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बैंक ऋण का क्षेत्रवार अभिनियोजन – नवंबर 2024



नवंबर 20241 महीने के लिए 41 चुनिंदा अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों से जुटाए गए बैंक ऋण के क्षेत्रवार अभिनियोजन संबंधी आंकड़े, जो सभी अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों द्वारा अभिनियोजित कुल खाद्येतर ऋण का लगभग 95 प्रतिशत होता है, विवरण I और II में दिए गए हैं।

वर्ष-दर-वर्ष (व-द-व) आधार पर देखें तो, खाद्येतर बैंक ऋण2 29 नवंबर 2024 को समाप्त पखवाड़े की स्थिति के अनुसार 11.8 प्रतिशत की दर से बढ़ा, जबकि पिछले वर्ष के इसी पखवाड़े के लिए यह 16.5 प्रतिशत था।

बैंक ऋण3 के क्षेत्रवार अभिनियोजन की मुख्य बातें नीचे दी गई हैं:

  • कृषि और संबद्ध कार्यकलापों हेतु प्रदत्त ऋण में 29 नवंबर 2024 को समाप्त पखवाड़े की स्थिति के अनुसार 15.3 प्रतिशत (व-द-व) की वृद्धि दर्ज की गई (पिछले वर्ष के इसी पखवाड़े में 18.1 प्रतिशत)।

  • उद्योग क्षेत्र को प्रदत्त ऋण में वृद्धि 29 नवंबर 2024 को समाप्त पखवाड़े की स्थिति के अनुसार 8.1 प्रतिशत (व-द-व) पर थी, जबकि पिछले वर्ष के इसी पखवाड़े के लिए यह 5.5 प्रतिशत पर थी। प्रमुख उद्योगों में, ‘रसायन और रासायनिक उत्पाद’, ‘इन्फ्रास्ट्रक्चर’, ‘पेट्रोलियम, कोयला उत्‍पाद तथा परमाणु ईंधन’ और ‘सभी इंजीनियरिंग’ हेतु प्रदत्त ऋण में उच्च वृद्धि दर्ज की गई।

  • सेवा क्षेत्र को प्रदत्त ऋण में वृद्धि 29 नवंबर 2024 को समाप्त पखवाड़े की स्थिति के अनुसार 14.4 प्रतिशत (व-द-व) पर थी (पिछले वर्ष के इसी पखवाड़े में 22.2 प्रतिशत), जो मुख्‍य रूप से ‘गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी)’ और ‘व्‍यापार’ खंड हेतु प्रदत्त ऋण में वृद्धि के कम होने के कारण थी। तथापि, ‘वाणिज्यिक स्थावर संपदा’ और ‘कंप्यूटर सॉफ्टवेयर’ हेतु प्रदत्त ऋण की वृद्धि (व-द-व) में तेजी आई।

  • वैयक्तिक ऋणों में 29 नवंबर 2024 को समाप्त पखवाड़े की स्थिति के अनुसार 16.3 प्रतिशत (व-द-व) की वृद्धि दर्ज की गई, जबकि पिछले वर्ष के इसी पखवाड़े के लिए यह 18.7 प्रतिशत थी, जो मुख्‍यत: ‘अन्‍य वैयक्तिक ऋणों’, ‘वाहन ऋणों’ एवं ‘क्रेडिट कार्ड बकाया’ की वृद्धि में कमी आने के कारण थी। तथापि, ‘आवास’ – इस खंड का सबसे बड़ा घटक – ने तेज वृद्धि (व-द-व) दर्ज की।

 

1 आंकड़े माह के अंतिम रिपोर्टिंग शुक्रवार से संबंधित हैं।

2 खाद्येतर ऋण के आंकड़े माह के अंतिम रिपोर्टिंग शुक्रवार हेतु धारा-42 विवरणी पर आधारित हैं, जिसमें सभी अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक (एससीबी) शामिल हैं।

3 बैंक के साथ गैर-बैंक के विलय के प्रभाव को छोड़कर।



(साभार- www.rbi.org.in)

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