करदाताओं को जुर्माने के साथ पैन और आधार को जोड़ने की आखिरी तारीख 31 मार्च 2023 थी, जिसे 30 जून, 2023 तक बढ़ा दिया गया है। इससे पैन को आधार से जोड़ने के लिए और समय मिल गया है। इनकम टैक्स विभाग ने ट्वीट के जरिये इसकी जानकारी दी।
अगर 30 जून तक पैन को आधार से लिंक नहीं कराया गया, तो 1 जुलाई, 2023 से पैन कार्ड निष्क्रिय हो जाएगा यानी पैन रहते हुए भी आप उसका इस्तेमाल नहीं कर पाएंगे। अगर आप इसस स्थिति में पैन का इस्तेमाल करते हैं तो आप पर जुर्माना लगेगा और बार बार इस्तेमाल करने पर पकड़े जाते हैं तो आपको जेल भी हो सकती है।
इनकम टैक्स ने कहा है कि निष्क्रिय पैन को 30 दिनों में फिर से ऑपरेटिव बनाया जा सकता है। हालांकि, यह भी तब जब आप 1000 रुपये के शुल्क के भुगतान के बाद आधार से लिंक करवाते हैं तब।
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Pan Aadhaar Linking: पैन से आधार को जोड़ने के लिए और समय मिला
भारतीय रिज़र्व बैंक ने व्यापारी सहकारी बैंक मर्यादित, सोलापुर (महाराष्ट्र) पर मौद्रिक दंड लगाया
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 24 मार्च 2023 के आदेश द्वारा, व्यापारी सहकारी बैंक मर्यादित, सोलापुर (महाराष्ट्र) (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा शहरी सहकारी बैंकों को जारी एक्सपोजर मानदंड एवं सांविधिक/ अन्य प्रतिबंध - शहरी सहकारी बैंक और निदेशक मंडल - शहरी सहकारी बैंक संबंधी निदेशों के उल्लंघन/ अननुपालन के लिए ₹2.00 लाख (दो लाख रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी उपर्युक्त निदेशों के अनुपालन में बैंक के विफलता को ध्यान में रखते हुए, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 46 (4) (i) और धारा 56 के साथ पठित धारा 47 ए (1) (सी) के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
यह कार्रवाई विनियामक अनुपालन में कमियों पर आधारित है और इसका उद्देश्य उक्त बैंक द्वारा अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या करार की वैधता पर सवाल करना नहीं है।
पृष्ठभूमि
31 मार्च 2021 तक की बैंक की वित्तीय स्थिति के आधार पर इसके निरीक्षण रिपोर्ट से, अन्य बातों के साथ-साथ, यह भी पता चला कि बैंक ने भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी उपर्युक्त निदेशों का उल्लंघन/ अननुपालन करते हुए (i) अनुमत सीमा से अधिक दान दिया है (ii) निदेशकों से संबंधित ऋणों को मंजूरी दी है। उक्त के आधार पर, बैंक को एक नोटिस जारी किया गया जिसमें उससे यह पूछा गया कि वह कारण बताएं कि निदेशों का अननुपालन करने के लिए उस पर दंड क्यों न लगाया जाए।
बैंक के उत्तर और व्यक्तिगत सुनवाई के दौरान की गई मौखिक प्रस्तुतियों पर विचार करने के बाद, भारतीय रिज़र्व बैंक इस निष्कर्ष पर पहुंचा है कि भारतीय रिज़र्व बैंक के निदेशों के अननुपालन का उपर्युक्त आरोप सिद्ध हुआ है और मौद्रिक दंड लगाया जाना आवश्यक है।
(साभार- www.rbi.org.in)
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RBI ने सोलापुर के व्यापारी सहकारी बैंक पर जुर्माना लगाया, जानें क्यों और कितना
भारतीय रिज़र्व बैंक ने मेहसाणा डिस्ट्रिक्ट सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, मेहसाणा (गुजरात)
पर मौद्रिक दंड लगाया
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 24 मार्च 2023 के आदेश द्वारा, मेहसाणा डिस्ट्रिक्ट सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, मेहसाणा (गुजरात) (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक - (अपने ग्राहक को जानिए (केवाईसी)) निदेश, 2016 में निहित भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी निदेशों के कतिपय प्रावधानों और 'सहकारी बैंकों द्वारा साख सूचना कंपनियों (सीआईसी) की सदस्यता' संबंधी भारतीय रिज़र्व बैंक के निदेशों के उल्लंघन/ अननुपालन के लिए ₹2.10 लाख (दो लाख दस हजार रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 46 (4) (i) और धारा 56 के साथ पठित धारा 47 ए (1) (सी) तथा प्रत्यय विषयक जानकारी कंपनी (विनियमन) अधिनियम, 2005 की धारा 23 (4) के साथ पठित धारा 25 (1) (iii) के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
यह कार्रवाई विनियामक अनुपालन में कमियों पर आधारित है और इसका उद्देश्य उक्त बैंक द्वारा अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या करार की वैधता पर सवाल करना नहीं है।
पृष्ठभूमि
31 मार्च 2022 तक की बैंक की वित्तीय स्थिति के संदर्भ में राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) द्वारा बैंक का सांविधिक निरीक्षण किया गया, तथा उससे संबंधित निरीक्षण रिपोर्ट और संबंधित सभी पत्राचार की जांच से, अन्य बातों के साथ-साथ, पता चला कि (i) बैंक के पास मौजूदा ग्राहकों के जोखिम वर्गीकरण और केवाईसी दस्तावेजों के आवधिक अद्यतन की समीक्षा करने की प्रणाली नहीं थी; (ii) बैंक ने 31 मार्च 2022 तक तीन सीआईसी को डेटा (ऐतिहासिक डेटा सहित) प्रस्तुत नहीं किया, जिसके परिणामस्वरूप भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी उपरोक्त निदेशों का उल्लंघन हुआ। उक्त के आधार पर, बैंक को एक नोटिस जारी किया गया जिसमें उससे यह पूछा गया कि वह कारण बताएं कि भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी उपरोक्त निदेशों के उल्लंघन के लिए उस पर दंड क्यों न लगाया जाए।
नोटिस पर बैंक के उत्तर और व्यक्तिगत सुनवाई के दौरान की गई मौखित प्रस्तुतियों पर विचार करने के बाद, भारतीय रिज़र्व बैंक इस निष्कर्ष पर पहुंचा है कि भारतीय रिज़र्व बैंक के निदेशों के अननुपालन का उपरोक्त आरोप सिद्ध हुआ है और मौद्रिक दंड लगाया जाना आवश्यक है।
(साभार- www.rbi.org.in)
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भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिल्ली नागरिक सहकारी बैंक लिमिटेड, नई दिल्ली
पर मौद्रिक दंड लगाया
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 16 मार्च 2023 के आदेश द्वारा, दिल्ली नागरिक सहकारी बैंक लिमिटेड, नई दिल्ली (बैंक) पर बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 35ए और धारा 36(1)(ए) के उल्लंघन के लिए ₹3.00 लाख (तीन लाख रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी विशिष्ट निदेशों के अनुपालन में बैंक की विफलता को ध्यान में रखते हुए, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 46 (4) (i) और धारा 56 के साथ पठित धारा 47ए (1) (सी) के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
यह कार्रवाई विनियामक अनुपालन में कमियों पर आधारित है और इसका उद्देश्य उक्त बैंक द्वारा अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या करार की वैधता पर सवाल करना नहीं है।
पृष्ठभूमि
31 मार्च 2021 तक की बैंक की वित्तीय स्थिति के आधार पर इसके निरीक्षण रिपोर्ट से, अन्य बातों के साथ-साथ, पर्यवेक्षी कार्रवाई ढांचे (एसएएफ़) के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी जमाराशियों पर ब्याज दरों से संबंधित विशिष्ट निदेशों के अननुपालन का पता चला। उक्त के आधार पर, बैंक को एक नोटिस जारी किया गया जिसमें उससे यह पूछा गया कि वह कारण बताएं कि उक्त निदेशों के अननुपालन के लिए उस पर दंड क्यों न लगाया जाए।
नोटिस पर बैंक के उत्तर और व्यक्तिगत सुनवाई के दौरान की गई प्रस्तुतियों पर विचार करने के बाद, भारतीय रिज़र्व बैंक इस निष्कर्ष पर पहुंचा है कि भारतीय रिज़र्व बैंक के निदेशों के अननुपालन का उपरोक्त आरोप सिद्ध हुआ है और मौद्रिक दंड लगाया जाना आवश्यक है।
(साभार- www.rbi.org.in)
('बिना प्रोफेशनल ट्रेनिंग के शेयर बाजार जरूर जुआ है'
((शेयर बाजार: जब तक सीखेंगे नहीं, तबतक पैसे बनेंगे नहीं!
RBI ने नई दिल्ली के दिल्ली नागरिक सहकारी बैंक पर जुर्माना लगाया, जानें क्यों और कितना
भारतीय रिज़र्व बैंक ने अलीगढ़ ज़िला सहकारी बैंक लिमिटेड, अलीगढ़, उत्तर प्रदेश
पर मौद्रिक दंड लगाया
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 22 मार्च 2023 के आदेश द्वारा, अलीगढ़ ज़िला सहकारी बैंक लिमिटेड, अलीगढ़, उत्तर प्रदेश (बैंक) पर बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (अधिनियम) की धारा 56 के साथ पठित धारा 20 के प्रावधानों के उल्लंघन के लिए ₹2.00 लाख (दो लाख रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 46 (4) (i) और धारा 56 के साथ पठित धारा 47 ए (1) (सी) के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
यह कार्रवाई विनियामक अनुपालन में कमियों पर आधारित है और इसका उद्देश्य उक्त बैंक द्वारा अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या करार की वैधता पर सवाल करना नहीं है।
पृष्ठभूमि
31 मार्च 2021 तक की बैंक की वित्तीय स्थिति के आधार पर नाबार्ड द्वारा किए गए बैंक के निरीक्षण रिपोर्ट से, अन्य बातों के साथ-साथ, यह भी पता चला कि बैंक ने बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 20 का उल्लंघन करते हुए, अपने निदेशकों को अरक्षित ऋण/ अग्रिम की मंजूरी दी है। उक्त के आधार पर, बैंक को एक नोटिस जारी किया गया जिसमें उससे यह पूछा गया कि वह कारण बताएं कि निदेशों का अननुपालन करने के लिए उस पर दंड क्यों न लगाया जाए।
बैंक के उत्तर पर विचार करने के बाद, भारतीय रिज़र्व बैंक इस निष्कर्ष पर पहुंचा है कि बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 के प्रावधानों के अननुपालन का उपर्युक्त आरोप सिद्ध हुआ है और मौद्रिक दंड लगाया जाना आवश्यक है।
(साभार- www.rbi.org.in)
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((शेयर बाजार: जब तक सीखेंगे नहीं, तबतक पैसे बनेंगे नहीं!