HDFC बैंक में अब FD करने पर ज्यादा तेजी से बढ़ेंगे पैसे

HDFC बैंक में अब FD करने पर ज्यादा तेजी से बढ़ेंगे पैसे

Rajanish Kant बुधवार, 7 नवंबर 2018
Dhanteras पर इस बार खास सोना खरीदें, प्रति ग्राम ₹50 की छूट भी पाएं

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Rajanish Kant शनिवार, 3 नवंबर 2018
अटल पेंशन योजना के तहत सदस्‍य संख्‍या ने 1.24 करोड़ का आंकड़ा पार किया
अटल पेंशन योजना के तहत सदस्‍य संख्‍या ने 1.24 करोड़ का आंकड़ा पार किया 

चालू वित्‍त वर्ष 2018-19 के दौरान 27 लाख से भी अधिक नये सदस्‍य इस योजना से जुड़ गए हैं भारत सरकार से गारंटी प्राप्‍त अटल पेंशन योजना (एपीवाई) के लाभों को समझना अत्‍यंत आसान, इससे बढ़ रहा है लोगों का जुड़ाव 

    अटल पेंशन योजना के तहत सदस्‍य संख्‍या ने अब 1.24 करोड़ का आंकड़ा पार कर लिया है। चालू वित्‍त वर्ष अर्थात 2018-19 के दौरान 27 लाख से भी अधिक नये सदस्‍य इस योजना से जुड़ गए हैं। अटल पेंशन योजना के तहत नामांकन में विभिन्‍न राज्‍य जैसे उत्‍तर प्रदेश, बिहार, आंध्र प्रदेश, महाराष्‍ट्र और कर्नाटक सर्वाधिक योगदान दे रहे हैं।
अटल पेंशन योजना (एपीवाई) भारत सरकार से गारंटी प्राप्‍त पेंशन योजना है, जो पीएफआरडीए द्वारा संचालित की जा रही है। भारत सरकार इसके तहत मिलने वाले पेंशन से जुड़े लाभों की गारंटी देती है। इस योजना को काफी आसानी से समझा जा सकता है और यह अत्‍यंत पारदर्शी है।
18 से 40 वर्ष के आयु समूह वाला कोई भी भारतीय नागरिक उन बैंकों अथवा डाक घरों की शाखाओं के जरिए इस योजना से जुड़ सकता है, जिसमें उसका बचत बैंक खाता है। निम्‍नलिखित तालिका में राज्‍यवार नामांकन और महिला-पुरुष वार वितरण एवं कवरेज के साथ-साथ इन राज्‍यों की अद्यतन आबादी को भी दर्शाया गया है।    
     राज्‍य वार संभावनाओं अर्थात अटल पेंशन योजना के दायरे में आ सकने वाले पात्र लोगों के साथ-साथ आबादी के अंतर्गत महिला-पुरुष वार वितरण का उल्‍लेख निम्‍नलिखित तालिका में किया गया है (27 अक्‍टूबर, 2018 तक की स्थिति) :  
क्र.सं.
राज्‍य
18 से 40 वर्ष के आयु समूह के अंतर्गत आने वाली आबादी
27.10.2016 को एपीवाई सदस्‍यों की संख्‍या
एपीवाई के तहत कवर होने वाली आबादी का प्रतिशत
कुल महिला सदस्‍य
महिला सदस्‍यों का प्रतिशत
कुल पुरुष सदस्‍य
पुरुष सदस्‍यों का प्रतिशत
कुल  अन्‍य (थर्ड जेंडर)   सदस्‍य
अन्‍य (थर्ड जेंडर)    सदस्‍यों का प्रतिशत
कुल
1
अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह 
168,753
1,856
1
715
39
1,141
61
0
0
1,856
2
आंध्र प्रदेश एवं तेलंगाना
34,832,527
1,128,032
3
565,804
50
561,843
50
385
0
1,128,032
3
अरुणाचल प्रदेश
542,212
4,507
1
1,936
43
2,571
57
0
0
4,507
4
असम
12,291,862
250,783
2
109,481
44
141,259
56
43
0
250,783
5
बिहार
35,484,731
1,116,119
3
559,297
50
556,707
50
115
0
1,116,119
6
चंडीगढ़
473,489
19,408
4
6,383
33
13,023
67
2
0
19,408
7
छत्‍तीसगढ़
9,675,449
194,442
2
77,620
40
116,810
60
12
0
194,442
8
दादर और नगर हवेली I
161,941
6,689
4
1,350
20
5,337
80
2
0
6,689
9
दमन और दीव
134,502
4,697
3
735
16
3,962
84
0
0
4,697
10
दिल्‍ली
7,266,256
205,759
3
67,330
33
138,376
67
53
0
205,759
11
गोवा
595,087
28,951
5
10,480
36
18,468
64
3
0
28,951
12
गुजरात
23,827,045
591,045
2
179,603
30
411,318
70
124
0
591,045
13
हरियाणा
10,104,539
278,199
3
75,688
27
202,460
73
51
0
278,199
14
हिमालच प्रदेश
2,685,526
79,964
3
27,241
34
52,711
66
12
0
79,964
15
जम्‍मू – कश्‍मीर
4,775,045
47,614
1
12,025
25
35,551
75
38
0
47,614
16
झारखंड
11,967,910
258,688
2
128,426
50
130,239
50
23
0
258,688
17
कर्नाटक
25,359,036
915,260
4
389,509
43
525,564
57
187
0
915,260
18
केरल
11,943,218
276,115
2
151,103
55
124,961
45
51
0
276,115
19
लक्षद्वीप
25,877
295
1
80
27
215
73
0
0
295
20
मध्‍य प्रदेश
27,234,721
662,515
2
226,775
34
435,630
66
110
0
662,515
21
महाराष्‍ट्र
45,274,703
1,000,604
2
354,301
35
646,088
65
215
0
1,000,604
22
मणिपुर
1,140,447
8,031
1
3,833
48
4,198
52
0
0
8,031
23
मेघालय
1,068,987
9,049
1
3,705
41
5,344
59
0
0
9,049
24
मिजोरम
432,946
5,798
1
3,089
53
2,709
47
0
0
5,798
25
नगालैंड
783,664
7,214
1
2,986
41
4,228
59
0
0
7,214
26
ओडिशा
16,118,865
398,416
2
161,799
41
236,501
59
116
0
398,416
27
पुडुचेरी
512,040
23,991
5
12,601
53
11,381
47
9
0
23,991
28
पंजाब
11,134,889
381,405
3
120,374
32
261,003
68
28
0
381,405
29
राजस्‍थान
25,277,598
569,052
2
173,965
31
394,957
69
130
0
569,052
30
सिक्किम
264,461
6,828
3
2,606
38
4,221
62
1
0
6,828
31
तमिलनाडु
29,069,600
968,372
3
529,395
55
438,679
45
298
0
968,372
32
त्रिपुरा
1,503,503
28,786
2
12,544
44
16,240
56
2
0
28,786
33
उत्‍तर प्रदेश
71,289,176
1,790,481
3
594,235
33
1,195,808
67
438
0
1,790,481
34
उत्‍तराखंड
3,810,712
122,871
3
40,855
33
81,997
67
19
0
122,871
35
पश्चिम बंगाल
36,688,732
709,869
2
324,163
46
385,522
54
184
0
709,869
कुल
463,920,049
12,101,705
3
4,932,032
41
7,167,022
59
2,651
0
12,101,705



(स्रोत-पीआईबी)

Rajanish Kant शुक्रवार, 2 नवंबर 2018
MSME को आसानी से ऋण उपलब्‍ध कराने के लिए 59 मिनट का लोन पोर्टल
  • प्रधानमंत्री ने 12 महत्‍वपूर्ण घोषणाएं कीं
  • एमएसएमई को आसानी से ऋण उपलब्‍ध कराने के लिए 59 मिनट का लोन पोर्टल
  • सीपीएसई को एमएसएमई से 25 प्रतिशत की खरीदारी करना अनिवार्य होगा
  • कंपनी अधिनियम के तहत छोटे आर्थिक अपराधों से जुड़ी प्रक्रियाओं के सरलीकरण के लिए अध्‍यादेश

   प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी ने आज सूक्ष्‍म, लघु एवं मझोले उद्यम (एमएसएमई) सेक्‍टर के लिए एक ऐतिहासिक सहयोग एवं संपर्क कार्यक्रम का शुभारंभ किया। इस कार्यक्रम के तहत प्रधानमंत्री ने 12 महत्‍वपूर्ण घोषणाएं की हैं, जिनसे देश भर में एमएसएमई के विकास और विस्‍तार के साथ-साथ उन्‍हें सहूलियतें देने में मदद मिलेगी।
    प्रधानमंत्री ने कहा कि आज वह जिन 12 निर्णयों की घोषणा कर रहे हैं, वे एमएसएमई क्षेत्र के लिए एक नया अध्‍याय साबित होंगे। प्रधानमंत्री ने यह बात रेखांकित की कि एमएसएमई भारत के प्रमुख रोजगार दाताओं में से एक हैं। प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर लुधियाना की होजरी और वाराणसी की साड़ियों सहित लघु उद्योगों की गौरवशाली भारतीय परम्‍पराओं का स्‍मरण किया।
    प्रधानमंत्री ने कहा कि केन्‍द्र सरकार द्वारा लागू किए गए आर्थिक सुधारों की सफलता को ‘कारोबार में सुगमता’ सूचकांक में भारत द्वारा लगाई गई ऊंची छलांग में देखा जा सकता है। उन्‍होंने कहा कि इस सूचकांक में भारत चार वर्षों में 142वें पायदान से ऊपर चढ़कर 77वें पायदान पर पहुंच गया है।
   प्रधानमंत्री ने कहा कि एमएसएमई क्षेत्र की सहूलियत से जुड़े पांच महत्‍वपूर्ण पहलू हैं। इनमें ऋणों तक पहुंच, बाजार तक पहुंच, तकनीकी उन्‍नयन, कारोबार में सुगमता और कर्मचारियों के लिए सुरक्षा की भावना शामिल हैं। उन्‍होंने कहा कि इस सेक्‍टर को दीपावली के उपहार के रूप में वह 12 घोषणाएं कर रहे हैं, जिनसे इन पांचों पहलुओं में से प्रत्‍येक का निदान निकल आएगा।

ऋणों तक पहुंच
    प्रथम घोषणा के रूप में प्रधानमंत्री ने एमएसएमई को आसानी से ऋण उपलब्‍ध कराने के लिए 59 मिनट के लोन पोर्टल का शुभारंभ करने का ऐलान किया। उन्‍होंने कहा कि इस पोर्टल के जरिए सिर्फ 59 मिनट में एक करोड़ रुपये तक के ऋणों को सैद्धांतिक मंजूरी दी जा सकती है। उन्‍होंने कहा कि जीएसटी पोर्टल के जरिए इस पोर्टल का एक लिंक उपलब्‍ध कराया जाएगा। प्रधानमंत्री ने विशेष जोर देते हुए कहा कि ‘नये भारत’ में किसी को भी बार-बार बैंक के चक्‍कर नहीं काटने पड़ेंगे।   
     
     प्रधानमंत्री ने दूसरी घोषणा के रूप में सभी जीएसटी पंजीकृत सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) के लिए दो प्रतिशत ब्याज सब्सिडी देने का उल्लेख किया। शिपमेंट से पूर्व और शिपमेंट के बाद की अवधि में ऋण लेने वाले निर्यातकों के लिए प्रधानमंत्री ने ब्याज की छूट तीन प्रतिशत से बढ़ाकर पांच प्रतिशत करने की घोषणा की।
    प्रधानमंत्री की तीसरी घोषणा यह थी कि पांच सौ करोड़ रुपये से अधिक टर्नओवर वाली सभी कंपनियों को अब आवश्यक रूप से व्यापार प्राप्तियां ई-डिस्काउंटिंग प्रणाली (टीआरईडीएस) पोर्टल में शामिल किया जाए। उन्होंने कहा कि इस घोषणा में शामिल होने से उद्यमी अपनी आगामी प्राप्तियों के आधार पर बैंकों से ऋण ले सकेंगे। इससे उनके नकदी चक्र की समस्याएं हल हो जाएंगी।
बाजारों तक पहुंच
   प्रधानमंत्री ने कहा कि उद्यमियों की बाजार तक पहुंच के लिए केंद्र सरकार ने पहले ही अनेक कदम उठाए हैं। इस संदर्भ में उन्होंने चौथी घोषणा यह की कि सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियां को अब 20 प्रतिशत की बजाय अपनी कुल खरीदारी की 25 प्रतिशत खरीदारी एमएसएमई से करने के लिए कहा गया है।
   प्रधानमंत्री की पांचवी घोषणा महिला उद्यमियों से संबंधित हैं। उन्होंने कहा कि एमएसएमई से की गई आवश्यक 25 प्रतिशत खरीदारी में से 3 प्रतिशत खरीदारी अब महिला उद्यमियों के लिए आरक्षित की गई हैं।
   प्रधानमंत्री ने कहा कि डेढ़ लाख से अधिक आपूर्तिकर्ता अब जीईएम के साथ पंजीकृत हैं इनमें से 40 हजार एमएसएमई हैं। उन्होंने कहा जीईएम के माध्यम से अभी तक 14,000 करोड़ से भी अधिक मूल्य का लेनदेन हुआ है। उन्होंने छठी घोषणा यह की है कि केंद्र सरकार के सभी सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रमों को अब आवश्यक रूप से जीईएम का हिस्सा होना चाहिए। उन्होंने कहा कि उन्हें अपने सभी विक्रेताओं को जीईएम से पंजीकृत कराना चाहिए।
प्रौद्योगिकी उन्नयन
   प्रौद्योगिकी उन्नयन के बारे में प्रधानमंत्री ने कहा कि पूरे देश में स्थित टूल रूम्स अब उत्पाद डिजाइन के महत्वपूर्ण हिस्से हैं। उनकी सातवीं घोषणा यह थी कि पूरे देश में 22 केंद्र बनाए जाएंगे और टूल रूम के रूप में 100 स्पोक्स स्थापित किए जाएंगे।   
कारोबार में सुगमता
   कारोबार की सुगमता के बारे में प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी 8वीं घोषणा फार्मा कंपनियों के बारे में है। उन्‍होंने कहा कि फार्मा क्षेत्र के सूक्ष्‍मलघु एवं मध्‍यम उद्योगों (एमएसएमई) के लिए क्‍लस्‍टर बनाये जायेंगे। उन्‍होंने कहा कि इन क्‍लस्‍टर के निर्माण की लागत का 70 प्रतिशत केन्‍द्र सरकार वहन करेगी।
   प्रधानमंत्री ने कहा कि 9वीं घोषणा सरकारी प्रक्रियाओं के सरलीकरण के बारे में है। उन्‍होंने कहा कि 9वीं घोषणा यह है कि आठ श्रम कानूनों और 10 केन्‍द्रीय नियमों के तहत रिटर्न अब साल में एक ही बार फाइल किये जायेंगे।
    प्रधानमंत्री ने कहा कि 10वीं घोषणा यह है कि अब प्रतिष्‍ठानों का निरीक्षक द्वारा किये जाने वाला दौरा कंप्‍यूटर आधारित औचक आवंटन के जरिये तय किया जायेगा।
   प्रधानमंत्री ने कहा कि इकाई स्‍थापित करने के संबंध में उद्यमियों को दो क्‍लीयरेंस की जरूरत होती है- पर्यावरण क्‍लीयरेंस और इकाई स्‍थापित करने की रजामंदी। उन्‍होंने कहा कि 11वीं घोषणा यह है कि वायु प्रदूषण और जल प्रदूषण नियमों के तहत इन दोनों क्‍लीयरेंस को एकल अनुमति में समाविष्‍ट कर दिया गया है। उन्‍होंने कहा कि रिटर्न, स्‍व–प्रमाणीकरण के जरिये स्‍वीकार किया जायेगा।
  12वीं घोषणा के रूप में प्रधानमंत्री ने उल्‍लेख किया कि एक अध्‍यादेश लाया गया है, जिसके तहत कंपनी अधिनियम के संबंध में मामूली उल्‍लंघनों के लिए उद्यमी को अदालतों के चक्‍कर नहीं लगाने होंगे। उन्‍हें आसान प्रक्रियाओं के तहत दुरुस्‍त कर लिया जायेगा।
एमएसएमई सेक्‍टर के कर्मचारियों के लिए सामाजिक सुरक्षा
   प्रधानमंत्री ने एमएसएमई के सेक्‍टर के कर्मचारियों के लिए सामाजिक सुरक्षा का भी उल्‍लेख किया है। उन्‍होंने कहा कि यह सुनिश्चित करने के लिए एक मिशन शुरू किया जायेगा कि उन्‍हें जन-धन खाता, भविष्‍य निधि और बीमा उपलब्‍ध हो।
   प्रधानमंत्री ने कहा कि इन फैसलों से भारत में एमएसएमई सेक्‍टर को मजबूत बनाने में सहायता होगी। उन्‍होंने कहा कि अगले 100 दिनों के दौरान इस आउटरीच कार्यक्रम के कार्यान्‍वयन की गहन निगरानी की जायेगी।      
(Source: pib.nic.in)

Rajanish Kant
सॉवरेन गोल्ड बांड की अगली सीरीज 5 नवंबर को खुलेगी, प्रति ग्राम कीमत इतनी होगी


सॉवरेन गोल्ड बांड सीरीज III के लिए आवेदन 5-9 नवंबर,  2018 तक कर सकते हैं। इसका मूल्य अभिदान की अवधि के पहले के सप्ताह के पिछले तीन कारोबारी दिवसों अर्थात 31 अक्टूबर से 2 नवंबर 2018 के लिए [इंडियन बुलियन एंड ज्वैलर्स एसोसिएशन लिमिटेड (आईबीजेडए) द्वारा प्रकाशित] 999 शुद्धता वाले सोने के लिए बंद भाव की साधारण औसत के आधार पर तय किया गया है, जो  3183/- (तीन हजार एक सौ तेरासी रुपये मात्र) प्रति ग्राम है।

भारत सरकार ने भारतीय रिजर्व बैंक के परामर्श से, उन निवेशकों के लिए सॉवरेन स्वर्ण बॉन्ड के सांकेतिक मूल्य पर प्रति ग्राम  50 की छूट देने का फैसला किया है जो इसका आवेदन ऑनलाइन तथा इसका भुगतान डिजिटल मोड द्वारा करेगें। ऐसे निवेशकों के लिए, स्वर्ण के प्रति ग्राम का निर्गम मूल्य  3133 (तीन हजार तैंतीस रुपये मात्र) होगा।

सॉवरेन गोल्‍ड बांड योजना 2018-19
इससे पहले भारत सरकार ने भारतीय रिजर्व बैंक के परामर्श से सॉवरेन गोल्‍ड बांड 2018-19 जारी करने का निर्णय लिया है। अक्‍टूबर 2018 से लेकर फरवरी 2019 तक हर महीने सॉवरेन गोल्‍ड बांड जारी किए जाएंगे। ये बांड निम्‍नलिखित कैलेंडर के अनुसार जारी किए जाएंगे :

क्रसं.
सीरीजखरीदने के लिए आवेदन की अवधिबांड जारी करने की तिथि
1
2018-19 सीरीज II
15-19 अक्‍टूबर,  201823 अक्‍टूबर, 2018
22018-19 सीरीज III05-09 नवम्‍बर, 201813 नवम्‍बर, 2018
32018-19 सीरीज IV24-28 दिसंबर, 201801 जनवरी, 2019
42018-19 सीरीज V14–18 जनवरी, 201922 जनवरी, 2019
52018-19 सीरीज VI04-08 फरवरी, 201912 फरवरी, 2019

बांडों की बिक्री बैंकों, स्‍टॉक होल्डिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (एसएचसीआईएल), नामित डाकघरों और मान्‍यता प्राप्‍त स्‍टॉक एक्‍सचेंजों जैसे कि नेशनल स्‍टॉक एक्‍सचेंज ऑफ इंडिया लिमिटेड और बॉम्‍बे स्‍टॉक एक्‍सचेंज लिमिटेड के जरिए की जाएगी। बांड की खूबियों का उल्‍लेख नीचे किया गया है:
क्र.सं.
मद
विवरण
1उत्‍पाद का नाम
सॉवरेन गोल्‍ड बांड 2018-19
2जारी करना
भारत सरकार की ओर से भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा जारी किए जाएंगे।
3पात्रता
बांडों की बिक्री विभिन्‍न व्‍यक्तियोंहिंदू अविभाजित परिवार (एचयूएफ), ट्रस्‍ट, विश्‍वविद्यालयों और धर्मार्थ संस्‍थानों जैसे निवासी निकायों तक ही सीमित रहेगी।
4मूल्‍य वर्ग
बांडों को 1 ग्राम की बुनियादी इकाई के साथ सोने के ग्राम संबंधी गुणक में अंकित किया जाएगा।
5अवधि
बांड की अवधि 8 साल होगी और पांचवें, छठे एवं सातवें साल में इससे बाहर निकलने का विकल्‍प रहेगा, जिसका इस्‍तेमाल ब्‍याज भुगतान की तिथियों पर किया जा सकता है।
6न्‍यूनतम आकार
न्‍यूनतम स्‍वीकार्य सीमा 1 ग्राम सोना है।
7अधिकतम सीमा
खरीदने की अधिकतम सीमा व्‍यक्तियों के लिए 4 किलोग्राम, एचयूएफ के लिए भी 4 किलोग्राम और ट्रस्‍ट एवं इसी तरह के निकायों के लिए 20 किलोग्राम प्रति वित्त वर्ष (अप्रैल-मार्च) होगी, जिसके बारे में सरकार द्वारा समय-समय पर अधिसूचित किया जाता है। इस आशय की एक स्‍व-घोषणा पत्र प्राप्‍त करना होगा। वार्षिक सीमा में सरकार द्वारा आरंभिक निर्गमन के दौरान विभिन्‍न सीरीज के तहत खरीदे गए बांड और द्वितीयक बाजार से खरीदे गए बांड भी शामिल होंगे।
8संयुक्‍त धारक
संयुक्‍त रूप से धारण किए जाने की स्थिति में 4 किलोग्राम की निवेश सीमा केवल प्रथम आवेदक पर लागू होगी।  
9निर्गम मूल्‍य या इश्‍यू प्राइस
बांड का मूल्‍य भारतीय रुपये में तय किया जाएगा जो अभिदान अवधि से ठीक पिछले सप्‍ताह के अंतिम 3 कार्य दिवसों पर 999 शुद्धता वाले सोने के बंद मूल्‍य के सामान्‍य औसत पर आधारित होगा। इसका प्रकाशन इंडिया बुलियन एंड ज्‍वेलर्स एसोसिएशन लिमिटेड द्वारा किया जाएगा। स्‍वर्ण बांड का निर्गम मूल्‍य उन लोगों के लिए प्रति ग्राम 50 रुपये कम होगा जो इसकी खरीदारी ऑनलाइन करेंगे और इसका भुगतान डिजिटल मोड के जरिए करेंगे।
10भुगतान का विकल्‍प
बांड का भुगतान या तो नकद अदायगी (अधिकतम 20,000 रुपये तक) अथवा डिमांड ड्राफ्ट या चेक अथवा इलेक्‍ट्रॉनिक बैंकिंग के जरिए की जा सकेगी।
11निर्गमन फॉर्म
स्‍वर्ण बांडों को जीएस अधिनियम, 2006 के तहत भारत सरकार के स्‍टॉक के रूप में जारी किया जाएगा। निवेशकों को इसके लिए एक धारण (होल्डिंग) प्रमाण-पत्र जारी किया जाएगा। बांडों को डिमैट स्‍वरूप में बदला जा सकेगा।
12विमोचन मूल्‍य
विमोचन मूल्‍य भारतीय रुपये में होगा जो 999 शुद्धता वाले सोने के बंद मूल्‍य के पिछले 3 कार्य दिवसों के सामान्‍य औसत पर आधारित होगा। इसका प्रकाशन इंडिया बुलियन एंड ज्‍वेलर्स एसोसिएशन (आईबीजेए) द्वारा किया जाएगा।
13बिक्री का माध्यम
बांडों की बिक्री बैंकोंस्टॉक होल्डिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (एसएचसीआईएल)नामित डाकघरों (जिन्‍हें अधिसूचित किया जा सकता है) और मान्यता प्राप्त स्टॉक एक्सचेंजों जैसे कि नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ऑफ इंडिया लिमिटेड और बॉम्बे स्टॉ‍क एक्सचेंज लिमिटेड के जरिए या तो सीधे अथवा एजेंटों के जरिए की जाएगी।
14ब्‍याज दर
निवेशकों को प्रति वर्ष 2.50 प्रतिशत की निश्चित दर से मुआवजा दिया जाएगाजो अंकित मूल्‍य पर हर छह महीने में देय होगा।
15जमानत या गारंटी के रूप में 
बांडों का उपयोग ऋणों के लिए जमानत या गारंटी के रूप में किया जा सकता है। ऋण-मूल्‍य (एलटीवी) अनुपात को साधारण स्‍वर्ण ऋण के बराबर तय किया जाएगा जिसके बारे में रिजर्व बैंक द्वारा समय-समय पर अधिदेश जारी किया जाएगा। बांडों पर स्‍वत्व अथवा वैध अधिकार को डिपोजिटरी अथवा अधिकृत बैंकों द्वारा चिन्हित किया जाएगा। सॉवरेन गोल्‍ड बांड (एसजीबी) पर ऋण देने का निर्णय कर्जदाता बैंक/संस्‍थान द्वारा लिया जाएगा और इसे एसजीबी धारक का अधिकार नहीं माना जा सकता है।
16केवाईसी दस्‍तावेज
अपने ग्राहक को जानो (केवाईसी)’ से जुड़े मानक वही होंगे जो भौतिक या ठोस रूप में सोने की खरीदारी के लिए तय किए गए हैं। केवाईसी दस्‍तावेज जैसे कि वोटर आईडी, आधार कार्ड/पैन अथवा टैन/ पासपोर्ट की आवश्‍यकता होगी। प्रत्‍येक आवेदन के साथ आयकर विभाग द्वारा निवेशकों को जारी स्‍थायी खाता संख्‍या (पैन) की प्रति भी अवश्‍य संलग्‍न की जानी चाहिए।
17टैक्‍स देनदारी
आयकर अधिनियम, 1961 (43, 1961) के प्रावधान के अनुसार, स्‍वर्ण बांड पर प्राप्‍त होने वाले ब्‍याज पर टैक्‍स अदा करना होगा। किसी भी व्‍यक्ति को एसजीबी के विमोचन पर होने वाले पूंजीगत लाभ को कर मुक्‍त कर दिया गया है। बांड के हस्‍तांतरण पर किसी भी व्‍यक्ति को प्राप्‍त होने वाले दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ पर इंडेक्सेशन या मूल्‍य सूचकांक से जोड़ने के कारण टैक्‍स भार कम करने संबंधी फायदे भी मिलेंगे।
18ट्रेडिंग पात्रता
किसी भी निर्धारित तिथि पर बांड जारी होने के एक पखवाड़े के भीतर बांडों की ट्रेडिंग स्‍टॉक एक्‍सचेंजो पर हो सकेगी, जैसा कि आरबीआई द्वारा अधिसूचित किया जाएगा। 
19 एसएलआर संबंधी पात्रता
स्‍वत्व अथवा वैध अधिकार/ बंधक/गिरवी का उपयोग करने की प्रक्रिया के जरिए बैंकों द्वारा हासिल किए गए बांडों की गिनती वैधानिक तरलता अनुपात (एसएलआर) के संदर्भ में की जाएगी। 
20कमीशन
बांडों के वितरण पर कमीशन प्राप्‍तकर्ता कार्यालयों को हासिल होने वाले प्रति 100 रुपये के अभिदान पर 1 रुपये की दर से दिया जाएगा और प्राप्‍तकर्ता कार्यालय इस तरह से हासिल होने वाले प्रति 100 रुपये के कमीशन पर कम से कम 50 पैसे को उन एजेंटों अथवा उप-एजेंटों के साथ साझा करेंगे जिनके जरिए संबंधित बिजनेस या कारोबार हासिल किया गया है।  


Rajanish Kant