मंत्रिमंडल ने राष्‍ट्रीय डिजिटल संचार नीति-2018 को मंजूरी दी
नीति का उद्देश्‍य भारत को जोड़ना, आगे बढ़ाना तथा सुरक्षित रखना प्रत्‍येक नागरिक को 50 एमबीपीएस गति की सर्वव्‍यापी ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी मिलेगी सभी ग्राम पंचायतों को 1जीबीपीएस गति की कनेक्टिविटी उपलब्‍ध होगी कवर नहीं किए गए क्षेत्रों की कनेक्टिविटी सुनिश्चित होगी डिजिटल संचार क्षेत्र में 100 बिलियन डॉलर का निवेश आएगा

प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी की अध्‍यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने राष्‍ट्रीय डिजिटल संचार नीति – 2018 (एनडीसीपी-2018) तथा दूरसंचार आयोग को नया नाम ‘डिजिटल संचार आयोग’ देने की स्‍वीकृति दे दी है।
प्रभाव:
एनडीसीपी-2018 का उद्देश्‍य भारत को डिजिटल रूप से सशक्‍त अर्थव्‍यवस्‍था और समाज बनाना है। यह कार्य सर्वव्‍यापी, लचीला और किफायती डिजिटल संचार अवसंरचना तथा सेवाओं की स्‍थापना से नागरिकों तथा उद्यमों की सूचना और संचार आवश्‍यकताओं को पूरा करके किया जाएगा।
उपभोक्‍ता केंद्रित और एप्‍ली‍केशन प्रेरित एनडीसीपी-2018 हमें 5जी, आईओटी, एम2एम जैसी अग्रणी टेक्‍नॉलोजी लांच होने के बाद नए विचारों और नवाचार की ओर ले जाएगी।
उद्देश्य:
  I.     सभी के लिए ब्रॉडबैंड
  II.     डिजिटल संचार क्षेत्र में चार मिलियन अतिरिक्‍त रोजगार सृजन
  III.     भारत के जीडीपी में डिजिटल संचार क्षेत्र के योगदान को 2017 के 6 प्रतिशत से बढ़ाकर 8 प्रतिशत करना।
  IV.     आईटीयू के आईसीटी विकास सूचकांक में भारत को आगे बढ़ाकर 2017 के 134वें स्‍थान से शीर्ष 50 देशों में पहुंचाना।
  V.     वैश्विक मूल्‍य श्रृंखला में भारत का योगदान बढ़ाना तथा
  VI.     डिजिटल संप्रभुता सुनिश्चित करना।
यह उद्देश्‍य 2022 तक हासिल किए जाएंगे।
विशेषताएं:
नीति का उद्देश्‍य
·         प्रत्‍येक नागरिक को 50एमबीपीएस की गति से सार्वभौमिक ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी प्रदान करना।
·         सभी ग्राम पंचायतों को 2020 तक 1जीबीपीएस की कनेक्टिविटी प्रदान करना और 2022 तक 10जीबीपीएस की कनेक्टिविटी देना।
·         कवर नहीं किए गए सभी क्षेत्रों की कनेक्टिविटी सुनिश्चित करना।
·         डिजिटल संचार क्षेत्र में 100 बिलियन डॉलर का निवेश आकर्षित करना।
·         नए युग के कौशल निर्माण के लिए एक मिलियन मानव शक्ति को प्रशिक्षित करना।
·         आईओटी प्रणाली का विस्‍तार 5 बिलियन आपस में जुड़े उपकरणों तक करना।
·         व्‍यक्ति की निजता, स्‍वायत्‍तता तथा पसंद को सुरखित रखने वाले डिजिटल संचार के लिए व्‍यापक डाटा संरक्षण व्‍यवस्‍था बनाना।
·         वैश्विक डिजिटल अर्थव्‍यवस्‍था में भारत की सक्रिय भागीदारी में सहायता देना।
·         नागरिकों को सुरक्षा आश्‍वासन देने के लिए उचित संस्‍थागत व्‍यवस्‍था के माध्‍यम से दायित्‍व लागू करना तथा
·         डिजिटल संचार अवसंरचना तथा सेवाओं को सुरक्षित रखना।
रणनीति:
   i.     राष्‍ट्रीय फाइबर प्राधिकरण बनाकर राष्‍ट्रीय डिजिटल ग्रिड की स्‍थापना
  ii.     सभी नए शहर तथा राजमार्ग सड़क परियोजनाओं में समान सेवा मार्ग और उपयोगिता गलियारा स्‍थापित करना।
  iii.     मार्ग के समान अधिकार, लागत मानक और समयसीमा के लिए केंद्र, राज्‍य तथा स्‍थानीय निकायों के बीच सहयोगी संस्‍थागत व्‍यवस्‍था बनाना।
  iv.     स्‍वीकृतियों में बाधाओं को दूर करना।
  v.     ओपन एक्‍सेस नेक्‍स्‍ट जनरेशन नेटवर्कों के विकास में सहायता देना।
पृष्‍ठभूमि:
विश्‍व के 5जी, आईओटी, एम2एम जैसी अग्रणी टेक्‍नॉलोजी के दौर में पहुंचने के कारण भारतीय दूरसंचार क्षेत्र के लिए ऐसे उपभोक्‍ता केंद्रित तथा एप्‍लीकेशन प्रेरित नीति लागू करने की आवश्‍यकता महसूस की गई जो डिजिटल भारत
का प्रमुख स्‍तंभ बन सके और दूरसंचार सेवाओं तथा दूरसंचार आधारित सेवाओं के विस्‍तार के लिए उभरते  अवसरों का लाभ उठा सके।
      इसी के अनुसार राष्‍ट्रीय दूरसंचार नीति 2018 तैयार की गई है। ताकि भारत के डिजिटल दूरसंचार क्षेत्र की आवश्‍यकताएं पूरी की जा सकें।
(Source: pib.nic.in)

Rajanish Kant बुधवार, 26 सितंबर 2018
जेट ईंधन, एसी, 17 अन्य उत्पादों का आयात महंगा , कुछ पर शुल्क दो गुना हुआ
साभार- पीटीआई-भाषा


सरकार ने बुधवार को जेट ईंधन, एयर कंडीशनर और रेफ्रिजरेटर सहित कुल 19 वस्तुओं पर सीमा शुल्क बढ़ा दिया हैं। यह वृद्धि मध्यरात्रि से प्रभावी होगी। गैर आवश्यक वस्तुओं का निर्यात घटाने के लिए सरकार ने यह कदम उठाया है।

वित्त मंत्रालय ने बयान में कहा कि बीते वित्त वर्ष में इन उत्पादों का कुल आयात बिल 86,000 करोड़ रुपये रहा था।

जिन अन्य वस्तुओं पर आयात शुल्क बढ़ाया गया हैं उनमें वॉशिंग मशीन, स्पीकर, रेडियल कार टायर, आभूषण उत्पाद, किचन और टेबलवेयर, कुछ प्लास्टिक का सामान तथा सूटकेस शामिल हैं।

मंत्रालय ने कहा, ‘‘केंद्र सरकार ने मूल सीमा शुल्क बढ़ाकर शुल्क उपाय किए हैं। इसके पीछे उद्देश्य कुछ आयातित वस्तुओं का आयात घटाना है। इन बदलावों से चालू खाते के घाटे (कैड) को सीमित रखने में मदद मिलेगी। कुल मिलाकर 19 वस्तुओं पर आयात शुल्क घटाया गया है।’’

एसी, रेफ्रिजरेटर और वॉशिंग मशीन (10 किलो से कम) पर आयात शुल्क दोगुना कर 20 प्रतिशत कर दिया गया है।

आयात शुल्क में ये बदलाव 26-27 सितंबर की मध्यरात्रि से लागू होंगे।

चालू खाते के घाटे पर अंकुश तथा पूंजी के बाह्य प्रवाह को रोकने के लिए ये उपाय किए गए हैं।

विदेशी मुद्रा के अंत: प्रवाह और बाह्य प्रवाह का अंतर कैड कहलाता है। चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-जून तिमाही में कैड बढ़कर सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के 2.4 प्रतिशत पर पहुंच गया है। 

Rajanish Kant
बैंक ऋण 13.46% बढ़ा; जमा राशि में 8.58% का इजाफा
साभार-  पीटीआई-भाषा 

मुंबई, 26 सितंबर (भाषा) आरबीआई के हालिया आंकड़ों के मुताबिक 14 सितंबर को समाप्त पखवाड़े में बैंकों की ओर से दिया गया रिण ऋण 13.46 की वृद्धि के साथ 87,98,812 करोड़ रुपये पर पहुंच गया।

पिछले साल इसी पखवाड़े में बैंकों का कर्ज 77,54,406 करोड़ रुपये रहा था। वहीं 31 अगस्त, 2018 को समाप्त हुए पखवाड़े में बैंकों का ऋण 13.49 फीसदी बढ़कर 87,89,259 करोड़ रुपये था।

केंद्रीय बैंक के आंकड़ों के मुताबिक आलोच्य पखवाड़े में उनके पास जमा राशि में 8.58 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गयी और वह 115,70,748 करोड़ रुपये पर पहुंच गयी । 31 अगस्त, 2018 को समाप्त हुए पखवाड़े में जमा राशि 8.88 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 116,45,870 करोड़ रुपये थी।

Rajanish Kant
न्यायालय ने आधार योजना को संवैधानिक रूप से वैध करार दिया
साभार-  पीटीआई-भाषा


उच्चतम न्यायालय ने बुधवार को अपने फैसले में केन्द्र की महत्वाकांक्षी योजना आधार को संवैधानिक रूप से वैध करार दिया।

प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने अपने फैसले में कहा कि आधार का लक्ष्य कल्याणकारी योजनाओं को समाज के वंचित तबके तक पहुंचाना है और वह ना सिर्फ व्यक्तिगत बल्कि समुदाय के दृष्टिकोण से भी लोगों के सम्मान का ख्याल रखती है।

शीर्ष अदालत ने कहा कि आधार जनहित में बड़ा काम कर रहा है और आधार का मतलब है अनोखा और सर्वश्रेष्ठ होने के मुकाबले अनोखा होना बेहतर है।

संविधान पीठ ने आधार योजना संबंधी कानून और इसे वित्त विधेयक के रूप में पारित कराने को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई की थी। इस मामले में तीन अलग अलग फैसले सुनाये गये।

पहला निर्णय संविधान पीठ के सदस्य न्यायमूर्ति ए के सीकरी ने न्यायमूर्ति सीकरी ने प्रधान न्यायाधीश, न्यायमूर्ति ए. एम. खानविलकर और अपनी ओर से फैसला पढ़ा।

न्यायमूर्ति सीकरी ने कहा कि जितनी जल्दी संभव हो आंकड़ों/सूचनाओं की सुरक्षा के लिए मजबूत रक्षा प्रणाली विकसित की जाए।

उन्होंने कहा कि आधार के खिलाफ याचिकाकर्ताओं के आरोप संवैधानिक अधिकारों के उल्लंघन पर आधारित हैं, जिनके कारण राष्ट्र शासकीय निगरानी वाले राज्य में बदल जायेगा।

न्यायालय ने कहा कि आधार के लिए यूआईडीएआई ने न्यूनतम जनांकीकीय और बायोमिट्रिक आंकड़े एकत्र किये हैं। साथ ही आधार योजना के सत्यापन के लिए पर्याप्त रक्षा प्रणाली है।

पीठ ने कहा कि आधार समाज के वंचित तबके को सशक्त बनाता है और उन्हें पहचान देता है।

पीठ ने निजी कंपनियों को आधार के आंकड़े एकत्र करने की अनुमति देने वाले आधार कानून के प्रावधान 57 को रद्द कर दिया है।

न्यायालय ने कहा कि सीबीएसई, नीट, यूजीसी आधार को अनिवार्य नहीं कर सकते हैं और स्कूलों में दाखिले के लिए भी यह अनिवार्य नहीं है।

पीठ ने सरकार को निर्देश दिया कि वह अवैध आव्रजकों को आधार नंबर नहीं दे।

न्यायमूर्ति सीकरी ने कहा, किसी भी बच्चे को आधार नंबर नहीं होने के कारण लाभ/सुविधाओं से वंचित नहीं किया जा सकता है।

न्यायालय ने लोकसभा में आधार विधेयक को धन वियेयक के रूप में पारित करने को बरकरार रखा और कहा कि आधार कानून में ऐसा कुछ भी नहीं है जो किसी व्यक्ति की निजता का उल्लंघन करता हो।

इस निर्णय के अनुसार आधार कार्ड/नंबर को बैंक खाते से लिंक/जोड़ना अनिवार्य नहीं है। इसी तरह टेलीकॉम सेवा प्रदाता उपभोक्ताओं को अपने फोन से आधार नंबर को लिंक कराने के लिये नहीं कह सकते।

पीठ ने कहा कि आयकर रिटर्न भरने और पैन कार्ड बनवाने के लिए आधार अनिवार्य है।

संविधान पीठ के सदस्य न्यायमूर्ति धनन्जय चन्द्रचूड़ और न्यायमूर्ति अशोक भूषण भी शामिल थे और इस दोनों न्यायाधीशों ने अपने फैसले अलग-अलग लिखे हैं।

Rajanish Kant
आधार फैसला: अलग अलग लोगों पर अलग अलग असर
 साभार-  पीटीआई-भाषा 

 कार्यकर्ताओं तथा अन्य लोगों का मानना है कि आधार पर उच्चतम न्यायालय का बुधवार का फैसला अलग अलग लोगों पर अलग अलग प्रकार से असर डालेगा। यह फैसला उन लोगों के लिए राहत भरा है जिन्हें अब बैंक अकाउंट और मोबाइल को आधार से जोड़ना नहीं पड़ेगा वहीं सरकारी योजनाओं में छूट पाने वालों के लिए आधार हर हाल में जरूरी हो गया है।

बिपाशा मुखर्जी (21) ऐसी ही एक उपभोक्ता हैं जिनका सिम और आधार जुड़ा नहीं होने से पिछले महीने मोबाइल ने 72घंटे के लिए काम करना बंद कर दिया था। उन्होंने इस फैसले का स्वागत किया है।

वहीं एक अन्य महिला गौरी देवी घरेलू कामगार हैं और उन्हें कल्याणकारी योजनाओं और सरकारी छूट का लाभ पाने के लिए आधार की जरूरत हैं।

उन्होंने पीटीआई भाषा से बताया कि उन्होंने और उनके दो बेटों ने आधार के लिए आवेदन दिया था लेकिन केवल उनके छोटे बेटे को आधार मिला।

गौरी कहती हैं, ‘‘ आधार के बिना कुछ नहीं होता। भोजन से ले कर स्वास्थ्य सुविधाए,सभी में छूट के लिए आधार चाहिए।’’ 

वहीं मानवाधिकार संगठन एमनेस्टी इंडिया ने कहा, ‘‘जरूरी सेवाएं और लाभ पाने के लिए आधार होने की पूर्व शर्त अनेक संवैधानिक अधिकार जैसे कि भोजन का अधिकार, स्वास्थ्य सेवाएं, शिक्षा का अधिकार और सामजिक सुरक्षा का अधिकार पाने की राह में बाधा है।’’ 

वहीं ‘भोजन का अधिकार’ कार्यकर्ता दीपा सिन्हा ने कहा कि उन्हें उम्मीद थी कि कल्याणकारी योजनाओं को आधार से जोड़ने के नियम को हटाया जाएगा।’’ 

उन्होंने कहा, ‘‘ तो एक प्रकार से यह निराश करने वाला फैसला है।’’ 

इसके अलावा बड़ी संख्या में लोगों ने ट्विटर पर अपने अपने विचार व्यक्त किए। 

वहीं दिव्यांग अधिकार संगठनों ने इस फैसले पर निराशा जताई है। उनका दावा है कि हजारों की संख्या में दिव्यांग पेंशन तथा अन्य सामाजिक सुरक्षा योजनाओं से वंचित हो जाएंगे। 

‘नेशनल प्लेटफॉर्म फॉर द राइट्स ऑफ द डिसएबिल्ड’(एनपीआरडी) ने कहा कि यह फैसला दिव्यांग लोगों को प्रभावित करेगा। 

Rajanish Kant
नजदीकी बैंक, डाकघर, सीएससी का पता बताने वाला मोबाइल एप 'जन धन दर्शक’ लॉन्च
वित्त मंत्रालय ने वित्तीय समावेशन के तहत मोबाइल एप ‘जन धन दर्शक’ लांच किया  

मोबाइल एप देश में किसी निर्धारित स्थान पर किसी ‘वित्तीय सेवा टच प्वाइंट’ का पता लगाने में आम लोगों का मार्गदर्शन करेगा 

वित्त मंत्रालय के वित्तीय सेवा विभाग (डीएफएस) और राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (एनआईसी) ने वित्तीय समावेशन (एफआई) पहल के तहत संयुक्त रूप से ‘जन धन दर्शक’ नामक एक मोबाइल एप विकसित किया है। जैसा कि इसके नाम से ही साफ जाहिर है, यह मोबाइल एप देश में किसी भी निर्धारित स्थान पर किसी ‘वित्तीय सेवा टच प्‍वाइंट’ का पता लगाने में आम जनता का मार्गदर्शन करेगा।

वैसे तो ‘लोकेटर एप’ कई अलग-अलग बैंकों और वित्तीय सेवा प्रदाताओं द्वारा दी जाने वाली एक आम सुविधा है, लेकिन अंतर-संचालन योग्‍य बैंकिंग सेवाओं के इस युग में ‘जन धन दर्शक’ एप इस लिहाज से अनूठा होगा कि वह बैंकों, डाकघरों, सीएससी जैसे समस्‍त वित्‍तीय सेवा प्रदाताओं के वित्तीय सेवा टच प्‍वाइंट्स का पता लगाने के लिए एक जन केंद्रित प्‍लेटफॉर्म सुलभ कराएगा। आम जनता की आवश्‍यकताओं और सुविधा के अनुसार इन सेवाओं का लाभ आसानी से उठाया जा सकता है।

इस एप पर 5 लाख से भी अधिक वित्तीय सेवा टच प्‍वाइंट्स (बैंक शाखाएं, एटीएम, डाकघर) की मैपिंग की गई है। इसके साथ ही लगभग 1.35 लाख बैंक मित्रों को 01 दिसंबर 2018 तक इनसे जोड़ दिया जाएगा। इस एप्लिकेशन या एप की मुख्य विशेषताओं में से कुछ इस प्रकार हैं:
  • वर्तमान स्थान (शाखाएं/एटीएम/डाकघर) को ध्‍यान में रखते हुए निकटवर्ती वित्तीय सेवा टच प्‍वाइंट्स का पता लगा सकते हैं।
  • जगह के नाम से खोज सकते हैं।
  • वॉयस इंटरफेस के जरिए भी जगह के नाम से खोजने की सुविधा है
  • एकीकृत डायलिंग के लिए कॉल बटन की सुविधा के साथ एप में बैंक शाखाओं के फोन नंबर भी उपलब्ध हैं
  • वित्तीय सेवा टच प्‍वाइंट्स से जुड़े डेटा को अनिवार्य रूप से अपडेट करने के लिए उपयोगकर्ताओं (यूजर्स) से मिली जानकारियां सीधे संबंधित बैंक को भेजी जाएंगी। 
  • (Source: pib.nic.in) 
  • अब भारत का कोई हिस्सा बैंकिंग सेवाओं से अछूता नहीं रहेगा | 5 km परिधि में बैंकिंग टच पॉइंट्स उपलब्ध करने के लिए LWE affected इलाकों में 72 ब्रांच, 124 फिक्स्ड पॉइंट्स; 8808 गांव में BC के द्वारा बैंकिंग सेवा, 5798 निष्क्रिय बैंकिंग समन्वयकों का सक्रियण

Rajanish Kant
Pension स्कीम 'जीवन शांति' जीवन भर हर महीने ₹9 हजार पेंशन देगी, जानें खा...

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Rajanish Kant
बैंकों को अर्थव्‍यवस्‍था की जीवन रेखा के रूप में अपनी शक्ति बनानी होगी: अरुण जेटली
वित्‍त मंत्री श्री अरुण जेटली ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की वार्षिक समीक्षा बैठक में मुख्‍य कार्यकारी अधिकारियों को संबोधित किया 

केंद्रीय वित्‍त और कारपोरेट मामलों के मंत्री श्री अरुण जेटली ने कहा है कि दिवाला और दिवालियापन संहिता (आईबीसी), जीएसटी, विमुद्रीकरण और डिजिटल भुगतानों के माध्‍यम से भारतीय अर्थव्‍यवस्‍था के औपचारिकरण ने वित्‍तीय क्षमता तथा जोखिम के मूल्‍यांकन में मदद दी है। इससे बड़े पैमाने पर वित्‍तीय समावेशन हुआ है और लोगों की खरीददारी शक्ति  बढ़ी है। इससे भारत का तेज विकास होगा। वित्‍त मंत्री ने कहा कि अर्थव्‍यवस्‍था के औपचारिक रूप लेने से भारत को लगभग 8 प्रतिशत की विकास दर बनाए रखने में मदद मिलेगी। उन्‍होंने कहा कि अर्थव्‍यवस्‍था में वृद्धि से बैंकों की शक्ति बढ़ाने में भी मदद मिलेगी। इसके विपरीत बैंकों को अर्थव्‍यवस्‍था की जीवन रेखा के रूप में अपनी शक्ति बनानी होगी ताकि बैंक बढ़ती अर्थव्‍यवस्‍था की ऋण आवश्‍यकताओं को पूरा कर सकें।
वित्‍त मंत्री श्री जेटली आज नई दिल्‍ली में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की वार्षिक समीक्षा बैठक में मुख्‍य कार्यकारी अधिकारियों तथा सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के पूर्णकालिक निदेशकों को संबोधित कर रहे थे। वित्‍त मंत्री ने अगले दशक तक भारत की वृद्धि दर बनाए रखने के उपायों का उल्‍लेख किया।
वित्‍त मंत्री श्री जेटली ने कहा कि आईबीसी व्‍यवस्‍था से मिलने वाले सार्थक परिणामों के बावजूद ऋण वसूली अधिकरण (डीआरटी) व्‍यवस्‍था के मूल्‍यांकन और समीक्षा की आवश्‍यकता है, विशेषकर मामलों के निपटान में लगने वाले लम्‍बे समय को लेकर। उन्‍होंने डीआरटी व्‍यवस्‍था के माध्‍यम से ऋण वसूली में तेजी लाने की आवश्‍यता पर बल दिया ताकि शीघ्र वसूली कार्यवाहियों का मूल लक्ष्‍य हासिल किया जा सके।
वित्‍त मंत्री ने कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की सेहत के बारे में सार्थक धारणा बनी है क्‍योंकि बैंकों ने समाधान, वसूली, प्रावधान तथा ऋण विकास के मामले में सार्थक परिणाम प्रस्‍तुत किए हैं। वित्‍त मंत्री ने कहा कि जानबूझ कर ऋण भुगतान में चूक करने वालों को रोकने के लिए आईबीसी में संशोधन का परिणाम यह हुआ है कि देनदारी में जानबूझ कर चूक करने वाले अब भुगतान करने के लिए आगे आ रहे हैं।
वित्‍त मंत्री ने कहा कि विकास तथा वित्‍तीय समावेशन के समर्थन में बैंकों के योगदान को देखते हुए सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक की प्रासंगिता जारी है। इस संबंध में उन्‍होंने कहा कि दूसरे देनदारों से गैर-खुदरा बैंकिंग के लिए समर्थन अभी भी अपर्याप्‍त है।
वित्‍त मंत्री श्री जेटली ने कहा कि अर्थव्‍यवस्‍था की आवश्‍यकताओं को पूरी करने में बैंकिंग प्रणाली में विश्‍वास जरूरी है। उन्‍होंने कहा कि भ्रष्‍टाचार निवारण अधिनियम में संशोधन के बाद बैंकरों के मन में अर्थव्‍यवस्‍था, राष्‍ट्र और बैंकों के हित में निवेश समर्थन को लेकर किसी तरह की आशंका की आवश्‍यकता नहीं रह गई है।
उन्‍होंने कहा कि बैंक स्‍वच्‍छ तरीके से ऋण प्रदान करें और जालसाजी तथा ऋण देनदारी में चूक करने के मामलों में कारगर कार्रवाई सुनिश्चित करें ताकि बैंकों में फिर से व्‍यक्‍त किए गए विश्‍वास को औचित्‍यपूर्ण कहा जा सके। 

Rajanish Kant मंगलवार, 25 सितंबर 2018
IT रिटर्न फाइल करने वालों के लिए जरूरी खबर
इनकम टैक्‍स रिटर्न तथा ऑडिट रिपोर्ट दाखिल करने की तिथि 30 सितम्‍बर, 2018 से बढ़ाकर 15 अक्‍टूबर, 2018 की गई ...

केन्‍द्रीय प्रत्‍यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने कर निर्धारण वर्ष 2018-19 के लिए कुछ निश्चित श्रेणी के करदाताओं के मामले में इनकम टैक्‍स रिटर्न तथा ऑडिट रिपोर्ट दाखिल करने की अंतिम तिथि 30 सितम्‍बर, 2018 से बढ़ाकर 15 अक्‍टूबर, 2018 कर दी है। लेकिन रिटर्न प्रस्‍तुत करने में चूक करने वालों के लिए ब्‍याज से संबंधित आयकर अधिनियम, 1961 के अनुच्‍छेद 234ए(स्‍पष्‍टीकरण-1) के लिए तिथि नहीं बढ़ाई जाएगी और करदाता को अधिनियम के अनुच्‍छेद 234ए के प्रावधानों के अनुसार ब्‍याज का भुगतान करना होगा।

(स्रोत-पीआईबी)

Rajanish Kant सोमवार, 24 सितंबर 2018
प्रधानमंत्री ने रांची में प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (पीएमजेएवाई) की शुरूआत की
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 23 सितबंर 2018 को रांची, झारखंड में स्वास्थ्य बीमा योजना-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना- की शुरूआत की।
प्रधानमंत्री ने पीएमजेएवाई को एक विशाल सार्वजनिक सभा में शुभारंभ करने के लिए मंच पर पहुंचने से पहले इस योजना पर एक प्रदर्शनी का दौरा भी किया।


इसी कार्यक्रम मेंप्रधानमंत्री ने चाईबासा और कोडरमा में मेडिकल कॉलेजों की आधारशिला की पट्टिका का अनावरण भी किया। उन्होंने 10 स्वास्थ्य और कल्याण केंद्रों का भी उद्घाटन किया।
इस अवसर पर बोलते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि इस योजना की शुरूआत गरीबों में गरीबऔर समाज के वंचित वर्गों को बेहतर स्वास्थ्य सेवा और उपचार प्रदान करने के उद्देश्य से किया गया है। 

उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत प्रति वर्ष प्रत्येक परिवार को 5 लाख रुपये के स्वास्थ्य बीमा की कल्पना की गई हैइससे 50 करोड़ से अधिक लोगों को फायदा होगाऔर यह दुनिया की सबसे बड़ी स्वास्थ्य बीमा योजना है। उन्होंने कहा कि इस योजना के लाभार्थियों की संख्या यूरोपीय संघ की आबादी के बराबर हैया अमेरिकाकनाडा और मेक्सिको की संयुक्त जनसंख्या के करीब है।
उन्होंने कहा कि आयुष्मान भारत के पहले हिस्से - स्वास्थ्य और कल्याण केंद्र-की शुरूआत बाबा साहेब अम्बेडकर की जयंती पर किया गया थाऔर दूसरा भाग - स्वास्थ्य बीमा योजना-दीन दयाल उपाध्याय की जयंती से दो दिन पहले शुरू किया गया था।

पीएमजेएवाई की व्यापकता के बारे में विस्तार से बताते हुए,प्रधानमंत्री ने कहा कि इसमें कैंसर और हृदय रोग जैसी गंभीर बीमारियों सहित 1300 बीमारियां शामिल होंगी। उन्होंने कहा कि निजी अस्पताल भी इस योजना का हिस्सा होंगे।
प्रधानमंत्री ने कहा कि 5 लाख की राशि में सभी जांचदवाअस्पताल में भर्ती के खर्च आदि भी शामिल होंगे। उन्होंने कहा कि इसके तहत यह पूर्व बीमारियों भी आएंगी। उन्होंने कहा कि लोग 14555 डायल करके या सेवा केंद्र के माध्यम से इस योजना के बारे में अधिक जान सकते हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि उन राज्यों के लिए जो पीएमजेएवाई का हिस्सा हैंलोग इन राज्यों में से किसी भी राज्य में जा रहे हैंतो भी इस योजना का लाभ प्राप्त कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि देश भर में 13,000 से ज्यादा अस्पताल इस योजना में शामिल किए गए हैं।
प्रधानमंत्री ने आज उद्घाटन किए गए 10 स्वास्थ्य और कल्याण केंद्रों के बारे में भी बात की। उन्होंने कहा कि देश भर में ऐसे केंद्रों की संख्या 2300 तक पहुंच गई है। उन्होंने कहा कि उनका लक्ष्य आने वाले चार वर्षों के अंदर भारत में 1.5 लाख ऐसे केंद्र खोलना है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार देश में स्वास्थ्य क्षेत्र में सुधार के लिए समग्र दृष्टिकोण के साथ काम कर रही है। उन्होंने कहा कि उनका ध्यान "वहनीय हेल्थकेयर" और "निवारक हेल्थकेयर" दोनों पर क्रेन्द्रित है।
प्रधानमंत्री ने विश्वास व्यक्त किया कि पीएमजेएवाई से जुड़े सभी लोगों के प्रयासों और डॉक्टरोंनर्सोंस्वास्थ्य प्रदाताओंआशाएएनएम आदि के समर्पण के माध्यम सेयह योजना सफल होगी।
(Source: pib.nic.in)

Rajanish Kant