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फेडरल बैंक FD पर ज्यादा ब्याज देगा, जानें नई दरें


फेडरल बैंक में एफडी कराके अब हर साल 7.75 प्रतिशत तक ब्याज पा सकते हैं। दरअसल, बैंक ने एफडी पर ब्याज बढ़ा दिया है। नई दरें 18 दिसंबर से लागू हो गई हैं।  

>जानें नई दरें:



(साभार- federalbank.co.in/deposit-rate)


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Rajanish Kant सोमवार, 19 दिसंबर 2022
अमेरिका के केंद्रीय बैंक Federal Reserve ने ब्याज दर 0.50% बढ़ाया, आगे भी बढ़ाने के संकेत, अमेरिकी शेयर बाजार गिरे


अमेरिका के केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व ने ब्याज दर में लगातार चार बार 0.75-0.75% बढ़ोतरी के बाद दिसंबर की बैठक में ब्याज दर 0.50% बढाया। फेड की 13, 14 दिसंबर को हुई बैठक के दौरान लिए गए इस फैसले के बाद ब्याज दर बढ़कर 4.25-4.50% के दायरे में आ गई है। यह ब्याज दर 2007 के बाद सबसे ज्यादा है। इस बढ़ोतरी के बाद 2023 के अंत तक औसत ब्याज दर 5.1% पहुंचने का अनुमान है, जो कि इससे पहले के सितंबर के निवेशकों  4.6% के अनुमान से ज्यादा है। ज्यादातर जानकार अब 2024 में ही ब्याज दरों में कटौती की संभावना जता रहे हैं। 

फेड की बैठक ने बेरोजगारी दर 2023 के अंत तक 4.6% रहने का अनुमान जताया है, जो कि 2024 तक जारी रह सकती है। फिलहाल यह दर 3.7% के स्तर पर है। अमेरिका का जीडीपी ग्रोथ 2023 में 0.5% रहने का अनुमान है, जो कि इस साल सितंबर तिमाही में 1.2% दर्ज किया गया। 

फेड के स्टेटमेंट में ब्याज बढ़ाने के फैसले को जायज ठहराते हुए कहा गया है कि महंगाई दर को लक्षित स्तर 2% से नीचे लाने में इससे मदद मिलेगी। 

>अमेरिकी शेयर बाजारों पर असर:

फेड के ब्याज बढ़ाते ही अमेरिकी शेयर बाजारों ने अपनी शुरुआती तेजी को गंवाना शुरू कर दिया। S&P 500 ने 0.5% से ज्यादा मुनाफा गंवाया। आपको बता दूं कि पिछली बार की ब्याज बढ़ोतरी के बाद अमेरिकी शेयर बाजार इस उम्मीद में 6 % से ज्यादा बढ़े थे कि आगे की बैठक में फेड ब्याज दरों में कटौती की रफ्तार को धीमी करेगा और अगले साल यानी 2023 में ब्याज दर बढ़ाना रोक देगा। लेकिन, अब माना जा रहा है कि अगले साल ब्याज दर मौजूदा 4.25-4.50% से बढ़कर 5.00% के पार जा सकती है। 

फेड ने महंगाई को काबू में करने के लिए इस साल 7 बार ब्याज दरों में बढ़ोतरी की है और महंगाई को मुख्य समस्या मानते हुए आगे भी ब्याज दर में बढ़ोतरी के संकेत दिए हैं। 

फेड के इस बैठक के बाद दुनिया भर के निवेशकों की नजर बैंक ऑफ इंग्लैंड और यूरोपियन सेंट्रल बैंक के ब्याज दर पर आज आने वाले फैसले पर नजर है। माना जा रहा है कि दोनों केंद्रीय बैंक ब्याज दर 0.50% बढ़ा सकते हैं। 

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Rajanish Kant गुरुवार, 15 दिसंबर 2022
SBI FD Interest Rates: SBI में FD कराने पर अब ज्यादा ब्याज मिलेगा, जानें...
SBI Hikes FD interest rate देश के सबसे बड़े बैंक SBI ने अपने 44 करोड़ों ग्राहकों शानदार तोहफा दिया है। बैंक ने FD पर ब्याज दरों में जोरदार बढ़ोतरी कर दी है। नई दर जानने के लिए इस एपिसोड को शुरू से अंत तक देखें।


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Rajanish Kant मंगलवार, 13 दिसंबर 2022
SBI के खाते में ₹1 लाख से ज्यादा है तो होगा नुकसान #sbi #Byaj #Return #i...

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Rajanish Kant शुक्रवार, 7 जून 2019
अनिवासियों के लिए ब्याज दर डेरिवेटिव्स मार्केट तक पहुंच
3,4,5 दिसंबर की बैठक में रिजर्व बैंक ने ब्याज दर डेरिवेटिव्स मार्केट तक अनिवासियों की पहुंच के संबंध में कुछ फैसले लिए...

अनिवासियों के लिए ब्याज दर डेरिवेटिव्स मार्केट तक पहुंच
5 अप्रैल 2018 को घोषित विकासात्मक और विनियामकीय नीतियों के वक्तव्य में प्रस्तावित किया गया था कि अनिवासियों को भारत में रुपया ब्याज दर डेरिवेटिव्स (आईआरडी) बाजार तक पहुंच दी जाएगी। इस संबंध में ड्राफ्ट निर्देश अनिवासियों को किसी भी उपलब्ध आईआरडी लिखत का लचीले रूप से उपयोग करके अपने रुपये ब्याज दर जोखिम को हेज़ करने की अनुमति देते हैं। अनिवासियों को गैर-हेजिंग प्रयोजनों के लिए ओवरनाइट इंडेक्सड स्वैप (ओआईएस) बाजार में, ब्याज दर के जोखिम के संदर्भ में सभी अनिवासियों के एक्सपोजर पर एक मैक्रो-प्रूडेंशियल सीमा के अधीन (पीवी01 के रूप में मापा गया) भाग लेने की भी अनुमति दी जाएगी। सार्वजनिक प्रतिक्रिया के लिए आज ड्राफ्ट निर्देश जारी किए जा रहे हैं।
6. बैंकों द्वारा चलनिधि प्रबंधन में सुधार के उपाय
वर्तमान में, दिन के अंत में बैंकों के नकद रिजर्व अनुपात (सीआरआर) की शेष राशि का खुलासा 2-3 दिनों के अंतराल के साथ किया जाता है, जबकि मुद्रा का परिचालन विवरण एक सप्ताह के अंतराल के साथ जारी किया जा रहा है। बैंकों को अपनी चलनिधि आवश्यकताओं को अधिक सटीकता के साथ पूर्वानुमानित करने में सक्षम करने के लिए, यह निर्णय लिया गया है कि रिजर्व बैंक अगले दिन बाजार प्रतिभागियों को बैंकिंग प्रणाली के दैनिक सीआरआर शेष पर जानकारी प्रदान करेगा। तदनुसार,दैनिक मुद्रा बाजार परिचालन प्रकाशनी में 6 दिसंबर 2018 से पिछले दिन का सीआरआर आंकड़ा निहित होगा।
7. फेमा, 1999 के तहत उधार और ऋण विनियमों को युक्तिसंगत बनाना
फेमा, 1999 के तहत समयावधि में बनाए गए कई नियमों को युक्तिसंगत बनाने के चल रहे प्रयासों के तहत, सरकार के परामर्श से, यह प्रस्ताव है कि भारत में निवासी व्यक्ति और भारत के बाहर निवासी व्यक्ति के बीच विदेशी मुद्रा और आईएनआर दोनों में सभी प्रकार के उधार और ऋण लेनदेन को नियंत्रित करने वाले नियमों को मजबूत करने का प्रस्ताव है। प्रस्तावित नियम, अर्थात, विदेशी मुद्रा प्रबंधन (उधार या ऋण) विनियम, 2018 मौजूदा दिनांक 3 मई 2000 की अधिसूचना सं. फेमा 3/2000-आरबीदिनांक 3 मई 2000 की अधिसूचना सं. फेमा. 4/2000-आरबी, और दिनांक 7 जुलाई 2004 की अधिसूचना सं. फेमा. 120/ आरबी -2004, के विनियमन 21 को शामिल करेगा और कारोबार करने में आसानी के लिए बाह्य वाणिज्यिक उधार और रुपी डिनोमिनेटेड बांड के लिए मौजूदा ढांचे को युक्तिसंगत बनाएगा। समेकित विनियमन और दिशानिर्देश दिसंबर 2018 के अंत तक जारी किए जाएंगे।


(स्रोत-आरबीआई)
(('बिना प्रोफेशनल ट्रेनिंग के शेयर बाजार जरूर जुआ है'
बचत, निवेश संबंधी beyourmoneymanager के लेख


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Rajanish Kant गुरुवार, 6 दिसंबर 2018
RBI ने ब्याज दर में कोई बदलाव नहीं किया, SLR में कटौती,आर्थिक वृद्धि अनुमान में की कमी
रिजर्व बैंक की मौद्रिक पॉलिसी समिति ने 6 और 7  जून 2017 की बैठक के बाद रेपो रेट 6.25% पर और रिवर्स रेपो रेट  6% पर स्थिर रखा है। हालांकि, समिति ने एसएलआर को 0.50 प्रतिशत कम करते हुए इसे 20 प्रतिशत कर दिया है। नया एसएलआर 24 जून से लागू होगा।

मौद्रिक पॉलिसी समिति की बैठक में इस बात पर चर्चा की गई कि नीतिगत दरों में कटौती पर फैसला लेने के लिए आगे आने वाले आंकड़ों का इंतजार किया जाएगा। साथ ही इस बात पर भी सहमति बनी कि घरेलू इकोनॉमी की सेहत ठीक करने के लिए निजी निवेश को बढ़ाने, बैंकिंग सेक्टर की हालत सुधारने और इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर के रास्ते में आने वाली बाधाओं को दूर करने की जरूरत है।

रिजर्व बैंक ने वित्त वर्ष 2017-18 की पहली छमाही में महंगाई दर 2-3.5 प्रतिशत और दूसरी छमाही में 3.5-4.5 प्रतिशत के दायरे में रहने का अनुमान लगाया है। रिजर्व बैंक ने इसके साथ ही चालू वित्त वर्ष के लिए आर्थिक वृद्धि के अनुमान को भी 7.4 प्रतिशत से घटा कर 7.3 प्रतिशत कर दिया.

RBI की इस बैठक का मिनट्स 21 जून को प्रकाशित होगा,जबकि मौद्रिक पॉलिसी समिति की अगली बैठक 1 और 2 अगस्त को होगी।

Second Bi-monthly Monetary Policy Statement, 2017-18 
रिवर्स रेपो रेट को ऐसे समझिए: बैंकों के पास दिन भर के कामकाज के बाद बहुत बार एक बड़ी रकम शेष बच जाती है। बैंक वह रकम अपने पास रखने के बजाय रिजर्व बैंक में रख सकते हैं, जिस पर उन्हें रिजर्व बैंक से ब्याज भी मिलता है। जिस दर पर यह ब्याज मिलता है, उसे रिवर्स रेपो रेट कहते हैं।

वैसे कई बार रिजर्व बैंक को लगता है कि बाजार में बहुत ज्यादा नकदी हो गई है तब वह रिवर्स रेपो रेट में बढ़ोतरी कर देता है। इससे होता यह है कि बैंक ज्यादा ब्याज कमाने के लिए अपना पैसा रिजर्व बैंक के पास रखने लगते हैं।

रिजर्व बैंक की प्रमुख दरें:
रेट                                           पुराना रेट ( %)              मौजूदा रेट ( %)
>रेपो रेट:                                              6.25                 6.25
----------------------------------------------------------------------------------------
>रिवर्स रेपो रेट:                                      5.75                6.00
----------------------------------------------------------------------------------------
>मार्जिनल स्टैंडिंग फैसिलिटी रेट (MSF):  6.75               6.50
-------------------------------------------------- -----------------------------------------            
>कैश रिजर्व रेश्यो (CRR):                        4                      4.00
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>बैंक रेट:                                               6.75                    6.50
---------------------------------------------------------------------------------------------
>SLR:                                                    20.50             20.00
-------------------------------------------------------- -------------------------------------
>बेस रेट        :                                  9.25 - 9.65                   9.25-9.60
-----------------------------------------------------------------------------------------------
>MCLR (Overnight) :                        7.75 -8.20                     7.75-8.20  
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>Savings Deposit Rate :                               4                                 4.00
--------------------------------------------------------------------------------------------------
>Term Deposit Rate > 1 Year :                  6.50- 7.00                          6.50-7.00
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((5 और 6 अप्रैल 2017 की RBI मौद्रिक पॉलिसी समिति बैठक: रेपो रेट जस का तस, रिवर्स रेपो रेट 0.25% बढ़ा 
((RBI ने 7,8 फरवरी की बैठक में ब्याज दर में कोई बदलाव नहीं किया 
(वर्ष 2017-18 में मौद्रिक नीति समिति की कब-कब बैठक होगी, जानिए बैठकों की समयसारिणी
((फाइनेंस का फंडा: भाग-21, RBI की क्या भूमिका है 
(मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) के बारे में जानें  
(मौद्रिक पॉलिसी क्या है

(('बिना प्रोफेशनल ट्रेनिंग के शेयर बाजार जरूर जुआ है'
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Rajanish Kant बुधवार, 7 जून 2017
रिजर्व बैंक की मौद्रिक पॉलिसी समिति की बैठक आज से, ब्याज दर स्थिर रखे जाने का अनुमान, कल आएगा फैसला


रिजर्व बैंक की मौद्रिक पॉलिसी समिति आज से ब्याज दर पर फैसला करने के लिए बैठक करेगी। कल दोपहर ढाई बजे फैसले के बारे में जानकारी मिलेगी। ज्यादातर जानकारों का मानना है कि समिति ब्याज दर में कोई बदलाव नहीं करेगी। लेकिन, पिछले वित्त वर्ष में देश की आर्थिक विकास दर में आई गिरावट और इस साल बेहतर मॉनसून के अनुमान की वजह से इंडस्ट्री ब्याज दर में कमी की मांग कर रही है। 
आपको बता दें कि देश की आर्थिक विकास दर वित्त वर्ष 2016-17 में गिरकर तीन साल के निचले स्तर पर आ गई है। यही नहीं, वित्त वर्ष जनवरी-मार्च की जीडीपी ग्रोथ 6.1 प्रतिशत दर्ज की गई है। इससे दुनिया में सबसे तेज गति से विकास करने का जो हमें तमगा मिला हुआ था, वो भी हमने खो दिये हैं। इस मामले में चीन फिर से हमसे आगे निकल गया है। चीन ने जनवरी-मार्च तिमाही में 6.9 प्रतिशत की दर से विकास किया है। 
एसोचैम ने कहा है कि नौकरियों को बचाने, ग्रोथ को बढ़ाने और इंडस्ट्री पर से नोटबंदी के असर को कम से कम करने के लिए रिजर्व बैंक को प्रमुख नीतिगत दरों में कमी करनी चाहिए।
आपको बता दें कि इससे पहले अप्रैल में हुई आरबीआई मौद्रिक पॉलिसी समिति की बैठक में रेपो रेट को तो 6.25 प्रतिशत पर स्थिर रखा गया था लेकिन रिवर्स रेपो रेट में 0.25 प्रतिशत  बढ़ोतरी करते हुए इसे 5.75 प्रतिशत से 6 प्रतिशत कर दिया गया था।  वहीं दूसरी ओर, एमएसएफ और बैंक रेट में चौथाई परसेंट की कमी करते हुए इसे 6.75 प्रतिशत से  6.50 प्रतिशत कर दिया गया था।   
'अगले 18 महीने तक RBI शायद ही नीतिगत दर घटाये'
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