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14 NBFC (गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों) ने RBI को पंजीकरण प्रमाणपत्र वापस किया


14 गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों द्वारा भारतीय रिजर्व बैंक को पंजीकरण प्रमाणपत्र का अभ्यर्पण

निम्नलिखित 14 गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों ने भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा उन्हें जारी की गई पंजीकरण प्रमाणपत्र का अभ्यर्पण किया है। अत: भारतीय रिज़र्व बैंक ने भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 45-आईए (6) द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए निम्नलिखित कंपनियों का पंजीकरण प्रमाणपत्र निरस्त किया है।

i) गैर-बैंकिंग वित्तीय संस्थान (एनबीएफ़आई) के कारोबार से बाहर निकलने के कारण:

क्र.कंपनी का नामपंजीकृत कार्यालयीन पतापंजीकरण प्रमाणपत्र सं.प्रमाणपत्र जारी करने की तारीखप्रमाणपत्र निरस्त करने की तारीख
1लूनिया ट्रेडिंग एंड इंवेस्टमेंट प्राइवेट लिमिटेड18, गिरी बाबू लेन, पहली मंजिल, सुइट नंबर 1बी, कोलकाता, पश्चिम बंगाल - 70001205.0323315 सितंबर 199906 अप्रैल 2023
2स्वस्तिक गुड्स एंड सप्लायर्स प्राइवेट लिमिटेड26ए कैमक स्ट्रीट, भूतल, पी.एस. शेक्सपियर सरानी, ​​​​कोलकाता, पश्चिम बंगाल - 700016बी.05.0616111 फरवरी 200406 अप्रैल 2023
3इक्सेवा फाइनेंस प्राइवेट लिमिटेडसिंह कोठी, ओल्ड जीटी रोड, औरंगाबाद, बिहार - 824101बी-15.0006829 अप्रैल 202210 अप्रैल 2023
4जिप्सी मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेडअशोका हाउस', कमरा नंबर 302, तीसरी मंजिल, 3ए, हेयर स्ट्रीट, कोलकाता, पश्चिम बंगाल - 70000105.0140801 अप्रैल 199819 अप्रैल 2023
5शीबा फैबस्पिन प्राइवेट लिमिटेड7, सर हरि राम गोयनका स्ट्रीट, दूसरी मंजिल, कोलकाता, पश्चिम बंगाल - 700007बी.05.0464521 नवंबर 200121 अप्रैल 2023
6एसर एंट्रेड लिमिटेडदूसरी मंजिल, वाड्रा हाउस, आर के चौधुरी रोड, संतीपुर स्लूस गेट के सामने, गुवाहाटी, कामरूप, असम - 78100908.0008809 नवम्बर 199826 अप्रैल 2023
7माबा कॉर्पोरेट सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेडनंबर 75, गणेश लेआउट, एम एस पाल्या, विद्यारण्यपुरा पोस्ट, बेंगलुरु, कर्नाटक - 560 097बी-02.0015311 अगस्त, 200028 अप्रैल 2023

ii) अपंजीकृत मूल निवेश कंपनी (सीआईसी), जिन्हें पंजीकरण की आवश्यकता नहीं है, के लिए निर्धारित मानदंडों को पूरा करने के कारण:

क्र.कंपनी का नामपंजीकृत कार्यालयीन पतापंजीकरण प्रमाणपत्र सं.प्रमाणपत्र जारी करने की तारीखप्रमाणपत्र निरस्त करने की तारीख
1एल&टी इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट प्रोजेक्ट्स लिमिटेडपहली मंजिल, टीसीटीसी बिल्डिंग, माउंट पूनमल्ली रोड, पोस्ट बॉक्स - 979, मनापक्कम, चेन्नै, तमिल नाडु - 600 089एन-07-00803जनवरी 12, 201531 मार्च 2023
2जोसन डिपॉजिट एंड एडवांसेस लिमिटेडकमरा नंबर 42ए, चौथी मंजिल, 83/85, एन.एस. रोड, कोलकाता, पश्चिम बंगाल - 700001बी.05.0709422 दिसंबर 202019 अप्रैल 2023

iii) समामेलन/ विलय/ विघटन/ स्वैच्छिक स्ट्राइक-ऑफ, आदि के कारण एनबीएफसी के विधिक इकाई के रूप में समाप्त होने की वजह से:

क्र.कंपनी का नामपंजीकृत कार्यालयीन पतापंजीकरण प्रमाणपत्र सं.प्रमाणपत्र जारी करने की तारीखप्रमाणपत्र निरस्त करने की तारीख
1मेलिनेक्स इनवेस्टमेंट एंड फ़ाइनेंस प्राइवेट लिमिटेडजीटी रोड, दोराहा लुधियाना, पंजाब - 141421B-06.006259 सितंबर 20203 अप्रैल 2023
2कासाब्लांका ब्रोकिंग एंड एजेंसी प्राइवेट लिमिटेड4/5 काली प्रसन्ना सिंघी रोड, कोलकाता, पश्चिम बंगाल - 700002बी.05.0473523 अप्रैल 200319 अप्रैल 2023
3जनप्रगति सिंटेक्स प्राइवेट लिमिटेड4/5 काली प्रसन्ना सिंघी रोड, कोलकाता, पश्चिम बंगाल - 700002बी.05.0486910 अप्रैल 200319 अप्रैल 2023
4नलिम्बुर मर्केंटाइल प्राइवेट लिमिटेड4/5 काली प्रसन्ना सिंघी रोड, कोलकाता, पश्चिम बंगाल - 700002बी.05.0435511 सितंबर 200119 अप्रैल 2023
5वंडरमैक्स मर्केंटाइल प्राइवेट लिमिटेड55 बीबी बोस रोड, पहली मंजिल, ब्लॉक ए, कोलकाता, पश्चिम बंगाल - 700001बी.05.0557904 जून 200319 अप्रैल 2023

 

(साभार- www.rbi.org.in)

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Rajanish Kant शनिवार, 13 मई 2023
RBI ने 2 NBFCs (गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी) का पंजीकरण प्रमाणपत्र रद्द किया


भारतीय रिज़र्व बैंक ने दो गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी का पंजीकरण प्रमाण-पत्र निरस्त किया

भारतीय रिज़र्व बैंक ने भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 45-आईए (6) के अंतर्गत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए निम्‍नलिखित कंपनी का पंजीकरण प्रमाणपत्र निरस्त कर दिया है।

क्र. सं.कंपनी का नामपंजीकृत कार्यालयीन पतापंजीकरण प्रमाणपत्र सं.पंजीकरण प्रमाणपत्र जारी करने की तारीखनिरस्तीकरण आदेश की तारीख
1बीआरडी सिक्योरिटीज लिमिटेडडोर नंबर: XIII/436, A2, I मंजिल, बेथनी कॉम्प्लेक्स, कुन्नमकुलम, त्रिशूर, केरल 680503बी-16.0004029 मई 201713 मार्च 2023
2लक्ष्मी फाइनेंस प्राइवेट लिमिटेड8-1-1/1, बालाजी नगर, टी/सी, कराकाचेत्तु, पोलामाम्बा रोड, सिरीपुरम, विशाखापत्तनम - 530003एन-09.0045324 मई 201827 मार्च 2023

अतः ये कंपनी भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 45-आई के खंड (ए) के अंतर्गत यथापरिभाषित गैर-बैंकिंग वित्तीय संस्‍था का कारोबार नहीं करेगी।

 (साभार: www.rbi.org.in)

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Rajanish Kant गुरुवार, 13 अप्रैल 2023
22 NBFCs ने अपने पंजीकरण प्रमाणपत्र वापस RBI को सौंपे

 


22 गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों ने अपने पंजीकरण प्रमाणपत्र भारतीय रिज़र्व बैंक को अभ्यर्पित किए

निम्नलिखित 22 गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफ़सी) ने भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा उन्हें प्रदान किए गए पंजीकरण प्रमाणपत्र (सीओआर) का अभ्यर्पण किया। अत:, भारतीय रिज़र्व बैंक ने भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 45-आईए (6) के अंतर्गत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए उनके पंजीकरण प्रमाणपत्र को निरस्त कर दिया।

i) गैर-बैंकिंग वित्तीय संस्थान (एनबीएफ़आई) कारोबार से बाहर निकलने के कारण:

क्र. सं.कंपनी का नामपंजीकृत कार्यालयीन पतापंजीकरण प्रमाणपत्र संख्यासीओआर जारी करने की तारीखसीओआर निरस्त करने की तारीख
1मेसर्स डोवफिन माइक्रोफाइनेंस प्राइवेट लिमिटेड (पूर्ववर्ती पी.एस.के फाइनेंस एंड इन्वेस्टमेंट लिमिटेड)एस. सं: 185, डी. नंबर # 1-55/11/केजे/3एफ, मस्जिदबंद कोंडापुर, रंगारेड्डी जिला, हैदराबाद तेलंगना 50008409.0006829 जून 200931 मार्च 2023
2मेसर्स फोटॉन कैपिटल एडवाइजर्स लिमिटेड (पूर्ववर्ती मेसर्स हिफको मार्वेल लिमिटेड)एस प्लॉट नंबर 90-ए, रोड नंबर 9 जुबली हिल्स हैदराबाद टीजी 50003309.0013702 जून 200829 मार्च 2023
3वे2वेल्थ कैपिटल प्राइवेट लिमिटेडरुक्मिणी टावर्स, तीसरी और चौथी मंजिल, नंबर 3/1, प्लेटफॉर्म रोड, शेषाद्रिपुरम, बैंगलोर – 56002002.0003403 अगस्त 200927 मार्च 2023
4शारदा ट्रेडलिंक्स प्राइवेट लिमिटेड1/जी, खुदीराम बोस सारणी, साल्टी प्लाजा, 6वीं मंजिल, कमरा नंबर 612, केबिन एम 25, कोलकाता -700080B.05.0392807 दिसंबर 200001 मार्च 2023
5मेंटो विनिमय प्राइवेट लिमिटेडहेरिटेज अस्पताल, 446/एन, बर्दवान रोड, सिलीगुड़ी-734005B.05.0406005 मार्च 200106 मार्च 2023
6प्राइम व्यापार प्राइवेट लिमिटेडफ्लैट नंबर 18, त्रिमूर्ति, 4 लोअर रॉडन स्ट्रीट, कोलकाता- 700020B.05.0466928 नवंबर 200108 मार्च 2023
7डियरबोर्न बार्टर प्राइवेट लिमिटेड4, डॉ राजेंद्र प्रसाद सारणी, 3 री मंजिल, कमरा नंबर 303, कोलकाता -70000105.0326321 अक्तूबर 199908 मार्च 2023
8डायमेंशनल इन्वेस्टर्स सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड12 इंडिया एक्सचेंज प्लेस, कोलकाता-700001B.05.0636317 मई 200409 मार्च 2023
9पिंकी होल्डिंग्स प्राइवेट लिमिटेड15 बी क्लाइव रो, कोलकाता-700001B.05.0013318 फरवरी 199810 मार्च 2023

ii) अपंजीकृत मूल निवेश कंपनी (सीआईसी) के लिए निर्धारित मानदंडों को पूरा करने के कारण जिन्हें पंजीकरण की आवश्यकता नहीं है:

क्र. सं.कंपनी का नामपंजीकृत कार्यालयीन पतापंजीकरण प्रमाणपत्र संख्यासीओआर जारी करने की तारीखसीओआर निरस्त करने की तारीख
1कनेर इंवेस्टमेंट्स लिमिटेडकमरा संख्या 42ए, चौथी मंजिल, 83/85 एन.एस. रोड, कोलकाता-700001B.05.0709522 दिसंबर 20209 मार्च 2023

iii) समामेलन/ विलय/ विघटन/ स्वैच्छिक स्ट्राइक ऑफ, आदि के कारण एनबीएफसी के वैध संस्था न रहने के कारण:

क्र. सं.कंपनी का नामपंजीकृत कार्यालयीन पतापंजीकरण प्रमाणपत्र संख्यासीओआर जारी करने की तारीखसीओआर निरस्त करने की तारीख
1मेसर्स सालासर सिल्क मिल्स प्राइवेट लिमिटेड10, 2री मंजिल, प्लॉट 192, किताब महल, दादाभाई नवरोजी रोड, न्यू एक्सेलसियर सिनेमा, फोर्ट, मुंबई - 40000113.0083126 मई 199828 मार्च 2023
2मेसर्स स्नोसेम ट्रेड्स प्राइवेट लिमिटेड10, 2री मंजिल, प्लॉट 192, किताब महल, दादाभाई नवरोजी रोड, न्यू एक्सेलसियर सिनेमा, फोर्ट, मुंबई - 40000113.0114115 दिसंबर 199828 मार्च 2023
3मेसर्स एम्सन्स लीजिंग कंपनी प्राइवेट लिमिटेड402-बी पूनम चैंबर्स डॉ. एनी बेसेंट रोड, वर्ली, मुंबई - 400018B-13.0082426 जून 200028 मार्च 2023
4मेसर्स मिपको इन्वेस्टमेंट्स प्राइवेट लिमिटेड402-बी पूनम चैंबर्स डॉ. एनी बेसेंट रोड, वर्ली, मुंबई – 40001813.0082526 मई 199828 मार्च 2023
5मेसर्स मेपल प्रॉपर्टीज एंड कमोडिटीज प्राइवेट लिमिटेड402-सी पूनम चैंबर्स ए बी रोड, वर्ली, मुंबई - 40001813.0082626 मई 199828 मार्च 2023
6मेसर्स आफ-ताब इन्वेस्टमेंट कंपनीकॉर्पोरेट सेंटर बी ब्लॉक 34, संत तुकाराम रोड कार्नैक बंदर मुंबई-40000913.0026706 मार्च 199828 मार्च 2023
7मेसर्स पीएचएल फिनवेस्ट प्राइवेट लिमिटेडचौथी मंजिल, पीरामल टॉवर, पेनिनसुला कॉर्पोरेट पार्क गणपतराव कदम मार्ग, लोअर परेल मुंबई - 400013B-13.0134726 जून 200006 मार्च 2023
8पवनपुत्र ट्रेडिंग प्राइवेट लिमिटेड18, रबींद्र सारणी, 5 वीं मंजिल, गेट -2, कमरा नंबर -501 कोलकाता 700001B.05.0419226 अप्रैल 200122 मार्च 2023
9दीपक पेन्स एंड प्लास्टिक्स प्राइवेट लिमिटेड303, तीसरी मंजिल, पोद्दार कोर्ट, 18, रबिंद्र सारणी, कोलकाता 700001B.05.0649318 अक्तूबर 200422 मार्च 2023
10मानराज मर्चेंट्स प्राइवेट लिमिटेडकमला अपार्टमेंट, 10, हरि साव मठ, भूतल, उत्तरी पार्क, ब्रह्मपुर कोलकाता 70007005.0304828 दिसंबर 199823 मार्च 2023
11लिंक डिस्ट्रीब्यूटर्स प्राइवेट लिमिटेडकमला अपार्टमेंट, 10, हरि साव मठ, भूतल, उत्तरी पार्क, ब्रह्मपुर कोलकाता 700070B.05.0457811 अक्तूबर 200123 मार्च 2023
12राज सिक्योरिटीज लिमिटेडकमला अपार्टमेंट, 10, हरि साव मठ, भूतल, बी 1-उत्तरी पार्क, ब्रह्मपुर, कोलकाता 70007005.0278614 अगस्त 199823 मार्च 2023


(साभार: www.rbi.org.in)

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Rajanish Kant
NBFCs (गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों) से किन कामों के लिए आप लोन नहीं ले सकते हैं, जानिये RBI के नियम



1. प्रस्तावना

भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 के अध्याय III  के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों की वित्तीय गतिविधियों को विनियमित करता आ रहा है। जनवरी 1997 में भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 में संशोधन कर दिए जाने के बाद, उक्त अधिनियम की धारा 45 झक और अगस्त 2019 में राष्ट्रीय आवास बैंक अधिनियम, 1987 में संशोधन, राष्ट्रीय आवास बैंक अधिनियम, 1987 की धारा 29 ए के अनुसार आवास वित्त कंपनियों सहित सभी गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों के लिए भारतीय रिज़र्व बैंक में अपना पंजीकरण कराना अनिवार्य है।

1.1 शब्दावली

(क) ‘एनबीएफसीज़’ से तात्पर्य है भारतीय रिज़र्व बैंक के साथ पंजीकृत गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियां, जिसमें राष्ट्रीय आवास बैंक अधिनियम, 1987 की धारा 29 ए के तहत पंजीकृत हाउसिंग फाइनेंस कंपनी (एचएफसी) भी शामिल होगी।

(ख) ‘चालू निवेशों’ से तात्पर्य ऐसे निवेशों से है, जो उधारकर्ता के तुलनपत्र में ‘चालू परिसंपत्ति’ के रूप में वर्गीकृत हैं और जिन्हें एक वर्ष से कम अवधि के लिए रखा जाने वाला है।

(ग) ‘दीर्घावधि निवेशों’, से तात्पर्य ‘चालू परिसंपत्तियों’ के रूप में वर्गीकृत निवेशों को छोड़कर सभी प्रकार के निवेशों से है।

(घ) ‘बेज़मानती ऋणों’ से तात्पर्य ऐसे ऋणों से है जो किसी मूर्त परिसंपत्ति द्वारा रक्षित नहीं हैं।

1.2 पृष्ठभूमि

भारतीय रिज़र्व बैंक ने बैंकों के ऋण संबंधी मामलों को क्रमिक रूप से अविनियमित कर दिया है। ऋण वितरण के मामले में बैंकों को अधिक परिचालनगत स्वतंत्रता प्रदान करने की नीति के अनुरूप तथा रिज़र्व बैंक के पास गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों के अनिवार्य पंजीकरण के परिप्रेक्ष्य में, बैंकों द्वारा गैर-बैंकिंग कंपनियों को वित्तपोषण करने से संबंधित अंधिकांश पहलुओं को भी अविनियमित किया जा चुका है। तथापि, गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों की कुछ विशिष्ट प्रकार की गतिविधियों के वित्तपोषण से संबद्ध संवेदनशीलता को देखते हुए ऐसी गतिविधियों के वित्तपोषण पर प्रतिबंध लागू रहेगा।

2. भारतीय रिज़र्व बैंक में पंजीकृत गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों को बैंक वित्त

2.1 गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों की निवल स्वाधिकृत निधि (एनओएफ) के साथ संबद्ध बैंक ऋण की अधिकतम सीमा ऐसी सभी गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों के संबंध में हटा ली गई है जो सांविधिक तौर पर रिज़र्व बैंक के पास पंजीकृत हैं तथा मुख्यतया आस्ति वित्तपोषण, ऋण और निवेश संबंधी कारोबार कर रही हैं। तदनुसार, बैंक रिज़र्व बैंक में पंजीकृत तथा इंफ्रास्ट्रक्चर वित्तपोषण, उपस्कर पट्टे पर देने, किराया-खरीद, ऋण, आढ़तिया और निवेश कार्य करनेवाली सभी गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों को आवश्यकता पर आधारित कार्यशील पूंजी की सुविधाएं तथा मीयादी ऋण प्रदान कर सकते हैं।

2.2 ‘सेकंड हैंड’ आस्तियों के वित्तपोषण में गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों द्वारा प्राप्त अनुभव को ध्यान में रखते हुए बैंक गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों द्वारा वित्तपोषित ‘सेकंड हैंड’ आस्तियों की जमानत पर भी उन्हें वित्त प्रदान कर सकते हैं।

2.3 गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों को विविध प्रकार की ऋण सुविधाएँ प्रदान करने के लिए रिज़र्व बैंक द्वारा निर्धारित विवेकपूर्ण दिशानिर्देशों और निवेश मानदंडों के भीतर बैंक अपने निदेशक बोर्ड के अनुमोदन से उचित ऋण नीति बना सकते हैं बशर्ते पैरा 4 और 6 में दर्शाये गये कार्यकलापों को उनके द्वारा वित्तपोषण नहीं किया जाता हो।

3. ऐसी गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों को बैंक वित्त जिनके लिए पंजीकरण1 कराना आवश्यक नहीं है

25 अगस्त 2016 को "मास्टर निदेश - आरबीआई अधिनियम, 1934 के प्रावधानों से छूट" के संदर्भ में, गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों की कुछ श्रेणियों को भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 (आरबीआई अधिनियम, 1934) के कुछ प्रावधानों से छूट दी गई है जिसमें रिजर्व बैंक के साथ पंजीकरण की आवश्यकता भी शामिल है। ऐसी गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों के लिए जिन्हें रिज़र्व बैंक में पंजीकरण की आवश्यकता नहीं है, बैंक अपने ऋण संबंधी निर्णय सामान्य कारकों जैसे क्रेडिट के उद्देश्य, अंतर्निहित परिसंपत्तियों की प्रकृति और गुणवत्ता, उधारकर्ताओं की चुकौती क्षमता के साथ-साथ जोखिम धारणा आदि के आधार पर ले सकते हैं।

4. किन गतिविधियों के लिए बैंक ऋण नहीं दिया जा सकता

4.1 गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों की निम्नलिखित गतिविधियाँ बैंक ऋण के लिए पात्र नहीं हैं:

(i) एनबीएफसी द्वारा भुनाए गए/पुनर्भुनाए गए बिल, एनबीएफसी द्वारा भुनाए गए निम्नलिखित की बिक्री से उपजे बिलों की पुनर्भुनाई को छोड़ कर –

(क) वाणिज्यिक वाहन (हल्के वाणिज्यिक वाहनों सहित), तथा

(ख) निम्नलिखित शर्तों के अधीन दुपहिया और तिपहिया वाहन:

  • विनिर्माता द्वारा डीलर के नाम से ही बिल आहरित किया गया हो;
  • बिल से वास्तविक बिक्री संबंधी लेने देन की जानकारी मिलती हो, जैसे चेसिस / इंजन नंबर द्वारा उसकी जानकारी मिल सके; और
  • बिल की पुनर्भुनाई करने से पहले बैंकों को चाहिए कि वे बिलों की भुनाई करने वाली गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों की विश्वसनीयता तथा उनके पिछले रिकार्ड के संबंध में स्वत: संतुष्ट हो लें।

(ii) गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों द्वारा किसी कंपनी/संस्था के शेयरों, डिबेंचरों इत्यादि के रूप में वर्तमान और दीर्घावधि स्वरूप के किए गए निवेश। तथापि स्टॉक ब्रोकिंग कंपनियों को, उनके स्टॉक-इन-ट्रेड के रूप में रखे गए शेयरों और डिबेंचरों के आधार पर उनकी आवश्यकता के अनुसार ऋण उपलब्ध कराया जा सकता है।

(iii) गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों द्वारा किसी कंपनी को/में गैर जमानती ऋण / अंतर-कंपनी जमाराशियां।

(iv) गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों द्वारा अपनी सहायक कंपनियों, समूह कंपनियों/संस्थाओं को दिए गए सभी प्रकार के ऋण और अग्रिम।

(v) प्रारंभिक सार्वजनिक निर्गमों (आईपीओ) में अभिदान तथा द्वितीयक बाज़ार से शेयरों की खरीद के लिए व्यक्तियों को ऋण देने के लिए गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों का वित्तपोषण।

4.2 पट्टे पर तथा उप-पट्टे पर दी गई आस्तियां

चूंकि उपस्कर पट्टे पर देनेवाली (इक्विपमेंट लीजिंग) कंपनियों को बैंक वित्तीय सहायता प्रदान कर सकते है, इसलिए बैंकों को चाहिए कि वे ऐसी कंपनियों के साथ तथा उपस्कर पट्टे पर देने का काम करने वाली अन्य गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों के साथ विभागीय तौर पर पट्टा संबंधी करार न करें।

5. फैक्टरिंग कंपनियों को बैंक वित्त

5.1 तदनुसार उपर्युक्त पैराग्राफ 4.1 (i) और 4.1 (iii) में उल्लिखित प्रतिबंधों के बावजूद बैंक अब से निम्नलिखित मानदण्डों का पालन करने वाली फैक्टरिंग कंपनियों (एनबीएफसी-फैक्टर्स' और 'एनबीएफसी-आईसीसी जिनके पास फैक्टरिंग विनियमन अधिनियम, 2011 के तहत पंजीकरण का प्रमाण पत्र है) के फैक्टरिंग कारोबार को समर्थन देने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान कर सकते है। बैंक वित्त के लिए पात्र होने के लिए, फैक्टरिंग कंपनियों द्वारा निम्नलिखित मानदंडों को पूरा किया जाना चाहिए -

(क) कंपनियां, फैक्टरिंग कंपनियों के रूप में पात्र हैं और अपना कारोबार फैक्टरिंग विनियमन अधिनियम 2011 तथा इस संबंध में रिज़र्व बैंक द्वारा समय-समय पर जारी अधिसूचनाओं में दिए गए प्रावधानों के अंतर्गत करती हैं।

(ख) फैक्टरिंग कंपनियों द्वारा दी जाने वाली वित्तीय सहायता दृष्टिबंधक द्वारा या अपने पक्ष में प्राप्य राशियों के असाइनमेंट द्वारा सुरक्षित की जाती हैं।

5.2 उपरोक्त के अलावा, बैंक वित्त के लिए पात्र होने के लिए एनबीएफसी-फैक्टरों को निम्नलिखित मानदंडों को भी पूरा करना चाहिए -

  1. वे अपनी आय का कम से कम 50 प्रतिशत अंश फैक्टरिंग क्रिया-कलापों से प्राप्त करती हैं।

  2. खरीदी हुई/वित्त प्रदान की हुई प्राप्य राशियाँ चाहे ‘रिकोर्स के साथ’ या ‘रिकोर्स के बिना’ आधार पर हों, एनबीएफसी-फैक्टरों की परिसंपत्तियों का कम से कम 50% भाग हैं।

  3. उक्त उल्लिखित परिसंपत्तियों/आय में एनबीएफसी-फैक्टरों द्वारा दी जा रही बिल भुनाने की किसी सुविधा से संबंधित आस्तियाँ/आय शामिल नहीं होंगी।

6. गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों को बैंक वित्त दिए जाने पर अन्य प्रतिबंध

6.1 पूरक ऋण /अंतरिम वित्त

बैंकों को चाहिए कि वे सभी श्रेणियों की गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों को किसी तरह का पूरक ऋण, या कैपिटल/डिबेंचर निर्गमों के आधार पर अंतरिम वित्त और /या पूंजी, जमाराशियों इत्यादि के रूप में बाजार से दीर्घावधिक निधि की उगाही के लम्बित रहने के आधार पर तात्कालिक स्वरूप का कोई ऋण मंजूर न करें। बैंकों को चाहिए कि वे इन अनुदेशों का कड़ाई से पालन करें तथा यह सुनिश्चित करें कि इन अनुदेशों का जाने-अनजाने घुमा फिराकर कुछ अन्य अर्थ लगाकर निर्बंध परक्राम्य नोट, अस्थायी ब्याज दर वाले बांड इत्यादि के भिन्न नाम से तथा अल्पावधि ऋण के रूप में कोई ऐसा ऋण मंजूर न किया जाए जिसकी चुकौती बाहरी/अन्य स्रोतों से जुटाई जाने वाली निधि से की जानी प्रस्तावित/की जाने वाली हो, न कि आस्तियों के उपयोग से होने वाले अधिशेष से।

6.2 गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों को शेयरों की संपार्श्विक जमानत पर अग्रिम

किसी भी प्रयोजन के लिए गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी उधारकर्ताओं को प्रदत्त जमानती ऋणों के लिए शेयरों तथा डिबेंचरों की संपार्श्विक जमानत के रूप में स्वीकार नहीं किया जा सकता।

6.3 गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों के पास निधियाँ रखने के लिए गारंटियों पर प्रतिबंध

बैंकों को चाहिए कि वे अंतर-कंपनी जमाराशियों/ऋणों के संबंध में गारंटी न दें जिससे गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों/फर्मों द्वारा अन्य गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों/फर्मों से स्वीकृत जमाराशियों/ऋणों की वापसी की गारंटी दी जाती हो। यह प्रतिबंध सभी प्रकार की जमाराशियों/ऋणों पर उनके स्रोत पर विचार किये बिना, न्यासों तथा दूसरी संस्थाओं से गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों द्वारा प्राप्त जमाराशियों/ऋणों को शामिल करते हुए, लागू है। गारंटियां इसलिए नहीं जारी की जानी चाहिए, ताकि गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों के पास जमाराशियां रखने के लिए वे अप्रत्यक्ष रूप से सहायक न हों।

हालांकि, बैंकों को एनबीएफसी-एनडी-एसआई और हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों (एचएफसी) द्वारा जारी बांडों को 09 नवंबर 2021 के गारंटी और सह-स्वीकृति पर मास्टर परिपत्र के पैरा 2.4, जो कि समय-समय पर अद्यतन किया जाता है, निहित दिशानिर्देशों के अनुसार आंशिक ऋण वृद्धि (पीसीई) प्रदान करने की अनुमति है।

7. एनबीएफसी को बैंकों के एक्सपोजर के लिए विवेकपूर्ण उच्चतम सीमा

7.1 एक्सपोजर की गणना की परिभाषा और विधि 03 जून 2019 के वृहत् एक्सपोज़र ढांचा पर परिपत्र और समय-समय पर किए गए संशोधनों में निर्धारित होगी।

7.2 एकल एनबीएफसी (स्वर्ण ऋण कंपनियों को छोड़कर) में बैंकों का एक्सपोजर उनके पात्र पूंजी आधार (टियर I पूंजी) के 20 प्रतिशत तक सीमित होगा। हालांकि, जोखिम की धारणा के आधार पर, बैंकों द्वारा एनबीएफसी की कुछ श्रेणियों के संबंध में अधिक कठोर एक्सपोजर सीमाओं पर विचार किया जा सकता है। जुड़े हुए एनबीएफसी के समूह या समूह में एनबीएफसी वाले जुड़े प्रतिपक्षकारों के समूह के लिए बैंकों का एक्सपोजर उनकी टियर I पूंजी के 25 प्रतिशत तक सीमित होगा, जैसा कि दिनांक 12 सितंबर 2019 वृहत् एक्सपोज़र ढांचा पर परिपत्र के साथ पठित 03 जून 2019 के वृहत् एक्सपोज़र ढांचा पर परिपत्र में विस्तृत है।

7.3 किसी एकल एनबीएफसी को बैंक का एक्सपोजर जो मुख्य रूप से सोने के आभूषणों के संपार्श्विक (अर्थात उनकी वित्तीय आस्ति का 50 प्रतिशत या उससे अधिक शामिल ऋण) के एवज में उधार देने से जुडा है, बैंक की पूंजीगत निधि (टियर I एवं टियर II पूंजी)के 7.5 प्रतिशत से अधिक नहीं होना चाहिए। तथापि, यह जोखिम सीमा 5 प्रतिशत तक बढ़ सकती है, अर्थात बैंकों की पूंजीगत निधियों के 12.5 प्रतिशत तक, यदि अतिरिक्त जोखिम ऐसी एनबीएफसी द्वारा बुनियादी ढांचा क्षेत्र को उधार दी गई निधियों के कारण है, जैसा कि 18 मई 2012 के परिपत्र मुख्य रूप से सोने की जमानत पर उधार देने वाली गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों के लिए बैंक वित्त में वर्णित है।

7.4 बैंक सभी एनबीएफसी को एक साथ मिलाकर अपने कुल एक्सपोजर के लिए आंतरिक सीमा तय करने पर भी विचार कर सकते हैं।

7.5 बैंकों को अपनी कुल वित्तीय आस्तियों के 50 प्रतिशत या उससे अधिक की सीमा तक स्वर्ण ऋण रखने वाली सभी गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों में उनके कुल एक्सपोजर पर एक आंतरिक उप-सीमा होनी चाहिए। यह उप-सीमा बैंकों द्वारा सभी एनबीएफसी में उनके कुल एक्सपोजर के लिए निर्धारित आंतरिक सीमा, जैसा कि ऊपर पैरा 7.4 में निर्धारित है, के भीतर होनी चाहिए

7.6 एक्सपोजर सीलिंग की गणना के उद्देश्य से प्रकाशित तुलन पत्र की तारीख के बाद पात्र पूंजी निधियों के प्रवाह को भी ध्यान में रखा जा सकता है। पूंजी की वृद्धि के पूरा होने पर बैंकों को एक बाहरी लेखा परीक्षक का प्रमाण पत्र प्राप्त करना होगा और पूंजीगत निधियों में वृद्धि की गणना करने से पहले इसे भारतीय रिजर्व बैंक (पर्यवेक्षण विभाग) को जमा किया जाना चाहिए।

7.7. बैंकों को 11 फरवरी 2014 के अंतर-समूह लेनदेन और एक्सपोजर के प्रबंधन पर दिशानिर्देशों के अनुसार अंतर-समूह सीमाओं का पालन करना होगा।

8. गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों द्वारा जारी प्रतिभूतियों/लिखतों में बैंकों द्वारा किए जाने वाले निवेशों पर प्रतिबंध

8.1 बैंकों को शून्य कूपन बांडों (जेडसीबी) में तब तक निवेश नहीं करना चाहिए जब तक निर्गमकर्ता गैर- बैंकिंग वित्तीय कंपनी सभी उपचित ब्याजों के लिए एक निक्षेप निधि न रखे तथा उस निधि को तरल निवेश/प्रतिभूतियों (सरकारी बांडों) में निविष्ट न रखे।

8.2 बैंकों को गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों द्वारा जारी एक वर्ष तक की मूल परिपक्वता अवधि वाले अपरिवर्तनीय डिबेंचरों (एनसीडी) में निवेश करने की अनुमति दी गई है। तथापि, ऐसे लिखतों में निवेश करते समय बैंकों को विद्यमान विवेकपूर्ण दिशानिर्देशों का पालन करना चाहिए, यह सुनिश्चित कर लेना चाहिए कि अपरिवर्तनीय डिबेंचर जारी करने वाले ने प्रकटीकरण दस्तावेज के अंतर्गत अपरिवर्तनीय डिबेंचर जारी करने का प्रयोजन प्रकट किया है और ऐसे प्रयोजन पूर्ववर्ती पैराग्राफों में दिए गए अनुदेशों के अनुसार बैंक वित्त के लिए पात्र हैं।


परिशिष्ट

मास्टर परिपत्र में समेकित परिपत्रों की सूची

संख्यापरिपत्र सं.दिनांकविषय
1.बैंपविवि.सं.एफएससी.बीसी.71/सी.469/91-9222.01.1992कतिपय क्षेत्रों को ऋण पर प्रतिबंध
2.औनिऋवि.सं.14/08.12.01/94-9528.09.1994गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों को उधार
3.औनिऋवि. सं. 42/08.12.01/94-9521.04.1995गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों को उधार
4.बैंपविवि.सं.एफएससी.बीसी.101/24.01.001/95-9620.09.1995उपस्कर पट्टा, किराया खरीद और आढ़तिया आदि गतिविधियाँ
5.औनिऋवि.सं.17/03.27.026/96-9706.12.1996विद्यमान आस्तियों की खरीद/पट्टे पर लेने के लिए बैंक वित्तपोषण
6.औनिऋवि.सं.15/08.12.01/97-9804.11.1997बैंकों द्वारा ऋण देने से संबंधित दिशानिर्देश- कार्यशील पूंजी का मूल्यांकन
7.बैंपविवि.सं.डीआइआर.बीसी 90/13. 07.05 /98-9928.08.1998शेयरों और डिबेंचरों पर बैंक वित्त
8.बैंपविवि.सं.डीआइआर.बीसी 107/13.07.05 /98-9911.11.1998बैंकों द्वारा बिलों की पुनर्भुनाई
9.औनिऋवि.सं.29/08.12.01/98-9925.05.1999गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों को उधार
10.बैंपविवि. सं. डीआइआर.बीसी 173/13.07.05/99-200012.05.2000बैंको द्वारा बिलों की पुनर्भुनाई
11.बैंपविवि.सं.बीपी.बीसी 51/21.04.137/2000-200110.11.2000ईक्विटी के लिए बैंक वित्त और शेयरों में निवेश
12.आरबीआई /273/2004-05 बैंपविवि. आइईसीएस.बीसी.सं.57/08.12.01 (एन)/ 2004-0519.11.2004वर्ष 2004-05 के लिए वार्षिक नीति वक्तव्य की मध्यावधि समीक्षा- एनबीएफसी को बैंक वित्त
13.आरबीआई/2004-05/68 बैंपविवि.सं. डीआइआर. बीसी.18/13.03.00/2004-0523.07.2004मास्टर परिपत्र - गारंटी और सह स्वीकृतियां
14.आरबीआई/2006-07/205 बैंपविवि.सं.एफएसडी.बीसी.46/24.01.028/2006-0712.12.2006प्रणालीगत दृष्टि से महत्वपूर्ण गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियाँ का वित्तीय विनियमन और बैंकों का उनके साथ संबंध - अंतिम दिशानिर्देश
15.आरबीआई/2007-08/235 बैंपविवि.बीपी.बीसी.सं.60/08.12.01/2007-0812.02.2008आढ़तिया कंपनियों को बैंक वित्त
16.आरबीआई/2009-10/317 बैंपविवि.सं.बीपी.बीसी.74/21.04.172/2009-1012.02.2010इनफ्रास्ट्रक्चर वित्तपोषण कम्पनियों के रूप में वर्गीकृत एनबीएफसी को बैंक एक्सपोजर के सम्बन्ध में जोखिम भार और एक्सपोजर मानदंड
17.आरबीआई/2010-11/219 बैंपविवि.सं.बीपी.बीसी.44/21.04.141/2010-1129.09.2010जीरो कूपन बांडों में निवेश के लिए विवेकपूर्ण मानदंड
18.आरबीआई/2010-11/349 बैंपविवि.सं.बीपी.बीसी.72/21.04.141/2010-1131.12.2010गैर-एसएलआर प्रतिभूतियों में निवेश- एक वर्ष तक की परिपक्वता के अपरिवर्तनीय डिबेंचर
19.आरबीआई/2011-12/568 बैंपविवि.सं.बीपी. बीसी.106/21.04.172/2011-1218.05.2012मुख्य रूप से सोने की जमानत पर उधार देने वाली गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों के लिए बैंक वित्त
20.आरबीआई/2012-13/199 बैंपविवि.सं.बीपी. बीसी.40/21.04.172/2012-1311.09.2012फैक्टरिंग कंपनियों को बैंक वित्त
21.आरबीआई/2013-14/487 बैंपविवि.सं.बीपी. बीसी.96/21.06.102/2013-1411.02.2014अंतर समूह लेनदेन और एक्सपोजर के प्रबंधन पर दिशानिर्देश
22.आरबीआई/2015-16/247 बैंविवि.सं.बीपी. बीसी.55/21.04.172/2015-1626.11.2015फैक्टरिंग कंपनियों को बैंक वित्त
23.आरबीआई/2018-19/196 बैंविवि.सं.बीपी. बीसी.43/21.01.003/2018-19/19603.06.2019वृहत् एक्सपोज़र ढांचा
24.आरबीआई/2019-20/60 बैंविवि.सं.बीपी. बीसी.18/21.01.003/2019-2012.09.2019वृहत् एक्सपोज़र ढांचा
25.अधिसूचना सं.विवि.विसंअ.080/मुमप्र (जेपीएस) – 202214.01.2022फेक्टर का पंजीकरण (रिज़र्व बैंक) विनियम, 2022

1 गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों को वित्तपोषण करते समय, जिन्हें आरबीआई के साथ पंजीकरण की आवश्यकता नहीं है, बैंकों को इस संबंध में कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा समय-समय पर जारी दिशा-निर्देशों/अधिसूचनाओं का भी संदर्भ लेना चाहिए।

 (साभार: www.rbi.org.in)

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Rajanish Kant शनिवार, 8 अप्रैल 2023