RBI ने Karur Vysya Bank पर ₹30 लाख का भारी भरकम जुर्माना लगाया, जानें वजह

देश के केंद्रीय बैंक भारतीय रिजर्व बैंक यानी RBI ने  Karur Vysya Bank पर ₹30 लाख का भारी भरकम जुर्माना लगाया है। RBI ने कहा है कि बैंक उसके कुछ दिशा-निर्देशों का पालन करने में नाकाम रहा है, इसलिए उस पर जुर्माना लगाया गया है। 

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(स्रोत- www.rbi.org.in)

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Rajanish Kant शनिवार, 25 मार्च 2023
RBI ने अस्थिर दर वाले बॉण्ड, 2033 पर ब्याज दर की घोषणा की


भारतीय रिज़र्व बैंक ने भारत सरकार के अस्थिर दर वाले बॉण्ड, 2033 पर
ब्याज दर की घोषणा की

22 मार्च 2023 से 21 सितंबर 2023 तक की छमाही के लिए भारत सरकार के अस्थिर दर वाले बॉण्ड 2033 (जीओआई एफ़आरबी 2033) पर लागू ब्याज दर 8.51 प्रतिशत प्रति वर्ष होगी।

यह विदित है कि एफआरबी, 2033 के लिए एक कूपन निर्धारित है, जिसमें 182 दिवसीय खजाना बिलों की पिछली तीन नीलामियों (दर निर्धारण दिवस अर्थात् 22 मार्च 2023 से) के भारित औसत प्रतिफल (डब्ल्यूएवाई) के बराबर आधार दर के साथ एक नियत स्प्रैड (1.22 प्रतिशत) है।

(स्रोत- www.rbi.org.in)

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Rajanish Kant बुधवार, 22 मार्च 2023
RBI ने मंदसौर के स्मृति नागरिक सहकारी बैंक पर जुर्माना लगाया, जानें क्यों और कितना


भारतीय रिज़र्व बैंक ने स्मृति नागरिक सहकारी बैंक मर्यादित, मंदसौर (मध्य प्रदेश) पर मौद्रिक दंड लगाया

भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 14 मार्च 2023 के आदेश द्वारा, स्मृति नागरिक सहकारी बैंक मर्यादित, मंदसौर (मध्य प्रदेश) (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी यूसीबी के लिए एक्सपोजर मानदंड और सांविधिक/अन्य प्रतिबंध तथा अपने ग्राहक को जानिए (केवाईसी) संबंधी निदेशों के उल्लंघन/अननुपालन के लिए 4.00 लाख (चार लाख रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी उपर्युक्त निदेशों के अनुपालन में बैंक की विफलता को ध्यान में रखते हुए, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 46 (4) (i) और धारा 56 के साथ पठित धारा 47 ए (1) (सी) के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।

यह कार्रवाई विनियामक अनुपालन में कमियों पर आधारित है और इसका उद्देश्य उक्‍त बैंक द्वारा अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या करार की वैधता पर सवाल करना नहीं है।

पृष्ठभूमि

31 मार्च 2020 और 31 मार्च 2021 को बैंक की वित्तीय स्थिति के आधार पर बैंक की निरीक्षण रिपोर्ट से, अन्य बातों के साथ-साथ, यह पता चला कि (i) बैंक ने नाम मात्र सदस्यों को निर्धारित सीमा से अधिक ऋण स्वीकृत किए (ii) बैंक के पास ग्राहकों के जोखिम वर्गीकरण की आवधिक समीक्षा की कोई प्रणाली नहीं थी, (iii) बैंक ने जोखिम वर्गीकरण के अनुसार अपने ग्राहकों के केवाईसी का आवधिक अद्यतन नहीं किया, (iv) बैंक के पास भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी उपर्युक्त निदेशों के उल्लंघन/अननुपालन में संदिग्ध लेनदेन की निगरानी और रिपोर्टिंग के लिए अलर्ट उत्पन्न करने के लिए कोई प्रणाली नहीं थी। उक्त के आधार पर, बैंक को एक नोटिस जारी किया गया जिसमें उससे यह पूछा गया कि वह कारण बताएं कि निदेशों के अननुपालन के लिए उस पर दंड क्यों न लगाया जाए।

बैंक के उत्तर, व्यक्तिगत सुनवाई के दौरान की गई मौखिक प्रस्तुतियों और उसके बाद की गई अतिरिक्त प्रस्तुतियों पर विचार करने के बाद, भारतीय रिज़र्व बैंक इस निष्कर्ष पर पहुंचा है कि भारतीय रिज़र्व बैंक के निदेशों के अननुपालन के उपर्युक्त आरोप सिद्ध हुए हैं और मौद्रिक दंड लगाया जाना आवश्यक है।

(स्रोत- www.rbi.org.in)

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RBI ने सोलापुर के लोकमंगल कोऑपरेटिव बैंक पर जुर्माना लगाया, जानें क्यों और कितना


भारतीय रिज़र्व बैंक ने लोकमंगल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, सोलापुर (महाराष्ट्र) पर मौद्रिक दंड लगाया

भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 14 मार्च 2023 के आदेश द्वारा, लोकमंगल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, सोलापुर (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा शहरी सहकारी बैंकों को जारी एक्सपोजर मानदंड और सांविधिक/अन्य प्रतिबंध-यूसीबी संबंधी निदेशों के उल्लंघन/अननुपालन के लिए 3.00 लाख (तीन लाख रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी उपर्युक्त निदेशों के अनुपालन में बैंक की विफलता को ध्यान में रखते हुए, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 46 (4) (i) और धारा 56 के साथ पठित धारा 47 ए (1) (सी) के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।

यह कार्रवाई विनियामक अनुपालन में कमियों पर आधारित है और इसका उद्देश्य उक्‍त बैंक द्वारा अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या करार की वैधता पर सवाल करना नहीं है।

पृष्ठभूमि

31 मार्च 2020 को बैंक की वित्तीय स्थिति के आधार पर बैंक की निरीक्षण रिपोर्ट से, अन्य बातों के साथ-साथ, यह पता चला कि बैंक ने भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी उपर्युक्त निदेशों के उल्लंघन/अननुपालन में नाम मात्र के सदस्यों को निर्धारित विनियामक सीमा से अधिक ऋण स्वीकृत किया। उक्त के आधार पर, बैंक को एक नोटिस जारी किया गया जिसमें उससे यह पूछा गया कि वह कारण बताएं कि निदेशों के अननुपालन के लिए उस पर दंड क्यों न लगाया जाए।

बैंक के उत्तर और व्यक्तिगत सुनवाई के दौरान की गई मौखिक प्रस्तुतियों पर विचार करने के बाद, भारतीय रिज़र्व बैंक इस निष्कर्ष पर पहुंचा है कि भारतीय रिज़र्व बैंक के निदेशों के अननुपालन का उपर्युक्त आरोप सिद्ध हुआ है और मौद्रिक दंड लगाया जाना आवश्यक है।

(स्रोत- www.rbi.org.in)

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RBI ने रायसेन के जिला सहकारी केंद्रीय बैंक पर जुर्माना लगाया, जानें क्यों और कितना


भारतीय रिज़र्व बैंक ने जिला सहकारी केंद्रीय बैंक मर्यादित, रायसेन (मध्य प्रदेश) 
पर मौद्रिक दंड लगाया

भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 15 मार्च 2023 के आदेश द्वारा, जिला सहकारी केंद्रीय बैंक मर्यादित, रायसेन (मध्य प्रदेश) (बैंक) पर बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (अधिनियम) के प्रावधानों तथा बैंकों द्वारा विवरणियों की प्रस्तुति संबंधी नाबार्ड द्वारा जारी निदेशों के उल्लंघन/अननुपालन के लिए 50,000 हजार (पचास हजार रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, उपर्युक्त निदेशों का अनुपालन करने में बैंक की विफलता को ध्यान में रखते हुए, अधिनियम की धारा 46 (4) (i) और धारा 56 के साथ पठित धारा 47 ए (1) (सी) के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।

यह कार्रवाई विनियामक अनुपालन में कमियों पर आधारित है और इसका उद्देश्य उक्‍त बैंक द्वारा अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या करार की वैधता पर सवाल करना नहीं है।

पृष्ठभूमि

31 मार्च 2021 तक की बैंक की वित्तीय स्थिति के आधार पर निरीक्षण रिपोर्ट से, अन्य बातों के साथ-साथ, यह भी पता चला कि बैंक ने अधिनियम के प्रावधानों तथा नाबार्ड द्वारा जारी उपर्युक्त निदेशों का उल्लंघन/अननुपालन करते हुए भारतीय रिज़र्व बैंक को सांविधिक विवरणियाँ और नाबार्ड को ओएसएस विवरणियाँ प्रस्तुत करने में विलंब किया। उक्त के आधार पर, बैंक को एक नोटिस जारी किया गया जिसमें उससे यह पूछा गया कि वह कारण बताएं कि निदेशों का अननुपालन करने के लिए उस पर दंड क्यों न लगाया जाए।

बैंक के उत्तर और व्यक्तिगत सुनवाई के दौरान की गई मौखिक प्रस्तुतियों पर विचार करने के बाद, भारतीय रिज़र्व बैंक इस निष्कर्ष पर पहुंचा है कि अधिनयम के प्रावधानों के अननुपालन का उपर्युक्त आरोप सिद्ध हुआ है और मौद्रिक दंड लगाया जाना आवश्यक है।

(स्रोत- www.rbi.org.in)

('बिना प्रोफेशनल ट्रेनिंग के शेयर बाजार जरूर जुआ है'

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RBI ने नोएडा के नोबल कोऑपरेटिव बैंक पर जुर्माना लगाया, जानें क्यों और कितना


भारतीय रिज़र्व बैंक ने नोबल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, नोएडा पर मौद्रिक दंड लगाया

भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 16 मार्च 2023 के आदेश द्वारा, नोबल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, नोएडा (बैंक) पर बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 35ए के उल्लंघन के लिए 2.00 लाख (दो लाख रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 46 (4) (i) और धारा 56 के साथ पठित धारा 47 ए (1) (सी) के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।

यह कार्रवाई विनियामक अनुपालन में कमियों पर आधारित है और इसका उद्देश्य उक्‍त बैंक द्वारा अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या करार की वैधता पर सवाल करना नहीं है।

पृष्ठभूमि

31 मार्च 2021 को बैंक की वित्तीय स्थिति के आधार पर बैंक की निरीक्षण रिपोर्ट से, अन्य बातों के साथ-साथ, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 35 ए के उल्लंघन का पता चला। बैंक, भारतीय रिज़र्व बैंक के धोखाधड़ी वर्गीकरण और रिपोर्टिंग संबंधी निदेशों के अनुपालन में विफल रहा, जब उसने लेनदेन को धोखाधड़ी के रूप में वर्गीकृत नहीं किया और निर्धारित समय-सीमा के भीतर एफएमआर-1 के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को रिपोर्ट नहीं किया। उक्त के आधार पर, बैंक को एक नोटिस जारी किया गया जिसमें उससे यह पूछा गया कि वह कारण बताएं कि भारतीय रिज़र्व बैंक के धोखाधड़ी वर्गीकरण और रिपोर्टिंग संबंधी निदेशों के उल्लंघन के लिए उस पर दंड क्यों न लगाया जाए।

बैंक के उत्तर और व्यक्तिगत सुनवाई के दौरान की गई मौखिक प्रस्तुतियों पर विचार करने के बाद, भारतीय रिज़र्व बैंक इस निष्कर्ष पर पहुंचा है कि बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 35ए के अननुपालन के उपर्युक्त आरोप सिद्ध हुए हैं और मौद्रिक दंड लगाया जाना आवश्यक है।

(स्रोत- www.rbi.org.in)

('बिना प्रोफेशनल ट्रेनिंग के शेयर बाजार जरूर जुआ है'

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