भारतीय रिज़र्व बैंक ने दबावग्रस्त आस्तियों की रूपरेखा के प्रतिभूतिकरण (एसएसएएफ) पर
चर्चा पत्र जारी किया
30 सितंबर 2022 को जारी विकासात्मक और विनियामक नीतियों पर वक्तव्य के भाग के रूप में, भारतीय रिज़र्व बैंक ने एआरसी मार्ग के अलावा, दबावग्रस्त आस्तियों के प्रतिभूतिकरण के लिए एक रूपरेखा प्रस्तुत करने का प्रस्ताव दिया था। यह घोषणा की गई थी कि प्रस्तावित रूपरेखा की प्रासंगिक ढांचे का विवरण देने वाला एक चर्चा पत्र जल्द ही जारी किया जाएगा। तदनुसार, भारतीय रिज़र्व बैंक ने आज एसएसएएफ पर चर्चा पत्र जारी कर हितधारकों से टिप्पणियां आमंत्रित की हैं।
चर्चा पत्र में मुख्यतः रूपरेखा के नौ प्रासंगिक क्षेत्रों को शामिल किया गया है जिसमें आस्ति ब्रह्मांड, आस्ति पात्रता, न्यूनतम जोखिम प्रतिधारण, विशेष प्रयोजन इकाई और समाधान प्रबंधक के लिए नियामक रूपरेखा, समाधान प्रबंधक के लिए वित्त तक पहुंच, पूंजी उपचार, उचित तत्परता, ऋण वृद्धि और मूल्यांकन शामिल हैं। मानक आस्तियों के प्रतिभूतिकरण की रूपरेखा के साथ संरचनात्मक रूप से संरेखित रखने के प्रयास करते हुए, यह अन्य क्षेत्राधिकारों में प्रस्तुत किए गए समान रूपरेखाओं पर आधारित है।
टिप्पणियाँ 28 फरवरी 2023 तक मुख्य महाप्रबंधक, ऋण जोखिम समूह, विनियमन विभाग, केंद्रीय कार्यालय, भारतीय रिज़र्व बैंक, 12वीं मंजिल, केंद्रीय कार्यालय भवन, शहीद भगत सिंह मार्ग, फोर्ट, मुंबई – 400001 को अथवा ई-मेल द्वारा "दबावग्रस्त आस्तियों की रूपरेखा के प्रतिभूतिकरण (एसएसएएफ) पर चर्चा पत्र" की विषय पंक्ति के साथ प्रस्तुत की जा सकती हैं।
(साभार: www.rbi.org.in)
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