Alternative Investment Funds (वैकल्पिक निवेश निधियों) में विनियमित संस्थाओं द्वारा निवेश संबंधी संशोधित निदेश – 8 जून तक भेजें अपनी राय

वैकल्पिक निवेश निधियों में विनियमित संस्थाओं द्वारा निवेश संबंधी संशोधित निदेश – टिप्पणियों के लिए मसौदा



रिज़र्व बैंक ने 19 दिसंबर 2023 को वैकल्पिक निवेश निधियों (एआईएफ) में विनियमित संस्थाओं (आरई) द्वारा निवेश से संबंधित दिशा-निर्देश जारी किए थे, जिसका उद्देश्य इस मार्ग द्वारा संभावित सदाबहारीकरण से संबंधित कतिपय चिंताओं को दूर करना था। इसके बाद, 27 मार्च 2024 के परिपत्र के माध्यम से कतिपय स्पष्टीकरण जारी किए गए।

2. समीक्षा करने पर यह पाया गया कि रिज़र्व बैंक द्वारा किए गए विनियामक उपायों से एआईएफ में निवेश के संबंध में विनियमित संस्थाओं में वित्तीय अनुशासन आया है। इस बीच, सेबी ने भी दिशानिर्देश जारी किए हैं, जिनमें अन्य बातों के साथ-साथ निवेशकों और एआईएफ के निवेश के संबंध में विशिष्ट सावधानी बरतने संबंधी अपेक्षाओं को भी शामिल किया गया, ताकि विनियामक ढांचे के उल्लंघन को रोका जा सके। इन गतिविधियों को देखते हुए, भारतीय रिज़र्व बैंक ने निदेशों का संशोधित मसौदा जारी किया है।

3. प्रमुख प्रस्ताव निम्नानुसार हैं:

  • किसी भी एआईएफ योजना में एकल आरई का योगदान उसके मूल निधि के 10 प्रतिशत तक सीमित होगा। सामूहिक रूप से, एआईएफ योजना में सभी आरई द्वारा निवेश के लिए 15 प्रतिशत की सीमा लागू होगी।

  • आरई द्वारा एआईएफ योजना की मूल निधि के पांच प्रतिशत तक के निवेश को बिना किसी प्रतिबंध के अनुमति दी जाएगी।

  • यदि किसी आरई द्वारा किया गया निवेश, योजना की मूल निधि के पांच प्रतिशत से अधिक होता है तथा यदि योजना में आरई की देनदार कंपनी में अधोवही ऋण निवेश (इक्विटी शेयर, अनिवार्यतः परिवर्तनीय अधिमानी शेयर तथा अनिवार्यतः परिवर्तनीय डिबेंचर को छोड़कर) है, तो आरई को अपने आनुपातिक जोखिम की सीमा तक 100 प्रतिशत प्रावधान करना होगा।

  • भारतीय रिज़र्व बैंक सरकार के परामर्श से कतिपय एआईएफ, जिन्हें कार्यनीतिक उद्देश्यों से स्थापित किया गया है, को छूट दे सकता है।

  • संशोधित निदेश भविष्यलक्षी प्रभाव से लागू होंगे। मौजूदा निवेश या प्रतिबद्धताएं मौजूदा मानदंडों का पालन करेंगी।

4. निदेशों के मसौदा पर जन सामान्य/हितधारकों से 8 जून 2025 तक टिप्पणियां आमंत्रित की गई हैं। टिप्पणियां/प्रतिक्रिया, भारतीय रिज़र्व बैंक की वेबसाइट पर उपलब्ध ‘कनेक्ट 2 रेगुलेट’ खंड के अंतर्गत लिंक के माध्यम से प्रस्तुत की जा सकती हैं या वैकल्पिक रूप से निम्नलिखित पते पर:

मुख्य महाप्रबंधक
क्रेडिट जोखिम समूह
विनियमन विभाग, केंद्रीय कार्यालय
भारतीय रिज़र्व बैंक, 12/13वीं मंजिल,
शहीद भगत सिंह मार्ग,
फोर्ट, मुंबई – 400 001
या
ईमेल द्वारा

 

(साभार: www.rbi.org.in)

('बिना प्रोफेशनल ट्रेनिंग के शेयर बाजार जरूर जुआ है'

((शेयर बाजार: जब तक सीखेंगे नहीं, तबतक पैसे बनेंगे नहीं! 

A- My Youtube Channels: 


B: My Blogs & Website: 
 
C-My published books on Amazon:      

1-कोऑपरेटिव हाउसिंग सोसायटी में रहने वाले हर लोगों के लिए जरूरी किताब।
2-अचानक की गई बंदी इंसान को संभलने का मौका नहीं देती। ऐसे में आनंद के साथ जीने के उपाय क्या हैं। मेरी इस किताब में पढ़िये...बंदी में कैसे रहें बिंदास" 
3-अमीर बनने के लिए पैसों से खेलना आना चाहिए। पैसों से खेलने की कला सीखने के लिए पढ़िये...
4-बच्चों को फाइनेंशियल एजुकेशन क्यों देना चाहिए पर हिन्दी में किताब- 'बेटा हमारा दौलतमंद बनेगा' - 
5-अमीर बनने की ख्वाहिश हममें से हर किसी की होती है, लेकिन इसके लिए लोगों को पैसे से पैसा बनाने की कला तो आनी चाहिए। कैसे आएगी ये कला, पढ़िये - 'आपका पैसा, आप संभालें' - 
6-इंसान के पास संसाधन या मार्गदर्शन हो या ना हो, सपने जरूर होने चाहिए। सिर्फ सपने के सहारे भी कामयाब होने वालों की दुनिया में कमी नहीं है। - 'जब सपने बन जाते हैं मार्गदर्शक' -
7-बेटियों को बहादुर बनने दीजिए और बनाइये, ये समय की मांग है,  "बेटी तुम बहादुर ही बनना " -
8 -अपनी हाउसिंग सोसायटी को जर्जर से जन्नत बनाने के लिए पढ़ें,  डेढ़ साल बेमिसाल -

D-My Social Media Handle:  
1) Twitter,Now X :    
2) Facebook
3) Facebook Page;   
4) Linkedin:  
5) Instagram

कोई टिप्पणी नहीं