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Income Tax विभाग से नौकरी करने वालों को बड़ी राहत!
Income Tax Department notified ITR Form 1 and 4 for AY 26 or fy 2024-25. Uderstand who can fill these forms.  अभी 31 मार्च 2025 को समाप्त हुए वित्त वर्ष यानी वित्त वर्ष 2024-25 या असेस्मेंट ईयर 2025-26 के लिए आईटीआर यानी इनकम टैक्स रिटर्न भरने का सीजन चल रहा है। इनकम टैक्स विभाग ने ITR फॉर्म 1 और 4 नोटिफाई कर दिया है। इस बार ITR-1 फॉर्म में बड़ा बदलाव किया गया है। आइए समझते हैं क्या हैं नए बदलाव और किन टैक्सपेयर के लिए कौन सा फॉर्म सही है ।





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2-अचानक की गई बंदी इंसान को संभलने का मौका नहीं देती। ऐसे में आनंद के साथ जीने के उपाय क्या हैं। मेरी इस किताब में पढ़िये...बंदी में कैसे रहें बिंदास" 
3-अमीर बनने के लिए पैसों से खेलना आना चाहिए। पैसों से खेलने की कला सीखने के लिए पढ़िये...
4-बच्चों को फाइनेंशियल एजुकेशन क्यों देना चाहिए पर हिन्दी में किताब- 'बेटा हमारा दौलतमंद बनेगा' - 
5-अमीर बनने की ख्वाहिश हममें से हर किसी की होती है, लेकिन इसके लिए लोगों को पैसे से पैसा बनाने की कला तो आनी चाहिए। कैसे आएगी ये कला, पढ़िये - 'आपका पैसा, आप संभालें' - 
6-इंसान के पास संसाधन या मार्गदर्शन हो या ना हो, सपने जरूर होने चाहिए। सिर्फ सपने के सहारे भी कामयाब होने वालों की दुनिया में कमी नहीं है। - 'जब सपने बन जाते हैं मार्गदर्शक' -
7-बेटियों को बहादुर बनने दीजिए और बनाइये, ये समय की मांग है,  "बेटी तुम बहादुर ही बनना " -
8 -अपनी हाउसिंग सोसायटी को जर्जर से जन्नत बनाने के लिए पढ़ें,  डेढ़ साल बेमिसाल -

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Rajanish Kant गुरुवार, 1 मई 2025
फायदे की खबर बैंक और पोस्ट ऑफिस में पैसा रखने वालों, नौकरीपेशा, टैक्सपेय...
New Rule from 1st April 2025... 1 अप्रैल 2025 से नया वित्त वर्ष शुरु हो रहा है। नए वित्त वर्ष में पैसों से जुड़े कई नए नियम लागू होने जा रहे हैं। अगर आप नौकरीपेशा हैं, टैक्सपेयर्स हैं, दो दो प्रॉपर्टी रखते हैं, बैंक और पोस्ट ऑफिस में पैसा रखते हैं, तो इस एपिसोड को अंत तक देखें।






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Rajanish Kant सोमवार, 31 मार्च 2025
Income Tax Notice: बैंक से कम पैसा निकालना महंगा पड़ेगा!
Income Tax cracking down on individuals with low fund withdrawals अगर आप बैंक में पैसा जमा करते हैं, लेकिन कम पैसा निकालते हैं या फिर नहीं निकालते हैं, तो आपके लिए बुरी खबर है। पूरी खबर जानने के लिए इस एपिसोड को अंत तक देखें।





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Rajanish Kant गुरुवार, 6 मार्च 2025
आयकर अधिनियम, 1961 से कितना अलग है आयकर विधेयक, 2025
आयकर अधिनियम, 1961 के व्यापक सरलीकरण की दिशा में आयकर विधेयक, 2025 संसद में पेश, दोनों में क्या अंतर है-


13 फरवरी को संसद में आयकर विधेयक, 2025 प्रस्तुत किया गया, जो आयकर अधिनियम, 1961 की भाषा और संरचना के सरलीकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।


सरलीकरण की प्रक्रिया तीन मुख्य सिद्धांतों पर आधारित थी:बेहतर स्पष्टता और संबद्धता के लिए पठनीय और संरचनात्मक सरलीकरण।
निरंतरता और निश्चितता सुनिश्चित करने के लिए कर नीति में कोई बड़ा बदलाव नहीं।
करदाताओं के लिए पूर्वानुमान बरकरार रखते हुए कर दरों में कोई संशोधन नहीं।

तीन-आयामी दृष्टिकोण को अपनाया गया:पठनीयता के बेहतर करने के लिए जटिल भाषा को हटाना।
बेहतर नेविगेशन के लिए गैर-जरूरी और दोहराव वाले प्रावधानों को हटाना।
संदर्भ में आसानी के लिए अनुच्छेदों को तार्किक रूप से पुनर्गठित करना।

परामर्शात्मक और अनुसंधान-आधारित दृष्टिकोण

सरकार ने करदाताओं, व्यवसायों, उद्योग संघों और पेशेवर निकायों से परामर्श लेते हुए व्यापक हितधारक जुड़ाव सुनिश्चित किया। मिले 20,976 ऑनलाइन सुझावों में से, जहां संभव हो, प्रासंगिक सुझावों की जांच की गई और उन्हें शामिल किया गया। उद्योग विशेषज्ञों और कर पेशेवरों के साथ परामर्श किया गया और सर्वोत्तम प्रथाओं के लिए ऑस्ट्रेलिया और यूके के सरलीकरण मॉडल का अध्ययन किया गया।

सरलीकरण अभ्यास के परिणाम

असर

समीक्षा से अधिनियम के आकार में काफी कमी आई है, जिससे यह अधिक सुव्यवस्थित और संक्षिप्त बन गया है। प्रमुख न्यूनीकरण का सारांश नीचे दिया गया है:

विषय

मौजूदा आयकर अधिनियम, 1961

प्रस्तावित आयकर विधेयक, 2025

बदलाव (कमीबढ़ोतरी)

शब्द

512,535

259,676

252,859 शब्दों की कमी

अध्याय

47

23

24 अध्यायों की कमी

अनुच्छेद

819

536

283 अनुच्छेदों की कमी

तालिकाएं

18

57

39 तालिकाओं की  बढ़ोतरी

फॉर्मूले

6

46

40 फॉर्मूलों की बढ़ोतरी

 

गुणवत्ता संबंधी सुधारसरल भाषा, कानून को और अधिक सुलभ बनाना।
संशोधनों का समेकन, हिस्सों में विभाजित करने को कम करना।
अधिक स्पष्टता के लिए अप्रचलित और अनावश्यक प्रावधानों को हटाना।
बेहतर पठनीयता के लिए तालिकाओं और फॉर्मूले के जरिए संरचनात्मक आधार पर सुव्यवस्थित करना।
मौजूदा कराधान सिद्धांतों का संरक्षण, उपयोगिता बढ़ाते हुए निरंतरता सुनिश्चित करना।

आयकर विधेयक, 2025 एक सरल और स्पष्ट कर ढांचा प्रदान करके ईज ऑफ डूइंग बिजनेस को बढ़ाने की सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

(साभार: पीआईबी)

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Rajanish Kant मंगलवार, 18 फ़रवरी 2025
Income Tax विभाग से ITR भरने वालों को बड़ी राहत
CBDT Extends the last date for furnishing-belated & revised return of income for ay 2024-25 जिन लोगों ने 31 मार्च 2024 को समाप्त हुए वित्त वर्ष यानी वित्त वर्ष 2023-24 या असेस्मेंट ईयर 2024-25 के लिए विलंबित या संशोधित आईटीआर यानी इनकम टैक्स रिटर्न नहीं भरा है,उनके लिए अच्छी खबर है। बिना जुर्माना के आईटीआर भरने की आखिरी भरने की आखिरी तारीख 31 जुलाई 2024 थी और जुर्माने के साथ विलंबित या संशोधित आईटीआर भरने की आखिरी तारीख 31 दिसंबर 2024 थी। तो राहत क्या मिली है, उसको जानने के लिए इस एपिसोड को आखिर तक देखिये।



Rajanish Kant गुरुवार, 2 जनवरी 2025
ITR में बताये गए आय और लेन-देन के अंतर को दूर करने के लिए इलेक्ट्रॉनिक अभियान की शुरुआत

सीबीडीटी ने वित्त वर्ष 2023-24 और 2021-22 के लिए आय और लेन-देन के अंतर को दूर करने के लिए इलेक्ट्रॉनिक अभियान शुरू किया



केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने वित्त वर्ष 2023-24 और 2021-22 के लिए वार्षिक सूचना विवरण (एआईएस) में रिपोर्ट की गई आय व लेनदेन और आयकर रिटर्न (आईटीआर) में बताए गए आय व लेनदेन के बीच विसंगति को हल करने में करदाताओं की सहायता के लिए एक इलेक्ट्रॉनिक अभियान शुरू किया है। यह अभियान उन व्यक्तियों को भी लक्षित करता है जिनके एआईएस में कर योग्य आय या उच्च-मूल्य लेनदेन की सूचना दी गई है लेकिन संबंधित वर्षों के लिए आईटीआर दाखिल नहीं किया है। यह पहल ई-सत्यापन योजना 2021 के कार्यान्वयन के अंतर्गत है।

इस अभियान के अंतर्गत करदाताओं और आयकर दाखिल न करने वालों को एसएमएस और ईमेल के माध्यम से सूचनात्मक संदेश भेजे गए हैं जहां एआईएस में रिपोर्ट किए गए लेनदेन और दायर किए गए आईटीआर के बीच विसंगति की पहचान की गई है। इन संदेशों का उद्देश्य उन व्यक्तियों को याद दिलाना और मार्गदर्शन करना है जिन्होंने वित्त वर्ष 2023-24 के लिए संशोधित या विलंबित आईटीआर दाखिल करने का अवसर लेने के लिए अपने आईटीआर में अपनी आय का पूरी तरह से खुलासा नहीं किया है। इन संशोधित या विलंबित आईटीआर  फाइल करने की अंतिम तिथि 31 दिसंबर, 2024 है।

वित्त वर्ष 2021-22 से संबंधित मामलों के लिए करदाता 31 मार्च, 2025 तक अपडेटेड आईटीआर दाखिल कर सकते हैं।

करदाता ई-फाइलिंग वेबसाइट (https://www.incometax.gov.in/iec/foportal/के माध्यम से एआईएस में रिपोर्ट की गई जानकारी से असहमत होने सहित अपनी प्रतिक्रिया भी दे सकते हैं।

यह पहल अनुपालन को सरल बनाने और पारदर्शिता सुनिश्चित करने की दिशा में प्रौद्योगिकी का लाभ उठाने के लिए आयकर विभाग की प्रतिबद्धता को दर्शाती है। तीसरे पक्ष के डेटा का उपयोग करके विभाग का लक्ष्य और अधिक कुशलकरदाता-अनुकूल प्रणाली का विकास करना है जो विकसित भारत के दृष्टिकोण के अनुरूप हो। सीबीडीटी सभी पात्र करदाताओं को अपनी कर जिम्मेदारियों को पूरा करने और देश के आर्थिक विकास में योगदान करने के लिए इस अवसर का लाभ उठाने हेतु प्रोत्साहित करता है। यह प्रयास न केवल विकसित भारत के लिए सरकार के दृष्टिकोण का समर्थन करता है बल्कि पारदर्शिताजवाबदेही और स्वैच्छिक अनुपालन की संस्कृति को भी बढ़ावा देता है।

 



(साभार- PIB)

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Rajanish Kant मंगलवार, 17 दिसंबर 2024
निर्धारण वर्ष 2024-25 के लिए रिकॉर्ड लोगों ने भरा ITR, जानिये पहली बार कितने लोगों ने भरा ITR

निर्धारण वर्ष 2024-25 के लिए 31 जुलाई, 2024 तक रिकॉर्ड 7.28 करोड़ आईटीआर दाखिल किए गए


निर्धारण वर्ष 2024-25 के लिए नई कर व्यवस्था के तहत 5.27 करोड़ आईटीआर दाखिल किए गए

31 जुलाई, 2024 को एक ही दिन में 69.92 लाख से अधिक आईटीआर दाखिल किए गए

31.07.2024 तक 58.57 लाख लोगों ने पहली बार आईटीआर दाखिल किए




करदाताओं और कर पेशेवरों द्वारा समय पर अपना अनुपालन किए जाने से आयकर रिटर्न (आईटीआर) दाखिल करने की संख्या में वृद्धि हुईजिसके परिणामस्वरूप 31 जुलाई 2024 तक दाखिल किए गए आईटीआर का एक नया रिकॉर्ड बना। निर्धारण वर्ष 2024-25 के लिए 31 जुलाई2024 तक दाखिल किए गए आईटीआर की कुल संख्या 7.28 करोड़ से अधिक रहीजो निर्धारण वर्ष 2023-24 के लिए 31 जुलाई2023 तक दाखिल कुल आईटीआर (6.77 करोड़) से 7.5 प्रतिशत अधिक है।

इस वर्ष बड़ी संख्या में करदाताओं ने नई कर व्यवस्था को चुना है। निर्धारण वर्ष 2024-25 के लिए दाखिल किए गए कुल 7.28 करोड़ आईटीआर में से 5.27 करोड़ नई कर व्यवस्था के तहत दाखिल किए गए हैंजबकि पुरानी कर व्यवस्था में 2.01 करोड़ आईटीआर दाखिल किए गए। इस प्रकारलगभग 72 प्रतिशत करदाताओं ने नई कर व्यवस्था का विकल्प चुना हैजबकि 28 प्रतिशत करदाता पुरानी कर व्यवस्था में बने हुए हैं।

आईटीआर दाखिल करने की प्रक्रिया 31 जुलाई2024 (वेतनभोगी करदाताओं और अन्य गैर-कर ऑडिट मामलों के लिए नियत तिथि) को चरम पर थी और एक ही दिन में यानी 31 जुलाई2024 को 69.92 लाख से अधिक आईटीआर दाखिल किए गए। ई-फाइलिंग पोर्टल पर भी 31.07.2024 को शाम 07:00 बजे से रात 08:00 बजे के बीच आईटीआर दाखिल करने की प्रति घंटे उच्चतम दर 5.07 लाख रही। आईटीआर दाखिल करने की प्रति सेकंड उच्चतम दर 917 (17.07.2024सुबह 08:13:54 बजे) रही और आईटीआर दाखिल करने की उच्चतम प्रति मिनट दर 9,367 (31.07.2024शाम 08:08 बजे) रही।

विभाग को पहली बार दाखिल करने वाले लोगों से 31.07.2024 तक 58.57 लाख आईटीआर भी प्राप्त हुएजो कर आधार के विस्तार का एक उपयुक्त संकेत है।

ऐतिहासिक रूप से पहली बारआईटीआर (आईटीआर-1आईटीआर-2आईटीआर-4आईटीआर-6) को वित्तीय वर्ष के पहले दिन यानी 01.04.2024 को ई-फाइलिंग पोर्टल पर उपलब्ध कराया गया था। आईटीआर-3 और आईटीआर-5 भी पिछले वित्तीय वर्षों की तुलना में पहले जारी कर दिए गए थे। करदाताओं को पुरानी और नई कर व्यवस्थाओं के बारे में शिक्षित करने पर बहुत जोर दिया गया। इस बारे में अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न और शैक्षिक वीडियो ई-फाइलिंग पोर्टल पर डिजाइन और अपलोड किए गए थे।

करदाताओं को अपना आईटीआर जल्दी दाखिल करने के लिए प्रोत्साहित करने हेतु सोशल मीडिया पर केंद्रित संपर्क अभियान चलाए गए। इसके साथ ही, विभिन्न मंचों पर अनूठे रचनात्मक अभियान भी चलाए गए। अंग्रेजी और हिंदी के अलावा 12 स्थानीय भाषाओं में सूचनात्मक वीडियो डिजिटल प्लेटफॉर्म पर प्रदर्शित किए गए। आउटडोर अभियान भी चलाए गए। इस तरह के ठोस प्रयासों से आईटीआर दाखिल करने की संख्या में वृद्धि के साथ सार्थक परिणाम सामने आए। पिछले कुछ वर्षों में आईटीआर दाखिल करने के निम्नलिखित आंकड़े इसकी पुष्टि करते हैं:

निर्धारण वर्ष

नियत तिथि

दाखिल किए गए रिटर्न की संख्या

2020-21

10/01/2021

5,78,45,678

2021-22

31/12/2021

5,77,39,682

2022-23

31/07/2022

5,82,88,692

2023-24

31/07/2023

6,77,42,303

2024-25

31/07/2024

7,28,80,318

निर्धारण वर्ष 2024-25 के लिए दाखिल किए गए 7.28 करोड़ आईटीआर में से 45.77 प्रतिशत आईटीआर आईटीआर-1 (3.34 करोड़) के तहत हैं14.93 प्रतिशत आईटीआर-2 (1.09 करोड़) के तहत हैं12.50 प्रतिशत आईटीआर-3 (91.10 लाख) के तहत हैं25.77 प्रतिशत आईटीआर-4 (1.88 करोड़) के तहत हैं और 1.03 प्रतिशत आईटीआर-5 से आईटीआर-7 (7.48 लाख) के तहत हैं। इनमें से 43.82 प्रतिशत से अधिक आईटीआर ई-फाइलिंग पोर्टल पर उपलब्ध ऑनलाइन आईटीआर सुविधा का उपयोग करके दाखिल किए गए हैं और शेष ऑफ़लाइन आईटीआर सुविधाओं का उपयोग करके दाखिल किए गए हैं।

आईटीआर दाखिल करने की व्यस्तम अवधि के दौरानई-फाइलिंग पोर्टल ने भारी ट्रैफिक को सफलतापूर्वक संभाला और इस प्रकार करदाताओं को आईटीआर दाखिल करने का एक सहज अनुभव प्रदान किया गया। अकेले 31 जुलाई2024 कोसफल लॉगिन की संख्या 3.2 करोड़ रही।

आईटीआर की प्रोसेसिंग शुरू करने और रिफंडयदि कोई होजारी करने के लिए ई-सत्यापन की प्रक्रिया महत्वपूर्ण होती है। यह जानना उत्साहवर्धक है कि 6.21 करोड़ से अधिक आईटीआर ई-सत्यापित किए गए हैंजिनमें से 5.81 करोड़ से अधिक का ई-सत्यापन आधार आधारित ओटीपी (93.56 प्रतिशत) के जरिए किया गया है। ई-सत्यापित आईटीआर में से निर्धारण वर्ष 2024-2025 के लिए 31 जुलाई2024 तक 2.69 करोड़ से अधिक (43.34 प्रतिशत) आईटीआर प्रोसेस किए गए हैं। जुलाई2024 के महीने में (निर्धारण वर्ष 2024-25 के लिए) टीआईएन 2.0 भुगतान प्रणाली के जरिए 91.94 लाख से अधिक चालान प्राप्त हुए हैंजबकि 1 अप्रैल2024 से टीआईएन 2.0 के जरिए दाखिल किए गए कुल चालानों की संख्या 1.64 करोड़ (निर्धारण वर्ष 2024-25 के लिए) है।

ई-फाइलिंग हेल्पडेस्क टीम ने वर्ष के दौरान 31.07.2024 तक करदाताओं के लगभग 10.64 लाख प्रश्नों के उत्तर दिए हैं और आईटीआर दाखिल करने की व्यस्तम अवधि के दौरान करदाताओं को सक्रिय रूप से सहायता प्रदान किया है। इनबाउंड और आउटबाउंड कॉललाइव चैटवेबएक्स और को-ब्राउजिंग सत्रों के जरिए करदाताओं को हेल्पडेस्क से सहायता प्रदान की गई।

हेल्पडेस्क टीम ने ऑनलाइन रिस्पांस मैनेजमेंट (ओआरएम) के जरिए विभाग के एक्स (ट्विटर) हैंडल पर प्राप्त प्रश्नों का समाधान भी किया और करदाताओं/हितधारकों तक सक्रिय रूप से पहुंचकर तथा वास्तविक समय के आधार पर विभिन्न समस्याओं में उनकी सहायता की। टीम ने 1 अप्रैल से 31 जुलाई2024 की अवधि के बीच 1.07 लाख से अधिक ई-मेल प्राप्त किए और 99.97 प्रतिशत प्रश्नों का सफलतापूर्वक समाधान किया।

विभाग आईटीआर और फॉर्म दाखिल करने के अनुपालन में सहायता देने के लिए कर पेशेवरों और करदाताओं के प्रति अपना आभार व्यक्त करता है। करदाताओं से यह भी अनुरोध किया जाता है कि वे अपने असत्यापित आईटीआरयदि कोई होको आईटीआर दाखिल करने के 30 दिनों के भीतर सत्यापित करें।

विभाग उन करदाताओंजो किसी भी कारण से नियत तिथि के भीतर अपना आईटीआर दाखिल करने से चूक गए हैं, से भी आग्रह करता है कि वे अपना आईटीआर दाखिल करने की प्रक्रिया को शीघ्रता से पूरा करें।  

(साभार: PIB)

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Rajanish Kant शनिवार, 3 अगस्त 2024