('बिना प्रोफेशनल ट्रेनिंग के शेयर बाजार जरूर जुआ है'
((शेयर बाजार: जब तक सीखेंगे नहीं, तबतक पैसे बनेंगे नहीं!
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विषय | मौजूदा आयकर अधिनियम, 1961 | प्रस्तावित आयकर विधेयक, 2025 | बदलाव (कमी/ बढ़ोतरी) |
शब्द | 512,535 | 259,676 | 252,859 शब्दों की कमी |
अध्याय | 47 | 23 | 24 अध्यायों की कमी |
अनुच्छेद | 819 | 536 | 283 अनुच्छेदों की कमी |
तालिकाएं | 18 | 57 | 39 तालिकाओं की बढ़ोतरी |
फॉर्मूले | 6 | 46 | 40 फॉर्मूलों की बढ़ोतरी |
गुणवत्ता संबंधी सुधारसरल भाषा, कानून को और अधिक सुलभ बनाना।
(साभार: पीआईबी)
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इस अभियान के अंतर्गत करदाताओं और आयकर दाखिल न करने वालों को एसएमएस और ईमेल के माध्यम से सूचनात्मक संदेश भेजे गए हैं जहां एआईएस में रिपोर्ट किए गए लेनदेन और दायर किए गए आईटीआर के बीच विसंगति की पहचान की गई है। इन संदेशों का उद्देश्य उन व्यक्तियों को याद दिलाना और मार्गदर्शन करना है जिन्होंने वित्त वर्ष 2023-24 के लिए संशोधित या विलंबित आईटीआर दाखिल करने का अवसर लेने के लिए अपने आईटीआर में अपनी आय का पूरी तरह से खुलासा नहीं किया है। इन संशोधित या विलंबित आईटीआर फाइल करने की अंतिम तिथि 31 दिसंबर, 2024 है।
वित्त वर्ष 2021-22 से संबंधित मामलों के लिए करदाता 31 मार्च, 2025 तक अपडेटेड आईटीआर दाखिल कर सकते हैं।
करदाता ई-फाइलिंग वेबसाइट (https://www.incometax.gov.in/iec/foportal/) के माध्यम से एआईएस में रिपोर्ट की गई जानकारी से असहमत होने सहित अपनी प्रतिक्रिया भी दे सकते हैं।
यह पहल अनुपालन को सरल बनाने और पारदर्शिता सुनिश्चित करने की दिशा में प्रौद्योगिकी का लाभ उठाने के लिए आयकर विभाग की प्रतिबद्धता को दर्शाती है। तीसरे पक्ष के डेटा का उपयोग करके विभाग का लक्ष्य और अधिक कुशल, करदाता-अनुकूल प्रणाली का विकास करना है जो विकसित भारत के दृष्टिकोण के अनुरूप हो। सीबीडीटी सभी पात्र करदाताओं को अपनी कर जिम्मेदारियों को पूरा करने और देश के आर्थिक विकास में योगदान करने के लिए इस अवसर का लाभ उठाने हेतु प्रोत्साहित करता है। यह प्रयास न केवल विकसित भारत के लिए सरकार के दृष्टिकोण का समर्थन करता है बल्कि पारदर्शिता, जवाबदेही और स्वैच्छिक अनुपालन की संस्कृति को भी बढ़ावा देता है।
(साभार- PIB)
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करदाताओं और कर पेशेवरों द्वारा समय पर अपना अनुपालन किए जाने से आयकर रिटर्न (आईटीआर) दाखिल करने की संख्या में वृद्धि हुई, जिसके परिणामस्वरूप 31 जुलाई 2024 तक दाखिल किए गए आईटीआर का एक नया रिकॉर्ड बना। निर्धारण वर्ष 2024-25 के लिए 31 जुलाई, 2024 तक दाखिल किए गए आईटीआर की कुल संख्या 7.28 करोड़ से अधिक रही, जो निर्धारण वर्ष 2023-24 के लिए 31 जुलाई, 2023 तक दाखिल कुल आईटीआर (6.77 करोड़) से 7.5 प्रतिशत अधिक है।
इस वर्ष बड़ी संख्या में करदाताओं ने नई कर व्यवस्था को चुना है। निर्धारण वर्ष 2024-25 के लिए दाखिल किए गए कुल 7.28 करोड़ आईटीआर में से 5.27 करोड़ नई कर व्यवस्था के तहत दाखिल किए गए हैं, जबकि पुरानी कर व्यवस्था में 2.01 करोड़ आईटीआर दाखिल किए गए। इस प्रकार, लगभग 72 प्रतिशत करदाताओं ने नई कर व्यवस्था का विकल्प चुना है, जबकि 28 प्रतिशत करदाता पुरानी कर व्यवस्था में बने हुए हैं।
आईटीआर दाखिल करने की प्रक्रिया 31 जुलाई, 2024 (वेतनभोगी करदाताओं और अन्य गैर-कर ऑडिट मामलों के लिए नियत तिथि) को चरम पर थी और एक ही दिन में यानी 31 जुलाई, 2024 को 69.92 लाख से अधिक आईटीआर दाखिल किए गए। ई-फाइलिंग पोर्टल पर भी 31.07.2024 को शाम 07:00 बजे से रात 08:00 बजे के बीच आईटीआर दाखिल करने की प्रति घंटे उच्चतम दर 5.07 लाख रही। आईटीआर दाखिल करने की प्रति सेकंड उच्चतम दर 917 (17.07.2024, सुबह 08:13:54 बजे) रही और आईटीआर दाखिल करने की उच्चतम प्रति मिनट दर 9,367 (31.07.2024, शाम 08:08 बजे) रही।
विभाग को पहली बार दाखिल करने वाले लोगों से 31.07.2024 तक 58.57 लाख आईटीआर भी प्राप्त हुए, जो कर आधार के विस्तार का एक उपयुक्त संकेत है।
ऐतिहासिक रूप से पहली बार, आईटीआर (आईटीआर-1, आईटीआर-2, आईटीआर-4, आईटीआर-6) को वित्तीय वर्ष के पहले दिन यानी 01.04.2024 को ई-फाइलिंग पोर्टल पर उपलब्ध कराया गया था। आईटीआर-3 और आईटीआर-5 भी पिछले वित्तीय वर्षों की तुलना में पहले जारी कर दिए गए थे। करदाताओं को पुरानी और नई कर व्यवस्थाओं के बारे में शिक्षित करने पर बहुत जोर दिया गया। इस बारे में अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न और शैक्षिक वीडियो ई-फाइलिंग पोर्टल पर डिजाइन और अपलोड किए गए थे।
करदाताओं को अपना आईटीआर जल्दी दाखिल करने के लिए प्रोत्साहित करने हेतु सोशल मीडिया पर केंद्रित संपर्क अभियान चलाए गए। इसके साथ ही, विभिन्न मंचों पर अनूठे रचनात्मक अभियान भी चलाए गए। अंग्रेजी और हिंदी के अलावा 12 स्थानीय भाषाओं में सूचनात्मक वीडियो डिजिटल प्लेटफॉर्म पर प्रदर्शित किए गए। आउटडोर अभियान भी चलाए गए। इस तरह के ठोस प्रयासों से आईटीआर दाखिल करने की संख्या में वृद्धि के साथ सार्थक परिणाम सामने आए। पिछले कुछ वर्षों में आईटीआर दाखिल करने के निम्नलिखित आंकड़े इसकी पुष्टि करते हैं:
निर्धारण वर्ष | नियत तिथि | दाखिल किए गए रिटर्न की संख्या |
2020-21 | 10/01/2021 | 5,78,45,678 |
2021-22 | 31/12/2021 | 5,77,39,682 |
2022-23 | 31/07/2022 | 5,82,88,692 |
2023-24 | 31/07/2023 | 6,77,42,303 |
2024-25 | 31/07/2024 | 7,28,80,318 |
निर्धारण वर्ष 2024-25 के लिए दाखिल किए गए 7.28 करोड़ आईटीआर में से 45.77 प्रतिशत आईटीआर आईटीआर-1 (3.34 करोड़) के तहत हैं, 14.93 प्रतिशत आईटीआर-2 (1.09 करोड़) के तहत हैं, 12.50 प्रतिशत आईटीआर-3 (91.10 लाख) के तहत हैं, 25.77 प्रतिशत आईटीआर-4 (1.88 करोड़) के तहत हैं और 1.03 प्रतिशत आईटीआर-5 से आईटीआर-7 (7.48 लाख) के तहत हैं। इनमें से 43.82 प्रतिशत से अधिक आईटीआर ई-फाइलिंग पोर्टल पर उपलब्ध ऑनलाइन आईटीआर सुविधा का उपयोग करके दाखिल किए गए हैं और शेष ऑफ़लाइन आईटीआर सुविधाओं का उपयोग करके दाखिल किए गए हैं।
आईटीआर दाखिल करने की व्यस्तम अवधि के दौरान, ई-फाइलिंग पोर्टल ने भारी ट्रैफिक को सफलतापूर्वक संभाला और इस प्रकार करदाताओं को आईटीआर दाखिल करने का एक सहज अनुभव प्रदान किया गया। अकेले 31 जुलाई, 2024 को, सफल लॉगिन की संख्या 3.2 करोड़ रही।
आईटीआर की प्रोसेसिंग शुरू करने और रिफंड, यदि कोई हो, जारी करने के लिए ई-सत्यापन की प्रक्रिया महत्वपूर्ण होती है। यह जानना उत्साहवर्धक है कि 6.21 करोड़ से अधिक आईटीआर ई-सत्यापित किए गए हैं, जिनमें से 5.81 करोड़ से अधिक का ई-सत्यापन आधार आधारित ओटीपी (93.56 प्रतिशत) के जरिए किया गया है। ई-सत्यापित आईटीआर में से निर्धारण वर्ष 2024-2025 के लिए 31 जुलाई, 2024 तक 2.69 करोड़ से अधिक (43.34 प्रतिशत) आईटीआर प्रोसेस किए गए हैं। जुलाई, 2024 के महीने में (निर्धारण वर्ष 2024-25 के लिए) टीआईएन 2.0 भुगतान प्रणाली के जरिए 91.94 लाख से अधिक चालान प्राप्त हुए हैं, जबकि 1 अप्रैल, 2024 से टीआईएन 2.0 के जरिए दाखिल किए गए कुल चालानों की संख्या 1.64 करोड़ (निर्धारण वर्ष 2024-25 के लिए) है।
ई-फाइलिंग हेल्पडेस्क टीम ने वर्ष के दौरान 31.07.2024 तक करदाताओं के लगभग 10.64 लाख प्रश्नों के उत्तर दिए हैं और आईटीआर दाखिल करने की व्यस्तम अवधि के दौरान करदाताओं को सक्रिय रूप से सहायता प्रदान किया है। इनबाउंड और आउटबाउंड कॉल, लाइव चैट, वेबएक्स और को-ब्राउजिंग सत्रों के जरिए करदाताओं को हेल्पडेस्क से सहायता प्रदान की गई।
हेल्पडेस्क टीम ने ऑनलाइन रिस्पांस मैनेजमेंट (ओआरएम) के जरिए विभाग के एक्स (ट्विटर) हैंडल पर प्राप्त प्रश्नों का समाधान भी किया और करदाताओं/हितधारकों तक सक्रिय रूप से पहुंचकर तथा वास्तविक समय के आधार पर विभिन्न समस्याओं में उनकी सहायता की। टीम ने 1 अप्रैल से 31 जुलाई, 2024 की अवधि के बीच 1.07 लाख से अधिक ई-मेल प्राप्त किए और 99.97 प्रतिशत प्रश्नों का सफलतापूर्वक समाधान किया।
विभाग आईटीआर और फॉर्म दाखिल करने के अनुपालन में सहायता देने के लिए कर पेशेवरों और करदाताओं के प्रति अपना आभार व्यक्त करता है। करदाताओं से यह भी अनुरोध किया जाता है कि वे अपने असत्यापित आईटीआर, यदि कोई हो, को आईटीआर दाखिल करने के 30 दिनों के भीतर सत्यापित करें।
विभाग उन करदाताओं, जो किसी भी कारण से नियत तिथि के भीतर अपना आईटीआर दाखिल करने से चूक गए हैं, से भी आग्रह करता है कि वे अपना आईटीआर दाखिल करने की प्रक्रिया को शीघ्रता से पूरा करें।
(साभार: PIB)
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