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बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (सहकारी समितियों पर यथा लागू) की धारा 56 के साथ पठित धारा 35 ए के अंतर्गत निदेश – दि सूरी फ्रेंड्स यूनियन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, सूरी, पश्चिम बंगाल – अवधि बढ़ाना
2. तदनुसार, भारतीय रिज़र्व बैंक, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 35ए की उप-धारा (1) के अंतर्गत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए, उक्त निदेशों को 22 जुलाई 2025 को कारोबार की समाप्ति से 22 अक्तूबर 2025 को कारोबार की समाप्ति तक तीन माह की अवधि के लिए बढ़ाता है, जो कि समीक्षाधीन होगा।
3. संदर्भाधीन निदेश के अन्य सभी नियम एवं शर्तें यथावत् रहेंगी।
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भारतीय रिज़र्व बैंक ने दि गवर्नमेंट एम्प्लाइज को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, धारवाड़, कर्नाटक पर मौद्रिक दंड लगाया
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 17 जुलाई 2025 के आदेश द्वारा दि गवर्नमेंट एम्प्लाइज को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, धारवाड़, कर्नाटक (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी ‘अपने ग्राहक को जानिए (केवाईसी)’ और ‘प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंकों (यूसीबी) के लिए व्यापक साइबर सुरक्षा ढांचा’ संबंधी कतिपय निदेशों के अननुपालन के लिए ₹1लाख (एक लाख रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 46(4)(i) और 56 के साथ पठित धारा 47ए(1)(सी) के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
31 मार्च 2024 को बैंक की वित्तीय स्थिति के संदर्भ में भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा बैंक का सांविधिक निरीक्षण किया गया। भारतीय रिज़र्व बैंक के निदेशों के अननुपालन के पर्यवेक्षी निष्कर्षों तथा उससे संबंधित पत्राचार के आधार पर, बैंक को एक नोटिस जारी किया गया, जिसमें उससे यह पूछा गया कि वह कारण बताए कि उक्त निदेशों के अनुपालन में विफलता के लिए उस पर दंड क्यों न लगाया जाए। नोटिस पर बैंक के उत्तर और व्यक्तिगत सुनवाई के दौरान की गई मौखिक प्रस्तुतियों पर विचार करने के बाद, भारतीय रिज़र्व बैंक ने, अन्य बातों के साथ-साथ, यह पाया कि बैंक के विरुद्ध निम्नलिखित आरोप सिद्ध हुए हैं, जिसके लिए मौद्रिक दंड लगाया जाना आवश्यक है:
बैंक:
i) निर्धारित समय-सीमा के भीतर ग्राहकों के केवाईसी रिकॉर्ड को केंद्रीय केवाईसी रिकॉर्ड रजिस्ट्री (सीकेवाईसीआर) पर अपलोड करने में विफल रहा; और
ii) रिज़र्व बैंक द्वारा निर्धारित साइबर सुरक्षा ढांचे के अंतर्गत कतिपय साइबर सुरक्षा नियंत्रण उपायों और अपेक्षाओं को लागू नहीं किया।
यह कार्रवाई, विनियामकीय अनुपालन में कमियों पर आधारित है और इसका उद्देश्य बैंक द्वारा ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या करार की वैधता पर सवाल करना नहीं है। इसके अलावा, इस मौद्रिक दंड को लगाने से भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा बैंक के विरुद्ध की जाने वाली किसी भी अन्य कार्रवाई पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ेगा।
(साभार- www.rbi.org.in)
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भारतीय रिज़र्व बैंक ने मोतीराम अग्रवाल जालना मर्चेंट्स को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, जालना, महाराष्ट्र पर मौद्रिक दंड लगाया
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 16 जुलाई 2025 के आदेश द्वारा मोतीराम अग्रवाल जालना मर्चेंट्स को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, जालना, महाराष्ट्र (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी ‘निदेशकों, रिश्तेदारों और फर्मों/संस्थाओं, जिसमें उनका हित हो, को ऋण और अग्रिम’ तथा 'एकल और समूह उधारकर्ताओं/ पार्टियों और बड़े एक्सपोज़रों के लिए एक्सपोज़र सीमाएँ और प्राथमिकता प्राप्त क्षेत्र को उधार लक्ष्य में संशोधन - यूसीबी' संबंधी कतिपय निदेशों के अननुपालन के लिए ₹6 लाख (छह लाख रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 46(4) (i) और 56 के साथ पठित धारा 47ए (1)(सी) के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
31 मार्च 2024 को बैंक की वित्तीय स्थिति के संदर्भ में भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा बैंक का सांविधिक निरीक्षण किया गया। भारतीय रिज़र्व बैंक के निदेशों के अननुपालन के पर्यवेक्षी निष्कर्षों तथा उससे संबंधित पत्राचार के आधार पर, बैंक को एक नोटिस जारी किया गया, जिसमें उससे यह पूछा गया कि वह कारण बताए कि उक्त निदेशों के अनुपालन में विफलता के लिए उस पर दंड क्यों न लगाया जाए। नोटिस पर बैंक के उत्तर, इसके द्वारा की गई अतिरिक्त प्रस्तुतियों और व्यक्तिगत सुनवाई के दौरान की गई मौखिक प्रस्तुतियों पर विचार करने के बाद, भारतीय रिज़र्व बैंक ने, अन्य बातों के साथ-साथ, यह पाया कि बैंक के विरुद्ध निम्नलिखित आरोप सिद्ध हुए हैं, जिसके लिए मौद्रिक दंड लगाया जाना आवश्यक है:
बैंक ने:
i) निदेशक संबंधी ऋण स्वीकृत किए; और
ii) कतिपय संबद्ध उधारकर्ताओं को लागू समूह एक्सपोज़र सीमा से अधिक ऋण और अग्रिम स्वीकृत किए।
यह कार्रवाई, विनियामकीय अनुपालन में कमियों पर आधारित है और इसका उद्देश्य बैंक द्वारा अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या करार की वैधता पर सवाल करना नहीं है। इसके अलावा, इस मौद्रिक दंड को लगाने से भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा बैंक के विरुद्ध की जाने वाली किसी भी अन्य कार्रवाई पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ेगा।
(साभार- www.rbi.org.in)
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भारतीय रिज़र्व बैंक ने सह्याद्रि सहकारी बैंक लिमिटेड, मुंबई, महाराष्ट्र पर मौद्रिक दंड लगाया
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 18 जुलाई 2025 के आदेश द्वारा सह्याद्रि सहकारी बैंक लिमिटेड, मुंबई, महाराष्ट्र (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा पर्यवेक्षी कार्रवाई ढांचा (एसएएफ़) के अंतर्गत जारी विशिष्ट निदेशों के अननुपालन के लिए ₹20,000 (बीस हजार रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 46(4)(i) और 56 के साथ पठित धारा 47ए(1)(सी) के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
31 मार्च 2024 को बैंक की वित्तीय स्थिति के संदर्भ में भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा बैंक का सांविधिक निरीक्षण किया गया। भारतीय रिज़र्व बैंक के निदेशों के अननुपालन के पर्यवेक्षी निष्कर्षों तथा उससे संबंधित पत्राचार के आधार पर, बैंक को एक नोटिस जारी किया गया, जिसमें उससे यह पूछा गया कि वह कारण बताए कि उक्त निदेशों के अनुपालन में विफलता के लिए उस पर दंड क्यों न लगाया जाए। नोटिस पर बैंक के उत्तर और व्यक्तिगत सुनवाई के दौरान की गई मौखिक प्रस्तुतियों पर विचार करने के बाद, भारतीय रिज़र्व बैंक ने, अन्य बातों के साथ-साथ, यह पाया कि बैंक के विरुद्ध निम्नलिखित आरोप सिद्ध हुआ है, जिसके लिए मौद्रिक दंड लगाया जाना आवश्यक है:
बैंक ने एसएएफ के अंतर्गत जारी निदेशों का अननुपालन करते हुए, नए ऋणों और अग्रिमों के लिए एकल उधारकर्ता एक्सपोज़र सीमा को, लागू विनियामक सीमा के 50% तक कम नहीं किया।
यह कार्रवाई, विनियामकीय अनुपालन में कमियों पर आधारित है और इसका उद्देश्य बैंक द्वारा ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या करार की वैधता पर सवाल करना नहीं है। इसके अलावा, इस मौद्रिक दंड को लगाने से भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा बैंक के विरुद्ध की जाने वाली किसी भी अन्य कार्रवाई पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ेगा।
(साभार- www.rbi.org.in)
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भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा एक गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी के पंजीकरण प्रमाणपत्र का पुनःस्थापन
अपीलीय प्राधिकरण/ न्यायालय द्वारा पारित आदेशों पर विचार करने के बाद निम्नलिखित गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी (एनबीएफसी) को जारी पंजीकरण प्रमाणपत्र को पुनःस्थापित कर दिया गया है। इस एनबीएफसी को भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 के लागू प्रावधानों और रिपोर्टिंग आवश्यकताओं सहित रिज़र्व बैंक द्वारा जारी दिशा-निर्देशों/ निदेशों के अनुपालन हेतु सूचित किया जाता है।
क्र. सं. | कंपनी का नाम | पंजीकृत कार्यालय पता | सीओआर सं. | सीओआर पुनःस्थापन की तारीख |
1 | जुपिटर मैनेजमेंट सर्विसेज़ प्राइवेट लिमिटेड | एस.सी.ओ नं. 20, डिस्ट्रिक्ट कमर्शियल सेंटर, सेक्टर -56, गुड़गांव, गुड़गांव, गुड़गांव, हरियाणा - 122011 | एन-14.03654 | 12 जून 2025 |
(साभार- www.rbi.org.in)
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भारतीय रिज़र्व बैंक ने 10 एनबीएफ़सी का पंजीकरण प्रमाण-पत्र निरस्त किया
भारतीय रिज़र्व बैंक ने भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 45-आईए (6) के अंतर्गत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए निम्नलिखित कंपनियों का पंजीकरण प्रमाणपत्र निरस्त कर दिया है।क्र. सं. | कंपनी का नाम | पंजीकृत कार्यालयीन पता | पंजीकरण प्रमाणपत्र सं. | प्रमाणपत्र जारी करने की तारीख | निरस्तीकरण आदेश की तारीख |
1 | परिधि ट्रेडिंग कंपनी प्राइवेट लिमिटेड | दूसरी मंजिल, अप्सरा सिनेमा बिल्डिंग, डॉ डी.बी. मार्ग, ग्रांट रोड, मुंबई, महाराष्ट्र - 400007 | 13.00973 | 12 अगस्त 1998 | 25 जून 2025 |
2 | प्रोग्रेसिव सिक्योरिटीज़ प्राइवेट लिमिटेड | प्लॉट नंबर ए-10, नारदाना इंडस्ट्रियल एरिया, नारदाना, महाराष्ट्र - 425404 | 13.00849 | 26 मई 1998 | 25 जून 2025 |
3 | सानवा फाइनेंस प्राइवेट लिमिटेड | सानवा हाउस, 97/99 मुंबई समाचार मार्ग, फोर्ट, मुंबई, महाराष्ट्र - 400023 | 13.00189 | 03 मार्च 1998 | 25 जून 2025 |
4 | सनफ्लेक्स फाइनेंस एंड इन्वेस्टमेंट्स लिमिटेड | 101-ए, लुंबिनी पैलेस, मेन तेजपाल रोड, विले पार्ले (पूर्व), मुंबई, महाराष्ट्र - 400057 | 13.00088 | 26 फरवरी 1998 | 25 जून 2025 |
5 | तिरुपति होल्डिंग्स लिमिटेड | एयर इंडिया बिल्डिंग, 14 वीं मंजिल, नरीमन पॉइंट, बॉम्बे 21, मुंबई, महाराष्ट्र - 400021 | 13.00359 | 18 मार्च 1998 | 25 जून 2025 |
6 | वसंत सांघवी सिक्योरिटीज़ प्राइवेट लिमिटेड | 110 रत्ना दीप 76/78, जे.एस.एस रोड, ओपेरा हाउस, मुंबई, महाराष्ट्र - 400004 | बी-13.01,725 | 05 फरवरी 2004 | 25 जून 2025 |
7 | विविड फाइनेंस एंड होल्डिंग्स प्राइवेट लिमिटेड | 107/108, मिडास, सहार प्लाज़ा कॉम्प्लेक्स, जे.बी.नगर, अंधेरी-कुर्ला रोड, अंधेरी (ई), मुंबई, महाराष्ट्र - 400059 | 13.00581 | 31 मार्च 1998 | 25 जून 2025 |
8 | वैरायटी इन्वेस्टमेंट्स प्राइवेट लिमिटेड | पहली मंजिल, राजा बहादुर, मैनशन अंबालाल दोशी मार्ग, बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज, फोर्ट, मुंबई, महाराष्ट्र - 400001 | 13.01272 | 28 जुलाई 1999 | 25 जून 2025 |
9 | सैम तुल इन्वेस्टमेंट्स लिमिटेड | यूनिट- 1044, इज्मिमा कॉम्प्लेक्स, 10वीं मंजिल ऑफ लिंक रोड मलाड (पश्चिम), मुंबई, महाराष्ट्र - 400064 | 13.00167 | 02 मार्च 1998 | 25 जून 2025 |
10 | श्रीरामंजनेय लीजिंग एंड फाइनेंस पी लिमिटेड | नंबर 11, गोविंद भवन, एस.वी. रोड, ऑफ चिंचोली नाका, मलाड वेस्ट, मुंबई, महाराष्ट्र - 400064 | बी-13.01402 | 11 अक्तूबर 2000 | 25 जून 2025 |
अतः ये कंपनियां भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 45-आई के खंड (ए) के अंतर्गत यथापरिभाषित गैर-बैंकिंग वित्तीय संस्था का कारोबार नहीं करेंगी।
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