RBI ने रायसेन के जिला सहकारी केंद्रीय बैंक पर जुर्माना लगाया, जानें क्यों और कितना


भारतीय रिज़र्व बैंक ने जिला सहकारी केंद्रीय बैंक मर्यादित, रायसेन (मध्य प्रदेश) 
पर मौद्रिक दंड लगाया

भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 15 मार्च 2023 के आदेश द्वारा, जिला सहकारी केंद्रीय बैंक मर्यादित, रायसेन (मध्य प्रदेश) (बैंक) पर बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (अधिनियम) के प्रावधानों तथा बैंकों द्वारा विवरणियों की प्रस्तुति संबंधी नाबार्ड द्वारा जारी निदेशों के उल्लंघन/अननुपालन के लिए 50,000 हजार (पचास हजार रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, उपर्युक्त निदेशों का अनुपालन करने में बैंक की विफलता को ध्यान में रखते हुए, अधिनियम की धारा 46 (4) (i) और धारा 56 के साथ पठित धारा 47 ए (1) (सी) के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।

यह कार्रवाई विनियामक अनुपालन में कमियों पर आधारित है और इसका उद्देश्य उक्‍त बैंक द्वारा अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या करार की वैधता पर सवाल करना नहीं है।

पृष्ठभूमि

31 मार्च 2021 तक की बैंक की वित्तीय स्थिति के आधार पर निरीक्षण रिपोर्ट से, अन्य बातों के साथ-साथ, यह भी पता चला कि बैंक ने अधिनियम के प्रावधानों तथा नाबार्ड द्वारा जारी उपर्युक्त निदेशों का उल्लंघन/अननुपालन करते हुए भारतीय रिज़र्व बैंक को सांविधिक विवरणियाँ और नाबार्ड को ओएसएस विवरणियाँ प्रस्तुत करने में विलंब किया। उक्त के आधार पर, बैंक को एक नोटिस जारी किया गया जिसमें उससे यह पूछा गया कि वह कारण बताएं कि निदेशों का अननुपालन करने के लिए उस पर दंड क्यों न लगाया जाए।

बैंक के उत्तर और व्यक्तिगत सुनवाई के दौरान की गई मौखिक प्रस्तुतियों पर विचार करने के बाद, भारतीय रिज़र्व बैंक इस निष्कर्ष पर पहुंचा है कि अधिनयम के प्रावधानों के अननुपालन का उपर्युक्त आरोप सिद्ध हुआ है और मौद्रिक दंड लगाया जाना आवश्यक है।

(स्रोत- www.rbi.org.in)

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