देश के केंद्रीय बैंक भारतीय रिजर्व बैंक यानी RBI ने भारतीय स्टेट बैंक पर ₹1.30 करोड़ का भारी भरकम जुर्माना लगायाहै। आरबीआई का कहना है कि नियम का अनुपालन करने में विफल रहने पर जुर्माना लगाया गया है।
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भारतीय रिज़र्व बैंक ने भारतीय स्टेट बैंक पर मौद्रिक दंड लगाया
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 21 सितंबर 2023 के आदेश द्वारा भारतीय स्टेट बैंक (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी 'ऋण और अग्रिम – सांविधिक और अन्य प्रतिबंध' तथा 'अंतःसमूह लेनदेन और एक्सपोज़र के प्रबंधन पर दिशानिर्देश' संबंधी कतिपय निदेशों के अननुपालन के लिए ₹1.30 करोड़ (एक करोड़ तीस लाख रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, 'बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धाराओं 46 (4) (i) और 51(1) के साथ पठित धारा 47 ए (1) (सी) के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
यह कार्रवाई विनियामकीय अनुपालन में कमियों पर आधारित है और इसका उद्देश्य उक्त बैंक द्वारा अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या करार की वैधता पर सवाल करना नहीं है।
पृष्ठभूमि
31 मार्च 2021 को बैंक की वित्तीय स्थिति के संदर्भ में भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा बैंक के पर्यवेक्षी मूल्यांकन (आईएसई 2021) हेतु सांविधिक निरीक्षण किया गया। आईएसई 2021 से संबंधित जोखिम मूल्यांकन रिपोर्ट/ निरीक्षण रिपोर्ट और इससे संबंधित सभी पत्राचार की जांच से, अन्य बातों के साथ-साथ, बैंक द्वारा उपरोक्त निदेशों के अननुपालन का निम्नलिखित सीमा तक पता चला कि बैंक ने (1) एक निगम को (i) कतिपय परियोजनाओं के लिए परिकल्पित बजटीय संसाधनों के बदले में या स्थानापन्न करने हेतु; (ii) परियोजनाओं की व्यवहार्यता और बैंक को ऋण चुकौती क्षमता संबंधी उचित जांच किए बिना ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि परियोजनाओं से राजस्व धाराएं ऋण चुकौती दायित्वों के लिए पर्याप्त थीं; और (iii) पुनर्भुगतान/ चुकौती बजटीय संसाधनों से की गई थी, मियादी ऋण स्वीकृत की (2) अंतःसमूह एक्सपोज़र सीमा के अनुपालन में विफल रहा, क्योंकि इसने अंतःसमूह एक्सपोज़र सीमा की गणना के उद्देश्य से अपनी समूह इकाई को संस्वीकृत अंतर्दिवसीय सीमा पर विचार नहीं किया। उक्त के आधार पर, बैंक को एक नोटिस जारी किया गया जिसमें उससे यह पूछा गया कि वह कारण बताए कि भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी निदेशों, जैसा कि उसमें उल्लिखित है, के अनुपालन में विफलता के लिए उस पर दंड क्यों न लगाया जाए।
नोटिस पर बैंक के उत्तर, व्यक्तिगत सुनवाई के दौरान की गई मौखिक प्रस्तुतियों पर विचार करने और इसके द्वारा की गई अतिरिक्त प्रस्तुतियों की जांच के बाद, भारतीय रिज़र्व बैंक इस निष्कर्ष पर पहुंचा है कि अननुपालन का उपरोक्त आरोप सिद्ध हुआ है और बैंक पर मौद्रिक दंड लगाया जाना आवश्यक है।
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