RBI ने सूरत पीपुल्स को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, सूरत पर मौद्रिक जुर्माना लगाया
भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने 28 अगस्त, 2025 के एक आदेश द्वारा सूरत पीपुल्स को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, सूरत (बैंक) पर RBI द्वारा 'बड़े ऋणों पर सूचना के केंद्रीय भंडार (CRILC) - UCBs को बड़े जोखिमों की रिपोर्टिंग' पर जारी कुछ निर्देशों का पालन न करने के लिए ₹18.30 लाख (केवल अठारह लाख तीस हज़ार रुपये) का मौद्रिक जुर्माना लगाया है। यह जुर्माना बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 46(4)(i) और 56 के साथ धारा 47ए(1)(सी) के प्रावधानों के तहत आरबीआई को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
31 मार्च, 2024 तक बैंक की वित्तीय स्थिति के संदर्भ में आरबीआई द्वारा बैंक का वैधानिक निरीक्षण किया गया था। आरबीआई के निर्देशों का पालन न करने के पर्यवेक्षी निष्कर्षों और उस संबंध में संबंधित पत्राचार के आधार पर, बैंक को एक नोटिस जारी किया गया था जिसमें उसे कारण बताने के लिए कहा गया था कि उक्त निर्देशों का पालन न करने पर उस पर जुर्माना क्यों न लगाया जाए। नोटिस पर बैंक के उत्तर, उसके द्वारा प्रस्तुत अतिरिक्त प्रस्तुतियाँ और व्यक्तिगत सुनवाई के दौरान दिए गए मौखिक प्रस्तुतियों पर विचार करने के बाद, आरबीआई ने पाया कि बैंक के विरुद्ध निम्नलिखित आरोप सही पाए गए, जिसके लिए मौद्रिक जुर्माना लगाना आवश्यक है:
बैंक ने निर्धारित समय के भीतर कुछ उधारकर्ताओं से संबंधित ऋण जानकारी केंद्रीय बड़े ऋणों पर सूचना भंडार (सीआरआईएलसी) को रिपोर्ट नहीं की।
यह कार्रवाई नियामक अनुपालन में कमियों के आधार पर की गई है और इसका उद्देश्य बैंक द्वारा अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या समझौते की वैधता पर कोई प्रभाव डालना नहीं है। इसके अतिरिक्त, मौद्रिक जुर्माना लगाने से आरबीआई द्वारा बैंक के विरुद्ध की जाने वाली किसी भी अन्य कार्रवाई पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ेगा।
(साभार- www.rbi.org.in)
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