Results for "Pensioners"
Facility of Life Certificate by banks from the doorstep of the pensioners
The Ministry of Personnel, Public Grievances & Pensions, Department of Pension and Pensioners’ Welfare (DoPPW), has taken a landmark step to make life easier for senior citizens to submit their Annual Life Certificate for continued pension. The Department vide its circular no. 12/4/2020-P&PW(C)-6300, dated 17.01.2020 has issued directions to all the Pension Disbursing Banks to send SMSs/Emails to all their pensioners on 24th October, 1st November, 15th November and 25th November every year reminding them to submit their Annual Life Certificates by 30th November.
The Department for stricter monitoring in order to ensure that no pensioners are left out, directed all Pension Disbursing Banks to make an exception list as on 1st December every year of those pensioners who fail to submit their Life Certificate and issue another SMS/Email to them for submitting the Life Certificate. The bank in addition will also ask such pensioners through SMS/Email as to whether they are interested in submission of Life Certificate through a chargeable doorstep service, the charge not exceeding Rs.60/-.
The Central Pension Processing Cells (CPPC) of the Pension Disbursing Banks shall now be duty bound to submit a report to DoPPW in the month of January, February & March respectively, indicating the total number of pensioners who have not given their Life Certificate along with a breakup of the Certificates submitted physically and through Digital means.
The above is a landmark step from the side of the Central Government showing due care for pensioners. This step is in addition to the order issued recently dated 18.07.2019 vide which all pensioners age 80 years and above have been given an exclusive window to submit their Life Certificate w.e.f. 1st October every year instead of 1st November every year.
(साभार- पीआईबी )
शेयर बाजार से पैसा बनाने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें



Plz Follow Me on: 


Rajanish Kant शुक्रवार, 31 जनवरी 2020
पेंशनधारकों के काम की खबर! पेंशन के संबंध में RBI द्वारा 30 जून 2018 तक जारी निर्देश
                        मास्टर परिपत्र - एजेंसी बैंकों द्वारा सरकारी पेंशन का वितरण


मास्टर परिपत्र - एजेंसी बैंकों द्वारा सरकारी पेंशन का संवितरण
प्रस्तावना
सेवानिवृत्त सरकारी कर्मचारियों को पेंशन के भुगतान जिसमें मूल पेंशन, बढ़ी हुई मंहगाई राहत (डीआर) और सरकार द्वारा जब और जैसे घोषित अन्य लाभ का भुगतान शामिल है, भारत सरकार और राज्य सरकारों के संबंधित मंत्रालयों/विभागों द्वारा तैयार की गई संबंधित योजनाओं से नियंत्रित होता है। इस मास्टर परिपत्र में रिज़र्व बैंक द्वारा 30 जून 2018 तक जारी किए गए महत्वपूर्ण अनुदेश समेकित हैं। यह वर्तमान सरकारी अनुदेशों को प्रतिस्‍थापित अथवा अधिक्रमित नहीं करता है। किसी संदेह अथवा प्रकट विरोधाभास के मामले में एजेंसी बैंक संबंधित सरकारी अनुदेशों से मार्गदर्शन प्राप्त कर सकते हैं। इस संबंध में भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी किए गए विभिन्न परिपत्रों की विषयवस्तु का सार यहाँ नीचे दिया जा रहा है।
सामान्य अनुदेश
वेबसाइट पर प्रदर्शित मंहगाई राहत (डीआर) आदि संबंधी सरकारी आदेश
2. महंगाई राहत आदेशों के जारी होने और हिताधिकारी को महंगाई राहत का भुगतान किए जाने के बीच के समयांतराल को समाप्त करने तथा वरिष्ठ नागरिकों को त्वरित सेवा उपलब्ध कराने की दृष्टि से निम्नलिखित कार्रवाई किया जाना अपेक्षित है :
(क) वित्त मंत्रालय से जैसे ही संशोधित दर पर महंगाई राहत की मंजूरी प्राप्त होती है, पेंशनभोगियों को संशोधित दरों पर महंगाई राहत के भुगतान के आदेश जारी कर दिए जाते हैं और ऐसे आदेशों की प्रतियाँ तुरंत ई-मेल के साथ-साथ फैक्स द्वारा सभी एजेंसी बैंकों के प्रधानों को इन अनुदेशों के साथ भेज दी जाती हैं कि वे महंगाई राहत का शीघ्र भुगतान करने के लिए आवश्यक कार्रवाई करें।
(ख) उक्त आदेश कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय की वेबसाइट (http://www.persmin.nic.in) पर डाले जाते हैं ।
(ग) इन आदेशों की प्रतियाँ सभी एजेंसी बैंकों के प्रधानों को डाक द्वारा भी भेजी जाती हैं और भारतीय बैंक संघ द्वारा उन्हें प्रमुख समाचार पत्रों में प्रकाशित करवाया जाता है।
(घ) पेंशन अदा करने वाले एजेंसी बैंकों को राज्य मुख्यालयों में स्थित प्राधिकृत बैंकों के प्रधान कार्यालयों और/अथवा क्षेत्रीय कार्यालयों को सरकार द्वारा भेजे गए अथवा राज्य सरकार की वेबसाइट पर लगे आदेशों की प्रतियों पर कार्रवाई करनी चाहिए।
(ङ) एजेंसी बैंकों के नियंत्रक कार्यालयों/प्रधान कार्यालयों को इस बात की पूर्ण रूप से निगरानी करनी चाहिए और पर्यवेक्षण करना चाहिए कि पात्र पेंशनभोगियों को सरकारी पेंशन का समय पर और सही संवितरण हो।
(च) सभी एजेंसी बैंकों को सूचित किया जाता है कि वे सरकार (केंद्र के साथ-साथ राज्य सरकार) की विभिन्न अधिसूचनाओं में निहित दिशानिर्देशों/अनुदेशों का ईमानदारी से अनुपालन करें और इस संबंध में भारतीय रिज़र्व बैंक से अगले अनुदेशों की प्रतीक्षा किए बिना तुरंत आवश्यक कार्रवाई करें।
नामांकन
3. पेंशनभोगियों को होने वाली असुविधा का निवारण करने की दृष्टि से, समस्त पेंशन प्रदाता बैंक शाखाएं वारिस/वारिसों को पेंशन की बकाया राशि का भुगतान करने के लिए केंद्रीय सिविल/रेलवे पेंशनभोगियों द्वारा प्रस्तुत फार्म "ए" अथवा "बी" में जैसा भी मामला हो, नामांकन प्राप्त करें।
4. केंद्रीय सिविल और रेलवे पेंशनभोगियों के मामले में पास बुक के मुख पृष्ठ पर नामांकन फार्म ‘ए’ और ‘बी’ के अनुसार नामितियों के नाम परांकित कर देना चाहिए और शाखाओं को यह सुनिश्चित करने के लिए सूचित करें कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों द्वारा पेंशनभोगियों के पेंशन के संवितरण संबंधी योजनाओं में दी गई प्रक्रिया का ईमानदारी से पालन किया जाए।
भारत सरकार से सेवानिवृत्त हो रहे अखिल भारतीय सेवा के अधिकारी
5. केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर रहते हुए भारत सरकार से सेवानिवृत्त होने वाले अखिल भारतीय सेवा के अधिकारियों को पेंशन के भुगतान के लिए अपनाई जाने वाली लेखांकन प्रक्रिया निम्नलिखित है :
(क) अखिल भारतीय सेवा के पेंशनभोगियों के पीपीओ संख्‍या में, केंद्रीय सिविल पेंशनभोगी के लिए प्रयुक्त 12 अंकीय संख्या घटक के अलावा, पेंशनभोगी की सेवा तथा संबंधित राज्य संवर्ग दर्शाने वाला एक उपसर्ग शामिल होगा। पंजाब संवर्ग के एक आईएएस अधिकारी के लिए एक नमूना पीपीओ संख्‍या इस प्रकार होगा - आईएएस/पीबी/438840400191 ।
(ख) अखिल भारतीय सेवा के पेंशनभोगियों को केवल प्राधिकृत बैंकों के माध्यम से ही पेंशन प्राप्त करने का विकल्प होगा।
(ग) केंद्रीय पेंशन लेखा कार्यालय (सीपीएओ) द्वारा जारी विशेष सील प्राधिकार (एसएसए) केंद्रीय सिविल पेंशनभोगियों के लिए जारी आदेशों से उन्हें अलग दर्शाने हेतु नीले रंग में होंगे। इसके अलावा, प्राधिकारी उस राज्य सरकार का नाम प्रदर्शित करेगा, जिसके खाते में भुगतान नामे डाला जाना है।
(घ) विशेष सील अधिकार की एक प्रति सूचना और अभिलेख हेतु संबंधित महालेखाकार को प्रेषित की जाएगी।
(ङ) बैंक की संबंधित प्रदाता शाखाएं, पेंशनभोगी की पहचान से संबंधित आवश्यक प्रक्रिया अपनाने के बाद भुगतान जारी करेंगी और मामले के अनुसार रिज़र्व बैंक/स्टेट बैंक की प्रतिपूरक शाखाओं को प्रतिपूर्ति के लिए उनके माध्यम से भुगतान करने हेतु राज्य सरकार के पेंशनभोगियों के लिए तैयार किए गए स्क्रॉल में अखिल भारतीय सेवा पेंशनभोगी का नाम शामिल करेंगी। केंद्र सरकार के सिविल पेंशनभोगियों को पेंशन की प्रतिपूर्ति की सिंगल विंडो प्रणाली के अंतर्गत ऐसे स्क्रॉल प्रयोग में नहीं आ रहे हैं, इसलिए इन्हें केंद्रीय पेंशन लेखा कार्यालय (सीपीएओ) में नहीं भेजा जाना चाहिए
(च) प्रतिपूरक शाखाएं राज्य सरकार के पेंशनभोगियों वाली प्रक्रिया अपनाएंगी और भारतीय रिज़र्व बैंक, केंद्रीय लेखा अनुभाग, नागपुर को सूचित करेंगी तथा तदनुरूपी स्क्रॉल संबंधित महालेखाकार को भेजेंगी।
(छ) भारतीय रिज़र्व बैंक, केंद्रीय लेखा अनुभाग, नागपुर निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार इसे संबंधित राज्य सरकार के खाते में नामे डालेगा।
पेंशन संयुक्त खाते में जमा करना
6. केंद्र सरकार के विभिन्न मंत्रालयों तथा राज्य सरकारों ने पेंशनभोगी के पति/की पत्नी, जिसके पक्ष में पेंशन भुगतान आदेश (पीपीओ) में प्राधिकार मौजूद है, के साथ परिचालित संयुक्त खाते में भी पेंशन की राशि जमा करने की अनुमति के संबंध में पेंशन भुगतान योजना को संशोधित कर दिया है। पति/पत्नी के साथ रखा गया पेंशनभोगी का संयुक्त खाता निम्नलिखित शर्तों के अधीन या तो "पूर्ववर्ती अथवा उत्तरजीवी" या "दोनों में से कोई एक अथवा उत्तरजीवी" आधार पर परिचालित किया जा सकता है:-
(क) पेंशनभोगी के बैंक खाते में पेंशन के एकबार जमा हो जाने के बाद सरकार/बैंक की देयता समाप्त हो जाएगी। पति/पत्नी द्वारा गलत राशि का आहरण किए जाने पर भी कोई अन्य देयता नहीं होगी।
(ख) चूँकि पेंशन केवल पेंशनभोगी के जीवन तक ही देय है उसकी/उनकी मृत्यु की सूचना बैंक को शीघ्रातिशीघ्र और किसी भी मामले में मृत्यु होने के एक माह के भीतर दी जाएगी ताकि पेंशनभोगी की मृत्यु के बाद बैंक पति/पत्नी के संयुक्त खाते में मासिक पेंशन की राशि जमा करना जारी न रखे। तथापि यदि गलती से कोई राशि संयुक्त खाते में जमा हो जाती है तो इसे इस संयुक्त खाते से तथा/अथवा पेंशनभोगी/उसके पति/उसकी पत्नी के नाम से व्यक्तिगत/संयुक्त रूप से रखे किसी अन्य खाते से वसूल की जा सकेगी। राशि, जिसे संयुक्त खाते में गलती से जमा कर दिया गया हो, वापस करने के लिए उनके विधिक वारिस, उत्तराधिकारी, निष्पादक आदि भी जिम्मेदार होंगे।
(ग) पेंशन के बकाए का भुगतान (नामांकन) नियमावली, 1983 पेंशनभोगियों के पति/पत्नी के साथ संयुक्त खाते के लिए लागू होगा। इसका आशय यह है कि यदि इस नियमावली के नियम 5 और 6 के अनुसार यदि कोई ‘स्वीकृत नामांकन’ है तो नियमों में उल्लिखित बकाया राशि नामिती को देय होगी।
7. वर्तमान पेंशनभोगियों, जो अपने पेंशन का भुगतान ऊपर निर्दिष्ट एक संयुक्त खाते में चाहते हों, से अपेक्षित है कि वे उस बैंक शाखा में जहाँ से वे वर्तमान में पेंशन प्राप्त कर रहे है, निर्धारित प्रारूप में एक आवेदन प्रस्तुत करें। संबंधित मंत्रालय/सरकार द्वारा निर्दिष्ट निबंधन और शर्तों को स्वीकार करने की पुष्टि स्वरूप पेंशनभोगी के पति/पत्नी को भी इस आवेदन में हस्ताक्षर करने होंगे। वर्तमान/भविष्य के पेंशनभोगियों के लिए भी यह सुविधा लागू है।
8. कुछ राज्यों/मंत्रालयों की इस योजना में यह शामिल है कि पीपीओ में पति/पत्नी, जिसके पक्ष में परिवार पेंशन को प्राधिकृत किया गया है, को छोड़कर पेंशन जमा करने के लिए किसी अन्य व्यक्ति के नाम से संयुक्त खाता खोलने की अनुमति नहीं होगी। संशोधित योजना के अंतर्गत परिवार पेंशनभोगियों को भी शामिल नहीं किया गया है। विस्तृत ब्यौरे के लिए प्रत्येक मंत्रालय/राज्य सरकार की योजना को देखा जाए।
पेंशनभोगियों/परिवार पेंशनभोगियों की पासबुक में पीपीओ संख्या दर्ज करना
9. एजेंसी बैंकों को सूचित किया गया है कि वे पेंशनभोगियों/परिवार पेंशनभोगियों को जारी की गई उनकी सभी पासबुकों में पीपीओ संख्या दर्ज करें। इससे मूल पीपीओ के खो जाने की स्थिति में पेंशन भुगतान आदेश (पीपीओ) की दूसरी प्रति प्राप्त करने, पेंशन खाता एक बैंक/शाखा से दूसरे बैंक/शाखा में अंतरित करने, पेंशनभोगी की मृत्यु के बाद पति/पत्नी अथवा आश्रित बच्चों के लिए परिवार पेंशन प्रारंभ करने आदि में पीपीओ संख्या की तुरंत उपलब्धता के अभाव में पेंशनभोगियों/परिवार पेंशनभोगियों द्वारा सूचित की गई कठिनाइयों से बचा जा सकेगा। केंद्रीय पेंशन लेखांकन कार्यालय द्वारा 17 सितंबर 2014 के अपने कार्यालय ज्ञापन सीपीएओ/टेक/स्पष्टीकरण/पी एंड पीडब्ल्यू/2014-15/426-497 के माध्यम से और प्रधान रक्षा लेखा नियंत्रक (पेंशन) द्वारा 28 नवंबर 2016 के परिपत्र सं.185 के माध्यम से सभी प्राधिकृत बैंकों को इस संबंध में आवश्यक अनुदेश पहले ही जारी कर दिए गए हैं। सभी एजेंसी बैंकों को सूचित किया जाता है कि वे पेंशनभोगियों/परिवार पेंशनभोगियों की पासबुक में पेंशन भुगतान आदेश (पीपीओ) संख्या दर्ज करें।
पेंशन की राशि में परिवर्तन हेतु पेंशन भुगतान आदेश (पीपीओ) को अद्यतन करना
10. पेंशन अदाकर्ता बैंक की कुछ शाखाएं जबकभी पेंशन भुगतान आदेश (पीपीओ) के दोनों अर्धभाग में मूल दरों में परिवर्तन करती हैं तो वे मूल पेंशन/परिवार पेंशन की राशि को अद्यतन नहीं करती हैं। इस संबंध में “सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों द्वारा केंद्र सरकार के सिविल पेंशनभोगियों के पेंशन के भुगतान की योजना” के पैराग्राफ 12.17 और पैराग्राफ 19.1 को नीचे प्रस्तुत किया गया है :
“जबकभी पेंशन तथा/अथवा पेंशन संबंधी मंहगाई राहत की मूल दरों में परिवर्तन किया जाता है तो पेंशन अदा करने वाली शाखाएं पेंशनभोगी के पेंशन भुगतान आदेश के पेंशनभोगी वाले अर्धभाग को वापस लेगा और इस पर अन्य बातों के साथ-साथ ऐसे परिवर्तन प्रभावी होने की तारीख इंगित करते हुए इन परिवर्तनों को दर्ज़ करेगा। ऐसा कर दिए जाने के बाद इसके अर्धभाग को पेंशनभोगी को लौटा दिया जाएगा।” (पैरा 12.17)
जबकभी सरकार द्वारा पेंशन से संबंधित कोई अतिरिक्त राहत स्वीकृत की जाती है तो कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय (पेंशन और पेंशनभोगी कल्याण विभाग) द्वारा प्रत्येक नामित सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक के प्राधिकृत प्रतिनिधि को (उसके नाम से) दिए गए पते पर इस आशय से संबंधित सूचना भेजी जाएगी। इसके बाद बैंक की यह जिम्मेदारी होगी कि वह दिल्ली में परिचालित अपने प्रतिनिधियों अथवा अन्यथा के माध्यम से कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय (पेंशन और पेंशनभोगी कल्याण विभाग) से ऐसे स्वीकृति आदेशों के साथ-साथ तत्संबंधी रेडीरेकनर की पर्याप्त संख्या में प्रतियाँ (अग्रिम रूप से सूचित करने के लिए) संकलित करे और दस दिनों के भीतर इसे कार्यान्वित करने हेतु सीधे पेंशन अदा करने वाली शाखाओं को प्रेषित करने के लिए अपने संबंधित प्रधान कार्यालयों को तुरंत भेजे। ऐसे भुगतान करने वाली प्रत्येक शाखा इन भुगतानों के अंतर्गत केंद्र सरकार के सिविल पेंशनभोगियों को देय पेंशन राहत की संशोधित दरें त्वरित रूप से तय करेगी। व्यक्तिगत पेंशनभोगियों के लिए लागू इन दरों की गणना अनुबंध XXII (पृष्ठ संख्या 50) के अनुसार की जाएगी और वे इसे पीपीओ के वितरक वाले भाग में नोट करेंगे। साथही ऐसी राहत को प्रभावी किए जाने की तारीख भी यहाँ नोट की जाएगी। इस कारण पेंशनभोगी को देय संशोधित दर पर राहत तथा/अथवा पेंशन की बकाया राशि, यदि कोई हो, का भुगतान प्रारंभ किए जाने के पूर्व इसे शाखा प्रबंधक अथवा प्रभारी अधिकारी द्वारा अभिप्रमाणित किया जाएगा। (पैरा 19.1)
एजेंसी बैंक उक्त प्रावधानों की ओर पेंशन अदा करने वाली अपनी शाखाओं का ध्यान आकर्षित करें तथा उन्हें सूचित करें कि वे इन अनुदेशों का कड़ाई से अनुपालन करें।
पेंशन पर्ची जारी करना
11. केंद्रीय पेंशन लेखांकन कार्यालय (सीपीएओ)/रक्षा/रेल मंत्रालय तथा विभिन्न राज्य की सरकारों द्वारा यह निर्णय लिया गया है कि परिवार पेंशनभोगियों सहित अपने पेंशनभोगियों के लिए पेंशन पर्ची जारी की जाए। तदनुसार निर्धारित प्रारूप में पेंशनभोगी/परिवार पेंशनभोगियों को पेंशन प्रारंभ होते समय और इसके बाद पेंशन के परिमाण में परिवर्तन होने पर पेंशन पर्ची जारी की जाएगी। पेंशन भुगतान आदेश (पीपीओ) के दोनों हिस्सों को भी अद्यतन करना आवश्यक होगा। सभी एजेंसी बैंक, पेंशन भुगतान करने वाली अपनी शाखाओं को उपयुक्त अनुदेश जारी करें। (9 जनवरी 2007 का डीजीबीए.जीएडी.एच-10975/45.05.031/2006-07)
पेंशन भुगतान के लिए अलग-अलग समय रखना
12. पेंशन का भुगतान माह के केवल अंतिम दिन में ही करने से पेंशनभोगियों को काफी कठिनाई होती है क्योंकि उन्हें अपना पेंशन प्राप्त करने के लिए लंबे समय तक लाइन में लगना पड़ता है। 1995 में जारी अनुदेशों के अनुसार एजेंसी बैंकों को सूचित किया गया है कि मार्च माह, जिसमें यह अप्रैल के प्रथम कार्यदिवस अथवा इसके बाद जमा होना जारी रहेगा, को छोड़कर वे पेंशन का संवितरण माह के अंतिम चार कार्यदिवसों में बांटकर करें।
पेंशनभोगी को किए गए अधिक/गलत भुगतान की वसूली
13. एजेंसी बैंकों के माध्यम से केंद्रीय/सिविल/रक्षा/रेलवे पेंशनभोगियों को पेंशन के भुगतान की योजना के अंतर्गत पेंशन आहरित करने वाले पेंशनभोगियों को किए गए अधिक/गलत भुगतान की वसूली के लिए विकसित एकसमान प्रक्रिया का ब्यौरा नीचे दिया गया है :-
  1. जैसेही अदाकर्ता शाखा की जानकारी में यह आता है कि पेंशनभोगी को अधिक/गलत भुगतान कर दिया गया है, उसे एकमुश्त बकाया भुगतान की राशि सहित पेंशनभोगी के खाते में जमा राशि में से यह राशि यथासंभव रूप में समायोजित करना चाहिए।
  2. यदि अधिक भुगतान की संपूर्ण राशि इस खाते से समायोजित न की जा सके तो इस अधिक भुगतान की राशि को तुरंत अदा करने के लिए पेंशनभोगी से कहा जाए।
  3. यदि पेंशनभोगी यह राशि अदा करने में असमर्थता व्यक्त करता है तो इसे पेंशनभोगी को भविष्य में किए जाने वाले भुगतानों में से समायोजित कर लिया जाए। जब तक पेंशनभोगी द्वारा अधिक राशि की किश्तों के लिए लिखित रूप में सहमति नहीं दी जाती है तबतक पेंशनभोगी को किए गए अधिक भुगतान की राशि की उन्हें भविष्य में किए जाने वाले पेंशन भुगतानों में से किश्तों में की जाने वाली वसूली उनके प्रतिमाह के देय निवल पेंशन (पेंशन + राहत) के 1/3 भाग की हो सकती है।
  4. यदि पेंशनभोगी की मृत्यु अथवा पेंशन बंद हो जाने के कारण अधिक भुगतान की राशि वसूल नहीं की जा सकती है तो इस योजना के अंतर्गत पेंशनभोगी द्वारा दिए गए बचनपत्र के अनुसार कार्रवाई की जाए।
  5. किए गए अधिक/गलत भुगतान का ब्यौरा और वसूली के तरीके के बारे में पेंशनभोगी को भी सूचित किया जाए।
अधिक पेंशन भुगतान की राशि सरकार को वापस करना
14. जहाँकहीं कोई अतिरिक्त/अधिभुगतान पाया जाता है तो एजेंसी बैंक की त्रुटि के कारण अतिरिक्त/अधिभुगतान के देय होने के तुरंत बाद इसकी संपूर्ण राशि एकमुश्त रूप में सरकार के खाते में जमा कर दी जानी चाहिए। यह सरकार द्वारा की गई त्रुटि के कारण पेंशनभोगी को अतिरिक्त/अधिभुगतान हुआ हो तो वे इस मामले के त्वरित समाधान के लिए मामले के संपूर्ण ब्यौरे के साथ संबंधित सरकारी विभाग से संपर्क करें। तथापि यह कार्य समयबद्ध रूप से होना चाहिए और इस संबंध में सरकारी प्राधिकारियों की पावती बैंक के अभिलेख में अवश्य रखी जाए। भारतीय रिज़र्व बैंक को संदर्भित किए बिना ही ऐसे मामले में बैंक सरकारी विभागों से संपर्क कर सकते हैं।
बूढ़े/बीमार/अशक्त/अक्षम पेंशनभोगियों द्वारा पेंशन का आहरण
15. बीमार और अशक्त पेंशनभोगियों द्वारा बैंकों से पेंशन/ परिवार पेंशन आहरित करने में आ रही समस्याओं/कठिनाइयों को ध्यान में रखने के क्रम में एजेंसी बैंक ऐसे पेंशनभोगियों को निम्नलिखित रूप में वर्गीकृत कर सकते हैं :-
  1. पेंशनभोगी, जो इतना बीमार है कि चेक पर हस्ताक्षर नहीं कर सकता / बैंक में शारीरिक भौतिक रूप से उपस्थित नहीं हो सकता है।
  2. पेंशनभोगी, जो न केवल बैंक में शारीरिक रूप से उपस्थित होने में असमर्थ है बल्कि कुछ शारीरिक दोष/अक्षमता के कारण चेक/आहरण फार्म पर अपने हस्ताक्षर करने/अंगूठा निशान लगाने में भी असमर्थ है।
16. ऐसे बूढ़े/बीमार/अक्षम पेंशनभोगियों को ध्यान में रखते हुए उनके खातों के परिचालन के लिए बैंक निम्नलिखित प्रक्रिया अपना सकते हैं:-
  1. जहाँ कहीं बूढ़े/बीमार पेंशनभोगी का हाथ का अंगूठा/ पैर का अंगूठा का निशान प्राप्त किया जाए तो बैंक को ज्ञात दो स्वतंत्र गवाहों द्वारा इसकी पहचान की जानी चाहिए और इसमें से एक बैंक का जिम्मेदार अधिकारी होना चाहिए।
  2. जहाँ पेंशनभोगी अपने हाथ का अंगूठा/पैर का अंगूठा का निशान नहीं लगा सकता और बैंक में शारीरिक रूप से उपस्थित होने में भी अमसर्थ है तो चेक/आहरण फार्म पर एक निशान प्राप्त किया जाए और दो स्वतंत्र गवाहों द्वारा इसकी पहचान की जानी चाहिए और इसमें से एक बैंक का जिम्मेदार अधिकारी होना चाहिए।
तदनुसार एजेंसी बैंकों से अनुरोध है कि वे अपनी शाखाओं को यह अनुदेश दें कि वे इस संबंध में जारी अनुदेश अपने नोटिस बोर्ड पर प्रदर्शित करें ताकि बीमार और अक्षम पेंशनभोगी इन सुविधाओं का पूर्ण रूप से उपयोग कर सकें। बैंकों को यह भी सूचित किया जाता है कि वे इस मामले में स्टाफ सदस्यों को जानकारी दें और किसी संदेह के मामले में हमारी वेबसाइट www.rbi.org.in पर लगे पेंशन संवितरण संबंधी अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्नों को देखें।
पेंशन भुगतानों की प्रतिपूर्ति
17. एजेंसी बैंकों की लिंक शाखाएं केंद्र/राज्य सरकार पेंशन के भुगतान की प्रतिपूर्ति संबंधी दावे भारतीय रिज़र्व बैंक, लोक लेखा विभाग/केंद्रीय लेखा अनुभाग, नागपुर को प्रस्तुत करें।
पेंशनभोगी की मृत्यु के बाद पूर्ववर्ती अथवा उत्तरजीवी के साथ पेंशन खाते को बनाए रखना
18. केंद्र सरकार का पेंशन वितरित करने वाले सभी एजेंसी बैंकों को सूचित किया गया है कि वे कोई पति/पत्नी (परिवार पेंशनभोगी) परिवार पेंशन जमा करने के लिए वर्तमान संयुक्त खाते का विकल्प देता/ देती है तो जब पति/पत्नी उत्तरजीवी हो और पेंशनभोगी के साथ उसका संयुक्त खाता हो तथा पेंशन भुगतान आदेश (पीपीओ) में परिवार पेंशन के भुगतान के लिए जिसके पक्ष में प्राधिकार विद्यमान हो तो बैंक को नया खाता खोलने के लिए जोर नहीं देना चाहिए।
डिजिटल जीवन प्रमाणपत्र
19. वर्तमान पेंशन योजना के अनुसार पेंशनभोगियों से अपेक्षित है कि वे प्रत्येक वर्ष नवंबर में पेंशन संवितरण करने वाले बैंक में जीवन प्रमाणपत्र प्रस्तुत करें। इन प्रमाणपत्रों को प्रस्तुत करने में पेंशनभोगियों को होने वाली समस्याओं को ध्यान में रखते हुए और इन कठिनाइयों को दूर करने के क्रम में भारत सरकार ने 10 नवंबर 2014 से आधार बायोमेट्रिक प्राधिकार के आधार पर एक डिजिटल जीवन प्रमाणपत्र “जीवन प्रमाण” प्रारंभ किया है। जीवन प्रमाणपत्र की सुविधा के क्रम में 10 नवंबर 2014 को एक वेब पोर्टल (jeevanpramaan.gov.in) प्रारंभ किया गया है। सरकारी पेंशन वितरित करने वाले सभी एजेंसी बैंक इसे कार्यान्वित करने और इस योजना का लाभ उठाने के संबंध में आवश्यक कार्रवाई करें तथा अपनी सभी संबंधित शाखाओं और संबंधित स्टाफ को आवश्यक अनुदेश जारी करें। इसके अतिरिक्त उनसे अनुरोध है कि वे अपनी शाखाओं, वेबसाइटों और अन्य साधनों से पेंशनभोगी ग्राहकों को इस सुविधा के प्रति जागरूक करने का कार्य करें। बैंक पेंशन भुगतान संबंधी अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (एफएक्यू) को उपयुक्त रूप में संशोधित भी करें तथा जीवन प्रमाणपत्र की वेबसाइट का लिंक उपलब्ध कराएं।
20. ऐसी शिकायतें हैं कि पेंशन अदा करने वाली शाखाओं में काउंटर पर प्रस्तुत जीवन प्रमाणपत्र खो जाने के कारण मासिक पेंशन के भुगतान में विलंब होता है। पेंशनभोगियों को हो रही इन कठिनाइयों से बचने के लिए एजेंसी बैंकों को यह अनुदेश दिया गया है कि वे इस संबंध में यथाविधि हस्ताक्षरित पावती अनिवार्य रूप से जारी करें। उनसे यह भी अनुरोध किया गया है कि वे उनके जीवन प्रमाणपत्र की प्राप्ति की अपने सीबीएस में प्रविष्टि करने पर विचार करें और सिस्टम जनित पावती जारी करें जिससे पावती के साथ-साथ अभिलेखों को वास्तविक समय में अद्यतन करने संबंधी दोनों प्रयोजन पूरे होंगे।
पेंशन भुगतानों की प्रतिपूर्ति के लिए एकल खिड़की प्रणाली (सिंगल विंडो सिस्टम)
21. प्रतिपूर्ति दावों के त्वरित निपटान और समाधान के लिए एकल खिड़की प्रणाली प्रारंभ की गई थी। इसका उद्देश्य यह है कि भारतीय रिज़र्व बैंक के कार्यालयों अथवा भारतीय स्टेट बैंक/उसके सहयोगियों (जिला मुख्यालयों पर) के हस्तक्षेप के बिना पेंशन अदा करने वाले प्रत्येक बैंक को उनके अधिकार के अंतर्गत जिम्मेदार बनाया जाए, जिससे दावों की प्रतिपूर्ति में विलंब न हो।
22. इस प्रणाली के अंतर्गत सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की लिंक शाखाएं दो प्रतियों में समरी शीट तैयार करेंगी और पेंशन के प्रत्येक वर्ग के अंतर्गत उनसे जुड़ी अदाकर्ता सभी शाखाओं द्वारा किए गए भुगतानों को इसमें शामिल करेंगी। लिंक शाखा समरी सीट और आवश्यक समर्थक दस्तावेजों के साथ-साथ पेंशन भुगतान स्क्रॉल की एक प्रति सरकारी व्यवसाय का कार्य देख रही स्थानीय प्रधान कार्यालय/आंचलिक कार्यालय/क्षेत्रीय कार्यालय स्थित अपनी नोडल शाखा को प्रत्येक माह की 7 तारीख तक अग्रेषित करेंगी। इस प्रयोजन से प्रत्येक सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक एक नोडल शाखा/शाखाएं नामित करेंगे। स्क्रॉल की यथाविधि जाँच करने के बाद नोडल शाखा/एं अपने क्षेत्राधिकार के अंतर्गत आने वाली लिंक शाखाओं से प्राप्त लेनदेनों को समेकित करेंगी और दैनिक सरकारी नामे स्क्रॉल की दो प्रतियाँ तैयार करेंगी तथा अन्य दस्तावेजों और स्क्रॉल के साथ इसकी मूल प्रति दैनिक आधार पर संबंधित लेखाप्राधिकारी जैसे केंद्र सरकार के सिविल पेंशनभोगियों के मामले में केंद्रीय पेंशन लेखांकन कार्यालय (सीपीएओ) को प्रेषित करेंगे। इसके साथ ही दैनिक मेमो (प्रत्येक वित्तीय वर्ष के लिए क्रमवार संख्या देते हुए) के माध्यम से भारतीय रिज़र्व बैंक, केंद्रीय लेखा अनुभाग, नागपुर से प्रतिपूर्ति/निपटान के लिए इसकी सूचना नागपुर स्थित अपनी लिंक शाखा (भारतीय स्टेट बैंक के मामले में जीएडी) को प्रेषित करेंगे। मासिक समाधान के प्रयोजन से नोडल प्वाइंट शाखा दैनिक सरकारी नामे स्क्रॉल के माध्यम से लेखांकन प्राधिकारियों को सूचित तारीखवार स्थिति प्रदर्शित करते हुए अनुवर्ती माह के प्रथम सप्ताह में तारीखवार मासिक स्टेटमेंट (डीएमएस) तीन प्रतियों में तैयार करेंगे। पिछले माह में नागपुर की लिंक शाखा के माध्यम से भारतीय रिज़र्व बैंक, केंद्रीय लेखा अनुभाग, नागपुर के साथ इसका निपटान करेंगे। तारीखवार मासिक स्टेटमेंट (डीएमएस) पेंशन लेखांकन प्राधिकारी को दो प्रतियों में प्रस्तुत किया जाएगा (उदाहरण के लिए सिविल पेंशन के मामले में सीपीएओ को अनुवर्ती माह की 10 तारीख तक)।
23. सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया गया है कि 1 नवंबर 2002 से सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों द्वारा केंद्र सरकार के सिविल पेंशनभोगियों को किए गए पेंशन भुगतानों की प्रतिपूर्ति के लिए एकल खिड़की प्रणाली कार्यान्वित की जाए। इसके बाद एकल खिड़की प्रणाली रक्षा पेंशन की प्रतिपूर्ति के लिए 1 अप्रैल 2007 से, टेलीकॉम पेंशन भुगतान की प्रतिपूर्ति के लिए 1 अक्तूबर 2012 से और रेलवे पेंशन भुगतानों के मामले में 1 अप्रैल 2011 से प्रारंभ किया गया। रक्षा/रेलवे/टेलीकॉम पेंशन भुगतानों के वितरण, लेखांकन और प्रतिपूर्ति की प्रक्रिया केंद्रीय सिविल पेंशनभोगियों के मामले की भाँति ही लागू होगी। तथापि रेलवे पेंशन की प्रतिपूर्ति यहाँ नीचे लिखी शर्तों के अधीन होगी :-
  1. अदाकर्ता शाखा के स्क्रॉल पर क्रमिक संख्या होगी। यह सुनिश्चित किया जाए कि कोई भी क्रम संख्या दोबारा न दी जाए अथवा छूटने न पाए।
  2. नोडल शाखा समरी स्क्रॉल में भी इसी प्रकार की जाँच की जाएगी।
  3. पेंशन लेखांकन प्राधिकारी के स्तर पर डुप्लीकेट स्क्रॉल संख्या (यदि कोई हो) में बुक की गई सभी राशियों की जाँच की जाएगी और भारतीय रिज़र्व बैंक से ऐसी राशियों को सरकारी खाते में वापस करने के लिए कहा जाएगा।
  4. नोडल शाखाएं रेलवे के साथ समाधान के लिए और विसंगतियों का निपटान करने के लिए जिम्मेदार होंगी।
  5. उचित और त्वरित निपटान और समाधान के लिए एक बार के कार्य के रूप में प्राधिकृत बैंक नोडल शाखावार अदाकर्ता शाखा की डाइरेक्टरी, जिसमें उनके डाक के पूरे पते, पिन कोड, बीएसआर कोड शामिल हों, के साथ रेल मंत्रालय और केंद्रीय लेखा अनुभाग(सीएएस), भारतीय रिज़र्व बैंक, नागपुर को प्रेषित करेंगे।
रक्षा पेंशनभोगियों को पेंशन का भुगतान
(i) जाली और कपटपूर्ण भुगतान
24. प्रधान नियंत्रक रक्षा लेखा (पीसीडीए) पेंशन के कार्यालय को यह ज्ञात हुआ है कि कुछ मामलों में पेंशन भुगतान करने वाली शाखाओं द्वारा निर्धारित जांच-पड़ताल किए बिना जाली तथा कपटपूर्ण पीपीओ पर धोखेबाजों को उपदान और संराशीकरण (कम्युटेशन) की राशि अदा कर दी गई थी। अत: रक्षा पेंशन अदाकर्ता शाखाओं से अनुरोध है कि वे रक्षा पेंशनभोगियों को पेंशन का वितरण करने हेतु पीसीडीए(पेंशन) द्वारा “रक्षा पेंशन भुगतान अनुदेश” में दी गई प्रक्रिया का कड़ाई से पालन करें ताकि जाली पेंशन भुगतान आदेशों के विरुद्ध कपटपूर्ण भुगतान से बचा जा सके।
(ii) पेंशन का प्रथम भुगतान
25. यह देखा गया है कि पेंशन के प्रथम भुगतान के मामलों में या तो पीपीओ संख्या का उल्लेख नहीं किया गया अथवा गलत पीपीओ संख्या उल्लिखित की गई जिससे सही भुगतान का सत्यापन करना कठिन हो गया। साथही ऐसे भुगतानों को मुख्य पेंशन भुगतान स्क्रॉलों के साथ-साथ रक्षा पेंशनभोगियों के नियमित मासिक भुगतानों में प्रदर्शित किया गया था। पेंशन अदा करने वाली शाखाओं/लिंक शाखाओं/प्रतिपूर्ति करने वाली शाखाओं को सूचित किया जाता है कि वे निम्नलिखित को सुनिश्चित करने के लिए अधिक सक्षम प्रणाली लागू करें:-
(क) पेंशन के प्रथम भुगतान के मामलों में पेंशन अदा करने वाली शाखाओं को पीपीओ की सही संख्या, उपदान की राशि और प्रत्येक पेंशनभोगी के नाम के सामने संराशीकृत राशि सही रूप में प्रदर्शित करते हुए स्क्रॉल सावधानीपूर्वक तैयार करना चाहिए और इनका विवरण मासिक आधार पर अलग से प्रस्तुत करें इसके अतिरिक्त अलग समरी शीट सहित नियमित मासिक भुगतान के मामलों का विवरण अलग से तैयार किया जाना जारी रहेगा।
(ख) पेंशन अदा करने वाली शाखाओं को प्रथम पेंशन भुगतान के मामलों के समान नियमित मासिक पेंशन भुगतान संबंधी मामलों का समरी शीट अलग से तैयार करना चाहिए।
रेलवे पेंशनभोगियों को पेंशन का भुगतान
(i) जाली और कपटपूर्ण भुगतान
26. रेल मंत्रालय को कुछ ऐसे धोखाधड़ी वाले मामलों का पता लगा है कि जिनमें कुछ एजेंसी बैंकों द्वारा जाली पेंशन भुगतान आदेशों (पीपीओ) के आधार पर अनधिकृत व्यक्तियों को पेंशन/पेंशन के बकाए का भुगतान कर दिया गया है। पेंशन अदा करने वाली शाखाओं द्वारा धोखाधड़ी वाले ऐसे भुगतान निर्धारित ऐसी जाँच किए बिना किए गए हैं, उदाहरणस्‍वरूप ऐसी गणना शीटों पर विश्वास करके भुगतान जारी किया गया जिन्हें प्राधिकृत हस्ताक्षरकर्ता द्वारा हस्ताक्षरित नहीं किया गया था, साथ ही ये बैंकों द्वारा विशेष रूप से पीपीओ प्राप्त करने संबंधी निर्धारित प्रक्रिया का अनुपालन भी नहीं करते थे। अत: रेलवे पेंशन अदा करने वाली शाखाओं से अनुरोध है कि वे रेलवे पेंशनभोगियों को पेंशन के संवितरण के लिए रेल मंत्रालय (रेलवे बोर्ड) की “सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों द्वारा रेलवे पेंशन के भुगतान की योजना” में दी गई प्रक्रिया का कड़ाई से पालन करें ताकि जाली पेंशन भुगतान आदेशों के कपटपूर्ण भुगतानों से बचा जा सके।
(ii) देय और आहरित (ड्यू एंड ड्रॉन) स्टेटमेंट जारी करना
27. सभी एजेंसी बैंक अपनी पेंशन अदा करने वाली शाखाओं को उपयुक्त अनुदेश जारी करें कि वे जब कभी उनके पेंशन में परिवर्तन/संशोधन हो तो वे रेलवे पेंशनभोगियों को निर्धारित फार्म में ‘ड्यू एंड ड्रॉन स्टेटमेंट’ जारी करें ताकि पेंशनभोगियों को असुविधा से बचाया जा सके। (1 सितंबर 2009 का डीजीबीए.जीएडी.सं.एस-2084/45.03.001/2009-10)
ग्राहक सेवा
28. सभी एजेंसी बैंक अपने डीलिंग शाखाओं को अनुदेश दें कि वे पेंशन भुगतान से संबंधित प्रभाकर राव समिति की सिफारिशों का अनुपालन करें। निरीक्षणकर्ता/लेखापरीक्षकों को एक जाँच सूची उपलब्ध कराएं, जिसमें कम से कम अनुबंध 1 में दी गई मदों को अवश्य शामिल किया गया हो। एजेंसी बैंक अपने आंतरिक लेखा परीक्षकों/ निरीक्षकों को अनुदेश दें कि जब वे इन शाखाओं का दौरा करें तो अपनी रिपोर्टों में ग्राहक सेवा की गुणवत्ता पर टिप्पणी दें और भारतीय रिज़र्व बैंक के निरीक्षण अधिकारियों को जबकभी वे दौरा करें उन्हें यह उपलब्‍ध कराएं।
29. पेंशनभोगियों की शिकायतों का निपटान विशेष रूप से केन्द्रीकृत पेंशन संसाधन केन्द्र (सीपीपीसी) की स्थापना के बाद शाखा स्‍तर पर उचित रूप से नहीं किया जा रहा है। पेंशनभोगियों को झंझट रहित सेवा प्रदान करने के लिए शिकायतों के निपटान के लिए नियमित संवाद हेतु एक मंच उपलब्ध होना चाहिए। तदनुसार, एजेंसी बैंकों को नियमित रूप से पेंशनभोगियों की शिकायतों के समाधान की निगरानी के लिए प्रत्येक क्षेत्र/मंडल में एक/दो नोडल अधिकारी नियुक्त करना चाहिए और महाप्रबंधक/मुख्‍य महाप्रबंधक को मासिक अंतरालों पर स्थिति की समीक्षा करनी चाहिए।
30. सीपीपीसी के दायरे से बाहर के स्थानों पर, पेंशन से संबंधित शिकायतों के लिए नोडल अधिकारियों को नामित किया जाना चाहिए ताकि उनसे पेंशनभोगी आसानी से संपर्क कर सकें और पेंशन अदालत की तर्ज पर उन्‍हें अपने अधिकार क्षेत्र में विभिन्न स्थानों पर नियमित रूप से बैठकें करनी चाहिए। प्रत्येक बैंक को केवल पेंशन मामलों के लिए ही टोल फ्री नंबर शुरू करना चाहिए, जहाँ प्रशिक्षित व्यक्तियों को तैनात किया जाए और प्रश्‍नों का जवाब देने के लिए उनकी पहुंच डेटाबेस तक हो तथा वे शिकायतों को दर्ज कर उसका निवारण कर सकें।
31. पेंशनभोगियों से संशोधित पेंशन और बकाया राशि के संवितरण में अत्यधिक विलंब संबंधी कई शिकायतें प्राप्‍त होने के बाद एजेंसी बैंकों को निम्नानुसार सूचित किया गया :
(क) पेंशनभोगी को पेंशन/बकाया के क्रेडिट में विलंब करने पर पेंशन भुगतान करने वाले बैंकों को देय तारीख से विलंब के लिए 8 प्रतिशत के नियत ब्‍याज दर पर क्षतिपूर्ति देनी होगी और दिनांक 1 अक्टूबर, 2008 के बाद के सभी विलंबित पेंशन भुगतानों के मामले में पेंशनभोगी द्वारा कोई दावा किए बिना यह क्षतिपूर्ति उसी तारीख पर पेंशनभोगी के खाते में क्रेडिट किया जाना चाहिए, जिस दिन बैंक संशोधित पेंशन/पेंशन बकाया से संबंधित राशि बैंक को प्राप्त होती है।
(ख) पेंशन का भुगतान करने वाले बैंकों से सूचित किया गया है कि वे पेंशन भुगतान करने वाले प्राधिकारियों से सीधे ही पेंशन आदेश की प्रतियां तत्‍काल प्राप्‍त करने की एक प्रणाली विकसित करें और भारतीय रिजर्व बैंक से अनुदेशों की प्राप्ति के लिए इंतजार किए बिना पेंशन का भुगतान करें ताकि पेंशनभोगियों को सरकारों द्वारा घोषित लाभ अगले महीने के पेंशन भुगतान में ही मिल जाए।
(ग) पेंशनभोगियों के लिए शाखा निर्दिष्‍ट बिंदु बना रहना चाहिए ताकि ऐसा न हो कि वे अपने आप को वंचित महसूस करे।
(घ) जिन शाखाओं में पेंशन खाते हैं, उन्‍हें बैंक के साथ लेनदेन करने में पेंशनभोगियों को दिशानिर्देश प्रदान करना चाहिए तथा सहायता करनी चाहिए।
(ङ) पेंशन की गणना से संबंधित अंकगणित और गणना के अन्‍य सभी विवरणों को पेंशनभोगियों को आवश्‍यकतानुसार इंटरनेट या आवधिक अंतराल पर शाखाओं में, जैसा आवश्यक हो, उपलब्‍ध कराने के लिए इसे वेब पर प्रकाशित करने की उपयुक्त व्यवस्था की जानी चाहिए और इस व्‍यवस्‍था का व्‍यापक प्रचार-प्रसार किया जाना चाहिए।
(ज) पेंशन भुगतान के संबंध में बैंकों द्वारा एजेंसी कमीशन संबंधी सभी दावों के साथ सरकारी व्यवसाय के प्रभारी कार्यकारी निदेशक/मुख्‍य महाप्रबंधक का इस आशय का प्रमाणपत्र संलग्न किया जाना चाहिए कि कोई भी बकाया पेंशन क्रेडिट किया जाना शेष नहीं है/ नियमित पेंशन/बकाया को क्रेडिट करने में देरी नहीं हुई है।
(झ) पेंशन वितरित करने वाले सभी एजेंसी बैंकों को सूचित किया जाता है कि वे पेंशनभोगियों, विशेष रूप से जो वृद्ध हो गए हैं, को निर्णायक और सहानुभूतिपूर्ण ग्राहक सेवा उपलब्ध कराएं।
प्रशिक्षण
32. पेंशन भुगतान योजनाओं/ नियमों के बारे में स्‍टाफ-सदस्‍यों के बीच जागरूकता पैदा करने के लिए बैंक अपने प्रशिक्षण केंद्रों द्वारा संचालित प्रशिक्षण कार्यक्रम में इसे शामिल करें।
33. संबंधित सरकारी विभागों के परामर्श से पेंशन मामलों पर कार्य कर रहे बैंक कर्मियों के लिए नियमित प्रशिक्षण सत्र आयोजित किए जाएं।

अनुबंध 1
आंतरिक/ समवर्ती लेखापरीक्षा के लिए सरकारी कारोबार (पेंशन संबंधी) से संबंधित जाँच सूची :
आंतरिक निरीक्षण में पेंशनभोगी ग्राहकों को प्रदत्त सेवा से संबंधित शाखा के कार्यनिष्पादन को शामिल किया जाए। इस संबंध में निम्नलिखित को सुनिश्चित किया जाए :
  1. पेंशन अदा करने वाली शाखाओं के निरीक्षण के दौरान प्रयोग हेतु पेंशन भुगतान से संबंधित सभी पक्षों को शामिल करते हुए विशिष्ट प्रश्नावली विकसित की जाए।
  2. निरीक्षण के दौरान निरीक्षणकर्ता अधिकारियों द्वारा यादृच्छिक आधार पर पेंशनभोगियों को भी बुलाया जाए और पेंशन संबंधी सेवाओं के संबंध में उनकी संतुष्टि के बारे में पूछताछ की जाए।
  3. पेंशन भुगतानों/सरकारी कारोबार के संबंध में भारत सरकार द्वारा गठित प्रभाकर राव समिति की अनुशंसाओं का कड़ाई से अनुपालन करने के क्रम में बैंकों द्वारा आंतरिक लेखापरीक्षकों/निरीक्षकों को पेंशन भुगतान/सरकारी कारोबार से संबंधित विस्तृत जाँच-सूची उपलब्ध कराई जाए।
इसमें निम्नलिखित को शामिल किया जाए :
  1. क्‍या पेंशन के भुगतान, पेंशन के संशोधन, मंहगाई राहत में संशोधन इत्यादि में विलंब हुआ है।
  2. जहाँ पर सरकारों और उनके विभागों के पेंशनभोगियों की संख्या तय संख्या जैसे 100 अथवा 200 से अधिक है, वहाँ क्या शाखा प्रबंधक ने शाखा में तिमाही आधार पर पेंशनभोगियों के विभिन्न वर्गों से वार्ता का आयोजन किया है।
  3. क्‍या सभी पेंशन खातों में नामांकन प्राप्त किया गया है।
  4. जहाँ भी लागू हो, क्‍या पेंशन खाते को संयुक्त खाते में परिवर्तित कर दिया गया है।
  5. क्या बैंक शाखा में प्रभावी शिकायत निवारण तंत्र है और पेंशनभोगियों की शिकायतों पर समय से कार्रवाई की जाती है और उनकी शिकायतों का निवारण तेजी से होता है।
  6. क्‍या पेंशन मार्च माह, जिसमें यह अप्रैल के प्रथम कार्यदिवस को जमा होता है, को छोड़कर अन्‍य माह में अंतिम चार कार्यदिवसों में जमा होता है।
  7. क्‍या पेंशन का भुगतान करने वाली शाखा हर वर्ष नवंबर के महीने में पेंशनभोगियों से जीवन प्रमाण पत्र प्राप्त / बेरोजगार प्रमाणपत्र/ रोजगार प्रमाण पत्र प्राप्‍त करती है।
  8. जहाँ भी लागू हो, क्‍या पेंशन का भुगतान करने वाली शाखा पेंशन भुगतान से स्रोत पर आयकर की कटौती करती है।
  9. क्‍या कर संग्रह करने वाली शाखाओं द्वारा चेक की प्राप्ति की पावती में निरपवाद रूप से पेपर टोकन दिया जाता है।
  10. क्‍या बैंक के बीएसआर कोड और चालान पहचान संख्या (सीआईएन) का स्पष्ट रूप उल्‍लेख करते हुए चालान पर मुहर लगाई जाती है।
  11. क्‍या मुहर लगे चालान बैंक कर्मचारी की अभिरक्षा में रहते हैं और केवल पेपर टोकन दिए जाने पर ही संबंधित करदाता को यह सौंपा जाता है।

परिशिष्ट
मास्टर परिपत्र में समेकित परिपत्रों की सूची
सं.परिपत्र सं.दिनांकविषय
1.संदर्भ सीओ.डीजीबीए (एनबीएस)सं.44/जीए.64(11-सीवीएल)90/9118.04.1991सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के माध्यम से केंद्रीय सिविल/रक्षा/रेलवे पेंशनभोगियों को पेंशन के भुगतान की योजना – पेंशनभोगियों को किए गए अधिक/गलत भुगतान की वसूली
2.संदर्भ सीओ.डीजीबीए (एनबीएस)सं.50/जीए.64(11-सीवीएल)90/9106.05.1991सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के माध्यम से केंद्रीय सिविल/रक्षा/रेलवे पेंशनभोगियों को पेंशन के भुगतान की योजना – पेंशनभोगियों को किए गए अधिक/गलत भुगतान की वसूली
3.संदर्भ डीजीबीए.जीएडी.सं.179/45.01.001/2001-0217.08.2001सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों द्वारा केंद्र सरकार के पेंशनभोगियों को किए गए पेंशन भुगतान की प्रतिपूर्ति- एकल खिड़की अवधारणा
4.संदर्भ डीजीबीए.जीएडी.सं.130/45.01.001/2002-0330.08.2002सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों द्वारा केंद्र सरकार के सिविल पेंशनभोगियों को किए गए पेंशन भुगतान की प्रतिपूर्ति हेतु एकल खिड़की प्रणाली
5.संदर्भ. डीजीबीए.जीएडी.सं.एच.416/45.01.003/2002-0321.03.2003राज्य सरकार के पेंशनभोगियों को दी जानेवाली मंहगाई राहत इत्यादि संबंधी सरकारी आदेशों को राज्य सरकारों की वेबसाइटों पर डालना
6.संदर्भ. डीजीबीए.जीएडी.सं. एच.506/45.01.001/2002-0312.04.2003केंद्र सरकार के पेंशनभोगियों को सरकारी क्षेत्र के बैंकों के माध्यम से पेंशन का भुगतान – पेंशनभोगियों को महंगाई राहत के भुगतान में होने वाली देरी को कम करने के लिए सरकार द्वारा किए गए उपाय - महंगाई राहत इत्यादि के संबंध में सरकारी आदेशों को भारतीय रिज़र्व बैंक के माध्यम से भेजना बंद करना।
7.संदर्भ. डीजीबीए.जीएडी. सं.770/45.01.003/2003-0425.02.2004पेंशन संबंधी परिपत्रों को भारतीय रिज़र्व बैंक की वेबसाइट पर डालना।
8.संदर्भ. डीजीबीए.जीएडी.सं.एच. 94/45.05.031/2004-0524.08.2004फॉर्म "ए" और "बी" में नामांकन स्वीकार करना – केंद्रीय सिविल/रेलवे पेंशन
9.संदर्भ. डीजीबीए.जीएडी.सं. 612-644/45.01.001/2004-0507.10.2004केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर रहते हुए पेंशन और सभी भारत सरकार से सेवानिवृत्‍त अखिल भारतीय सेवा अधिकारियों को पेंशन और अन्‍य सेवानिवृत्ति लाभों के भुगतान के लिए प्रक्रिया का कार्यान्वयन
10.संदर्भ. डीजीबीए.जीएडी.सं. 867-899/45.02.001/2004-0518.10.2004सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों द्वारा रक्षा पेंशनभोगियों को पेंशन के भुगतान की योजना– पेंशन भुगतान स्क्रॉल को जमा करने में विलंब और नकली और कपटपूर्ण भुगतानों को टालने के उपाय
11.संदर्भ. डीजीबीए.जीएडी.सं. एच. 3611/45.03.002/2005-0610.10.2005पेंशन की बकाया रशि के भुगतान के लिए रेलवे पेंशनभोगियों के संबंध में नामांकन (फार्म "ए" और "बी") स्वीकार करना
12.संदर्भ.. डीजीबीए.जीएडी.सं. एच.3389-3421/45.02.001/2004-0506.01.2005सरकारी क्षेत्र के बैंकों द्वारा रेलवे पेंशनभोगियों को पेंशन भुगतान की योजना - कपटपूर्ण भुगतान टालने हेतु उपाय।
13.संदर्भ. डीजीबीए.जीएडी.सं. एच.3452-3485/45.01.001/2004-0511.01.2005केंद्रीय सिविल पेंशन का भुगतान - पेंशन भुगतान आदेश (पी पी ओ) के दोनों अर्धांशों में महंगाई राहत की प्रविष्टि।
14.संदर्भ. डीजीबीए.जीडीडी. सं. 6073/45.03.031/2004-0530.05.2005एजेंसी बैंकों द्वारा रेल्वे पेंशन का भुगतान
15.संदर्भ. डीजीबीए.जीडीडी. सं. एच-10746/45.03.031/2005-0624.01.2006रेलवे के पेंशनभोगियों को सार्वजनिक क्षेत्र के/ अधिकृत बैंकों द्वारा पेंशन का भुगतान की योजना - रेल मंत्रालय द्वारा सात नए अंचलों के वि.स. एवं मु.ले.अ. का नामांकन
16.संदर्भ. डीजीबीए.जीडीडी. सं. 11303/45.01.003/2005-0606.02.2006सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के माध्‍यम से पेंशन का संवितरण– मंहगाई राहत का भुगतान
17.संदर्भ.डीजीबीए.जीडीडी. सं. 12736/45.03.031/2005-0624.02.2006अधिकृत बेंकों द्वारा पेंशन का भुगतान पेंशनर द्वारा अपनी पत्नी /अपने पति के साथ परिचालित संयुक्त खाते में पेंशन जमा किया जाना ।
18.संदर्भ. डीजीबीए.जीडीडी. सं.एच-2134/45.02.001/2006-0704.08.2006अधिकृत बैंकों द्वारा पेंशन का भुगतान -पेंशनर द्वारा अपनी पत्नी /अपने पति के साथ परिचालित संयुक्त खाते में पेंशन जमा किया जाना ।
19.संदर्भ. डीजीबीए.जीएडी. 6926/45.05.005/2006-0730.10.2006सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों द्वारा पश्चिम बंगाल (भाग ए) सरकारी पेंशनभोगियों को पेंशन का भुगतान - पेंशनर द्वारा अपनी पत्नी /अपने पति के साथ परिचालित संयुक्त खाते में पेंशन जमा किया जाना।
20.संदर्भ. डीजीबीए.जीएडी.सं.एच-10975/45.05.031/2006-0709.01.2007पेंशन पर्ची जारी करना
21.संदर्भ. डीजीबीए.जीएडी. सं. एच-13834/45.02.001/2006-0713.03.2007रक्षा पेंशन भुगतान प्रतिपूर्ति हेतु एकल खिड़की प्रणाली का प्रारंभ
22.संदर्भ. डीजीबीए.जीएडी.एच-14279/45.05.024/2006-0723.03.2007सार्वजनिक क्षेत्र की बैंकों द्वारा अरुणाचल प्रदेश सरकार के पेंशनभोगियों को पेंशन भुगतान की योजना
23.संदर्भ. डीजीबीए.जीएडी.एच. 17663/45.05.031/2006-0712.06.2007सार्वजनिक क्षेत्र की बैंकों के माध्यम से केद्रीय सरकारी पेंशन का भुगतान - रक्षा पेंशनरो को पेंशन पर्ची जारी करना
24.संदर्भ. डीजीबीए.जीएडी. सं. एच.3856/45.05.031/2007-0808.10.2007सार्वजनिक क्षेत्र की बैंकों के माध्यम से केद्रीय सरकारी पेंशन का भुगतान - रेलवे पेंशनभोगियों को पेंशन पर्ची जारी करना
25.संदर्भ. डीजीबीए.जीएडी. सं.7570/45.05.018/2007-0815.01.2008सार्वजनिक क्षेत्र की बैंकों द्वारा असम सरकार के पेंशनभोगियों को पेंशन का भुगतान - पेंशनर द्वारा अपनी पत्नी /अपने पति के साथ परिचालित संयुक्त खाते में पेंशन जमा किया जाना।
26.संदर्भ. डीजीबीए जीएडी सं. 11653/49.05.013/2007-0806.05.2008अधिकृत बैंकों द्वारा पेंशन का भुगतान - पेंशनर द्वारा अपनी पत्नी/अपने पति के साथ परिचालित संयुक्त खाते में पेंशन जमा किया जाना ।
27.संदर्भ. डीजीबीए.जीएडी. सं.एच-12499/49.05.010/2007-0804.06.2008सार्वजनिक क्षेत्र की बैंकों द्वारा उत्तरप्रदेश सरकार के पेंशनभोगियों पेंशन का भुगतान - पेंशनर द्वारा अपनी पत्नि/अपने पति के साथ परिचालित संयुक्त खाते में पेंशन जमा किया जाना।
28.संदर्भ. डीजीबीए. जीएडी. सं. एच 12656/49.05.010/2007-0805.06.2008सार्वजनिक क्षेत्र की बैंकों द्वारा उत्तराखंड सरकार के पेंशनभोगियों को पेंशन का भुगतान - पेंशनर द्वारा अपनी पत्नि/अपने पति/नामित के साथ परिचालित संयुक्त खाते में पेंशन जमा किया जाना ।
29.संदर्भ. डीजीबीए.जीएडी.एच 12704/45.05.005/2007-0811.06.2008सार्वजनिक क्षेत्र की बैंकों के माध्यम से पश्चिम बंगाल सरकारी पेंशन का भुगतान - पेंशन पर्ची जारी करना
30.संदर्भ. डीजीबीए.जीएडी.सं.13024/45.05.006/2007-0824.06.2008सार्वजनिक क्षेत्र की बैंकों द्वारा उड़ीसा सरकार के पेंशनभोगियों को पेंशन का भुगतान - पेंशनर द्वारा अपनी पत्नी/ अपने पति के साथ परिचालित संयुक्त खाते में पेंशन जमा किया जाना ।
31.संदर्भ. डीजीबीए.जीएडी. 924/45.05.012/2008-0923.07.2008पेंशन पर्ची जारी करना
32.डीजीबीए.जीएडी.एच 1917/45.04.001/2008-0921.08.2008प्राधिकृत बैंकों द्वारा दूरसंचार पेंशनभोगियों को पेंशन का भुगतान की योजना - पेंशनर द्वारा अपनी पत्नी/अपने पति के साथ परिचालित संयुक्त खाते में पेंशन जमा किया जाना ।
33.डीजीबीए.जीएडी.एच 1918/45.05.016/2008-0921.08.2008प्राधिकृत बैंकों द्वारा आंध्रप्रदेश सरकारी पेंशनभोगियों को पेंशन का भुगतान की योजना - पेंशनर द्वारा अपनी पत्नी/अपने पति के साथ परिचालित संयुक्त खाते में पेंशन जमा किया जाना ।
34.डीजीबीए.जीएडी.एच 3085/45.01.001/2008-0901.10.2008ग्राहक सेवा पर प्रभाकर राव समिति की सिफारिशें– पेंशन भुगतान
35.संदर्भ. डीजीबीए.जीएडी.सं. 2090/45.05.015/2009-1001.09.2009पेंशन पर्ची जारी करना
36.डीजीबीए.जीएडी.एच 7652/45.05.031/2008-0903.03.2009सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों द्वारा केन्द्रीय सरकार /सिविल / रक्षा/ रेलवे / दूरसंचार / स्वतंत्रता सेनानी / राज्य सरकार पेंशनभोगियों को पेंशन का भुगतान - सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों द्वारा पेंशन भुगतान में आनाकानी
37.डीजीबीए.जीएडी.एच 9326/44.01.001/2008-0929.04.2009एजेंसी बैंकों की पेंशन भुगतान करने वाली शाखाओं द्वारा पेंशन पर्ची जारी करना/ पीपीओ को अद्यतन करना
38.डीजीबीए.जीएडी.एच 10450/45.03.001/2008-0901.06.2009पेंशन के अधिक भुगतान की राशि सरकारी खातों मे वसूली/प्रतिपूर्ति
39.डीजीबीए.जीएडी.एच 2434/45.05.031/2009-1015.09.2009पेंशन के अधिक भुगतान की राशि सरकारी खातों मे वसूली/प्रतिपूर्ति
40.डीजीबीए.जीएडी.एच 2084/45.03.001/2009-1001.09.2009सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के माध्यम से रेलवे पेंशनभोगियों को पेंशन भुगतान की योजना – ड्यू एंड ड्रान स्टेटमेंट जारी करना ।
41.संदर्भ. डीजीबीए.जीएडी.एच 3194/45.01.001/2009-1014.10.2009सरकारी क्षेत्र के बैंको द्वारा केन्‍द्रीय सिविल/रक्षा/रेलवे /दूर संचार/स्‍वतंत्रता सेनानियों/ राज्‍य सरकारों के पेंशनभोगियों की पेंशन के भुगतान की योजना - वृध्‍द / रुग्‍ण/ विकलांग पेंशनभोगियों द्वारा पेंशन आहरण की सुविधा
42.संदर्भ. डीओ.सं. सीएसडी. सीओ/8793/13.01.001/2009-1009.04.2010एजेंसी बैंकों द्वारा केन्द्रीय / राज्य सरकार पेंशनभोगियों को पेंशन का भुगतान –विलंब के लिए क्षतिपूर्ति
43.डीजीबीए.जीएडी.सं एच-46/45.01.001/2010-1102.07.2010एजेंसी बैंकों द्वारा केन्द्रीय / राज्य सरकार पेंशनभोगियों को पेंशन का भुगतान –विलंब के लिए क्षतिपूर्ति।
44.डीजीबीए.जीएडी.सं.एच -6212 और 6213/45.01.001/2010-1111.03.2011एजेंसी बैंकों द्वारा केन्द्रीय / राज्य सरकार पेंशनभोगियों को पेंशन का भुगतान –विलंब के लिए क्षतिपूर्ति।
45.डीजीबीए.जीएडी.सं. एच - 6493/45.03.001/2010-1121.03.2011रेलवे पेंशन भुगतान की प्रतिपूर्ति के लिए एकल खिड़की प्रणाली की शुरुआत
46.डीजीबीए.जीएडी.सं. एच - 74/45.03.001/2011-1205.07.2011रेलवे पेंशन भुगतान की प्रतिपूर्ति के लिए एकल खिड़की प्रणाली की शुरुआत
47.डीजीबीए.जीएडी.सं. एच - 6581/45.03.001/2011-1209.04.2012सार्वजनिक क्षेत्र की बैंकों द्वारा रेलवे पेंशन के भुगतान में अनियमितताएं
48.डीजीबीए.जीएडी.सं.एच -6760 और 6762/45.01.001/2011-1213.04.2012एजेंसी बैंकों द्वारा केन्द्रीय / राज्य सरकार पेंशनभोगियों को पेंशन का भुगतान –विलंब के लिए क्षतिपूर्ति।
49.डीजीबीए.जीएडी.सं. एच – 8024 एवं 8026/45.03.001/2011-1206.06.2012रेलवे पेंशन भुगतान की प्रतिपूर्ति के लिए एकल खिड़की प्रणाली की शुरुआत
50.डीजीबीए.जीएडी.सं. एच - 8042/45.01.001/2011-1207.06.2012एजेंसी बैंकों द्वारा केंद्रीय/राज्य सरकार पेंशन का भुगतान – पेंशन भुगतान के प्रतिपूर्ति दावों का निपटान
51.डीजीबीए.जीएडी.सं. एच – 562 एवं 563/45.03.001/2012-1327.07.2012रेलवे पेंशन भुगतान की प्रतिपूर्ति के लिए एकल खिड़की प्रणाली की शुरुआत
52.डीजीबीए.जीएडी.सं. एच – 1594/45.04.001/2012-1314.09.2012टेलीकॉम पेंशन भुगतान की प्रतिपूर्ति के लिए एकल खिड़की प्रणाली की शुरुआत।
53.डीजीबीए.जीएडी.सं. एच –5443/45.04.001/2012-1319.03.2013टेलीकॉम पेंशन भुगतान की प्रतिपूर्ति के लिए एकल खिड़की प्रणाली की शुरुआत।
54.डीजीबीए.जीएडी.सं. एच – 7386/45.01.001/2012-1303.06.2013केंद्र सरकार के पेंशनभोगियों को पेंशन का भुगतान – पेंशनर की मृत्यु के पश्चात "दोनों में कोई एक या उत्तरजीवी" पेंशन खाते को जारी रखना।
55.संदर्भ. डीजीबीए. जीएडी. सं. एच -27/45.01.001/2014-1501.07.2014पेंशनभोगियों के शिकायतों का निपटान
56.संदर्भ. डीजीबीए. जीएडी. सं. एच -2529/45.01.001/2014-1509.12.2014आधार बॉयोमेट्रिक प्राधिकार के आधार पर डिजिटल जीवन प्रमाणपत्र प्रस्‍तुत करना।
57.संदर्भ. डीजीबीए.जीएडी.सं. एच -4054/45.03.001/2014-1513.03.2015सरकार के खाते में पेंशन के अधिदेश राशि की वसूली/वापसी
58.आरबीआई/2014-15/587 डीजीबीए.जीएडी.सं. एच -5013/45.01.001/2014-1507.05.2015जीवन प्रमाणपत्र प्रस्‍तुत करने पर अनिवार्य रूप से पावती जारी करना
59.भारिबैं/2015-16/340 डीजीबीए.जीएडी.सं.2960/45.01.001/2015-1617.03.2016पेंशनभोगियों को किए गए अधिक भुगतान की वसूली
60.भारिबैं/2016-17/271 डीजीबीए.जीएडी.सं.2646/31.02.007/2016-1707.04.2017सरकारी बैंकिंग का कार्य करने संबंधी प्रणाली और नियंत्रण
61.भारिबैं/2016-17/319 डीजीबीए.जीएडी.सं.3235/45.01.001/2016-1708.06.2017पेंशनभोगियों/परिवार पेंशनभोगियों की पासबुक में पीपीओ संख्या दर्ज करना
62.भारिबैं/2017-18/111 डीजीबीए.जीबीडी/1616/15.02.005/2017-1821.12.2017एजेंसी बैंकों द्वारा सरकारी अनुदेशों का त्वरित कार्यान्वयन
63.संदर्भ डीजीबीए.जीबीडी.सं.3214/45.01.001/2017-1821.06.2018एजेंसी बैंकों द्वारा उपलब्ध कराई गई ग्राहक सेवा

Rajanish Kant मंगलवार, 3 जुलाई 2018