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बैंक गलत तरीके से लोन पर वसूलते हैं ज्यादा ब्याज, अब लौटाने होंगे एक्स्ट...
Banks charge interest on loans wrongly, now Will have to return the extra money लोन देने वाले बैंक, गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियां या होम फाइनेंस कंपनी गलत तरीके से लोन पर ब्याज वसूलते हैं। अब उन्हें गलत तरीके से लोन पर वसूले गए ब्याज के पैसे को संबंधित ग्राहकों को वापस करना होगा। क्या है पूरी खबर, जानने के लिए एपिसोड को अंत तक देखें।



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Rajanish Kant मंगलवार, 30 अप्रैल 2024
RBI ने मेसर्स एसमनी (इंडिया) (M/s Acemoney (India) का रजिस्ट्रेशन रद्द कर दिया, जानें क्यों

भारतीय रिज़र्व बैंक ने अनियमित उधार पद्धतियों के कारण मेसर्स एसमनी (इंडिया) लिमिटेड का पंजीकरण प्रमाणपत्र निरस्त किया



भारतीय रिज़र्व बैंक ने भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 45-आईए (6) के अंतर्गत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए, निम्नलिखित गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी (एनबीएफसी) को जारी पंजीकरण प्रमाणपत्र (सीओआर) निरस्त किया:

क्र. सं.एनबीएफसी का नामपंजीकृत कार्यालयीन पतासीओआर सं.सीओआर जारी करने की तारीखसेवा प्रदाता/ मोबाइल ऐप का नाम
1एसमनी (इंडिया) लिमिटेडडब्ल्यूपी-501डी, दूसरी मंजिल, यूनिट नंबर 203ए, शिव मार्केट, अशोक विहार, उत्तर पश्चिम दिल्ली, दिल्ली-110052एन-14.0335821 फरवरी 2017एक्टलोन, एग्मनी, नाइसकैश, कैशलेंडर, क्विकरुपी, लीडिंग कैश, टॉपकैश, क्रेडिटईजी, इनहैनकैश, कीबॉरो, रशलोन, केमैनकैश, लोन यूनियन, इंस्टेंट लोन, यूरुपी, कैशयस, रुपीअप, रुपीयस, कैशफुल, ड्रीमलोन, ग्रैंडलोन, होपलोन, क्रेडिटलोन, लेलोलोन, लेंडनाउ, पंचमनी, रोकलोन, रुपीगो, हैवकैश, क्विककैश, कैशियर, कैश डिलीवरी, बिजीएंट, कैश डव

अतः उक्त कंपनी भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 45-आई के खंड (ए) में यथापरिभाषित गैर-बैंकिंग वित्तीय संस्‍था (एनबीएफ़आई) का कारोबार नहीं करेगी।

अन्य पक्षकार ऐप्स के माध्यम से किए जाने वाले डिजिटल ऋण परिचालन में वित्तीय सेवाओं की आउटसोर्सिंग में जोखिम प्रबंधन और आचार संहिता संबंधी भारतीय रिज़र्व बैंक के दिशानिर्देशों के उल्लंघन के कारण उपरोक्त कंपनी का सीओआर निरस्त किया गया है। कंपनी अत्यधिक ब्याज वसूलने और ग्राहक जानकारी की गोपनीयता सुनिश्चित करने से संबंधित मौजूदा विनियमों का भी अनुपालन नहीं कर रही थी।

(साभार: www.rbi.org.in)

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Rajanish Kant
RBI ने डिजिटल पेमेंट के लिए 'टॉकचार्ज' का इस्तेमाल करने वालों को आगाह किया

 भारतीय रिज़र्व बैंक ने अनधिकृत संस्थाओं द्वारा जारी प्रीपेड भुगतान लिखतों के प्रति जनता को आगाह किया



भारतीय रिज़र्व बैंक के संज्ञान में यह आया था कि टॉकचार्ज टेक्नोलॉजीस प्राइवेट लिमिटेड (संस्था) नामक एक कंपनी, जिसका पंजीकृत कार्यालय यूनिट सं. 323, जेएमडी मेगापोलिस, तीसरी मंजिल, सोहना रोड, सेक्टर 48, गुड़गांव, हरियाणा-122018 में है, संदाय और निपटान प्रणाली अधिनियम, 2007 के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक से आवश्यक प्राधिकरण प्राप्त किए बिना अपनी वेबसाइट और ऐप (एप्लिकेशन) 'टॉकचार्ज' के माध्यम से प्रीपेड भुगतान लिखत (वॉलेट) जारी कर रही है।

तदनुसार, संस्था को अपने प्रीपेड भुगतान लिखतों या वॉलेट जारी करने और उसके परिचालन को रोकने तथा 15 दिनों के भीतर (जिसे बाद में संस्था के अनुरोध पर 45 दिनों, अर्थात्, 17 मई 2024 तक बढ़ा दिया गया था) वॉलेट में मौजूद शेष राशि को वापस करने के लिए 2 अप्रैल 2024 (संलग्न) को निदेश जारी किए गए।

रिजर्व बैंक के संज्ञान में यह आया है कि संस्था ने अपने ग्राहकों को विधिक नोटिस जारी कर कैशबैक वापस करने की मांग की है और ऐसा न करने पर मामला भारतीय रिज़र्व बैंक को सूचित किया जाएगा। इस प्रकार, संस्था ने अपने ग्राहकों के मन में यह धारणा बना दी है कि कैशबैक राशि चुकौती की मांग भारतीय रिज़र्व बैंक के निदेशों के अनुसार की जा रही है। यह स्पष्ट किया जाता है कि भारतीय रिज़र्व बैंक ने संस्था (टॉकचार्ज टेक्नोलॉजीस प्राइवेट लिमिटेड) को केवल वॉलेट में पड़ी प्रीपेड राशि ग्राहकों को वापस करने का निदेश दिया है।

जन सामान्य से आग्रह किया जाता है कि वे वेबसाइटों/ एप्लिकेशन/नों का उपयोग करते समय और ऐसी किसी भी अनधिकृत संस्था को अपना पैसा देते समय अत्यधिक सावधानी बरतें। जन सामान्य को स्वयं यह सत्यापित कर संतुष्ट होना चाहिए कि जिस वेबसाइट/एप्लिकेशन का उपयोग किया जा रहा है या जिस संस्था के साथ वे संव्यवहार कर रहे हैं, वह उसके द्वारा किए जाने वाले कार्यों के लिए अधिकृत है। अधिकृत भुगतान प्रणाली प्रदाताओं / अधिकृत भुगतान प्रणाली ऑपरेटरों की सूची भारतीय रिज़र्व बैंक की वेबसाइट https://www.rbi.org.in/Scripts/PublicationsView.aspx?id=12043. पर प्रदर्शित की गई है।

(साभार: www.rbi.org.in)

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Rajanish Kant सोमवार, 29 अप्रैल 2024
कोणार्क अर्बन कोऑपरेटिव बैंक पर बड़ा एक्शन
Bad News For one more Bank Account Holder महाराष्ट्र के उल्हासनगर के दि कोणार्क अर्बन कोऑपरेटिव बैंक के ग्राहकों के लिए बुरी खबर है। पूरी खबर को विस्तार से जानने के लिए इस एपिसोड को शुरू से लेकर अंत तक देखें।


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Rajanish Kant शुक्रवार, 26 अप्रैल 2024
RBI से नेशनल कोऑपरेटिव बैंक के ग्राहकों को झटका

बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (सहकारी समितियों पर यथा लागू) की धारा 56 के साथ पठित
धारा 35ए के अंतर्गत निदेश – दि नेशनल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, बैंगलोर - अवधि बढ़ाना



भारतीय रिज़र्व बैंक ने बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 35ए के अंतर्गत दिनांक 24 जुलाई 2023 के निदेश सं. BLR.DOS.SSMS.No.S836/09-01-112/2023-2024 के माध्‍यम से दि नेशनल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, बैंगलोर को समय-समय पर यथा संशोधित दिनांक 24 जनवरी 2024 को कारोबार की समाप्ति तक छह माह की अवधि के लिए निदेश जारी किए थे जिसे पिछली बार दिनांक 18 जनवरी 2024 के निदेश DOR.MON/D-116/12-23-112/2023-2024 के माध्यम से दिनांक 24 अप्रैल 2024 को कारोबार की समाप्ति तक बढ़ाया गया था। भारतीय रिज़र्व बैंक इस बात से संतुष्ट है कि जन हित में, इस निदेश की परिचालन अवधि को दिनांक 24 अप्रैल 2024 को कारोबार की समाप्ति से आगे बढ़ाना आवश्यक है।

2. तदनुसार, भारतीय रिज़र्व बैंक, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 35 ए की उप-धारा (1) के अंतर्गत निहित शक्तियों का प्रयोग करते हुए, निदेश को दिनांक 24 अप्रैल 2024 को कारोबार की समाप्ति से दिनांक 24 जुलाई 2024 को कारोबार की समाप्ति तक अगले तीन माह की अवधि के लिए बढ़ाता है जो कि समीक्षाधीन होगा।

3. संदर्भाधीन निदेश के अन्य सभी नियम एवं शर्तें यथावत् रहेंगी।

 (साभार- www.rbi.org.in)

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Rajanish Kant सोमवार, 22 अप्रैल 2024