देश के केंद्रीय बैंक भारतीय रिजर्व बैंक यानी आरबीआई ने इंडियन बैंक पर ₹1.62 करोड़ का भारी भरकम जुर्माना लगाया है। आरबीआई ने कहा है कि नियम का अनुपालन करने में नाकम रहने पर ये जुर्माना लगाया गया है।
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भारतीय रिज़र्व बैंक ने इंडियन बैंक पर मौद्रिक दंड लगाया
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 21 सितंबर 2023 के आदेश द्वारा इंडियन बैंक (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी 'ऋण और अग्रिम – सांविधिक एवं अन्य प्रतिबंध', 'भारतीय रिजर्व बैंक [अपने ग्राहक को जानिए (केवाईसी)] निदेश, 2016' और 'भारतीय रिज़र्व बैंक (जमाराशि पर ब्याज दर) निदेश, 2016 संबंधी कतिपय निदेशों के अननुपालन के लिए ₹1.62 करोड़ (एक करोड़ बासठ लाख रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धाराओं 46 (4) (i) और 51(1) के साथ पठित धारा 47 ए (1) (सी) के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
यह कार्रवाई विनियामकीय अनुपालन में कमियों पर आधारित है और इसका उद्देश्य उक्त बैंक द्वारा अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या करार की वैधता पर सवाल करना नहीं है।
पृष्ठभूमि
31 मार्च 2021 को बैंक की वित्तीय स्थिति के संदर्भ में भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा बैंक के पर्यवेक्षी मूल्यांकन (आईएसई 2021) हेतु सांविधिक निरीक्षण किया गया। आईएसई 2021 से संबंधित जोखिम मूल्यांकन रिपोर्ट/ निरीक्षण रिपोर्ट और सभी संबंधित पत्राचार की जांच से, अन्य बातों के साथ-साथ, यह पता चला कि (1) (i) कुछ परियोजनाओं के लिए परिकल्पित बजटीय संसाधनों के बदले में या स्थानापन्न करने के लिए; (ii) परियोजनाओं की व्यवहार्यता और बैंक को ऋण चुकौती क्षमता संबंधी उचित जांच किए बिना ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि परियोजनाओं से राजस्व धाराएं ऋण चुकौती दायित्वों के लिए पर्याप्त थीं; और (iii) जिसकी चुकौती/ सर्विसिंग बजटीय संसाधनों से की गई थी, एक निगम को मियादी ऋण स्वीकृत की गई (2) परिचालन की अनुमति दी गई और व्यक्तिगत रूप से उपस्थित हुए बिना ओटीपी आधारित ई-केवाईसी का उपयोग करके खोले गए कई खातों को ग्राहक संबंधी उचित सावधानी प्रक्रिया किए बिना एक वर्ष की समाप्ति के बाद भी बंद नहीं किया गया, और (3) उन ग्राहकों के नाम से कई बचत खाते खोले गए जो बचत जमा खाता बनाए रखने के पात्र नहीं हैं, अतः इस सीमा तक बैंक द्वारा उपर्युक्त निदेशों का अननुपालन किया गया। उक्त के आधार पर, बैंक को एक नोटिस जारी किया गया जिसमें उससे यह पूछा गया कि वह कारण बताए कि उक्त निदेशों, जैसा कि उसमें उल्लिखित है, के अनुपालन में विफलता के लिए उस पर दंड क्यों न लगाया जाए।
नोटिस पर बैंक के उत्तर तथा व्यक्तिगत सुनवाई के दौरान की गई मौखिक प्रस्तुतियों पर विचार करने के बाद, भारतीय रिज़र्व बैंक इस निष्कर्ष पर पहुंचा है कि भारतीय रिज़र्व बैंक के उपर्युक्त निदेशों के अननुपालन का आरोप सिद्ध हुआ है और बैंक पर मौद्रिक दंड लगाया जाना आवश्यक है।
(साभार- www.rbi.org.in)
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