रिज़र्व बैंक ने भारतीय रिज़र्व बैंक (डिजिटल ऋण) निदेश, 2025 जारी किए
भारतीय रिज़र्व बैंक ने समय-समय पर विनियमित संस्थाओं (आरई) द्वारा डिजिटल ऋण देने पर विभिन्न निदेश और परिपत्र जारी किए हैं। विभिन्न विनियामक अनुदेशों को समेकित करने और उन्हें सुव्यवस्थित करने के प्रयासों के भाग के रूप में, इस विषय पर समेकित निदेश तैयार किए गए हैं और भारतीय रिज़र्व बैंक (डिजिटल ऋण) निदेश, 2025 के रूप में जारी किए गए हैं।
2. इसके अलावा, पहली बार निम्नलिखित दो पहलुओं पर अनुदेश भी इन निदेशों के भाग के रूप में शामिल किए गए हैं:
"डिजिटल ऋण - एकाधिक ऋणदाताओं से ऋण उत्पादों के एकत्रीकरण में पारदर्शिता" पर अनुदेश: उपर्युक्त मामले पर एक परिपत्र का मसौदा 26 अप्रैल 2024 को सार्वजनिक प्रतिक्रिया के लिए जारी किया गया था। प्राप्त टिप्पणियों के आधार पर, इन निदेशों के भाग के रूप में इस संबंध में अंतिम अनुदेश जारी किए जा रहे हैं।
दिनांक 8 अगस्त 2024 के विकासात्मक और विनियामक नीतियों पर वक्तव्य में घोषित डिजिटल ऋण ऐप्स (डीएलए) की सार्वजनिक डायरेक्टरी के परिचालन संबंधी अनुदेश: अनुदेशों के अनुसार आरई को रिज़र्व बैंक के केंद्रीकृत सूचना प्रबंधन प्रणाली (सीआईएमएस) पोर्टल के माध्यम से अपने डीएलए का विवरण प्रस्तुत करना होगा। यह पोर्टल आरई को 13 मई 2025 को या उससे पहले रिपोर्टिंग के लिए उपलब्ध होगा और आरई के पास प्रारंभिक डेटा अपलोड करने के लिए 15 जून 2025 तक का समय होगा। डीएलए की सूची 1 जुलाई 2025 को या उससे पहले (Link to home->Citizen’s Corner -> DLA’s deployed by Regulated Entities) पर उपलब्ध होगी।
यह ध्यान देने योग्य है कि डीएलए की सूची वेबसाइट पर सीमित उद्देश्य से उपलब्ध कराई जा रही है, ताकि ग्राहकों को डीएलए का आरई के साथ संबंध के दावे को सत्यापित करने में सहायता मिल सके। यह सूची आरई द्वारा रिज़र्व बैंक के सीआईएमएस पोर्टल पर प्रस्तुत यथावत आंकड़ों के आधार पर तैयार की जाएगी, जिसमें रिज़र्व बैंक द्वारा किसी और सत्यापन जांच की आवश्यकता नहीं होगी। जब भी आरई वर्तमान विवरण (नए डीएलए को जोड़ना या मौजूदा डीएलए को हटाना) अद्यतन करेंगे, तो यह सूची स्वतः अद्यतित हो जाएगी।
(साभार: www.rbi.org.in)
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