Unclaimed Deposits (लावारिस जमा) की वापसी के लिए RBI का '100 दिन 100 भुगतान' अभियान


भारतीय रिज़र्व बैंक ने अदावी जमाराशियों को लौटाने के लिए
'100 दिन 100 भुगतान' अभियान की शुरूआत की

बचत/ चालू खातों, जो 10 वर्षों से परिचालित नहीं है, में शेषराशियों या परिपक्वता की तारीख से 10 वर्षों तक दावा नहीं की गई सावधि जमाराशियों को "अदावी जमाराशियों" के रूप में वर्गीकृत किया गया है। इन राशियों को बैंकों द्वारा भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा अनुरक्षित "जमाकर्ता शिक्षण और जागरूकता" (डीईए) निधि में अंतरित किया जाता है। भारतीय रिज़र्व बैंक, समय-समय पर, अपनी जन जागरूकता पहलों के माध्यम से जनता को ऐसी जमाराशियों का दावा करने के लिए संबंधित बैंक की पहचान करने और उससे संपर्क करने के लिए प्रोत्साहित करता रहा है। हाल ही में, भारतीय रिज़र्व बैंक ने जनता के लिए विभिन्न बैंकों में अदावी जमाराशियों को खोजने के लिए एक केंद्रीकृत वेब पोर्टल की स्थापना की भी घोषणा की है।

भारतीय रिज़र्व बैंक ने आज बैंकों के लिए '100 दिन 100 भुगतान' अभियान की घोषणा की है ताकि 100 दिनों के भीतर देश के प्रत्येक जिले में प्रत्येक बैंक की शीर्ष 100 अदावी जमाराशियों का पता लगाया जा सके और उनका निपटान किया जा सके। यह उपाय भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा बैंकिंग प्रणाली में अदावी जमाराशियों की मात्रा को कम करने और ऐसी जमाराशियों को उनके सही मालिकों/ दावेदारों को लौटाने के लिए चल रहे प्रयासों और पहलों का पूरक होगा।

बैंक 01 जून 2023 से अभियान की शुरूआत करेंगे। माना जा रहा है कि बैंकों में करीब 35 हजार करोड़ रुपए लावारिस पड़े हुए हैं। 


(साभार- www.rbi.org.in)

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