RBI ने बॉम्बे मर्केंटाइल कोऑपरेटिव बैंक पर भारी भरकम जुर्माना लगाया, जानें क्यों और कितना


भारतीय रिज़र्व बैंक ने बॉम्बे मर्केंटाइल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, मुंबई पर मौद्रिक दंड लगाया

भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 21 अप्रैल 2023 के आदेश द्वारा बॉम्बे मर्केंटाइल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, मुंबई (बैंक) पर बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (बीआर अधिनियम) की धारा 56 के साथ पठित धारा 26-ए के प्रावधानों के उल्लंघन के लिए 13.00 लाख (तेरह लाख रुपए मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बीआर अधिनियम, 1949 की धाराओं 46 (4) (i) और 56 के साथ पठित धारा 47 ए (1) (सी) के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।

यह कार्रवाई, विनियामक अनुपालन में कमियों पर आधारित है और इसका उद्देश्य उक्‍त बैंक द्वारा अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या करार की वैधता पर सवाल करना नहीं है।

पृष्ठभूमि

31 मार्च 2020 को बैंक की वित्तीय स्थिति के संदर्भ में बैंक का सांविधिक निरीक्षण भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा किया गया, तथा जोखिम मूल्यांकन रिपोर्ट और उससे संबंधित सभी पत्राचार की जांच से, अन्य बातों के साथ-साथ, बैंक द्वारा पात्र राशि को निर्धारित अवधि के भीतर जमाकर्ता शिक्षण और जागरूकता निधि (डीईएएफ) में अंतरित करने में विफल रहने और उसे विलंब से अंतरित करने की सीमा तक बीआर अधिनियम के उपरोक्त प्रावधानों के उल्लंघन का पता चला। उक्त के आधार पर, बैंक को एक नोटिस जारी किया गया जिसमें उससे यह पूछा गया कि वह कारण बताएं कि बीआर अधिनियम के प्रावधानों के उल्लंघन, जैसा कि उसमें कहा गया है, के लिए उस पर दंड क्यों न लगाया जाए।

नोटिस पर बैंक के उत्तर, उसके द्वारा की गई अतिरिक्त प्रस्तुतियों और व्यक्तिगत सुनवाई के दौरान की गई मौखिक प्रस्तुतियों पर विचार करने के बाद, भारतीय रिज़र्व बैंक इस निष्कर्ष पर पहुंचा है कि बीआर अधिनियम की धारा 26-ए के प्रावधानों के उल्लंघन का उपरोक्त आरोप सिद्ध हुआ है और मौद्रिक दंड लगाया जाना आवश्यक है।

(साभार: www.rbi.org.in)

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