017