RBI ने जिला सहकारी केंद्रीय बैंक मर्यादित, नर्मदापुरम, मध्य प्रदेश पर मौद्रिक जुर्माना लगाया
भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने 26 अगस्त, 2025 के एक आदेश द्वारा, बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949 (बैंकिंग विनियमन अधिनियम) की धारा 26A सहपठित धारा 56 के प्रावधानों का उल्लंघन करने पर जिला सहकारी केंद्रीय बैंक मर्यादित, नर्मदापुरम, मध्य प्रदेश (बैंक) पर ₹1 लाख (मात्र एक लाख रुपये) का मौद्रिक जुर्माना लगाया है। यह जुर्माना बैंकिंग विनियमन अधिनियम की धारा 56 सहपठित धारा 47A(1)(c) और धारा 46(4)(i) के प्रावधानों के तहत RBI को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) द्वारा 31 मार्च, 2024 तक बैंक की वित्तीय स्थिति के संदर्भ में बैंक का वैधानिक निरीक्षण किया गया। वैधानिक प्रावधानों का पालन न करने के पर्यवेक्षी निष्कर्षों और उससे संबंधित पत्राचार के आधार पर, बैंक को एक नोटिस जारी किया गया जिसमें उसे कारण बताओ नोटिस जारी कर यह बताने को कहा गया कि उक्त प्रावधानों का पालन न करने पर उस पर जुर्माना क्यों न लगाया जाए। नोटिस पर बैंक के उत्तर, व्यक्तिगत सुनवाई के दौरान दिए गए अतिरिक्त निवेदनों और मौखिक निवेदनों पर विचार करने के बाद, आरबीआई ने अन्य बातों के साथ-साथ यह पाया कि बैंक के विरुद्ध निम्नलिखित आरोप सिद्ध हुए, जिसके लिए मौद्रिक जुर्माना लगाया जाना आवश्यक था:
बैंक निर्धारित समय के भीतर पात्र दावा न की गई राशि को जमाकर्ता शिक्षा एवं जागरूकता कोष में स्थानांतरित करने में विफल रहा।
यह कार्रवाई वैधानिक अनुपालन में कमियों पर आधारित है और इसका उद्देश्य बैंक द्वारा अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या समझौते की वैधता पर निर्णय देना नहीं है। इसके अतिरिक्त, यह मौद्रिक जुर्माना आरबीआई द्वारा बैंक के विरुद्ध शुरू की जाने वाली किसी भी अन्य कार्रवाई पर प्रतिकूल प्रभाव नहीं डालता है।
(साभार- www.rbi.org.in)
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