सरकारी पेंशनरों को पेंशन के भुगतान से जुड़े सवालों के जवाब (Payment of Pension to Government Pensioners)



सरकारी पेंशनरों को पेंशन के भुगतान से सवालों के जवाब  (Payment of Pension to Government Pensioners)





(01 अप्रैल 2025 की स्थिति के अनुसार अद्यतन)

प्राधिकृत बैंकों द्वारा केंद्र सरकार के पेंशनरों को पेंशन के भुगतान की योजना

सेवानिवृत्त सरकारी कर्मचारियोंको पेंशन का भुगतान, जिसमें मूल पेंशन का भुगतान, बढ़ी हुई महंगाई राहत (डीआर), और सरकारों द्वारा समय-समय पर घोषित अन्‍य लाभ शामिल हैं और यह भारत सरकार और राज्‍य सरकारों के संबंधित मंत्रालयों / विभागों द्वारा तैयार किए संबंधित योजना से संचालित‍ होते हैं। इस संबंध में भारतीय रिज़र्व बैंक ने कुछ अनुदेश जारी किए हैं जो 01 अप्रैल 2025 के एजेंसी बैंकों द्वारा सरकारी पेंशन का संवितरण से संबंधित मास्‍टर परिपत्र में उपलब्‍ध है।भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी किए गए अनुदेशों से संबंधित कुछ मुद्दों पर स्पष्टीकरण प्रश्‍न और उत्‍तर के रूप में निम्‍नानुसार है।

1. क्‍या पेंशनर की मृत्‍यु के पश्‍चात उसके द्वारा धारित संयुक्‍त खाता परिवार पेंशन के लिए जारी रखा जा सकता है?

हां, बैंकों को केंद्र सरकार के पेंशनरों के मामले में नया खाता खोलने के लिए आग्रह नहीं करना चाहिए। यदि उत्‍तरजीवी जीवनसाथी (पति/पत्‍नी) के लिए पेंशन भुगतान आदेश (पीपीओ) में परिवार पेंशन के लिए प्राधिकार उपलब्‍ध है तो इस उद्देश्य से परिवार पेंशनर द्वारा नया खाता खोले बिना वर्तमान खाते में ही परिवार पेंशन जमा किया जाना चाहिए।

2. भुगतान करने वाली शाखा द्वारा पेंशनर के खाते में, पेंशन कब जमा की जाती है?

पेंशन का भुगतान करनेवाले बैंकों द्वारा पेंशनरों के खातों में पेंशनराशि को पेंशन भुगतान प्राधिकारियों (Pension Paying Authorities) द्वारा दिए गए अनुदेश के आधार पर जमा किया जाता है।

3. क्या पेंशन भुगतानकर्ता बैंक, पेंशनर के खाते में किए गए अधि‍क भुगतान की वसूली को वसूल कर सकता है?

(ए) एजेंसी बैंको से अनुरोध है कि, वे पेंशनरों को किए गए अधिक भुगतान की वसूली के लिए अपनाई जानेवाली प्रक्रिया के संबंध में संबंधित पेंशन स्‍वीकृतकर्ता अधिकारियों से दिशा-निर्देश प्राप्‍त कर लें।

(बी) जहां कहीं भी बैंकों द्वारा की गयी गलती के कारण अधिक पेंशन का भुगतान हुआ हो ऐसे मामलों में भुगतान की गई अधिक राशि का पता चलने के तुरंत बाद और पेंशनरों से किसी भी प्रकार की राशि की वसूली की प्रतीक्षा किए बिना तत्‍काल एक मुश्‍त सरकार को वापस किया जाए।

4. क्या पेंशनरों से जीवन प्रमाणपत्र प्राप्त होने पर पेंशन अदाकर्ता बैंक द्वारा पेंशन पर्ची दी जाती है?

ऐसी शिकायतें हैं कि पेंशन भुगतानकर्ता शाखाओं के काउंटर पर जमा किए गए जीवन प्रमाणपत्र गुम हो जाते हैं जिसके कारण मासिक पेंशन के भुगतान में देरी होती है। पेंशनरों द्वारा सामना की जा रही मुश्किलों को कम करने के लिए, एजेंसी बैंकों को निर्देश दिया गया था कि वे जीवन प्रमाणपत्र प्राप्त होने पर अनिवार्य रूप से पावती दें। उनसे यह भी अनुरोध किया गया था कि वे जीवन प्रमाणपत्र की प्राप्ति को अपने सीबीएस में भी दर्ज़ करें और यंत्रजनित पावती भी दें जिससे पावती और रिकार्डों को तत्काल अद्यतन कर देने के दोहरे उद्देश्य की पूर्ति भी हो जाएगी। बैंकों को पेंशनरों द्वारा प्रस्तुत डिजिटल जीवन प्रमाणपत्र के लिए डिजिटल पावती प्रदान करने का भी निर्देश दिया गया है।

5. क्या शाखा में जाए बिना जीवन प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना संभव है?

हां, पेंशनभोगी जीवन प्रमाण का उपयोग करके शाखा में जाए बिना जीवन प्रमाण पत्र जमा कर सकते हैं, बशर्ते कि पेंशन स्वीकृति प्राधिकरण प्लेटफॉर्म पर मौजूद हो। इसके अलावा, बैंकों को यह भी सलाह दी गई है कि वे सुपर सीनियर सिटीजन (70 वर्ष से अधिक आयु के पेंशनभोगी) और दिव्यांग या अशक्त व्यक्तियों (जिनकी चिकित्सकीय रूप से प्रमाणित पुरानी बीमारी या विकलांगता है) जिनमें दृष्टिबाधित व्यक्ति भी शामिल हैं, को ऐसे ग्राहकों के परिसर/निवास पर जीवन प्रमाण पत्र जमा करने की सुविधा प्रदान करें।

6. यदि‍ पेंशनर, हस्ताक्षर करने या हाथ/पैर का अंगूठा लगाने या बैंक में उपस्थि‍त होने में असमर्थ है तो क्या वह अपने खाते से पेंशन आहरण कर सकता है?

हाँ, भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा पेंशन वितरण के लिए पेंशन भुगतानकर्ता बैंकों को अनुदेश जारी किए हैं कि वे नीचे दी गई कुछ प्रक्रियाओं का पालन करते हुए पेंशन की आहरण की अनुमति दें:

बूढ़े/बीमार/अशक्त/अक्षम पेंशनरों द्वारा पेंशन का आहरण

(i) बीमार और अशक्त पेंशनरों द्वारा बैंकों से पेंशन/परिवार पेंशन आहरित करने में आ रही समस्याओं/कठिनाइयों को ध्यान में रखने के क्रम में एजेंसी बैंक ऐसे पेंशनरों को निम्नलिखित रूप में वर्गीकृत कर सकते हैं:-

(ए) पेंशनर, जो इतना बीमार है कि चेक पर हस्ताक्षर नहीं कर सकता / बैंक में प्रत्‍यक्ष रूप से उपस्थित नहीं हो सकता है।

(बी) पेंशनर, जो न केवल बैंक में प्रत्‍यक्ष रूप से उपस्थित होने में असमर्थ है बल्कि कुछ शारीरिक दोष/अक्षमता के कारण चेक/आहरण फार्म पर अपने हस्ताक्षर करने/अंगूठा का निशान लगाने में भी असमर्थ है।

(ii) ऐसे बूढ़े/बीमार/अक्षम पेंशनरों को ध्यान में रखते हुए उनके खातों के परिचालन के लिए बैंक निम्नलिखित प्रक्रिया अपना सकते हैं: -

(ए) जहाँ कहीं बूढ़े/बीमार पेंशनर का हाथ का अंगूठा/ पैर का अंगूठा का निशान प्राप्त किया जाए तो इसकी पहचान बैंक को ज्ञात दो स्वतंत्र गवाहों द्वारा की जानी चाहिए और इसमें से एक बैंक का जिम्मेदार अधिकारी होना चाहिए।

(बी) जहाँ पेंशनर अपने हाथ का अंगूठा/पैर का अंगूठा का निशान नहीं लगा सकता और बैंक में प्रत्‍यक्ष रूप से उपस्थित होने में भी अमसर्थ है तो चेक/आहरण फार्म पर एक निशान लिया जाए और दो स्वतंत्र गवाहों द्वारा इसकी पहचान की जानी चाहिए और इसमें से एक बैंक का जिम्मेदार अधिकारी होना चाहिए।

बैंक का जिम्मेदार अधिकारी उसी बैंक, अधिमानतः उसी शाखा से होना चाहिए, जहां पेंशनभोगी का पेंशन खाता है। एजेंसी बैंकों से अनुरोध है कि वे अपनी शाखाओं को यह अनुदेश दें कि वे इस संबंध में जारी अनुदेश अपने नोटिस बोर्ड पर प्रदर्शित करें ताकि बीमार और अक्षम पेंशनर इन सुविधाओं का पूर्ण रूप से उपयोग कर सकें।

7. पेंशनरों को संशोधि‍त दर पर महंगाई राहत का भुगतान कैसे होता है?

पेंशन अदाकर्ता एजेंसी बैंक को डाक, फैक्‍स, ई-मेल से सरकार द्वारा दी गई सरकारी आदेशों की प्रतियां या संबंधित सरकारों के वेबसाइट का एक्‍सेस कर प्राप्‍त जानकारी के आधार पर मंहगाई राहत को संशोधित किया जाता है और पेंशन अदाकर्ता शाखाओं को प्राधिकृत किया जाता है कि वे पेंशनरों को तत्‍काल भुगतान करें।

8. क्या पेंशनर, पेंशन/बकाया पेंशन विलंब से जमा किए जाने पर एजेंसी बैंकों से क्षतिपूर्ति प्राप्त करने के लिए पात्र हैं?

हां, पेंशन अदाकर्ता बैंक पेंशन/ बकाया पेंशन के देरी से जमा होने पर प्रतिवर्ष 8% की निर्धारित दर से भुगतान की नियत ति‍थि के बाद विलंब होने पर क्षतिपूर्ति करेगी। यह क्षतिपूर्ति दिनांक 1 अक्टूबर, 2008 के बाद के सभी विलंबित पेंशन भुगतानों के मामले में पेंशनरों के खाते में उसी दिन पेंशनर से दावे की प्रतीक्षा किए बिना स्‍वत: जमा हो जाएगी, जिस दिन संशोधित पेंशन/पेंशन बकाया से संबंधित राशि बैंक को प्राप्त होती है


यह एफ़एक्यू भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा केवल सूचना और सामान्य मार्गदर्शन के उद्देश्य से जारी किया गया है, जिसे किसी विधिक कार्यवाही में उद्धृत नहीं किया जा सकता है और इसका कोई विधिक प्रयोजन नहीं होगा। इसका आशय कोई विधिक परामर्श अथवा विधिक राय के रूप में नहीं माना जाएगा। इसके आधार पर की गई कार्रवाई/लिए गए निर्णय के लिए भारतीय रिज़र्व बैंक जिम्मेदार नहीं होगा। स्पष्टीकरण या व्याख्या के लिए, यदि कोई हो तो, पाठकों से अनुरोध है कि वे रिज़र्व बैंक और सरकार द्वारा समय-समय पर जारी संबंधित परिपत्र और अधिसूचना से मार्गदर्शन प्राप्त करें।

 (Source: www.rbi.org.in)



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