आईएमएफ प्रमुख ने वैश्विक अर्थव्यवस्था पर कहा, स्थिति बिगड़ने से पहले कर लें समाधान
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) की प्रमुख क्रिस्टीन लेगार्ड ने बृहस्पतिवार को दुनिया भर की अर्थव्यवस्थाओं को सख्त संदेश दिया। उन्होंने वैश्विक अर्थव्यवस्था की मौजूदा स्थिति को देखते हुये दुनिया के देशों से स्थिति बिगड़ने से पहले मुद्दों का समाधान कर लेने को कहा।
आईएमएफ द्वारा वैश्विक वृद्धि के अनुमानों को हाल में कम किये जाने पर कहा कि अभी दुनिया की दो प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं की वृद्धि दर के अनुमानों को संशोधित नहीं किया गया है।
लेगार्ड ने विश्व आर्थिक मंच (डब्ल्यूईएफ) के एक सत्र में कहा, "वैश्विक अर्थव्यवस्था की हालत अभी ज्यादा बिगड़ी नहीं है इसलिए आप लोग जो भी खामियां हैं उन्हें ठीक कर लें। वैश्विक अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर में संशोधन के बाद मामूली कमी आने पर हम यहीं संदेश आपको देना चाहते हैं।"
आईएमएफ की प्रबंध निदेशक ने कहा, "हमने अमेरिका और चीन के लिए अपने पूर्वानुमान को संशोधित नहीं किया है क्योंकि उन्होंने कुछ कदम उठाए हैं, जो उन्हें आगे बढ़ने में मदद करते रहेंगे।"
उन्होंने कहा कि यदि चीन की अर्थव्यवस्था में मामूली सुस्ती आती है तो इसमें दिक्कत की कोई बात नहीं है लेकिन यदि चीन की आर्थिक वृद्धि तेजी से गिरती है तो यह एक समस्या हो सकती है।
लेगार्ड ने कहा कि अमेरिका और चीन के बीच व्यापार मोर्चे पर चल रहा विवाद वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए सबसे बड़ा खतरा है जबकि ब्रेक्जिट को लेकर अनिश्चितता दूसरा सबसे बड़ा जोखिम है।
अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) ने 2019 के लिए वैश्विक वृद्धि अनुमानों को घटाकर 3.5 प्रतिशत और 2020 के लिए 3.6 प्रतिशत कर दिया है। आईएमएफ ने वैश्विक आर्थिक वृद्धि के तीन महीने पहले के अपने अनुमानों को क्रमश: 0.2 और 0.1 प्रतिशत कम किया है।
(सौ. पीटीआई भाषा)
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वैश्विक अर्थव्यवस्था को आज अधिक प्रभावित कर रहे हैं भारत, चीन: मर्केल
जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल ने बुधवार को कहा कि भारत और चीन जैसे देश आज विश्व अर्थव्यवस्था को अधिक प्रभावित करने लगे हैं। उन्होंने कहा कि वैश्विक व्यापार और वित्तीय प्रणाली पर नए सिरे से गौर करने से पहले इन चीजों को ध्यान में रखा जाना चाहिए।
विश्व आर्थिक मंच (डब्ल्यूईएफ) की वार्षिक बैठक को संबोधित करते हुए मर्केल ने अमेरिका जैसे देशों द्वारा अपनाई जा रही नीतियों को लेकर उनपर निशाना साधा। उन्होंने कहा, ‘‘आज दुनिया में नई सोच बनी है, जो कहती है कि क्या हमें खुद को नहीं देखना चाहिये, हमें सुनिश्चित करना चाहिये कि हमारे अपनों की देखभाल हो।’’
उन्होंने कहा, ‘‘इस रुख को लेकर मुझे काफी संदेह है। हमें हमेशा यह याद रखना होगा कि दूसरों के भी अपने हित हैं। हमें दोटूक बात करनी चाहिए।’’
उन्होंने कहा कि दुनिया में कई तरह की चुनौतियां हैं और अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) ने वैश्विक अर्थव्यवस्था की काफी निराशाजनक तस्वीर पेश की है।
मर्केल ने कहा कि आज वैश्विक वित्तीय प्रणाली काफी क्षतिग्रस्त हो चुकी है। हमें चीजों को दुरुस्त करने के लिए काफी कुछ करने की जरूरत है। उन्होंने इसके साथ ही कहा कि विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ), आईएमएफ और विश्व बैंक दुनिया को बेहतर करने के लिए काफी योगदान दे रहे हैं।
(सौ. पीटीआई भाषा)
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आने वाले कल का कोई विशेषज्ञ नहीं, सब बीते कल के बारे में जानने वाले हैं : जैक मा
चीन के प्रौद्योगिकी क्षेत्र के दिग्गज जैक मा ने बुधवार को कहा कि कोई भी विशेषज्ञ ऐसा नहीं है जो आने वाले कल के बारे में जानता हो, वे सिर्फ बीते कल के बारे में ही जानते हैं।
विश्व आर्थिक मंच (डब्ल्यूईएफ) की वार्षिक बैठक को संबोधित करते हुए अलीबाबा के कार्यकारी चेयरमैन ने उद्योग जगत के नेताओं से कहा कि उन्हें प्रतिस्पर्धा और दबाव को लेकर चिंता करने की जरूरत नहीं है।
उन्होंने कहा, ‘‘यदि आप दबाव को लेकर चिंतित होते हैं तो आप उद्यम क्षेत्र में न आएं। आज सबसे अच्छी बात यह है कि हर कोई हर चीज को लेकर चिंतित है।’’
यह पूछे जाने पर पिछले 20 साल के दौरान अलीबाबा को आगे बढ़ाते समय क्या उन्हें कभी डर लगा है या संदेह हुआ है, मा ने कहा कि आने वाले कल का विशेषज्ञ कोई नहीं होता है, सब बीते कल के विशेषज्ञ हैं।
यह पूछे जाने पर कि वह अपनी कंपनी में कैसे लोगों की नियुक्ति करते हैं, मा ने कहा, ‘‘जब किसी की नियुक्ति करता हूं तो यह देखता हूं कि वह मेरे से स्मार्ट हो। वे ऐसे लोग हों जो चार या पांच साल बाद मेरे बॉस बन सकें। मैं ऐसे लोगों को पसंद करता हूं जो सकारात्मक हों और जो कभी हार नहीं मानते हों।’’
(सौ. पीटीआई भाषा)
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मंत्रिमंडल ने केंद्रीकृत जीएसटी अपीलीय प्राधिकरण के गठन को दी मंजूरी
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को माल एवं सेवाकर (जीएसटी) के मामलों में अग्रिम निर्णयों के लिए जीएसटी अपीलीय न्यायाधिकरण के गठन को मंजूरी दे दी। यह न्यायाधिकरण जीएसटी से जुड़े विवादों के लिए दूसरी अपील दायर करने और राज्यों के स्तर पर विरोधाभासी फैसलों के संबंध में निर्णय लेने का काम करेगा।
माल एवं सेवाकर अपीलीय न्यायाधिकरण की राष्ट्रीय पीठ दिल्ली में बैठेगी।इसमें एक अध्यक्ष और केंद्र तथा राज्यों का एक-एक प्रतिनिधि होगा ।
एक आधिकारिक बयान में कहा गया है, ‘‘ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने माल एवं सेवाकर अपीलीय न्यायाधिकरण की राष्ट्रीय पीठ (जीएसटीएटी) के गठन को मंजुरी दे दी।’’
केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि जीएसटीएटी से जीएसटी कानून से जुड़े विवादों का तेजी से निपटारा करने में मदद मिलेगी।
वित्त मंत्री अरुण जेटली की अध्यक्षता वाली जीएसटी परिषद ने दिसंबर में हुई बैठक के दौरान एक केंद्रीकृत अपीलीय प्राधिकरण के गठन का निर्णय किया था। जीएसटी परिषद में सभी राज्यों के वित्त मंत्री शामिल हैं। यह जीएसटी पर निर्णय करने वाली सर्वोच्च इकाई है।
बयान के मुताबिक जीएसटीएटी के गठन पर 92.50 लाख रुपये का एकबारगी व्यय होगा। इसके बाद इस पर सालाना 6.86 करोड़ रुपये का खर्च आएगा। जीएसटीएटी, जीएसटी कानून से जुड़े मामलों में द्वितीय अपील करने का निकाय होगा। वहीं राज्यों और केंद्र के बीच विवादों का निपटान करने के लिए साझा मंच होगा।
जीएसटी कानून से जुड़े विवादों में प्राधिकारियों के फैसले के खिलाफ पहली अपील राज्यों के अपील प्राधिकरण में दायर की जाएगी।
जीएसटीएटी से समान मसलों पर अलग-अलग राज्यों के अग्रिम निर्णयों के लिए अपीलीय प्राधिकरण (एएएआर) के अलग-अलग विरोधाभासी फैसलों पर असमंजस के समाधान का काम करेगी। इसे लेकर उद्योग जगत लंबे समय से एक केंद्रीय अपीलीय प्राधिकरण के गठन की मांग कर रहा था।
(सौ. पीटीआई भाषा)
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