Results for "UPI"
Eurosystem के TARGET Instant Payment Settlement (TIPS)के साथ यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) को जोड़ना

 यूरोसिस्टम के टारगेट इंस्टेंट पेमेंट सेटलमेंट (टीआईपीएस) के साथ यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (यूपीआई) को जोड़ना



भारतीय रिज़र्व बैंक, सीमापारीय भुगतान को बढ़ावा देने के लिए यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफ़ेस (यूपीआई) को अन्य क्षेत्राधिकारों की तेज़ भुगतान प्रणाली के साथ जोड़ने पर सक्रिय रूप से ज़ोर दे रहा है। ये पहलें सीमापारीय भुगतान को बढ़ाने के लिए जी20 रोडमैप के साथ जुड़ी हुई हैं, जिसमें सस्ते, कुशल, अधिक पारदर्शी और अधिक आसान विप्रेषण पर ध्यान केंद्रित किया गया है।

भारतीय रिज़र्व बैंक और एनपीसीआई इंटरनेशनल पेमेंट्स लिमिटेड (एनआईपीएल), यूरोपियन सेंट्रल बैंक के साथ मिलकर यूपीआई को टीएआरजीईटी इंस्टेंट पेमेंट सेटलमेंट (टीआईपीएस) से जोड़ने की पहल कर रहे हैं, जो यूरोसिस्टम द्वारा संचालित त्वरित भुगतान प्रणाली है। अच्छी और लगातार बातचीत के बाद, दोनों पक्ष यूपीआई-टीआईपीएस लिंक के लिए प्राप्ति चरण (रियलाइज़ेशन फ़ेज़) शुरू करने पर सहमत हो गए हैं।

प्रस्तावित यूपीआई-टीआईपीएस जोड़ने का उद्देश्य, भारत और यूरो क्षेत्र के बीच सीमापारीय विप्रेषण को आसान बनाना है और इससे दोनों क्षेत्राधिकारों के उपयोगकर्ता को लाभ प्राप्त होने की आशा है।

भारतीय रिज़र्व बैंक और एनआईपीएल, तकनीकी एकीकरण, जोखिम प्रबंधन और निपटान व्यवस्था सहित यूपीआई-टीआईपीएस लिंक को परिचालित करने के लिए यूरोपियन सेंट्रल बैंक के साथ मिलकर काम करते रहेंगे।




(साभार- www.rbi.org.in)

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2-अचानक की गई बंदी इंसान को संभलने का मौका नहीं देती। ऐसे में आनंद के साथ जीने के उपाय क्या हैं। मेरी इस किताब में पढ़िये...बंदी में कैसे रहें बिंदास" 
3-अमीर बनने के लिए पैसों से खेलना आना चाहिए। पैसों से खेलने की कला सीखने के लिए पढ़िये...
4-बच्चों को फाइनेंशियल एजुकेशन क्यों देना चाहिए पर हिन्दी में किताब- 'बेटा हमारा दौलतमंद बनेगा' - 
5-अमीर बनने की ख्वाहिश हममें से हर किसी की होती है, लेकिन इसके लिए लोगों को पैसे से पैसा बनाने की कला तो आनी चाहिए। कैसे आएगी ये कला, पढ़िये - 'आपका पैसा, आप संभालें' - 
6-इंसान के पास संसाधन या मार्गदर्शन हो या ना हो, सपने जरूर होने चाहिए। सिर्फ सपने के सहारे भी कामयाब होने वालों की दुनिया में कमी नहीं है। - 'जब सपने बन जाते हैं मार्गदर्शक' -
7-बेटियों को बहादुर बनने दीजिए और बनाइये, ये समय की मांग है,  "बेटी तुम बहादुर ही बनना " -
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Rajanish Kant सोमवार, 24 नवंबर 2025
RBI Cheque Clearance 2025 New Rules-अब चेक क्लियरेंस होगा घंटों में | 4 अक्टूबर से बदल जाएगा बैंकिंग सिस्टम | तुरंत मिलेगा पैसा
RBI Cheque Clearance 2025 New Rules enable real time settlement for customers. 4 अक्टूबर से भारतीय बैंकिंग सिस्टम में बड़ा बदलाव आने वाला है। अब चेक क्लियरेंस में 2-3 दिन का इंतज़ार नहीं करना पड़ेगा। नया सिस्टम लागू होने के बाद पैसा घंटों में आपके अकाउंट में आ जाएगा। जानिए इस बदलाव के फायदे, नियम और आपके लिए इसका क्या मतलब है।



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Rajanish Kant शुक्रवार, 22 अगस्त 2025
UPI से 2,000 रुपये से अधिक के लेनदेन पर GST लगाने पर विचार नहीं- सरकार

सरकार यूपीआई के माध्यम से 2,000 रुपये से अधिक के लेनदेन पर वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) लगाने पर विचार नहीं कर रही है


सरकार द्वारा 2,000 रुपये से अधिक के यूपीआई लेनदेन पर वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) लगाने पर विचार करने के दावे पूरी तरह से झूठे, भ्रामक और निराधार हैं। वर्तमान में, सरकार के समक्ष ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं है।

जीएसटीकुछ उपकरणों का उपयोग करके किए गए भुगतान से संबंधित मर्चेंट डिस्काउंट रेट (एमडीआर) जैसे शुल्कों पर लगाया जाता है।

जनवरी 2020 से प्रभावीकेंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने 30 दिसंबर 2019 की राजपत्र अधिसूचना के माध्यम से व्यक्ति-से-व्यापारी (पी2एम) यूपीआई लेनदेन पर एमडीआर हटा दिया है।

चूंकि वर्तमान में यूपीआई लेनदेन पर कोई एमडीआर नहीं लिया जाता हैइसलिए इन लेनदेन पर कोई जीएसटी लागू नहीं है।

सरकार यूपीआई के माध्यम से डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है।

यूपीआई को बढ़ावा देने और उसे बनाए रखने के लिए वित्त वर्ष 2021-22 से एक प्रोत्साहन योजना लागू की गई है। यह योजना विशेष रूप से कम मूल्य वाले यूपीआई (पी2एम) लेनदेन को लक्षित करती हैजिससे लेनदेन लागत को कम करके छोटे व्यापारियों को लाभ मिलता है और डिजिटल भुगतान में व्यापक भागीदारी और नवाचार को बढ़ावा मिलता है।

इस योजना के तहत पिछले कुछ वर्षों में कुल प्रोत्साहन भुगतान यूपीआई-आधारित डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने के लिए सरकार की निरंतर प्रतिबद्धता को दर्शाता है। पिछले कुछ वर्षों में इस योजना के अंतर्गत आवंटन इस प्रकार रहा है:

  • वित्त वर्ष 2021-22: 1,389 करोड़ रुपये
  • वित्त वर्ष 2022-23: 2,210 करोड़ रुपये
  • वित्त वर्ष 2023-24: 3,631 करोड़ रुपये

इन उपायों ने भारत के मजबूत डिजिटल भुगतान इकोसिस्टम में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।

एसीआई वर्ल्डवाइड रिपोर्ट 2024 के अनुसार, 2023 में ग्लोबल रियल टाइम ट्रांजैक्शन में भारत की हिस्सेदारी 49 प्रतिशत रहीजो डिजिटल भुगतान नवाचार में वैश्विक अग्रज के रूप में भारत की स्थिति की पुष्टि करता है।

यूपीआई लेनदेन मूल्य में तेजी से वृद्धि देखी गई हैजो वित्त वर्ष 2019-20 में 21.3 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर मार्च 2025 तक 260.56 लाख करोड़ रुपये हो गया है। विशेष रूप सेपी2एम लेनदेन 59.3 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया हैयह डिजिटल भुगतान विधियों के प्रति व्यापारियों की बढ़ती स्वीकार्यता और उपभोक्ताओं के बढ़ते विश्वास को दर्शाता है।

 (साभार- पीआईबी) 



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Rajanish Kant शनिवार, 19 अप्रैल 2025
बच्चे और बुजुर्ग माता-पिता के लिए UPI पेमेंट करना हुआ अब आसान I UPICircl...
UPI Circle on PhonePe is a new way to pay remotely. किसी भी सेवा या सामान के लिए गूगल पे, फोन पे जैसे UPI से पेमेंट सुविधा ने हमारी जिंदगी को काफी आसान बना दिया है। अब आप अगर अपने परिवार, दोस्तों या किसी अन्य भरोसमंद व्यक्ति की ओर से भी दूर रहकर ही UPI पेमेंट करना चाहते हैं तो आपके अच्छी खबर है। पूरी खबर को विस्तार से जानने के लिए एपिसोड को अंत तक देखें। 







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Rajanish Kant शुक्रवार, 18 अप्रैल 2025
NEFT, RTGS से पैसा भेजने वालों को ये चिंता हुई खत्म,  मिली खास सुविधा
Good News for NEFT, RTGS Users अगर आप NEFT, RTGS का इस्तेमाल करते हैं तो आपके लिए अच्छी खबर है। पूरी खबर जानने के लिए एपिसोड को आखिर तक देखिये।



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Rajanish Kant मंगलवार, 31 दिसंबर 2024
UPI lite, NEFT, RTGS का इस्तेमाल  करने वालों के लिए खुशखबरी
अगर आप UPI lite, NEFT, RTGS का इस्तेमाल करते हैं तो आपके लिए अच्छी खबर है। पूरी खबर जानने के लिए एपिसोड को आखिर तक देखिये।


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Rajanish Kant शुक्रवार, 11 अक्टूबर 2024
Cheques से लेनदेन करने और UPI से टैक्स भुगतान करने वालों को तोहफा
Continuous Clearing of Cheques under Cheque Truncation System (CTS) अगर आप चेक से लेनदेन करते हैं या फिर यूपीआई से टैक्स भरते हैं तो आपके लिए अच्छी खबर है। पूरी खबर जानने के लिए एपिसोड को आखिर तक देखिये।


विकासात्मक और विनियामक नीतियों पर वक्तव्य

यह वक्तव्य (i) विनियमन; और (ii) भुगतान प्रणाली से संबंधित विभिन्न विकासात्मक और विनियामक नीतिगत उपाय निर्धारित करता है।

I. विनियमन

1. डिजिटल ऋण ऐप्स की सार्वजनिक रिपोज़िटरी

ग्राहकों के हितों की सुरक्षा, डेटा गोपनीयता, ब्याज दरों और वसूली पद्धतियों संबंधी चिंताओं, अपविक्रय आदि के संबंध में डिजिटल ऋण पर दिशानिर्देश 2 सितंबर 2022 को जारी किए गए थे। तथापि, मीडिया रिपोर्टों ने डिजिटल ऋण में अनैतिक लोगों की निरंतर उपस्थिति को उजागर किया है जो भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा विनियमित संस्थाओं (आरई) के साथ अपने जुड़ाव का झूठा दावा करते हैं। तदनुसार, डिजिटल ऋण ऐप (डीएलए) के आरई के साथ जुड़ाव के दावे को सत्यापित करने में ग्राहकों की सहायता के लिए, भारतीय रिज़र्व बैंक आरई द्वारा नियोजित डीएलए की एक सार्वजनिक रिपोज़िटरी बना रहा है जो रिज़र्व बैंक की वेबसाइट पर उपलब्ध होगी। यह रिपोज़िटरी, आरई द्वारा (रिज़र्व बैंक के किसी मध्यक्षेप के बिना) सीधे रिपोज़िटरी को प्रस्तुत किए गए डेटा पर आधारित होगी और जब भी आरई विवरण रिपोर्ट करेंगे, अर्थात नए डीएलए को जोड़ना या किसी मौजूदा डीएलए को हटाना, तो यह अद्यतित हो जाएगी।

2. साख सूचना कंपनियों को ऋण सूचना की रिपोर्टिंग की आवृत्ति

वर्तमान में ऋण संस्थाओं (सीआई) को अपने उधारकर्ताओं की ऋण सूचना मासिक या ऐसे छोटे अंतराल, जैसा कि सीआई और साख सूचना कंपनियों (सीआसी) के बीच आपसी सहमति से तय किया गया हो, पर सीआसी को रिपोर्ट करना आवश्यक है। उधारकर्ता की ऋणग्रस्तता की अधिक अद्यतन तस्वीर प्रदान करने के उद्देश्य से, सीआसी को ऋण सूचना की रिपोर्टिंग की आवृत्ति को मासिक अंतराल से बढ़ाकर पाक्षिक आधार पर या ऐसे छोटे अंतराल, जैसा कि सीआई और सीआईसी के बीच आपसी सहमति से तय किया गया हो, पर करने का निर्णय लिया गया है। पाक्षिक रिपोर्टिंग आवृत्ति यह सुनिश्चित करेगी कि सीआईसी द्वारा प्रदान की गई ऋण सूचना रिपोर्ट में अधिक नवीनतम जानकारी हो। यह उधारकर्ताओं और उधारदाताओं (सीआई) दोनों के लिए लाभदायक होगा। उधारकर्ताओं को सूचना के तेजी से अद्यतन होने का लाभ मिलेगा, विशेषतया तब जब उन्होंने ऋण चुका दिया हो। ऋणदाता, उधारकर्ताओं का बेहतर जोखिम मूल्यांकन करने में सक्षम होंगे और उधारकर्ताओं द्वारा अधिक ऋण लेने के जोखिम को भी कम कर सकेंगे। आवश्यक निर्देश शीघ्र ही जारी किए जाएंगे।

II. भुगतान प्रणाली

3. यूपीआई के माध्यम से कर भुगतान के लिए लेनदेन की सीमा बढ़ाना

यूपीआई अपनी सहज सुविधाओं के कारण भुगतान का सबसे पसंदीदा माध्यम बन गया है। वर्तमान में, यूपीआई के लिए लेन-देन की सीमा 1 लाख है। विभिन्न उपयोग-मामलों के आधार पर, रिज़र्व बैंक ने समय-समय पर पूंजी बाज़ार, आईपीओ अभिदान, ऋण वसूली, बीमा, चिकित्सा और शैक्षिक सेवाओं आदि जैसी कुछ श्रेणियों के लिए सीमाओं की समीक्षा की है और उन्हें बढ़ाया है।

चूंकि प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष कर भुगतान सामान्य, नियमित और उच्च मूल्य के हैं, अतएव यूपीआई के माध्यम से कर भुगतान की सीमा को 1 लाख से बढ़ाकर 5 लाख प्रति लेनदेन करने का निर्णय लिया गया है। आवश्यक निर्देश अलग से जारी किए जाएंगे।

4. यूपीआई के माध्यम से प्रत्यायोजित भुगतान की शुरूआत

एकीकृत भुगतान प्रणाली (यूपीआई) का 424 मिलियन व्यक्तियों का बहुत बड़ा उपयोगकर्ता आधार है। तथापि, उपयोगकर्ता आधार के और विस्तार की संभावना है।

यूपीआई में "प्रत्यायोजित भुगतान" शुरू करने का प्रस्ताव है। "प्रत्यायोजित भुगतान" एक व्यक्ति (प्राथमिक उपयोगकर्ता) को प्राथमिक उपयोगकर्ता के बैंक खाते से किसी अन्य व्यक्ति (द्वितीयक उपयोगकर्ता) के लिए यूपीआई लेनदेन सीमा निर्धारित करने की अनुमति देगा। इस उत्पाद से पूरे देश में डिजिटल भुगतान की पहुँच और उपयोग में वृद्धि होने की उम्मीद है। विस्तृत निर्देश शीघ्र ही जारी किए जाएँगे।

5. चेक ट्रंकेशन प्रणाली (सीटीएस) के अंतर्गत चेकों का निरंतर समाशोधन

चेक ट्रंकेशन प्रणाली (सीटीएस) वर्तमान में दो कार्यदिवसों तक के समाशोधन चक्र के साथ चेक संसाधित करता है। चेक समाशोधन की दक्षता में सुधार करने और सहभागियों के लिए निपटान जोखिम को कम करने तथा ग्राहक अनुभव को बेहतर बनाने के लिए, बैच प्रोसेसिंग के वर्तमान दृष्टिकोण से सीटीएस को 'ऑन-रियलाइज़ेशन-निपटान’ के साथ निरंतर समाशोधन में बदलने का प्रस्ताव है। चेक को कुछ ही घंटों में स्कैन, प्रस्तुत और पास किया जाएगा तथा यह कार्य कारोबारी समय के दौरान निरंतर आधार पर किया जाएगा। समाशोधन चक्र वर्तमान टी+1 दिनों से घटकर कुछ घंटों का रह जाएगा। इस संबंध में विस्तृत दिशा-निर्देश शीघ्र ही जारी किए जाएंगे।

(साभार- www.rbi.org.in)

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