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आज इन कंपनियों के वित्तीय नतीजे- ASM Technologies, EMA India, Happy Forgings, Olectra Greentech, Suprajit Engineering, Uday Jewellery Industries

आज - ASM Technologies, EMA India, Happy Forgings, Olectra Greentech, Suprajit Engineering, Uday Jewellery Industries समेत इन कंपनियों के वित्तीय नतीजे पर नजर रहेगी। कंपनियां इन दिनों अप्रैल-जून तिमाही के नतीजे की घोषणा कर रही है। कंपनियों के नतीजे का असर संबंधित कंपनियों के शेयरों की कीमत पर होता है। 


> आज नतीजे की घोषणा करने वाली कंपनियों की लिस्ट- 

Security CodeSecurity NameResult Date
526433ASMTEC09 Aug 2025
531235CITIPOR09 Aug 2025
522027EMAINDIA09 Aug 2025
530407EPIC09 Aug 2025
538881GALADAFIN09 Aug 2025
544057HAPPYFORGE09 Aug 2025
517271HBLENGINE09 Aug 2025
590018HISARMETAL09 Aug 2025
500193HLVLTD09 Aug 2025
540774IFGLEXPOR09 Aug 2025
543240LIKHITHA09 Aug 2025
531497MADHUCON09 Aug 2025
519455NARBADA09 Aug 2025
544100NOVAAGRI09 Aug 2025
532439OLECTRA09 Aug 2025
517397PANELEC09 Aug 2025
513532PRADPME09 Aug 2025
523539PRECWIRE09 Aug 2025
532815SMSPHARMA09 Aug 2025
541633STRAEXPO09 Aug 2025
532509SUPRAJIT09 Aug 2025
514138SURYALA09 Aug 2025
543531TIERRA09 Aug 2025
539518UDAYJEW09 Aug 2025
526755VELHO09 Aug 2025
542852VISHWARAJ09 Aug 2025
544204VRAJ09 Aug 2025


(साभार: www.bseindia.com)

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2-अचानक की गई बंदी इंसान को संभलने का मौका नहीं देती। ऐसे में आनंद के साथ जीने के उपाय क्या हैं। मेरी इस किताब में पढ़िये...बंदी में कैसे रहें बिंदास" 
3-अमीर बनने के लिए पैसों से खेलना आना चाहिए। पैसों से खेलने की कला सीखने के लिए पढ़िये...
4-बच्चों को फाइनेंशियल एजुकेशन क्यों देना चाहिए पर हिन्दी में किताब- 'बेटा हमारा दौलतमंद बनेगा' - 
5-अमीर बनने की ख्वाहिश हममें से हर किसी की होती है, लेकिन इसके लिए लोगों को पैसे से पैसा बनाने की कला तो आनी चाहिए। कैसे आएगी ये कला, पढ़िये - 'आपका पैसा, आप संभालें' - 
6-इंसान के पास संसाधन या मार्गदर्शन हो या ना हो, सपने जरूर होने चाहिए। सिर्फ सपने के सहारे भी कामयाब होने वालों की दुनिया में कमी नहीं है। - 'जब सपने बन जाते हैं मार्गदर्शक' -
7-बेटियों को बहादुर बनने दीजिए और बनाइये, ये समय की मांग है,  "बेटी तुम बहादुर ही बनना " -
8 -अपनी हाउसिंग सोसायटी को जर्जर से जन्नत बनाने के लिए पढ़ें,  डेढ़ साल बेमिसाल -

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Rajanish Kant शनिवार, 9 अगस्त 2025
RBI ने A U Small Finance Bank को को सर्वव्यापी बैंक में परिवर्तन हेतु ‘सैद्धांतिक’ मंजूरी दी

भारतीय रिज़र्व बैंक ने एयू स्मॉल फाइनेंस बैंक लिमिटेड को सर्वव्यापी बैंक में परिवर्तन हेतु ‘सैद्धांतिक’ मंजूरी दी

रिज़र्व बैंक ने एयू स्मॉल फाइनेंस बैंक लिमिटेड (एयूएसएफबी) को लघु वित्त बैंक (एसएफबी) से सर्वव्यापी बैंक में परिवर्तन हेतु 'सैद्धांतिक' मंजूरी देने का निर्णय लिया है।



पृष्ठभूमि

यह विदित है कि दिनांक 27 नवंबर 2014 को जारी निजी क्षेत्र में लघु वित्त बैंकों को लाइसेंस जारी करने के लिए दिशानिर्देश में लघु वित्त बैंकों को सर्वव्यापी बैंकों में परिवर्तित करने के लिए एक संक्रमण पथ प्रदान किया गया था, जो कि लघु वित्त बैंकों द्वारा सर्वव्यापी बैंकों पर लागू न्यूनतम चुकता पूंजी/निवल मालियत की आवश्यकता को पूरा करने, न्यूनतम पांच वर्षों की अवधि के लिए लघु वित्त बैंकों के रूप में उसके कार्यनिष्पादन के संतोषजनक ट्रैक रिकॉर्ड और भारतीय रिज़र्व बैंक की समुचित जांच के अधीन था। इसके अलावा, बेहतर स्पष्टता लाने के उद्देश्य से, लघु वित्त बैंकों को सर्वव्यापी बैंक में परिवर्तन के पात्रता मानदंड को 26 अप्रैल 2024 को जारी “लघु वित्त बैंकों का सार्वभौमिक बैंकों में स्वैच्छिक परिवर्तन” संबंधी परिपत्र में विस्तृत रूप से बताया गया था।

 

(साभार- www.rbi.org.in)

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Rajanish Kant
RBI से श्री गुरु राघवेंद्र सहकारा बैंक नियमिता में पैसा जमा करने वालों को राहत नहीं

बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 35 ए के अंतर्गत निदेश – श्री गुरु राघवेंद्र सहकारा बैंक नियमिता, बेंगलुरु (कर्नाटक) - अवधि बढ़ाना

भारतीय रिज़र्व बैंक ने बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 35ए के अंतर्गत दिनांक 2 जनवरी 2020 के निदेश सं. DOS.CO.UCB.BSD-III.D-2/12.23.283/2019-20 द्वारा श्री गुरु राघवेंद्र सहकारा बैंक नियमिता, बेंगलुरु, कर्नाटक को 10 जुलाई 2020 तक छह माह की अवधि के लिए निदेश जारी किए थे, जिसे समय-समय पर संशोधित किया गया तथा इसकी वैधता अवधि को पिछली बार दिनांक 6 मई 2025 के निदेश DOR.MON/D-08/12.23.283/2025-26 द्वारा 10 अगस्त 2025 को कारोबार की समाप्ति तक बढ़ाया गया था। भारतीय रिज़र्व बैंक इस बात से संतुष्ट है कि जनहित में उक्त निदेश की परिचालन अवधि को 10 अगस्त 2025 से आगे बढ़ाया जाना आवश्यक है।

2. तदनुसार, भारतीय रिज़र्व बैंक, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 35ए की उप-धारा (1) के अंतर्गत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए, एतद्द्वारा उक्त निदेश की वैधता अवधि को 10 अगस्त 2025 को कारोबार की समाप्ति से 10 नवंबर 2025 को कारोबार की समाप्ति तक अगले तीन माह की अवधि के लिए बढ़ाता है, जो कि समीक्षाधीन होगा।

3. भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा उपर्युक्त अवधि बढ़ाने और/या संशोधन का यह अर्थ नहीं लगाया जाना चाहिए कि भारतीय रिज़र्व बैंक, बैंक की वित्तीय स्थिति से संतुष्ट है।

4. संदर्भाधीन निदेश के अन्य सभी नियम एवं शर्तें यथावत् रहेंगी।

(साभार- www.rbi.org.in)

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Rajanish Kant
RBI ने अंडमान एंड निकोबार स्टेट कोऑपरेटिव बैंक पर जुर्माना लगाया, जानें क्यों और कितना

भारतीय रिज़र्व बैंक ने अंडमान एंड निकोबार स्टेट को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड पर मौद्रिक दंड लगाया



भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 5 अगस्त 2025 के आदेश द्वारा अंडमान एंड निकोबार स्टेट को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड (बैंक) पर बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (बीआर अधिनियम) की धारा 56 के साथ पठित धारा 26ए के प्रावधानों के उल्लंघन तथा भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी ‘अपने ग्राहक को जानिए (केवाईसी)’ संबंधी निदेशों के अननुपालन के लिए ₹16 लाख (सोलह लाख रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड बीआर अधिनियम की धारा 46(4)(i) और 56 के साथ पठित धारा 47ए(1)(सी) के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।

31 मार्च 2024 को बैंक की वित्तीय स्थिति के संदर्भ में राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) द्वारा बैंक का सांविधिक निरीक्षण किया गया। सांविधिक प्रावधानों के उल्लंघन/ भारतीय रिज़र्व बैंक के निदेशों के अननुपालन के पर्यवेक्षी निष्कर्षों और उससे संबंधित पत्राचार के आधार पर, बैंक को एक नोटिस जारी किया गया जिसमें उससे यह पूछा गया कि वह कारण बताए कि उक्त प्रावधानों और निदेशों के अनुपालन में विफलता के लिए उस पर दंड क्यों न लगाया जाए। नोटिस पर बैंक के उत्तर और व्यक्तिगत सुनवाई के दौरान की गई मौखिक प्रस्तुतियों पर विचार करने के बाद, भारतीय रिज़र्व बैंक ने, अन्य बातों के साथ-साथ, यह पाया कि बैंक के विरुद्ध निम्नलिखित आरोप सिद्ध हुए हैं, जिसके लिए मौद्रिक दंड लगाया जाना आवश्यक है।

बैंक:

i) निर्धारित समय के भीतर दावा न की गई पात्र राशि को जमाकर्ता शिक्षण और जागरूकता निधि में अंतरित करने में विफल रहा; और

ii) खातों के जोखिम वर्गीकरण की आवधिक समीक्षा करने में विफल रहा, जिसकी आवधिकता कम से कम छह महीने में एक बार होनी चाहिए।

यह कार्रवाई, विनियामकीय अनुपालन में कमियों पर आधारित है और इसका उद्देश्य बैंक द्वारा अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या करार की वैधता पर सवाल करना नहीं है। इसके अलावा, इस मौद्रिक दंड को लगाने से भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा बैंक के विरुद्ध की जाने वाली किसी भी अन्य कार्रवाई पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ेगा।

(साभार- www.rbi.org.in)

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RBI ने दि कटिहार डिस्ट्रिक्ट सेंट्रल कोऑपरेटिव बैंक पर जुर्माना लगाया, जानें क्यों और कितना

भारतीय रिज़र्व बैंक ने दि कटिहार डिस्ट्रिक्ट सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, बिहार पर मौद्रिक दंड लगाया



भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 5 अगस्त 2025 के आदेश द्वारा दि कटिहार डिस्ट्रिक्ट सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, बिहार (बैंक) पर बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (बीआर अधिनियम) की धारा 56 के साथ पठित धारा 20 के प्रावधानों के उल्लंघन तथा भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी ‘सहकारी बैंकों द्वारा साख सूचना कंपनियों (सीआईसी) की सदस्यता’ संबंधी कतिपय निदेशों के अननुपालन के लिए 3.03 लाख (तीन लाख तीन हजार रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बीआर अधिनियम की धारा 46(4)(i) और 56 के साथ पठित धारा 47ए(1)(सी) तथा प्रत्यय विषयक जानकारी कंपनी (विनियमन) अधिनियम, 2005 की धारा 23 के साथ पठित धारा 25 के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।

31 मार्च 2024 को बैंक की वित्तीय स्थिति के संदर्भ में राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) द्वारा बैंक का सांविधिक निरीक्षण किया गया। भारतीय रिज़र्व बैंक के निदेशों के अननुपालन के पर्यवेक्षी निष्कर्षों और उससे संबंधित पत्राचार के आधार पर, बैंक को एक नोटिस जारी किया गया जिसमें उससे यह पूछा गया कि वह कारण बताए कि उक्त निदेशों के अनुपालन में विफलता के लिए उस पर दंड क्यों न लगाया जाए। नोटिस पर बैंक के उत्तर और व्यक्तिगत सुनवाई के दौरान इसके द्वारा की गई मौखिक प्रस्तुतियों पर विचार करने के बाद, भारतीय रिज़र्व बैंक ने, अन्य बातों के साथ-साथ, यह पाया कि बैंक के विरुद्ध निम्नलिखित आरोप सिद्ध हुए हैं, जिसके लिए मौद्रिक दंड लगाया जाना आवश्यक है।

बैंक ने:

i) अपने निदेशक को ऋण स्वीकृत किया; और

ii) दो साख सूचना कंपनियों को अपने ग्राहकों की ऋण संबंधी सूचना प्रस्तुत करने में विफल रहा।

यह कार्रवाई, विनियामकीय अनुपालन में कमियों पर आधारित है और इसका उद्देश्य बैंक द्वारा अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या करार की वैधता पर सवाल करना नहीं है। इसके अलावा, इस मौद्रिक दंड को लगाने से भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा बैंक के विरुद्ध की जाने वाली किसी भी अन्य कार्रवाई पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ेगा।

(साभार- www.rbi.org.in)

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RBI ने मृतक खाताधारकों के संबंध में दावों के निपटान पर परिपत्र का मसौदा जारी किया, 27 अगस्त तक टिप्पणी देने का मौका

 भारतीय रिज़र्व बैंक ने ‘भारतीय रिज़र्व बैंक (बैंकों के मृतक ग्राहकों के संबंध में दावों का निपटान) निदेश,

2025’ संबंधी परिपत्र के मसौदे पर टिप्पणियाँ आमंत्रित कीं



मृतक जमाकर्ताओं के संबंध में दावों के निपटान पर मौजूदा विनियामक दिशानिर्देशों की समीक्षा के संबंध में दिनांक 6 अगस्त 2025 को विकासात्मक और विनियामक नीतियों पर वक्तव्य में की गई घोषणा के अनुसरण में, रिज़र्व बैंक इस संबंध में परिपत्र का मसौदा जारी किया है।

परिपत्र के मसौदे पर हितधारकों और जन सामान्य द्वारा टिप्पणियां/प्रतिक्रिया रिज़र्व बैंक की वेबसाइट पर उपलब्ध ‘कनेक्ट 2 रेगुलेट’ खंड के अंतर्गत संबंधित लिंक के माध्यम से या वैकल्पिक रूप से ई-मेल के माध्यम से 27 अगस्त 2025 तक प्रस्तुत की जा सकती हैं। हितधारकों/ जन सामान्य की टिप्पणियों पर विचार करने के बाद अंतिम परिपत्र जारी किया जाएगा।


>मृतक खाताधारकों के संबंध में दावों के निपटान पर परिपत्र का मसौदा विस्तार से पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें 


(साभार- www.rbi.org.in)

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आज (08-08-2025) शेयर बाजार का हाल

आज (08-08-2025) शेयर बाजार का हाल, सेंसेक्स, निफ्टी गिरा या चढ़ा, सबसे ज्यादा पैसा बनाने वाले 5 शेयर, सबसे ज्यादा पैसा डूबाने वाले 5 शेयर 







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Rajanish Kant शुक्रवार, 8 अगस्त 2025
RBI ने दि चाणस्मा नागरिक सहकारी बैंक पर जुर्माना लगाया, जानें क्यों और कितना

भारतीय रिज़र्व बैंक ने दि चाणस्मा नागरिक सहकारी बैंक लिमिटेड, चाणस्मा, जिला पाटण, गुजरात पर मौद्रिक दंड लगाया



भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 31 जुलाई 2025 के आदेश द्वारा दि चाणस्मा नागरिक सहकारी बैंक लिमिटेड, चाणस्मा, जिला पाटण, गुजरात (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी ‘ग्राहक संरक्षण - अनधिकृत इलेक्ट्रॉनिक बैंकिंग लेनदेन में सहकारी बैंकों के ग्राहकों की देयता को सीमित करना’ संबंधी कतिपय निदेशों के अननुपालन के लिए 1 लाख (एक लाख रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 46(4)(i) और 56 के साथ पठित धारा 47ए(1)(सी) के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।

31 मार्च 2024 को बैंक की वित्तीय स्थिति के संदर्भ में भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा बैंक का सांविधिक निरीक्षण किया गया। भारतीय रिज़र्व बैंक के निदेशों के अननुपालन के पर्यवेक्षी निष्कर्षों तथा उससे संबंधित पत्राचार के आधार पर, बैंक को एक नोटिस जारी किया गया, जिसमें उससे यह पूछा गया कि वह कारण बताए कि उक्त निदेशों के अनुपालन में विफलता के लिए उस पर दंड क्यों न लगाया जाए। नोटिस पर बैंक के उत्तर और व्यक्तिगत सुनवाई के दौरान की गई मौखिक प्रस्तुतियों पर विचार करने के बाद, भारतीय रिज़र्व बैंक ने, अन्य बातों के साथ-साथ, यह पाया कि बैंक के विरुद्ध निम्नलिखित आरोप सिद्ध हुए हैं, जिसके लिए मौद्रिक दंड लगाया जाना आवश्यक है:

बैंक:

  1. ग्राहकों को कई चैनलों के माध्यम से अनधिकृत इलेक्ट्रॉनिक बैंकिंग लेनदेन की सूचना देने के लिए 24x7 पहुंच प्रदान करने में; तथा

  2. अपने ग्राहकों को अनधिकृत इलेक्ट्रॉनिक बैंकिंग लेनदेन, यदि कोई हो, के संबंध में आपत्ति को सूचित करने के लिए एसएमएस अलर्ट पर "उत्तर" द्वारा तुरंत प्रतिक्रिया देने की सुविधा प्रदान करने में विफल रहा।

यह कार्रवाई, विनियामकीय अनुपालन में कमियों पर आधारित है और इसका उद्देश्य बैंक द्वारा ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या करार की वैधता पर सवाल करना नहीं है। इसके अलावा, इस मौद्रिक दंड को लगाने से भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा बैंक के विरुद्ध की जाने वाली किसी भी अन्य कार्रवाई पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ेगा।

(साभार- www.rbi.org.in)

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Rajanish Kant गुरुवार, 7 अगस्त 2025