Results for "Income Tax Return"
Crypto Currency की कमाई दिखाने के लिए सही ITR फॉर्म
For Cryptocurrency Earning Which is Right ITR Form?
सरकार को वित्त वर्ष 2022-23 की कमाई की जानकारी देने के लिए निर्धारण वर्ष 2023-24 के लिए इनकम टैक्स रिटर्न यानी ITR भरने का सीजन चल रहा है। अगर आपकी कमाई क्रिप्टोकरेंसी से हुई है, तो ऐसे में सवाल उठता है कि आपको कौन सा आईटीआर फॉर्म भरना सही होगा?


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Rajanish Kant गुरुवार, 15 जून 2023
ITR Forms Notifies: वित्त वर्ष 2022-23 के लिए इनकम टैक्स रिटर्न फॉर्म्स अधिसूचित


31 मार्च 2023 को वित्त वर्ष 2022-23 खत्म होगा, लेकिन इनकम टैक्स विभाग ने इस वित्त वर्ष के लिए इनकम टैक्स रिटर्न (आईटीआर) फॉर्म्स को अधिसूचित कर दिया है। इसका मतलब हुआ कि टैक्सपेयर्स, चाहे वे व्यक्ति हों या कारोबारी, 31 मार्च 2023 को समाप्त होने वाले वित्त वर्ष (2022-23 की आमदनी) के लिए  इनकम टैक्स रिटर्न भर सकते हैं। 

केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने 10 फरवरी को आईटीआर फॉर्म 1 से 6, आईटीआर-वी (वेरिफिकेशन फॉर्म) और आईटीआर (acknowledgement form-रसीद फॉर्म) को अधिसूचित कर दिया है। पिछले साल इस तरह के फॉर्म अप्रैल के अंतिम हफ्ते में अधिसूचित किए गए थे। 

जानकारों का मानना है कि समय से काफी पहले आईटीआर फॉर्म्स अधिसूचित किए जाने से ई-फाईलिंग पोर्टल, थर्ड पार्टी सॉफ्टवेयर कंपनियां, टैक्सपेयर्स और टैक्स प्रोफेशनल्स को पर्याप्त समय मिलेगा। 

आईटीआर-1 और आईटीआर-4 सबसे आसान आईटीआर फॉर्म है, जिसका इस्तेमाल सबसे ज्यादा छोटे और मीडियम टैक्सपेयर्स करते हैं। 


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Rajanish Kant मंगलवार, 14 फ़रवरी 2023
Budget 2023: सामान्‍य आयकर विवरणी (ITR) फार्म का प्रस्‍ताव

प्रत्‍यक्ष कर प्रस्‍ताव का उद्देश्‍य अनुपालना भार को कम करना, उद्यमिता की भावना को प्रोत्‍साहित करना और नागरिकों को कर से राहत प्रदान करना है 


करदाताओं की सुविधा को ध्‍यान में रखते हुए अगली पी‍ढ़ी के सामान्‍य आयकर विवरणी फार्म लाने की योजना

सूक्ष्‍म उद्यम वाले करदाताओं के लिए प्रकल्पित कराधान सीमा तीन करोड़ रुपये करने का प्रावधान और उन करदाताओं के लिए 75 लाख रुपये तक बढ़ाने का प्रस्‍ताव, जिनकी नगदी प्राप्तियां पांच प्रतिशत से कम है  

नई विनिर्माण सहकारी समितियों को बढ़ावा देने के लिए 15 प्रतिशत रियायती कर 

सहकारी समितियों को नगदी आहरण पर टीडीएस के लिए 3 करोड़ रुपये की उच्‍चतम सीमा  

स्‍टार्टअप्‍स द्वारा आयकर लाभ प्राप्‍त करने के लिए निगमन की तारीख 31 मार्च 2024 तक बढ़ाई गई 

छोटे स्‍तर पर अपीलों की सुनवाई के लिए 100 संयुक्‍त आयुक्‍तों को तैनात करने का प्रस्‍ताव 

आवासीय इकाई में किए गए निवेश को पूंजीगत लाभों से कटौती की सीमा को 10 करोड़ रुपये तक करने का प्रस्‍ताव

किसी विशेष गतिविधि को विनियामित और विकसित करने वाले प्राधिकरणों की आमदनी को आयकर से छूट देने की प्रावधान

अग्निवीरों को अग्निवीर कॉर्पस फंड से मिलने वाली निधि को कर से छूट 


केन्‍द्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने कर संरचना की निरंतरता और स्थिरता बनाये रखने, अनुपालना भार को कम करने के लिए विभिन्‍न प्रावधानों के सरलीकरण तथा उन्‍हें युक्ति संगत बनाने, उद्यमिता की भावना को प्रोत्‍साहित करने और नागरिकों को कर से राहत प्रदान करने के उद्देश्‍य से कई प्रत्‍यक्ष कर प्रस्‍तावों की घोषणा की है। आज संसद में केन्‍द्रीय बजट 2023-24 पेश करते हुए श्री‍मती सीतारमण ने कहा कि आयकर विभाग आयकर दाताओं के लिए अनुपालना को सरल तथा निर्बाध बनाने के उद्देश्‍य से कर-दाता सेवाओं में सुधार करने हेतु लगातार प्रयासरत रहा है।

सामान्‍य आयकर विवरणी फार्म का प्रस्‍ताव

वित्‍त मंत्री ने घोषणा की है कि करदाताओं की सुविधा को ध्‍यान में रखते हुए तथा शिकायत निवारण तंत्र को और सशक्‍त करने के उद्देश्‍य के साथ अगली पी‍ढ़ी के सामान्‍य आयकर विवरणी फार्म लाने की योजना है। उन्‍होंने कहा कि आयकर विभाग अनुपालना को आसान तथा निर्बाध बनाने के लिए सेवाओं में सुधार करने की सतत प्रयास करता रहा है। उन्‍होंने बताया कि हमारे करदाता पोर्टल पर एक दिन में अधिकतम 72 लाख रिर्टन दाखिल किए गए हैं और पोर्टल ने इस वर्ष 6.5 करोड़ रिर्टन प्रोसेस किए हैं; इसके अलावा औसतन रिर्टन प्रोसेस अवधि को वित्‍तीय वर्ष 2013-14 में 93 दिन से घटाकर अब 16 दिन कर दिया गया है। वित्‍त मंत्री ने कहा कि लगभग 45 प्रतिशत रिर्टन 24 घंटे के अंदर प्रोसेस कर दिए गए थे।

एमएसएमई और प्रोफेशनल

श्रीमती सीतारमण ने कहा है कि 2 करोड़ रुपये तक के टर्न ओवर वाले सूक्ष्‍म उद्यम और 50 लाख रुपये तक के टर्न ओवर वाले कुछ प्रोफेशनल (पेशेवर) प्रकल्पित कराधान का लाभ उठा सकते हैं। उन्‍होंने घोषणा करते हुए कहा कि सूक्ष्‍म उद्यम वाले करदाताओं की प्रकल्पित कराधान सीमा तीन करोड़ रुपये करने का प्रावधान है और उन करदाताओं के लिए 75 लाख रुपये तक बढ़ाने का प्रस्‍ताव किया गया है, जिनकी नगदी प्राप्तियां पांच प्रतिशत से कम है। उन्‍होंने सूक्ष्‍म, लघु और मध्‍यम उद्यम (एमएसएमई) को समय पर भुगतान की प्राप्ति में सहायता सुनिश्चित करने के उद्देश्‍य से उन पर आने वाले खर्चों के लिए कटौती के अनुमोदन का भी प्रस्‍ताव किया। वित्‍त मंत्री ने इस तरह के एमएसएमई के लिए सूक्ष्‍म, लघु और मध्‍यम उद्यम विकास अधिनियम की धारा 43बी के तहत भुगतान की घोषणा की है। यह तभी संभव हो सकेगा जब भुगतान अधिनियम के अंतर्गत वास्‍तविक रूप से कर दिया गया हो।

 



सहकारी क्षेत्र

वित्‍त मंत्री निर्मला सीतारमण ने घोषणा करते हुए कहा है कि दिनांक 31.03.2024 तक विनिर्माण गतिविधियां शुरू करने वाली नई सहकारी समितियों को 15 प्रतिशत की कम कारपोरेट कर दर का लाभ मिलेगा, जिस तरह से नई विनिर्माण कंपनियों का वर्तमान में मिलता है। उन्‍होंने घोषणा की है कि चीनी सहकारी समितियों को निर्धारण वर्ष 2016-17 की अवधि से पहले गन्‍ना किसानों को उनके द्वारा किए गए भुगतानों का व्‍यय के रूप में दावा प्रस्‍तुत करने का अवसर प्रदान किया गया है। वित्‍त मंत्री ने कहा कि इस उपाय के करने से लाभार्थियों को लगभग 10,000 करोड़ रुपये की संभावित राहत प्राप्‍त होगी।

श्रीमती सीतारमण ने प्राथमिक कृषि सहकारी समितियों (पीएसीएस) और प्राथमिक सहकारी कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंकों (पीसीएआरडीबी) को नगद में दिये गए जमा तथा ऋणों के लिए 2 लाख रुपये प्रति सदस्‍य की उच्‍चतम सीमा के साथ सहायता प्रदान करने की घोषणा की। उन्‍होंने कहा कि इस तरह से सहकारी समितियों को नगदी आहरण पर टीडीएस के लिए 3 करोड़ रुपये की उच्‍चतम सीमा प्रदान की जा रही है। वित्‍त मंत्री ने कहा कि इन प्रस्‍तावों का उद्देश्‍य प्रधानमंत्री के दृष्टिकोण ‘’सहकार से समृद्धि’’ और ‘’अमृत काल की आत्‍मा को सहकार की मूल भावना से जोड़ने’’ को साकार करना है।

स्‍टार्टअप्‍स

वित्‍त मंत्री ने स्‍टार्टअप्‍स द्वारा आयकर लाभ प्राप्‍त करने के लिए निगमन की तारीख 31.03.2023 से बढ़ाकर 31.03.2024 करने का प्रस्‍ताव किया है। उन्‍होंने स्‍टार्टअप्‍स शेयरधारिता में परिवर्तन होने पर हानियों के अग्रेनयन में लाभ को निगमन के सात से दस वर्ष तक प्रदान किए जाने का भी प्रस्‍ताव किया है। देश के आर्थिक विकास में उद्यमिता की महत्‍वपूर्ण भूमिका है। श्रीमती सीतारमण ने कहा कि हमने स्‍टार्टअप्‍स के लिए बड़ी संख्‍या में और उनसे बेहतर परिणाम प्राप्‍त हुए है। उन्‍होंने कहा कि भारत वैश्विक स्‍तर पर स्‍टार्टअप्‍स के लिए तीसरा सबसे बड़ा इकोसिस्‍टम है और मध्‍यम आय वाले देशों के बीच गुणवत्‍ता पूर्ण नवाचार प्रदान करने में दूसरा स्‍थान रखता है।

अपील

श्रीमती सीतारमण ने छोटे स्‍तर पर अपीलों की सुनवाई और निपटारे के लिए 100 संयुक्‍त आयुक्‍तों को तैनात करने का प्रस्‍ताव किया है। उन्‍होंने कहा कि हम इस वर्ष पहले से प्राप्‍त विवरणियों की जांच के लिए चुनाव हेतु अधिक सावधान रहेंगे।

कर रियायतों को बेहतर तरीके से लक्षित करना

वित्‍त मंत्री सीतारमण ने कर रियायतों तथा छूटों को बेहतर तरीके से लक्षित करने के लिए धारा 54 और 54एफ के तहत आवासीय इकाई में किए गए निवेश को पूंजीगत लाभों से कटौती की सीमा को 10 करोड़ रुपये तक करने का प्रस्‍ताव किया है। उन्‍होंने कहा कि इस उद्देश्‍य के साथ दूसरा प्रस्‍ताव अत्‍याधिक मूल्‍य वाली बीमा पॉलिसियों की आय पर आयकर छूट को सीमित करना है।

अनुपालना में सुधार और कर प्रशासन

वित्‍त मंत्री ने कहा है कि ट्रांसफर प्राइसिंग अधिकारी के द्वारा दस्‍तावेज़ों और सूचनाओं की जांच के लिए दिए जाने वाले समय को कम किए जाने का प्रस्‍ताव किया है। आवश्‍यक कागजात और जानकारी को तैयार करने में समय-सीमा को 30 घटाकर 10 दिन करने का प्रावधान है। उन्‍होंने प्रस्‍ताव किया है कि बेनामी अधिनियम के अंतर्गत न्‍यायिक अधिकारी के आदेश के अनुसार अपील दायर करने की समयावधि प्रारंभकर्ता अधिकारी या पीडि़त व्‍यक्ति के द्वारा आदेश प्राप्‍त किए जाने के 45 दिन की अवधि के भीतर होगी। उन्‍होंने कहा कि अनिवासियों के मामले में अपील दायर करने के लिए क्षेत्राधिकार के निर्धारण की अनुमति देने के उद्देश्‍य से उच्‍च न्‍यायालय की परिभाषा को भी संशोधित किए जाने का प्रस्‍ताव है।
युक्ति संगत बनाना

वित्‍त मंत्री ने वित्‍तीय प्रावधानों का सरलीकरण करने और उन्‍हें युक्तिसंगत बनाने का प्रस्‍ताव दिया है। उन्‍होंने कहा कि आवासन, शहरों, नगरों और गांवों के विकास तथा किसी गतिविधि या फिर मामले को विनियामित और विकसित करने के उद्देश्‍य से केन्‍द्र अथवा राज्‍यों के कानूनों के तहत स्‍थापित प्राधिकरणों, बोर्डों एवं आयोगों की आय को आयकर से छूट देने का प्रस्‍ताव है।

वित्‍त मंत्री द्वारा इस दिशा में किए गए प्रमुख उपाय इस प्रकार से हैं: ऑनलाइन गेम्‍स के लिए टीडीएस की 10,000 रुपये की न्‍यूनतम सीमा को हटाना और उससे संबंधित करदेयता प्रावधानों को स्‍पष्‍ट करना; सोने को इलैक्‍ट्रॉनिक गोल्‍ड रिसिप्‍ट में और प्रतिवर्ती रूप में परिवर्तित करने को पूंजीगत लाभ के तौर पर नहीं माना जाना; गैर-पैन मामलों में ईपीएफ आहरण के कर योग्‍य हिस्‍से पर टीडीएस दर को 30 प्रतिशत से घटाकर 20 प्रतिशत करना और मार्केट लिंक्‍ड डिबेंचर से प्राप्‍त आय पर कराधान।
अन्‍य

श्रीमती सीतामरण ने वित्‍तविधेयक पेश करते हुए कुछ अन्‍य प्रमुख प्रस्‍ताव भी दिए हैं: आईएफएससी गिफ्ट सिटी के लिए अंतरित निधियों को 31.03.2025 तक बढ़ाना; आयकर अधिनियम की धारा 276ए के तहत गैर-अपराधिकरण; आईडीबीआई बैंक के साथ रणनीतिक विनिवेश के मामले में हानियों को अग्रेषित करना; अग्निवीर निधि को ईईई स्‍तर प्रदान करना। उन्‍होंने कहा कि अग्निपथ योजना 2022 के अंतर्गत नामांकित हुए अग्निवीरों को अग्निवीर कॉर्पस फंड से प्राप्‍त होने वाली निधि को कर से छूट मिलेगी।

(साभार: PIB)

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Rajanish Kant बुधवार, 1 फ़रवरी 2023
IT रिटर्न भरने की आखिरी तारीख बढ़ी#itr #income Tax Return #इनकम टैक्स
अगर अभी तक आपने वित्त वर्ष 2018-19 या आकलन वर्ष 2019-20 के लिए इनकम टैक्स रिटर्न फाइल नहीं किया है तो आपके लिए अच्छी खबर है। दरअसल, इनकम टैक्स विभाग ने आईटी रिटर्न फाइल करने की आखिरी तारीख 31 जुलाई 2019 से बढ़ाकर 31 अगस्त 2019 कर दी है। 

इनकम टैक्स विभाग ने ट्विटर के जरिये इसकी जानकारी दी। हालांकि, कुछ टैक्सपेयर्स के लिए रिटर्न भरने की आखिरी तारीख 31 जुलाई 2019 ही रहने दी गई है। 
((पहली बार IT रिटर्न भरने वालों के लिए 7 जरूरी टिप्स #ITR #Income Tax #first-time taxpayers
((मकान, दुकान बेचने से हुए मुनाफे पर टैक्स लगता है, लेकिन टैक्स देने से बच भी सकते हैं
TAX कितना चुकाना होगा जब मकान, सोना, शेयर, म्युचुअल फंड बेचकर मुनाफा कमाएंगे...
((IT रिटर्न भरते समय जानकारी छुपाने पर लगाने होंगे इनकम टैक्स के चक्कर?
((IT रिटर्न फाइल करने जा रहे हैं, तो नए नियम जान लें  
('बिना प्रोफेशनल ट्रेनिंग के शेयर बाजार जरूर जुआ है'


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Rajanish Kant मंगलवार, 23 जुलाई 2019
Income Tax रिटर्न भरते समय क्या आप भी जानकारी छुपाते हैं?

Income Tax रिटर्न भरते समय क्या आप भी जानकारी छुपाते हैं?

Rajanish Kant शुक्रवार, 19 अप्रैल 2019
125 करोड़ आबादी में से बस इतने ही करोड़ लोग आयकर रिटर्न भरते हैं...
सीबीडीटी ने प्रत्यक्ष कर के आंकड़े जारी किए 


पिछले तीन वर्षों से प्रत्यक्ष कर-जीडीपी अनुपात में निरंतर वृद्धि पिछले चार वित्त वर्षों के दौरान दाखिल किए गए आयकर रिटर्न की संख्या में 80 प्रतिशत से भी अधिक की बढ़ोतरी आयकर रिटर्न दाखिल करने वाले लोगों की संख्या भी 65 प्रतिशत बढ़कर 5.44 करोड़ के आंकड़े को छू गई

प्रत्यक्ष करों के संग्रह और प्रशासन से संबंधित महत्वपूर्ण आंकड़ों को सार्वजनिक तौर पर प्रस्तुत करने की परंपरा को जारी रखते हुए केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने टाइम-सीरीज डेटा जारी किया है जिसे वित्त वर्ष 2017-18 तक अद्यतन किया गया है। इसके साथ ही सीबीडीटी ने कर निर्धारण वर्ष 2016-17 और कर निर्धारण वर्ष 2017-18 के लिए आय-वितरण डेटा भी जारी किया है। इन आंकड़ों की मुख्य बातें निम्नलिखित हैं-
  1. पिछले तीन वर्षों से प्रत्यक्ष कर- जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) अनुपात में निरंतर वृद्धि दर्ज की जा रही है और वित्त वर्ष 2017-18 में आंका गया 5.98 प्रतिशत का प्रत्यक्ष कर- जीडीपी अनुपात पिछले 10 वर्षों में सर्वश्रेष्ठ रहा है।
  2. पिछले चार वित्त वर्षों के दौरान दाखिल किए गए आयकर रिटर्न की संख्या में 80 प्रतिशत से भी अधिक की वृद्धि दर्ज की गई। इस दौरान दाखिल किए गए रिटर्न की संख्या वित्त वर्ष 2013-14 (आधार वर्ष) के 3.79 करोड़ से बढ़कर वित्त वर्ष 2017-18 में 6.85 करोड़ के स्तर पर पहुंच गई।
  3. इस अवधि के दौरान आयकर रिटर्न भरने वाले लोगों की संख्या भी लगभग 65 प्रतिशत बढ़कर वित्त वर्ष 2017-18 में 5.44 करोड़ के आंकड़े को छू गई। वित्त वर्ष 2013-14 में कुल मिलाकर 3.31 करोड़ लोगों ने आयकर रिटर्न दाखिल किए थे।
पिछले तीन कर निर्धारण वर्षों के दौरान सभी श्रेणियों के करदाताओं द्वारा दाखिल किए गए आयकर रिटर्न में घोषित आमदनी की राशि में भी निरंतर वृद्धि दर्ज की गई है। वित्त वर्ष 2013-14 (आधार वर्ष) से जुड़े कर निर्धारण वर्ष 2014-15 के दौरान आयकर रिटर्न दाखिल करने वालों ने कुल मिलाकर 26.92 लाख करोड़ रुपये की सकल आय घोषित की थी, जो कर निर्धारण वर्ष 2017-18 में 67 प्रतिशत बढ़कर 44.88 लाख करोड़ रुपये के स्तर पर पहुंच गई है। यह कर अनुपालन के बढ़ते स्तर को दर्शाता है जो सरकार द्वारा लागू किए गए विभिन्न विधायी एवं प्रशासनिक कदमों की बदौलत संभव हो पाया है। कर चोरी के खिलाफ कारगर ढंग से प्रवर्तन उपायों को लागू करना भी इन कदमों में शामिल है।
पिछले तीन वर्षों के दौरान 1 करोड़ रुपये से भी अधिक की आमदनी को दर्शाने वाले करदाताओं (कंपनियों, फर्मों, हिंदू अविभाजित परिवारों यानी एचयूएफ, इत्यादि सहित) की कुल संख्या में भी उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई है। कर निर्धारण वर्ष 2014-15 के दौरान 88,649 करदाताओं ने 1 करोड़ रुपये से भी अधिक की आमदनी दर्शाई थी। यह आंकड़ा कर निर्धारण वर्ष 2017-18 में लगभग 60 प्रतिशत बढ़कर 1,40,139 के स्तर पर पहुंच गया। इसी तरह 1 करोड़ रुपये से भी अधिक की आमदनी घोषित करने वाले व्यक्तिगत आयकरदाताओं की संख्या भी इस दौरान 48,416 से 68 प्रतिशत बढ़कर 81,344 के आंकड़े को छू गई।
कॉरपोरेट करदाताओं द्वारा अदा किया गया औसत टैक्स भी कर निर्धारण वर्ष 2014-15 के 32.28 लाख रुपये से 55 प्रतिशत बढ़कर कर निर्धारण वर्ष 2017-18 में 49.95 लाख रुपये हो गया। इसी तरह व्यक्तिगत करदाताओं द्वारा अदा किया गया औसत टैक्स भी कर निर्धारण वर्ष 2014-15 के 46,377 लाख रुपये से 26 प्रतिशत बढ़कर कर निर्धारण वर्ष 2017-18 में 58,576 रुपये हो गया।
पिछले तीन वर्षों की इस अवधि के दौरान वेतनभोगी करदाताओं की संख्या कर निर्धारण वर्ष 2014-15 के 1.70 करोड़ से 37 प्रतिशत बढ़कर कर निर्धारण वर्ष 2017-18 में 2.33 करोड़ के स्तर पर पहुंच गई। वेतनभोगी करदाताओं द्वारा घोषित की गई औसत आमदनी भी इस दौरान 5.76 लाख रुपये से 19 प्रतिशत बढ़कर 6.84 लाख रुपये हो गई।
इसी अवधि के दौरान गैर-वेतनभोगी व्यक्तिगत करदाताओं की संख्या 1.95 करोड़ से 19 प्रतिशत बढ़कर 2.33 करोड़ के आंकड़े को छू गई। इसी तरह घोषित औसत गैर-वेतन आमदनी भी कर निर्धारण वर्ष 2014-15 के 4.11 लाख रुपये से 27 प्रतिशत बढ़कर कर निर्धारण वर्ष 2017-18 में 5.23 लाख रुपये हो गई।
अन्य प्रकाशनों के साथ-साथ नई विज्ञप्तियां भी www.incometaxindia.gov.in पर उपलब्ध हैं।
(सौ.पीआईबी)

Rajanish Kant मंगलवार, 23 अक्तूबर 2018
Income टैक्स विभाग से 19 तरह की इनकम को छुपाने की गलती मत करें...

Income टैक्स विभाग से 19 तरह की इनकम को छुपाने की गलती मत करें...

Rajanish Kant शुक्रवार, 17 अगस्त 2018
Income Tax Return Filing: ताजा अपडेट से अनजान मत रहें

Income Tax Return Filing: ताजा अपडेट से अनजान मत रहें

Rajanish Kant शुक्रवार, 27 जुलाई 2018
इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने वालों की जरूरी खबर...
वित्त वर्ष 2017-18 और आकलन वर्ष (एसेसमेंट ईयर) 2018-19 के लिए आयकर रिटर्न भरने की अंतिम तिथि एक महीने बढ़ा दी गई है। पहले अंतिम तिथि 31 जुलाई 2018 थी जिसे अब बढ़ाकर 31 अगस्त 2018 कर दी गयी है। केन्द्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने इस बारे में अधिसूचना जारी कर दी है। 

सीबीडीटी के इस फैसले से उनलोगों को राहत मिलेगी, जिन लोगों ने अब तक वित्त वर्ष 2017-18 इनकम टैक्स रिटर्न फाइल नहीं किया है। 

आपको बता दूं कि इस साल से सरकार ने आखिरी तारीख के बाद रिटर्न भरने पर जुर्माना लगाने का फैसला किया है। ये जुर्माना ₹10 हजार तक हो सकता है।  अगर कोई 31 अगस्त के बाद टैक्स रिटर्न फाइल करता है तो उसे ₹5 हजार जुर्माना देना होगा। 31 दिसंबर के बाद रिटर्न फाइल करने पर ये पेनल्टी ₹10 हजार होगा। अगर आपकी आय ₹ 5 लाख से कम है तो आपको सिर्फ ₹ 1 हजार रुपए ही जुर्माना देना होगा। 

Rajanish Kant गुरुवार, 26 जुलाई 2018
IT रिटर्न भरने वालों के लिए जरूरी खबर

IT रिटर्न भरने वालों के लिए जरूरी खबर

Rajanish Kant सोमवार, 28 मई 2018
अब आईटी रिटर्न फाइल कर सकते हैं, क्योंकि...
आयकर दाता आकलन वर्ष (एसेसमेंट ईयर) 2018-19 यानी वित्त वर्ष (फाइनेंशियल ईयर ) 2017-18 के लिए      इनकम टैक्स रिटर्न फाइल कर सकते हैं। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट यानी आयकर विभाग ने  सभी 7  IT रिटर्न फॉर्म ई-फाइलिंग के लिए जारी कर दिया है। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की ई-फाइलिंग वेबसाइट www.incometaxindiaefiling.gov.in पर जाकर आप आईटी रिटर्न ऑनलाइन भर सकते हैं। विभाग ने इस बारे में जानकारी दी।  

सीबीडीटी ने कहा है कि सभी सात आईटीआर फार्म अब उसकी वेबसाइट पर ऑनलाइन दाखिल करवाए जा सकते हैं हालांकि, कुछ श्रेणी के करदाताओं को यह सुविधा उपलब्ध नहीं होगी
>महत्वपूर्ण तारीख याद रखें:
-31 जुलाई 2018 तक रिटर्न फाइल
कर देना है, जरूरत पड़ने पर तारीख 
बढ़ भी सकती है, लेकिन आप देरी 
मत करें, अंतिम तारीख बढ़ने का भी 
इंतजार मत करें
-31 जुलाई या कोई नई डेडलाइन) के 
बाद रिटर्न भरने पर ₹10,000 तक 
का जुर्माना देना पड़ सकता है

-डेडलाइन के बाद 31 दिसंबर 2018
 तक रिटर्न भरने पर जुर्माना ₹5,000
और 31 दिसंबर के बाद जुर्माना बढ़कर 
₹10,000 हो जाएगा
-अगर किसी टैक्सपेयर की सालाना 
आय ₹5 लाख रुपए तक है तो उसके 
लिए अधिकतम जुर्माना ₹1,000 होगा

-आईटी रिटर्न में रिवीजन की अवधि घटा 
दी गई
-अगर 31 जुलाई 2018 तक रिटर्न फाइल 
करने के दौरान उसमें किसी तरह की गलती 
होती है, तो टैक्सपेयर के पास रिवाइज्ड रिटर्न
फाइल करने के लिए 31 मार्च 2019 तक का 
समय होगा। लेकिन अभी तक टैक्सपेयर को 
इसके लिए दो साल तक का समय मिलता था, 
जिसे अब एक साल कर दिया गया है


आपको बता दूं कि आयकर विभाग ने नियमों में कुछ बदलाव किये हैं। इन बदलावों की वजह से आईटी रिटर्न फाइल  करने में खास सावधानी बरतने की जरूरत है। 

>IT रिटर्न फॉर्म में बदलाव:
-नौकरीपेशा लोगों के लिए जारी ITR फॉर्म 1 
यानी सहज में अब ज्यादा जानकारी देनी होगी
-सहज में अपनी सैलरी का ब्रेकअप बताना होगा
-कुल सैलरी, सारे अलाउंसेस, पर्क्स, इनकम टैक्स
छूट के लिए क्लेम किए गए डिडक्शंस सबकी 
जानकारी देनी होगी 

-कंपनी से मिलने वाले फॉर्म 16 में ये सब जानकारी 
दी जाती है और पहले आईटी रिटर्न फॉर्म में इसकी
जानकारी नहीं देनी होती थी, लेकिन अब फॉर्म 16 
रहने पर भी आईटी रिटर्न में इसकी जानकारी देनी
होगी। 
-घर से होने वाली आय का पूरा ब्यौरा देना जरूरी;
जैसे कुल किराया, किराएदार का पैन नंबर, लोकल 
अथॉरिटी को चुकाए गए टैक्स (प्रॉपर्टी टैक्स),  होम 
लोन लेने पर उस पर चुकाए गए ब्याज, हाउस प्रॉपर्टी 
से होने वाली कमाई की जानकारी 

-छोटे बिजनेसमैन जो ITR-4 फॉर्म भरते हैं, उन्हें 
अब अपना GST आइडेंटिफिकेशन नंबर, GST
के तहत घोषित टर्नओवर का खुलासा करना होगा
-जो लोग किसी फर्म में पार्टनर हैं, अब उन्हें ITR-2 
की बजाय ITR-3 में अपना रिटर्न भरना होगा

>IT रिटर्न -1 यानी सहज किसके लिए:
-जिनकी सालाना इनकम ₹50 लाख 
से अधिक नहीं हो, जिनके आय का 
स्रोत- सैलरी या पेंशन, एक हाउस प्रॉपर्टी,
अन्य स्रोत (लॉटरी या घुड़दौड़ की 
आय छोड़कर) हो
-NRI अब ITR-1 में रिटर्न नहीं 
भरेंगे, उन्हें ITR-2 भरना होगा

>अगर आप IT रिटर्न फॉर्म में 
-इनकम कम बताते हैं या
-कटौती बढ़ा-चढ़ाकर दिखाते हैं या
-इनकम टैक्स कानूनों का उल्लंघन करते हैं,तो
आपके खिलाफ कार्रवाई होगी। साथ ही आपके
Employer को भी इसकी सूचना दी जाएगी। 
-टैक्स सलाहकार या सीए के गलत फायदे की 
सलाह मत मानें:  इनकम टैक्स
-किसी के बहकावे में आकर गलत जानकारी ना दें-इनकम टैक्स
-गलत जानकारी देना कर चोरी मानी जाएगी-इनकम टैक्स 


>किस तरह की कार्रवाई?

-गलत जानकारी पकड़े जाने पर ना
 सिर्फ जुर्माना लगेगा बल्कि जेल भी 
हो सकती है
-इनकम टैक्स के कानून के तहत मुकदमा
दर्ज किया जा सकता है
-अदालती कार्रवाई का सामना करना 
पड़ सकता है
-कोई रिफंड बनता है तो टैक्सपेयर्स को लंबा 
इंतजार करना पड़ सकता है

-विभिन्न जांच एजेंसियों जैसे ईडी बगैरह को 
भी जांच का जिम्मा सौंपा जा सकता है
-जहां आप काम करते हैं, वहां भी आपके 
खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है
-सरकारी कर्मचारी हैं तो सतर्कता विभाग
को जांच सौंपी जा सकती है
-रिटर्न भरने में गलत सलाह देने वालों के 
खिलाफ भी कार्रवाई मुमकिम

>कार्रवाई से कैसे बचें?
-रिवाइज्ड यानी संशोधित रिटर्न फाइल करें,
लेकिन निश्चित समयसीमा के भीतर 

आप पूछेंगे कि अगर किसी ने जानबूझकर नहीं, बल्कि गलती से गलत जानकारी दी है, तो कार्रवाई से बचने के क्या उपाय हैं। अगर आपको पता चल जाए कि आपसे आईटी रिटर्न फाइल करने में गलती हुई है, तो आप रिवाइज्ड यानी संशोधित आईटी रिटर्न फाइल कर सकते हैं, ये काम आपको निश्चित समय सीमा के  भीतर ही कर लेना होगा... 

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(ब्लॉग एक, फायदे अनेक

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Rajanish Kant रविवार, 27 मई 2018