मंत्रिमंडल ने केंद्रीकृत जीएसटी अपीलीय प्राधिकरण के गठन को दी मंजूरी


केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को माल एवं सेवाकर (जीएसटी) के मामलों में अग्रिम निर्णयों के लिए जीएसटी अपीलीय न्यायाधिकरण के गठन को मंजूरी दे दी। यह न्यायाधिकरण जीएसटी से जुड़े विवादों के लिए दूसरी अपील दायर करने और राज्यों के स्तर पर विरोधाभासी फैसलों के संबंध में निर्णय लेने का काम करेगा।

माल एवं सेवाकर अपीलीय न्यायाधिकरण की राष्ट्रीय पीठ दिल्ली में बैठेगी।इसमें एक अध्यक्ष और केंद्र तथा राज्यों का एक-एक प्रतिनिधि होगा ।

एक आधिकारिक बयान में कहा गया है, ‘‘ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने माल एवं सेवाकर अपीलीय न्यायाधिकरण की राष्ट्रीय पीठ (जीएसटीएटी) के गठन को मंजुरी दे दी।’’ 

केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि जीएसटीएटी से जीएसटी कानून से जुड़े विवादों का तेजी से निपटारा करने में मदद मिलेगी।

वित्त मंत्री अरुण जेटली की अध्यक्षता वाली जीएसटी परिषद ने दिसंबर में हुई बैठक के दौरान एक केंद्रीकृत अपीलीय प्राधिकरण के गठन का निर्णय किया था। जीएसटी परिषद में सभी राज्यों के वित्त मंत्री शामिल हैं। यह जीएसटी पर निर्णय करने वाली सर्वोच्च इकाई है।

बयान के मुताबिक जीएसटीएटी के गठन पर 92.50 लाख रुपये का एकबारगी व्यय होगा। इसके बाद इस पर सालाना 6.86 करोड़ रुपये का खर्च आएगा। जीएसटीएटी, जीएसटी कानून से जुड़े मामलों में द्वितीय अपील करने का निकाय होगा। वहीं राज्यों और केंद्र के बीच विवादों का निपटान करने के लिए साझा मंच होगा।

जीएसटी कानून से जुड़े विवादों में प्राधिकारियों के फैसले के खिलाफ पहली अपील राज्यों के अपील प्राधिकरण में दायर की जाएगी।

जीएसटीएटी से समान मसलों पर अलग-अलग राज्यों के अग्रिम निर्णयों के लिए अपीलीय प्राधिकरण (एएएआर) के अलग-अलग विरोधाभासी फैसलों पर असमंजस के समाधान का काम करेगी। इसे लेकर उद्योग जगत लंबे समय से एक केंद्रीय अपीलीय प्राधिकरण के गठन की मांग कर रहा था।


(सौ. पीटीआई भाषा)
(('बिना प्रोफेशनल ट्रेनिंग के शेयर बाजार जरूर जुआ है'
बचत, निवेश संबंधी beyourmoneymanager के लेख


Plz Follow Me on: 

कोई टिप्पणी नहीं