RBI ने प्रोग्रेसिव मर्केंटाइल कोऑपरेटिव बैंक पर जुर्माना लगाया, जानें क्यों और कितना

भारतीय रिज़र्व बैंक ने प्रोग्रेसिव मर्केंटाइल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, जिला अहमदाबाद, गुजरात पर मौद्रिक दंड लगाया



भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) ने दिनांक 8 सितंबर 2025 के आदेश द्वारा प्रोग्रेसिव मर्केंटाइल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, जिला अहमदाबाद, गुजरात (बैंक) पर आरबीआई द्वारा जारी 'प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंकों में निरीक्षण और लेखा परीक्षा प्रणाली', 'अपने ग्राहक को जानिए' और 'ग्राहक संरक्षण - अनधिकृत इलेक्ट्रॉनिक बैंकिंग लेनदेन में सहकारी बैंकों के ग्राहकों की देयता को सीमित करना' संबंधी कतिपय निदेशों के अननुपालन हेतु 3 लाख (तीन लाख रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 46(4)(i) और 56 के साथ पठित धारा 47ए(1)(सी) के प्रावधानों के अंतर्गत आरबीआई को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।

31 मार्च 2024 को बैंक की वित्तीय स्थिति के संदर्भ में आरबीआई द्वारा बैंक का सांविधिक निरीक्षण किया गया। आरबीआई के निदेशों के अननुपालन के पर्यवेक्षी निष्कर्षों और उससे संबंधित पत्राचार के आधार पर, बैंक को एक नोटिस जारी किया गया जिसमें उससे यह पूछा गया कि वह कारण बताए कि उक्त निदेशों के अनुपालन में विफलता के लिए उस पर दंड क्यों न लगाया जाए। नोटिस पर बैंक के उत्तर पर विचार करने के बाद, आरबीआई ने, अन्य बातों के साथ-साथ, यह पाया कि बैंक के विरुद्ध निम्नलिखित आरोप सिद्ध हुए हैं, जिसके लिए मौद्रिक दंड लगाया जाना आवश्यक है:

बैंक:

  1. लेन-देन की एक साथ जांच करने के बजाय तिमाही आधार पर समवर्ती लेखा परीक्षा की और रिपोर्ट देरी से प्रस्तुत की;

  2. कतिपय खातों के जोखिम वर्गीकरण की आवधिक समीक्षा करने में विफल रहा, जिसकी आवधिकता कम से कम छह महीने में एक बार होनी चाहिए; और

  3. अपने ग्राहकों को अनधिकृत इलेक्ट्रॉनिक बैंकिंग लेनदेन, यदि कोई हो, के संबंध में आपत्ति को सूचित करने के लिए एसएमएस अलर्ट पर "उत्तर" द्वारा तुरंत प्रतिक्रिया देने में सक्षम बनाने में विफल रहा।

यह कार्रवाई, विनियामकीय अनुपालन में कमियों पर आधारित है और इसका उद्देश्य बैंक द्वारा अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या करार की वैधता पर सवाल करना नहीं है। इसके अलावा, इस मौद्रिक दंड को लगाने से आरबीआई द्वारा बैंक के विरुद्ध की जाने वाली किसी भी अन्य कार्रवाई पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ेगा।



(साभार- www.rbi.org.in)

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